सिद्धार्थनगर जनपद के उसका बाजार थाना क्षेत्र से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई और पीड़ित परिवार पुलिस विवेचना पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। मामला अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंच चुका है, लेकिन परिजनों का आरोप है कि अब तक सच्चाई सामने नहीं लाई गई है।
जानकारी के अनुसार वार्ड नंबर 4 सरदार पटेल नगर निवासी डबलू विश्वकर्मा के छोटे भाई राहल विश्वकर्मा को 11 जुलाई 2025 की शाम करीब छह बजे गांव का ही रहने वाला कलामुद्दीन पुत्र बेचन अली दुकान से अपनी अपाचे मोटरसाइकिल पर बैठाकर ले गया। उस समय परिवार के किसी भी सदस्य को इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। करीब दो घंटे बाद यानी रात आठ बजे परिवार को सूचना मिली कि राहल का एक्सीडेंट हो गया है।
जब डबलू विश्वकर्मा घटनास्थल पर पहुंचा तो उसने अपने भाई को गंभीर हालत में सड़क पर पड़ा पाया, जबकि कलामुद्दीन मौके से फरार था। घायल राहल को तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उसका बाजार ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जिला अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने राहल को मृत घोषित कर दिया, जिससे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
पीड़ित का आरोप है कि 16 जुलाई 2025 को उसने मुकामी थाना उसका बाजार में प्रार्थना पत्र दिया, लेकिन कार्यवाही में लगातार टालमटोल होती रही। जब पुलिस कलामुद्दीन के घर पहुंची तो उसके भाई ने फोन कर कहा कि कलामुद्दीन कहीं भागा नहीं है, बल्कि घर पर ही है। बाद में कलामुद्दीन को थाने बुलाया गया। वहां उसने बताया कि वह राहल को बृजमनगंज शराब पीने ले गया था, जबकि परिजनों का कहना है कि उसका क्षेत्र में शराब की बिक्री नहीं होती, जिससे बयान पर संदेह और गहरा गया।
परिवार का यह भी आरोप है कि विवेचना अधिकारी उप निरीक्षक संतोष यादव उल्टा पीड़ित पक्ष को ही बार बार प्रताड़ित कर रहे हैं। अब तक न तो कॉल डिटेल निकलवाई गई, न ही सीसीटीवी कैमरों की जांच की गई। हैरान करने वाली बात यह है कि 23 जुलाई 2025 को मामले में धारा 125 ए और 125 बी के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया गया, जबकि परिवार इसे मौत से जुड़ा गंभीर मामला मान रहा है।
डबलू विश्वकर्मा का कहना है कि उसे स्थानीय थाना से न्याय की कोई उम्मीद नहीं रह गई है। सदर क्षेत्राधिकारी द्वारा कई बार भरोसा दिलाया गया कि मामले की जांच क्राइम ब्रांच से कराई जाएगी। इसी क्रम में पुलिस क्षेत्राधिकारी और अपर पुलिस अधीक्षक कार्यालय में प्रार्थी के बयान भी दर्ज किए गए, लेकिन इसके बावजूद आज तक क्राइम ब्रांच से विवेचना कराने का कोई आदेश जारी नहीं हुआ।
पीड़ित परिवार ने 31 जुलाई 2025 को सिद्धार्थनगर के पुलिस अधीक्षक को भी पूरे मामले की लिखित सूचना दी, लेकिन आरोप है कि वहां से भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। थक हारकर अब डबलू विश्वकर्मा ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली में गुहार लगाई है।
प्रार्थी ने मानवाधिकार आयोग से मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच क्राइम ब्रांच से कराई जाए, कलामुद्दीन और मृतक राहल विश्वकर्मा की कॉल डिटेल रिकॉर्ड तथा सीडीआर निकलवाई जाए, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि घटना के समय दोनों कहां थे और क्या वास्तव में यह हादसा था या इसके पीछे कोई साजिश छिपी है।
