देवरिया। जनपद के सुरौली थाना क्षेत्र और रुद्रपुर तहसील से दो गंभीर और चिंताजनक मामले सामने आए हैं, जिनसे ग्रामीणों में रोष और असुरक्षा का माहौल व्याप्त है। एक तरफ खेत में काम कर रहे किसान पर दबंगों ने हमला कर दिया, वहीं दूसरी ओर समाधान दिवस में पहुंचे वृद्ध दंपति ने अपनी जमीन पर अवैध कब्जे और जान से मारने की धमकियों का आरोप लगाया।
पहला मामला: गेहूं बो रहे किसान पर दबंगों का हमला, जान से मारने की धमकी
सुरौली थाना क्षेत्र के तिवई गांव निवासी श्याम जी पुत्र रामचन्द्र साहनी 21 नवंबर 2025 को अपने खेत में गेहूं की बोवाई कर रहे थे। इसी दौरान गांव के ही विकास और बिहारी साहनी ने उन्हें काम करने से रोक दिया। किसान के विरोध करने पर आरोपियों ने गाली-गलौज करते हुए लाठी-डंडों से उन पर बेरहमी से हमला कर दिया।
हमले में श्याम जी की दोनों बाहों पर गंभीर चोटें आई हैं। उनका कहना है कि आसपास के आठ किसानों ने पहले ही बोवाई कर ली थी, लेकिन निशाना सिर्फ उन्हें बनाया गया।
पीड़ित ने बताया कि मारपीट के बाद आरोपियों ने जान से मारने की धमकी भी दी, जिससे उनका परिवार दहशत में है।
उन्होंने सुरौली थाने में लिखित शिकायत देकर आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई और परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
दूसरा मामला: समाधान दिवस में गूंजा जमीन विवाद—वृद्ध दंपति बोला, “कमजोर हैं, दबंग घर तोड़ने पर आमादा”
रुद्रपुर तहसील के सम्पूर्ण समाधान दिवस में ग्राम बङ्गपुर निवासी भूलन पुल मिठाई उर्फ मिकई लाल ने अधिकारियों के सामने एक गंभीर शिकायत रखी।
पीड़ित बुजुर्ग ने बताया—
वे 20 वर्षों से खसरा संख्या 358/0829 वाली भूमि पर रह रहे हैं।
विवाद से बचने के लिए उन्होंने अपनी 2 फुट जमीन छोड़कर बाउंड्रीवाल बनाई थी।
इसके बावजूद खजांची, लालू, सहदेव, बिहारी पुल समेत कुछ लोग बाउंड्रीवाल तोड़कर अंदर रास्ता निकालने की कोशिश कर रहे हैं।
वृद्ध दंपति ने कहा कि विरोध करने पर उन्हें गालियां दी जाती हैं और जान से मारने की धमकियां भी मिलती हैं। बुजुर्ग होने के कारण वे प्रतिरोध नहीं कर पा रहे हैं।
अधिकारियों ने राजस्व अभिलेखों की जांच कराने और मौके पर सत्यापन कर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है, लेकिन पीड़ित परिवार निरंतर भय में जी रहा है।
कार्यवाही न होने का आरोप—मंटू साहनी का बयान
मीडिया से बात करते हुए मंटू साहनी ने बताया—
पीड़ितों ने कई बार थाने में लिखित आवेदन दिया, लेकिन अब तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं हुई।
जब उन्होंने डायल 112 पर कॉल करने की कोशिश की तो उन्हें कॉल करने से रोक दिया गया।
पीड़ित बुलंन साहनी, जिनकी उम्र 62 वर्ष है, ने कहा कि वे न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं।
उन्होंने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की गुहार लगाई है, ताकि उन्हें उनकी जमीन वापस दिलाई जा सके।
मंटू साहनी ने आरोप लगाया कि यदि भविष्य में उनके परिवार के साथ कोई अनहोनी होती है, तो इसके लिए विकास, करण, मन्नू, लालू और लाल के लड़के जिम्मेदार होंगे।
ग्रामीणों की मांग
दोनों पीड़ित परिवारों ने प्रशासन से मांग की है—
दबंगों पर कड़ी कार्रवाई की जाए
पीड़ितों को सुरक्षा उपलब्ध कराई जाए
राजस्व व पुलिस विभाग तुरंत स्थिति की जांच कर निष्पक्ष कार्रवाई करे
ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय पर कार्रवाई नहीं हुई तो गांव में तनाव और बढ़ सकता है।
