Thursday, December 5, 2024
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नौकरियां ही नौकरियां… PM मोदी आज 51 हजार से अधिक युवाओं को देंगे नियुक्ति पत्र, इन विभागों में मिलेगा रोजगार

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज 51000 से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित करेंगे। जिन विभागों में इन नवनियुक्त कर्मचारियों को शामिल किया जाएगा उनमें राजस्व गृह उच्च शिक्षा स्कूली शिक्षा वित्तीय सेवाएं रक्षा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और श्रम और रोजगार शामिल हैं। रोजगार मेले के तहत केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के साथ-साथ राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों में भी भर्तियां हो रही हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार 30 नवंबर को 51,000 से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित करेंगे। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये आयोजित इस कार्यक्रम में पीएम मोदी विभिन्न सरकारी विभागों में नियुक्त होने वाले इन युवाओं को संबोधित भी करेंगे।

जिन विभागों में इन नवनियुक्त कर्मचारियों को शामिल किया जाएगा उनमें राजस्व, गृह, उच्च शिक्षा, स्कूली शिक्षा, वित्तीय सेवाएं, रक्षा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, और श्रम और रोजगार शामिल हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने मंगलवार को कहा कि ‘रोजगार मेला’ के हिस्से के रूप में देश भर में 37 स्थानों पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। रोजगार मेले के तहत केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के साथ-साथ राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों में भी भर्तियां हो रही हैं।

विकसित भारत का होगा सपना साकार

इसमें कहा गया है कि रोजगार मेला रोजगार को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में बड़ा कदम है। नई नियुक्तियां देश के औद्योगिक, आर्थिक और सामाजिक विकास को मजबूती देने में योगदान देंगी, जिससे पीएम मोदी के विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने में मदद मिलेगी।

रणदीप हुड्डा ने दुल्हन ल‍िन के गले में डाली जयमाला, मणिपुरी रस्मों से हो रही शादी की रस्में

सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें मंडप के अंदर की झलक दिखाई दे रही है. एंट्रेंस पर लिन और रणदीप के नाम का बोर्ड लगा है, जिसमें उनकी शादी की तारीख और लिखा है- साथ बेहतर है, सही जगह भी है.

रणदीप हुड्डा और लिन लैशराम ने आज यानी 29 नवंबर को इम्फाल, मणिपुर में सात फेरे लिए। रणदीप और लिन ने अपने खास दिन पर ट्रेडिशनल मणिपुरी शादी का जोड़ा चुना। शादी के वक्त रणदीप मणिपुर की खास पगड़ी और सफेद रंग का धोती-कुर्ता पहने नजर आए।

शहनाई बजने वाली है… 47 के रणदीप हुड्डा दूल्हा बन चुके हैं. बस इंतजार हो रहा है दुल्हनिया का, जो कि लिन लैशराम हैं. 37 साल की एक्ट्रेस संग रणदीप  पिछले  कुछ समय से रिलेशनशिप में थे. पर अब दोनों ने अपने इस रिश्ते को नाम देने का निर्णय ले लिया है. बता दें कि रणदीप और लिन दोनों ही मणिपुर के इम्फाल में सात फेरे लेने वाले हैं. मंडप सज चुका है. कुछ ही देर में दोनों शादी के बंधन में भी बंध जाएंगे.

वहीं ब्राइड लिन लैशराम ने सिलेंड्रिकल स्कर्ट पहने नजर आईं जो बांस और मोटे फैब्रिक से बनाई जाती है। लिन उम्र में रणदीप से 10 साल छोटी हैं वो मणिपुर की जानी-मानी मॉडल हैं, साथ ही बॉलीवुड एक्ट्रेस भी हैं।

रणदीप हुड्डा और लिन लैशराम का शादी लुक

शादी के स्पेशल दिन पर लिन सफेद और गुलाबी रंग की साड़ी में सजी-धजी मणिपुरी पोशाक में बेहद खूबसूरत लग रही थीं। उन्होंने अपने लुक को गोल्ड ज्वेलरी के साथ कंप्लीट किया। वो अपने रिश्तेदारों के साथ रणदीप की तरफ मुस्कुराती हुई बढ़ रही थीं। वहीं रणदीप सफेद कुर्ते पायजामा में खड़े लिन को निहार रहे थे।

कपल पिछले 4 सालों से एक दूसरे को डेट कर रहे थे। रणदीप ने बताया कि उनकी पहली मुलाकात नसीरुद्दीन शाह के थिएटर ग्रुप ‘मोटले’ के दरमियान हुई थी। उस समय रणदीप उनके सीनियर थे। उन्होंने कहा, ‘हम दोनों काफी समय से दोस्त हैं। हमारी मुलाकात थिएटर के दौरान हुई थी। हमारी दोस्ती बहुत गहरी थी और इसलिए अब हम इस दोस्ती को शादी में बदलना चाहते हैं।’

जलवायु सम्मेलन में 200 देश शामिल, PM Modi करेंगे शिरकत; कार्बन उत्सर्जन और जीवाश्म ईंधन पर होगी चर्चा

संयुक्त अरब अमीरात में 30 नवंबर से 28वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु का आयोजन किया जाएगा। इस वक्त दुनिया भर में घातक गर्मी का असर आजीविका और जीवन पर पड़ रहा है। 2021-2022 में वैश्विक कार्बन डाइआक्साइड का उत्सर्जन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। इसका लगभग 90 प्रतिशत जीवाश्म ईंधन से आता है। कॉप-28 (सीओपी-28) के दौरान इन मुद्दों पर 200 देश प्रमुख्ता से चर्चा करेंगे।

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में गुरुवार से 28वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन का आयोजन दुबई एक्सपो सिटी होगा। सम्मेलन 200 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। 30 नवंबर से 12 दिसंबर तक चलने वाले इस वार्ता में जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों, जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल, मीथेन एवं कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए वित्तीय सहायता और अमीर देशों से विकासशील देशों को दिए जाने वाले मुआवजे जैसे मुद्दों पर गहन बातचीत होने की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 1 दिसंबर को इस सम्मेलन में शामिल होंगे।

200 देशों के नेता होंगे शामिल 

दुनिया भर में घातक गर्मी, सूखा, जंगल की आग, तूफान और बाढ़ का असर आजीविका और जीवन पर पड़ रहा है। 2021-2022 में वैश्विक कार्बन डाइआक्साइड का उत्सर्जन रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। इसका लगभग 90 प्रतिशत जीवाश्म ईंधन से आता है। कॉप-28 (सीओपी-28) के दौरान किंग चा‌र्ल्स तृतीय, पोप फ्रांसिस और लगभग 200 देशों के नेता इन मुद्दों को प्रमुखता से संबोधित करेंगे।

जलवायु संकट का समाधान निकालने का होगा प्रयास

सम्मेलन में जलवायु संकट में कम योगदान देने के बावजूद जलवायु संकट का खामियाजा भुगतने वाले विकासशील और गरीब देशों को आर्थिक समर्थन के मुद्दे का समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा। जीवाश्म ईंधन (कोयला, तेल और गैस) को चरणबद्ध तरीके से बंद करने के लिए वैश्विक दबाव बढ़ रहा है। वैश्विक जलवायु परिवर्तन में सबसे बड़ा इसी का योगदान है। यह वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के लगभग 90 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है। तर्क है कि उन्हें परिष्कृत तकनीकें विकसित करने तक तेल और गैस निकालने की अनुमति दी जानी चाहिए। हालांकि, विशेषज्ञ इससे सहमत नहीं है।

नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता बढ़ाने के लिए भारत को धन की जरूरत

वैश्विक ऊर्जा थिंक टैंक ‘एम्बर’ द्वारा बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की 14वीं राष्ट्रीय विद्युत योजना (एनईपी) वर्ष 2030 तक अपनी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना से अधिक करने की राह पर है, लेकिन इसे हासिल करने के लिए देश को कुल 293 अरब डालर की जरूरत होगी। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आइईए) ने कहा है कि विश्व को जीवाश्म ईंधन की जरूरत कम करने और इस सदी के अंत तक वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए 2030 तक अपनी नवीकरणीय या अक्षय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना और ऊर्जा दक्षता को दोगुना करना होगा।

अक्षय ऊर्जा को बढ़ाने पर जोर

अमेरिका, यूरोपीय संघ (ईयू) और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के नेतृत्व में 60 से अधिक देश अब अक्षय ऊर्जा को तीन गुना करने और ऊर्जा दक्षता को दोगुना करने की प्रतिबद्धता का समर्थन कर रहे हैं। जी20 देशों ने भारत की अध्यक्षता में 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को तीन गुना करने का समर्थन किया है, वहीं इस साल संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन की मेजबानी कर रहे यूएई ने सीओपी 28 में इस पर वैश्विक सहमति की वकालत की है।

पीएम मोदी की पहल

भारत ने पिछले कुछ वर्षों में अंतरराष्ट्रीय आर्थिक और भू-राजनीतिक मामलों में अपने बढ़ते कद के हिसाब से वार्षिक जलवायु परिवर्तन या कान्फ्रेंस आफ पार्टीज (काप) सम्मेलन में सक्रियता बढ़ाई है। ग्रीनहाउस गैसों के तीसरे सबसे बड़े उत्सर्जक के रूप में भारत वार्षिक कॉप कार्यक्रमों में विकासशील देशों के लिए एक प्रभावशाली आवाज बनकर उभर रहा है। 2021 में ग्लासगो में कॉप 26 में,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवन शैली अपनाने के लिए वैश्विक पहल ‘लाइफस्टाइल फार द एनवायरनमेंट- लाइफ’ को सामने रखा था। इसे दुनियाभर के देशों ने स्वीकार किया।

सबसे बड़ी वैश्विक सभा

भारत ने 2008 में भारत में कॉप की मेजबानी की थी। उस समय कॉप का महत्व वैश्विक स्तर पर उतना नहीं था, जितना आज है। सम्मेलन में केवल जलवायु वार्ताकार और पर्यावरण मंत्री ही शामिल हुए थे। लेकिन 2009 में कोपेनहेगन में कॉप 15, 2015 में पेरिस में कॉप21 और 2021 में ग्लासगो में कॉप26 में 100 से अधिक राष्ट्राध्यक्षों ने हिस्सा लेकर इसे विश्व के सबसे बड़े सम्मेलनों में से एक बना दिया।

सम्मेलन में भारत की भूमिका

1992 के रियो डी जनेरियो पृथ्वी शिखर सम्मेलन से भारत यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने का बोझ विकासशील देशों पर अनुचित रूप से न पड़े। अमीर और विकसित देशों को ये जिम्मेदारी उठानी चाहिए। सिर्फ इसलिए नहीं कि उन्होंने अधिकांश उत्सर्जन किया है, बल्कि इसलिए भी क्योंकि उनके पास काम करने के लिए अधिक संसाधन और क्षमता है।

भारतीय वार्ताकारों ने 1997 में काप3 में क्योटो प्रोटोकाल में मुख्य भूमिका निभाई। 2021 की ग्लासगो बैठक में, भारत ने अंतिम मसौदे को रोक दिया था। पिछले वर्ष शर्म अल-शेख बैठक में भारत ने कोयला ही नहीं, बल्कि हर तरह के जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से बंद करने पर जोर दिया था।

भारत की प्रतिबद्धताएं

भारत ने अब तक दो एनडीसी (राष्ट्रीय स्तर पर तय किया गया योगदान ) प्रस्तुत किए हैं। पहले एनडीसी में तीन लक्षित वादे थे। भारत 2030 तक अपनी उत्सर्जन तीव्रता को 2005 के स्तर से 33 से 35 प्रतिशत तक कम कर देगा। भारत सुनिश्चित करेगा कि 2030 में इसकी स्थापित बिजली क्षमता का कम से कम 40 प्रतिशत गैर जीवाश्म-ईंधन स्त्रोतों से हो। इसके अलावा वृक्षों और वनों के जरिये 3 अरब टन अतिरिक्त कार्बन अवशोषित करने की व्यवस्था करना।

सभी श्रम‍िकों की स्‍थि‍ति सामान्‍य, जांच के बाद एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक और CEO ने द‍िया अपडेट

17 दिन बाद उत्तराखंड की सिल्कयारा सुरंग से सफलतापूर्वक बचाए गए श्रमिकों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टेलीफोन से बात की। पीएम मोदी ने कहा कि ये केदारनाथ बाबा की कृपा रही कि आप सब सकुशल बाहर आए हैं। 17 दिन का समय कम नहीं होता। अपनो से मिलने के बाद सभी श्रमिक खुश हैं और अपने अनुभवों को साझा कर रहे हैं

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा ढहने के कारण सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को मंगलवार को 17वें दिन सही सलामत वापस निकाल लिया गया। 16 दिनों बाद अंधेरे से निकले श्रमिकों में खुशी की लहर है। परिवार से मिलकर श्रमिकों ने राहत की सांस ली है। आज ऋषिकेश एम्स में 41 मजदूरों की जांच की जा रही है।

महिला अग्निवीरों की भर्ती रैली आज जबलपुर में, MP और छत्तीसगढ़ की कैंडिडेट्स लेंगी हिस्सा

उम्मीदवारों के दस्तावेंजो से लेकर बायोमेट्रिक जांच के लिए अलग से सेल बनाए गए है। जिसमें सेना के कर्मचारी तैनात रहेंगे। वहीं प्रमाण-पत्रों की जांच के बाद महिला उम्मीदवार मैदान में दौड़ लंबी कूद और ऊंची कूद की प्रक्रिया में शामिल हो पाएंगी। सीइइ पास करने वाले उम्मीदवारों को सुबह सात बजे रादुविवि शारीरिक शिक्षा विभाग के मैदान में आयोजित की गई है।

 सेना भर्ती कार्यालय जबलपुर द्वारा अग्निवीर सैन्य पुलिस के रूप में महिला उम्मीदवारों के लिए आज रैली का आयोजन किया जाएगा। 805 महिला उम्मीदवारों ने अप्रैल 2023 में कामन एंट्रेंस एग्जाम (सीइइ) पास कर मैरिट में जगह बनाई थी। इसमें छत्तीसगढ़ से कुल 103 और मध्य प्रदेश से 702 उम्मीदवारों ने पहले चरण में सफलता हासिल की है।
दिखाएंगी दमखम

चयनित उम्मीदवारों के लिए एडमिट कार्ड मुख्यालय भर्ती जोन (मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ ) द्वारा उनके पंजीकृत ईमेल आइडी पर जारी किए गए हैं। जबलपुर सेना पुलिस में महिला अग्निवीर बनने बुधवार को रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय खेल परिसर में पहुंचकर अपना दम दिखाएंगी।

इसमें महिला उम्मीदवारों को 16 सौ मीटर दौड़ को पूरा करना होगा। साथ ही तीन फीट ऊंची कूद और दस फीट लंबी कूद की प्रक्रिया में महिला उम्मीदवारों को शामिल होने का मौका मिलेगा। इसको लेकर रादुविवि खेल परिसर में सेना भर्ती कार्यायल की तरफ तैयारी कर ली गई है। खराब मौसम के चलते सेना भर्ती कार्यालय प्लान बी पर भी काम कर रहा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार उम्मीदवारों के दस्तावेंजो से लेकर बायोमेट्रिक जांच के लिए अलग से सेल बनाए गए है। जिसमें सेना के कर्मचारी तैनात रहेंगे। वहीं प्रमाण-पत्रों की जांच के बाद महिला उम्मीदवार मैदान में दौड़, लंबी कूद और ऊंची कूद की प्रक्रिया में शामिल हो पाएंगी।

सीइइ पास करने वाले उम्मीदवारों को सुबह सात बजे रादुविवि शारीरिक शिक्षा विभाग के मैदान में आयोजित की गई है। उम्मीदवारों का एयरपोर्ट रोड जबलपुर स्थित भर्ती कार्यालय प्रवेश द्वार पर सुबह पांच बजे तक रिपोर्ट करना होगा। रैली भर्ती में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की महिला उम्मीदवार भाग ले रही है। इसमें छत्तीसगढ़ की 103 और मध्यप्रदेश की 702 महिला उम्मीदवार मैदान में नजर आएंगी।

टाटा की सबसे बड़ी कंपनी का ऐलान, इस काम के लिए 1 दिसंबर की तारीख तय

IT दिग्‍गज कंपनी टाटा कंसल्‍टेंसी सर्विसेज लिमिटेड (TCS) ने मंगलवार को शेयर बायबैक के डेट का ऐलान कर दिया. कंपनी कुल 17,000 करोड़ रुपये का शेयर बायबैक करेगी और 4,150 रुपये पर प्रति शेयर खरीदेगी.

टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा कंसल्‍टेंसी सर्विसेज लिमिटेड (TCS) ने शेयर बायबैक की तारीख को ऐलान कर दिया है. मंगलवार को कंपनी ने कहा कि एक दिसंबर को 17,000 करोड़ रुपये का शेयर बायबैक (Share Buyback) ओपेन होगा और यह 7 दिसंबर को बंद हो जाएगा. IT  कंपनी 4,150 रुपये प्रति शेयर पर 4.09 करोड़ तक इक्विटी को वापस लेगी, जिसकी कुल वैल्‍यू 17,000 करोड़ रुपये है. टाटा की कंपनी के सितंबर रिजल्‍ट आने के बाद 11 अक्‍टूबर को बायबैक का खुलासा हुआ था.

कंपनी ने बायबैक को लेकर कही ये बात 
एक्‍सचेंज फाइलिंग में कंपनी ने कहा कि शेयर Buyback से कंपनी को कारोबार में कोई लाभ या कमाई नहीं होगी, बल्कि निवेश की राशि में कमी आएगी. कंपनी ने कहा कि अगर कंपनी चाहती तो इस रकम को कहीं अन्‍य निवेश करके कमाई कर सकती थी. कंपनी का मानना है कि ट्रांजैक्‍शन, टैक्‍स और अन्‍य खर्च को लेकर शेयर बायबैक का कुल खर्च 17,000 करोड़ रुपये से ज्‍यादा का नहीं होगा.

निवेशकों की कितनी होगी कमाई
मंगलवार को NSE पर TCS के शेयर 0.47%  की उछाल के साथ 3,473.30 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए थे, जबकि टीसीएस 4,150 रुपये पर  शेयर बायबैक कर रही है. ऐसे में देखा जाए तो मौजूदा भाव से कंपनी अपने शेयरों को 19.5 फीसदी ज्‍यादा प्रीमियम पर शेयर निवेशकों से खरीदेगी. इसका मतलब निवेशकों को हर शेयर पर 19.5 फीसदी ज्‍यादा की कमाई होगी. कंपनी ने शेयर खरीदने का रिकॉर्ड डेट 25 नवंबर तय किया है.

वॉरेन बफे के राइट हैंड चार्ली मुंगर का निधन:99 साल की उम्र में आखिरी सांस ली, फेरारी के लिए नहीं बल्कि आजादी के लिए अमीर बने

दुनिया के सबसे बड़े इन्वेस्टर वॉरेन बफे के राइट हैंड कहे जाने वाले बिलेनियर चार्ली मुंगर का मंगलवार को निधन हो गया। वह 99 साल के थे। बफे की इन्वेस्टमेंट फर्म बर्कशायर हैथवे ने बताया कि कैलिफोर्निया के सांता बारबरा में एक अस्पताल में उनका निधन हुआ है।

वॉरेन बफे का राइट हैंड बनने से पहले ही चार्ली का वेल एस्टैबलिश्ड लॉ करियर था। बर्कशायर हैथवे में वो वाइस चेयरमैन थे। उनका लॉस एंजिल्स में घर था। फोर्ब्स की 2023 की लिस्ट के अनुसार उनकी नेटवर्थ 2.6 बिलियन डॉलर, यानी करीब 21.6 हजार करोड़ रुपए थी।

ओमाहा में जन्मे चार्ली, रियल एस्टेट से पहला मिलियन डॉलर कमाया
चार्ली का जन्म ओमाहा में 1 जनवरी 1924 को अल्फ्रेड और फ्लोरेंस मुंगर के घर हुआ था। उन्होंने सेकेंड वर्ल्ड वॉर के दौरान सेना में रहते हुए मौसम विज्ञान की पढ़ाई की और हार्वर्ड लॉ स्कूल से ग्रेजुएशन किया। सेना में बिताया समय उन्हें कैलिफोर्निया ले गया, जहां उन्होंने अपना घर बनाया। लॉ प्रैक्टिस और रियल एस्टेट निवेश से उन्होंने अपना पहला मिलियन डॉलर कमाया।

अमीर बनना था, फेरारी के लिए नहीं बल्कि आजादी के लिए
चार्ली को जब पहली बार फोर्ब्स की बिलेनियर लिस्ट में शामिल किया गया था, तो उन्होंने बताया था कि वो वॉरेन बफे के साथ लंबे समय से जुड़े हैं। वहीं चार्ली ने साल 2000 में अपनी बायोग्राफी डेमन राइट में बताया था कि वॉरेन की तरह उनमें भी अमीर बनने का काफी जुनून था। इसलिए नहीं कि उन्हें फेरारी चाहिए थी, बल्कि वे आजादी चाहते थे। वे इसे शिद्दत से चाहते थे।

1959 में वॉरेन बफे से मिले, एक कपल ने डिनर पर मिलवाया
दोनों पॉपुलर इन्वेस्टर 1959 तक नहीं मिले थे, भले ही वे एक ही शहर में पले-बढ़े। 1930 के दशक में चार्ली ने बफे एंड सन ग्रॉसरी स्टोर में काम जरूर किया था। 1959 में बफे इन्वेस्टमेंट पार्टनरशिप पर एक परिवार को पिच कर रहे थे, लेकिन अपनी पिच से वो कपल को अट्रैक्ट नहीं कर पा रहे थे। आखिरकर उन्हें $100,000 का चेक मिल गया।

परिवार ने कहा कि निवेश का फैसला उन्होंने इसलिए लिया क्योंकि बफे ने उन्हें चार्ली की याद दिलाई। इसके बाद कपल के बच्चों ने बफे और चार्ली दोनों के लिए डिनर का आयोजन किया। ये समय काफी अहम था, क्योंकि बफे के गुरु ग्राहम, हाल ही में रिटायर हुए थे और बफे को एक नए पार्टनर की जरूरत थी, जिसके साथ वो इन्वेस्टमेंट आइडियाज पर चर्चा कर सकें।

स्टॉक टिप्स शेयर करते थे, लेकिन निवेश अलग-अलग फर्मो में
चार्ली उन्हें अच्छे सेंस ऑफ ह्यूमर वाले व्यक्ति लगे। शुरुआत में उन्होंने स्टॉक टिप्स का आदान-प्रदान किया, लेकिन दोनों ने अपनी अलग-अलग फर्मों के लिए अपना निवेश किया। उनकी पार्टनरशिप अनौपचारिक थी। 1978 तक, चार्ली बर्कशायर बोर्ड में बफे के साथ शामिल हो गए।

इन्वेस्टमेंट अप्रोच बदली, 1,000 डॉलर के निवेश को 10 मिलियन डॉलर बनाया
वॉरेन बफे चार्ली को बर्कशायर हैथवे की इन्वेस्टमेंट अप्रोच का ओरिजिनेटर बताते हैं। बफे ने एक बार एनुअल रिपोर्ट में लिखा था- चार्ली ने मुझे जो ब्लू प्रिंट दिया वह सिंपल था: वंडरफुल प्राइसेस पर फेयर बिजनेस खरीदने के बारे में आप जो जानते हैं उसे भूल जाइए; इसके बजाय, फेयर प्राइसेस पर वंडरफुल बिजनेस खरीदें।

अप्रोच में आए इस शिफ्ट ने बर्कशायर को आउटस्टैंडिंग रिजल्ट दिए। बर्कशायर ने 1964 के बाद से लगभग 3.8 मिलियन परसेंट गेन किया, जबकि इस दौरान S&P 500 ने लगभग 24,000 परसेंट का रिटर्न दिया। 1964 में बर्कशायर में किए गए 1,000 डॉलर के निवेश का मूल्य आज 10 मिलियन डॉलर से अधिक है। आज के हिसाब से इसे रुपए में देखें तो 83,000 रुपए का निवेश 83 करोड़ रुपए हो चुका है।

भारत में अमेरिकी दूतावास ने एक साल में 1,40,000 से अधिक छात्र वीजा किए जारी, बनाया नया रिकॉर्ड

भारत में अमेरिकी दूतावास और वाणिज्य दूतावास ने पिछले एक साल में 1,40,000 से अधिक छात्र वीजा जारी किए हैं, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड बन गया है। दूतावास ने ये वीजा अक्टूबर 2022 और सितंबर 2023 के बीच जारी किया है।

इसके साथ ही अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि दूतावास ने व्यापार और पर्यटन के लिए लगभग आठ मिलियन विजिटर्स वीजा जारी किए, ये 2015 के बाद से किसी भी वित्तीय वर्ष की तुलना में अधिक है।

इसके अलावा, अमेरिकी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने 6,00,000 से अधिक छात्र वीजा जारी किए, जो वित्तीय वर्ष 2017 के बाद से किसी भी वर्ष में सबसे अधिक है।

भारत में अमेरिकी दूतावास ने बताया कि पिछले साल 12 लाख से अधिक भारतीयों ने अमेरिका का दौरा किया। दूतावास ने कहा कि इतने तादाद में भारतीयों के अमेरिका जाने से दोनों देशों के रिश्तें मजबूत होंगे।

उत्तराखंड सुरंग हादसा: पीएम मोदी ने उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग से सकुशल निकाले गए श्रमिकों से फोन पर की बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग से सकुशल बाहर निकाले गए श्रमिकों से फोन पर बातचीत कर उनके स्वास्थ्य और कुशलक्षेम की जानकारी ली और इनका हौसला भी बढ़ाया। इससे पहले प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात कर श्रमिकों को सुरंग से निकाले जाने के बाद उनके लिए की गई व्यवस्थाओं की जानकारी ली।

प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री से जाना कि सुरंग से निकालने के बाद श्रमिकों के स्वास्थ्य देखभाल, घर छोड़ने व परिजनों आदि के लिए क्या व्यवस्थाएं की गई हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि सभी श्रमिकों को सुरंग से निकालने के बाद सीधे चिन्यालीसौड़ स्थित अस्पताल ले जाया गया है, जहां उनकी जरूरी स्वास्थ्य जांच आदि की जाएंगी। साथ ही अवगत कराया कि श्रमिकों के परिजनों को भी फिलहाल चिन्यालीसौड़ ले जाया गया जहां से उनकी सुविधा के अनुसार राज्य सरकार उनको घर छोड़ने की पूरी व्यवस्था करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के कुशल मार्गदर्शन के चलते ही यह रेस्क्यू अभियान सफलतापूर्वक सफल हो सका है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की तमाम एजेंसियों व राज्य सरकार के समन्वय से हम 41 श्रमिकों को सकुशल सुरक्षित निकालने में कामयाब रहे हैं। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के सिलक्यारा टनल में फंसे सभी 41 मजदूरों के सकुशल बाहर आने और रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता को हर किसी को भावुक कर देने वाला पल बताते हुए इस बचाव अभियान से जुड़े सभी लोगों के जज्बे को भी सलाम किया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने बचाव अभियान से जुड़े लोगों की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी बहादुरी और संकल्प-शक्ति ने हमारे श्रमिक भाइयों को नया जीवन दिया है। इस मिशन में शामिल हर किसी ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम की है। प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, “उत्तरकाशी में हमारे श्रमिक भाइयों के रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता हर किसी को भावुक कर देने वाली है। टनल में जो साथी फंसे हुए थे, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है। मैं आप सभी की कुशलता और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं। यह अत्यंत संतोष की बात है कि लंबे इंतजार के बाद अब हमारे ये साथी अपने प्रियजनों से मिलेंगे। इन सभी के परिजनों ने भी इस चुनौतीपूर्ण समय में जिस संयम और साहस का परिचय दिया है, उसकी जितनी भी सराहना की जाए वो कम है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, “मैं इस बचाव अभियान से जुड़े सभी लोगों के जज्बे को भी सलाम करता हूं। उनकी बहादुरी और संकल्प-शक्ति ने हमारे श्रमिक भाइयों को नया जीवन दिया है। इस मिशन में शामिल हर किसी ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम की है।

उत्तराखंड टनल हादसा: खुल गई सुरंग, मजदूरों को बाहर निकालने की तैयारी शुरू

उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग हादसे में रेस्कयू ऑपरेशन पूरा हुआ.

उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग हादसे में फंसे 41 मजदूरों का 17 दिन से जारी इंतजार खत्म हो गया है. सुरंग का रास्ता खुल गया है और अब थोड़ी देर में सभी मजदूरों को बाहर निकालने का काम शुरू हो जाएगा.

मशीन से ड्रिलिंग की कोशिशों में झटका लगने के बाद मैनुअल ड्रिलिंग की जा रही थी. अब मैनुअल ड्रिलिंग का काम पूरा हो चुका है. इसी के साथ ये रेस्कयू ऑपरेशन भी पूरा हो चुका है

सुरंग निर्माण के दौरान 12 नवंबर को ढह गई थी. अब उसी मलबे में करीब 57 मीटर तक पाईप डालकर अंदर फंसे मजदूरों तक पहुंचा जा सका है. रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने के साथ ही अब एंंबुलेंस अंदर भेजी जा रही है. NDRF की टीम पहले ही अंदर जा चुकी है. अब मजदूरों को एक-एक कर पाईप के जरिए निकाला जाएगा.

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी कहा कि मजदूरों को अब जल्द निकाल लिया जाएगा.पाईप डालने का काम पूरा हो चुका है.