झांसी से बड़ी खबर | 5 साल पुरानी रंजिश में फिर बढ़ा तनाव — गवाही रोकने के लिए दी जा रही जान से मारने की धमकी, गोलीकांड के पीड़ित रणजीत सिंह ने प्रशासन से लगाई गुहार
झांसी | रक्षा थाना क्षेत्र | विशेष रिपोर्ट
झांसी जिले के रक्षा थाना क्षेत्र अंतर्गत गांव सिमरा में पांच वर्षों से चल रहे पुराने विवाद ने एक बार फिर खतरनाक मोड़ ले लिया है। खेत में काम कर रहे किसान रणजीत सिंह यादव पर विपक्षी पक्ष द्वारा कथित रूप से गोली चलाए जाने और अब लगातार गवाही रोकने के लिए खुली धमकियां दिए जाने का मामला गंभीर होता जा रहा है। पीड़ितों ने कहा है कि यदि प्रशासन ने समय रहते हस्तक्षेप नहीं किया तो कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है।
विवाद की जड़ — चुनाव में वोट देने से इंकार, यहीं से शुरू हुआ तनाव
शिकायतकर्ता रणजीत सिंह और उनके भाई जगपाल के अनुसार विवाद की शुरुआत करीब पांच वर्ष पहले हुई, जब गांव के बहादुर (जो विपक्षी पक्ष के आनंद और विवेक के पिता हैं) पंचायत चुनाव में प्रत्याशी थे। बहादुर ने उनके परिवार पर वोट देने का दबाव बनाया, लेकिन जगपाल और रणजीत सिंह ने दूसरी पार्टी को वोट देने की बात कही।
जगपाल का आरोप है कि इसी के बाद बहादुर पक्ष ने रंजिश पाल ली। उन्होंने यह भी बताया कि बहादुर पर 302 और गैंगस्टर एक्ट समेत कई गंभीर धाराओं में पुराने मामले दर्ज हैं। यही वजह है कि यह रंजिश समय के साथ और अधिक खतरनाक होती चली गई।
गोलीकांड — खेत में काम कर रहे रणजीत पर की गई थी फायरिंग
घटना वाले दिन रणजीत सिंह खेत में काम कर रहे थे। तभी विपक्षी पक्ष के लोग—विवेक और आनंद (सिमरा निवासी), विकास और शैलेंद्र (गेवरा निवासी)—वहाँ पहुंचे और अचानक फायरिंग शुरू कर दी।
रणजीत सिंह किसी तरह जान बचाकर खेत के पास स्थित एक मकान में छिपे और पुलिस को फोन किया। पुलिस पहुंची, तभी उनकी जान बच सकी। मामले में 307 (हत्या के प्रयास) की धारा तो लगी, लेकिन पीड़ित पक्ष का कहना है कि कार्रवाई आज तक अधूरी है और आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं।
गवाही रोकने के लिए लगातार धमकियां — “परिवार को खत्म कर देंगे”
पहली गवाही हो चुकी है, लेकिन दूसरी गवाही के दौरान रणजीत सिंह और उनके भाई जगपाल पर भारी दबाव बनाया जा रहा है। उनका कहना है कि विपक्षी पक्ष बार-बार यह धमकी दे रहा है—
“अगर कोर्ट में गवाही देने गए तो तुम्हें भी मारेंगे और तुम्हारे परिवार को भी नहीं छोड़ेंगे।”
6 दिसंबर को प्रताप की गवाही — उसी को लेकर बढ़ा तनाव
मामले के चश्मदीद और महत्वपूर्ण गवाह प्रताप सिंह की गवाही 6 दिसंबर को निर्धारित है, और इसी को लेकर माहौल और ज्यादा तनावपूर्ण हो गया है।
जगपाल के अनुसार प्रताप सिंह खेत में उसी दिन मौजूद थे और उन्होंने गोलीकांड अपनी आंखों से देखा था। अब प्रताप को विपक्षी खुलेआम धमकी दे रहे हैं—
“अगर कचहरी में गवाही देने गए तो तुम्हें जान से मार देंगे… या फिर तुम्हारे परिवार को नुकसान पहुंचा देंगे।”
इन धमकियों के बाद प्रताप सिंह और उनका परिवार भी गहरी दहशत में है।
पीड़ित परिवार में भय का माहौल — “किसी भी समय कुछ भी हो सकता है”
रणजीत सिंह ने कहा कि वे, उनके भाई जगपाल और गवाह प्रताप सिंह तीनों ही लगातार डर के माहौल में जी रहे हैं।
उन्होंने मीडिया के माध्यम से चेतावनी देते हुए कहा—
“अगर हमें, हमारे परिवार या प्रताप सिंह के परिवार को कुछ भी होता है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी आनंद, विवेक, विकास और शैलेंद्र की होगी।”
पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया कि आरोपी प्रभावशाली हैं और इसी कारण पुलिस भी पूरी कार्रवाई करने में संकोच कर रही है।
प्रशासन और पुलिस से गुहार — “गवाही सुरक्षित वातावरण में कराई जाए”
पीड़ितों की मांग है कि—
आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की जाए,
गवाहों को सुरक्षा दी जाए,
अदालत में निर्भय होकर गवाही देने का माहौल बनाया जाए।
रणजीत सिंह ने कहा कि यदि प्रशासन ने तुरंत हस्तक्षेप नहीं किया, तो किसी की जान जाना तय है।
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