जोधपुर | विशेष रिपोर्ट
राजस्थान के जोधपुर जिले के नानण क्षेत्र से एक बेहद गंभीर और संवेदनशील मामला सामने आया है, जहां एक गरीब खेत मजदूर परिवार ने खेत मालिकों पर मेहनत का मेहनताना न देने, मारपीट की धमकी देने और फसल तैयार होने से पहले भगा देने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।
शिकायतकर्ता चिमन्ना (उम्र 35 वर्ष) पुत्र आत्मजः हीरा राम, निवासी निम्बंडिया बेरा, नानण, जोधपुर (342601) ने बताया कि वह और उनके जैसे कई मजदूर दिवाली से करीब 15 दिन पहले खेत मालिक रामू रामवीर पुत्र कालूराम के यहां खेती का काम करने लगे थे। दिन-रात कड़ी मेहनत कर खेतों में फसल तैयार कराई, लेकिन अब जब फसल पकने वाली है तो उनसे कहा जा रहा है कि “तुमने कोई काम नहीं किया।”
चिमन्ना का आरोप है कि जब उन्होंने मेहनत की मजदूरी मांगी तो खेत मालिक और उनके परिजन भड़क गए। गाली-गलौज, मारपीट की धमकी और जान से मारने तक की बातें कही जाने लगीं। भयभीत होकर जब वह थाना पहुंचे तो वहां भी उनकी शिकायत लेने से मना कर दिया गया।
पीड़ित परिवार में दो बेटियां और एक बेटा हैं। चिमन्ना का कहना है कि लगातार प्रताड़ना के कारण परिवार की हालत इतनी खराब हो गई है कि खाने-पीने के लाले पड़ गए हैं। पत्नी और बच्चों के साथ दर-दर भटकने को मजबूर हैं।
चिमन्ना ने बताया कि यह कोई पहली बार नहीं है। वह जहां भी मजदूरी करने जाते हैं, वहां यही पैटर्न दोहराया जाता है—
पहले दो-तीन महीने जमकर काम करवाया जाता है, फिर फसल आने के समय झगड़ा खड़ा कर, डराकर, धमकाकर उन्हें भगा दिया जाता है ताकि मजदूरी न देनी पड़े।
पीड़ित का आरोप है कि खेत मालिक आर्थिक रूप से मजबूत हैं और खुलेआम कहते हैं—
“जो करना है कर लो, हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।”
गरीबी, अशिक्षा और प्रभावशाली लोगों के दबाव के चलते यह परिवार न्याय से वंचित है। स्थानीय स्तर पर न तो प्रशासन सुन रहा है और न ही पुलिस, जिससे मजदूरों का शोषण खुलेआम जारी है।
यह मामला सिर्फ एक परिवार का नहीं, बल्कि उन सैकड़ों गरीब खेत मजदूरों की आवाज है जो हर साल मेहनत करते हैं, लेकिन फसल का फल कभी नहीं पाते। सवाल यह है कि क्या प्रशासन ऐसे मामलों पर संज्ञान लेगा, या गरीब मजदूर यूं ही अन्याय सहते रहेंगे?
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