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दिल्ली आर्मी कैंप से लापता हुआ 18 वर्षीय गूंगा-मंदबुद्धि युवक, 20 दिन बाद भी कोई सुराग नहीं

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बल्लभगढ़ का परिवार सदमे में, मां मिली वृद्धाश्रम में लेकिन बेटा अब भी गायब

बल्लभगढ़ (फरीदाबाद)।
हरियाणा के फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ क्षेत्र से एक बेहद चिंताजनक और दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां इलाज के लिए गई मां के साथ गया 18 वर्षीय गूंगा और मंदबुद्धि युवक रहस्यमय ढंग से लापता हो गया। पीड़ित पिता जगतार सिंह, निवासी सेक्टर-8, थाना बल्लभगढ़, अपने बेटे जितेंद्र की तलाश में दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस जानकारी हाथ नहीं लगी है।

जानकारी के अनुसार जितेंद्र (18 वर्ष) परिवार का सबसे छोटा बेटा है। वह जन्म से गूंगा और मंदबुद्धि है तथा उसका मेडिकल रिकॉर्ड भी मौजूद है। 10 नवंबर को दोपहर करीब 12 से 1 बजे के बीच पिता जगतार सिंह बेटा जितेंद्र उसकी मां सरस्वती
के इलाज के लिए दिल्ली के आर्मी कैंप गए थे बताया जाता है की मां सरस्वती बी होता और लीवर में जैसे बीमारी से ग्रसित है मां सरस्वती भी मानसिक रूप से अस्वस्थ बताई जा रही हैं।
इसी दौरान मां बच्चे को लेकर अचानक लापता हो गई।

लगातार खोजबीन के बाद 11 दिन बाद सरस्वती एक वृद्धाश्रम में मिली, लेकिन बेटे जितेंद्र का अब तक कोई पता नहीं चल सका। यह जानकारी मिलते ही परिवार की चिंता और बढ़ गई, क्योंकि जितेंद्र न बोल सकता है, न अपनी पहचान बता सकता है और मानसिक रूप से भी कमजोर है।

पिता जगतार सिंह का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में थाना बल्लभगढ़ में आवेदन भी दिया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई या सुराग नहीं मिला है। परिवार का आरोप है कि पुलिस की निष्क्रियता के चलते कीमती समय निकलता जा रहा है, जिससे बेटे की सुरक्षा को लेकर गंभीर आशंका बनी हुई है।

परिवार के मुताबिक जितेंद्र घर का सबसे दुलारा और मासूम बच्चा है। उसकी विशेष स्थिति के कारण वह किसी भी खतरे में आसानी से फंस सकता है। पिता की आंखों में आंसू और आवाज में बेबसी साफ झलकती है।
उनका कहना है कि हर गुजरते दिन के साथ डर बढ़ता जा रहा है कि कहीं उनके बेटे के साथ कोई अनहोनी न हो जाए।

अब पीड़ित परिवार ने मीडिया के माध्यम से आम जनता से भी मदद की अपील की है। यदि किसी को भी जितेंद्र के बारे में कोई जानकारी मिले, तो तुरंत 9319452539 या 8595619212 नंबर पर संपर्क करें। परिवार को उम्मीद है कि जनसहयोग से उनका बेटा सुरक्षित वापस घर लौट सकेगा।

 

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