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अमृतसर के सफाईकर्मी दंपत्ति की नौकरी संकट में, बेटी बोली— “मम्मी-पापा अनपढ़ थे… उनकी मजबूरी का फायदा उठाया गया”

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14 साल की निष्ठा… और सिस्टम की नाइंसाफी!

अमृतसर | संवाददाता
अमृतसर के एक्टानगर, धापई इलाके का एक मेहनतकश परिवार पिछले 14 साल से शहर की सड़कों को साफ रखता आ रहा है। तड़के 4 बजे ड्यूटी पर जाने वाले इस दंपत्ति ने बरसों तक बिना छुट्टी, बिना हंगामा किए अपना काम निभाया। लेकिन अब—इन्हीं की नौकरी पर संकट मंडरा रहा है।
परिवार का आरोप है कि विभाग (सेंटर/सेंट्री) ने उनके अनपढ़ होने का फायदा उठाकर कागजात में ऐसी गड़बड़ियां कीं, जिनके कारण उन्हें बार-बार परेशान किया जा रहा है और नौकरी भी खतरे में पड़ गई।

“हम आज भी ड्यूटी कर रहे हैं… फिर भी सुनवाई नहीं”

पीड़ित परिवार की बेटी का कहना है कि उसके माता-पिता आज भी सफाई की ड्यूटी कर रहे हैं, लेकिन विभाग न कोई जवाब दे रहा है, न जांच कर रहा है।
वह कहती है—
“मेरे मम्मी-पापा 14 साल से काम कर रहे हैं। लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं। हमें बस हक चाहिए… नौकरी चाहिए।”

दस्तावेज जमा, फोटो जमा… फिर भी फाइलें धूल खा रही हैं

बलदेव सिंह और सुखदेव सिंह के नाम से जुड़े इस परिवार ने नौकरी से संबंधित हर दस्तावेज, रिकार्ड और फोटो समय पर जमा किए।
लेकिन विभाग ने न जांच की, न जवाब दिया। उल्टा, परिवार को ही कटघरे में खड़ा कर दिया गया।

“अगर शक था तो सुबह 4 बजे जाकर चेक करते!”

परिवार का आरोप है कि अधिकारी किसी प्रकार की फील्ड जांच को तैयार नहीं।
“हम हर रोज सुबह 4 बजे ड्यूटी पर रहते हैं। अगर किसी को विश्वास नहीं, तो आकर देख लेता। पर किसी ने जांच ही नहीं की।”

“सिर्फ इसलिए कि वो अनपढ़ थे… नौकरी छीन ली?”

परिवार की बेटी ने भावुक होकर कहा—
“मेरे मम्मी-पापा अनपढ़ थे… इसी का फायदा उठाकर कागजी गलतियां की गईं। अब कहते हैं कि नौकरी खतरे में है। ये हमारी मेहनत की बेइज्जती है।”

स्थानीय लोग भी नाराज़: “सिस्टम ईमानदार की मेहनत का मज़ाक बना रहा”

इस मामले को लेकर इलाके में भी आक्रोश है। लोग कहते हैं कि 14 साल तक शहर को साफ रखने वालों की अनदेखी सिस्टम की नाकामी है।

परिवार की मांग
• नौकरी तुरंत बहाल/सही तरीके से दर्ज की जाए
• निष्पक्ष विभागीय जांच
• 14 साल की सेवा को मान्यता मिले
• अधिकारी बताएं—कार्रवाई क्यों नहीं हुई?

सरकार पर भी उठे सवाल

जब सरकार सफाईकर्मियों को फ्रंटलाइन वॉरियर बताती है, तो फिर अमृतसर के इस मेहनतकश परिवार के साथ ऐसी अनदेखी क्यों?

परिवार की अंतिम अपील—
“हमें सिर्फ हमारी नौकरी वापस चाहिए। हम इंसाफ चाहते हैं… बस इतना ही।”

स्थानीय संवाददाता ई खबर मीडिया की रिपोर्ट

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