दिल्ली/प्रतापगढ़:
दिल्ली के वजीराबाद इलाके से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे 18 वर्षीय छात्र सुमित मोर्या की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पुलिस ने मामले को आत्महत्या बताया है, लेकिन सुमित के पिता राम लखन मोर्या ने इसे एक साजिश और हत्या करार दिया है। उन्होंने थाना वजीराबाद, दिल्ली को लिखे प्रार्थना पत्र में बेटे की मौत की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
मामला क्या है?
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के ग्राम नेवाडी, जेठवारा निवासी सुमित मोर्या दिल्ली के वजीराबाद इलाके में किराए के कमरे में रहकर मुखर्जी नगर स्थित ऑनर्स कोचिंग सेंटर में पढ़ाई करता था।
दिनांक 9 अक्टूबर 2025 की रात लगभग 9:49 बजे, पड़ोस में रहने वाली महिला वर्षा ने सुमित के पिता को फोन कर बताया
“आपके बेटे सुमित ने फांसी लगा ली है।”
इस सूचना से परिवार में कोहराम मच गया। पिता ने तत्काल अपने भाईयों को वजीराबाद ट्रॉमा सेंटर भेजा, जहां सुमित का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा चुका था।
कमरे का ताला तोड़कर मिली लाश
महिला वर्षा ने बताया कि उसने दो-तीन लोगों की मदद से कमरे का दरवाजा तोड़ा और सुमित को फंदे से उतारकर नीचे लाकर अस्पताल ले गई।
लेकिन पिता के मन में सवाल उठे —
“जब दरवाजा अंदर से बंद था, तो वर्षा को इतनी जल्दी कैसे पता चला कि मेरे बेटे ने फांसी लगा ली?”
रात 10:30 बजे की कॉल ने बढ़ाया शक
राम लखन ने बताया कि जब उन्होंने वर्षा से पूछा कि उसके पास मेरा मोबाइल नंबर कहां से आया, तो उसने कहा —
“सुमित के मोबाइल का लॉक मेरे बेटे ने अंगूठा लगाकर खोला था।”
रात 3 बजे बात हुई ‘हर्षित सिंह’ से
रात करीब 3 बजे पिता ने दोबारा वर्षा को फोन किया, तो उसने बात हर्षित सिंह नाम के युवक से कराई।
हर्षित ने बताया कि सुमित की जान-पहचान भारती नाम की लड़की से थी, जो उसी कोचिंग सेंटर में पढ़ती थी। हर्षित ने कहा कि
“सुमित और भारती के बीच कुछ दिनों से फोन पर झगड़ा चल रहा था।”
चैट और सुसाइड नोट से खुला रहस्य
हर्षित ने सुमित के पिता को भारती और अपनी व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट भेजे।
राम लखन के अनुसार, उन चैट्स से साफ पता चलता है कि सुमित आत्महत्या नहीं कर सकता था।
साथ ही, सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग भी सुमित से मेल नहीं खाती, जिससे पिता का शक और गहरा गया।
“यह पूरा मामला एक साजिश है, मेरे बेटे को मारकर आत्महत्या का रूप दिया गया है।”
राम लखन मोर्या, पिता
पिता की मांग
राम लखन मोर्या ने अपने प्रार्थना पत्र में मांग की है कि—
1. सुमित की मौत की निष्पक्ष जांच की जाए।
2. भारती और हर्षित सिंह को पूछताछ के दायरे में लाया जाए।
3. सुसाइड नोट की फॉरेंसिक हैंडराइटिंग जांच कराई जाए।
4. दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
अब तक अनुत्तरित सवाल —
क्या सुमित ने वास्तव में आत्महत्या की या उसे मारकर लटकाया गया?
पड़ोसी महिला वर्षा को इतनी जल्दी जानकारी कैसे मिली?
सुमित के मोबाइल में क्या छिपे हैं राज़?
पुलिस ने शुरुआती जांच में क्या पाया?
परिवार में मातम, न्याय की गुहार
सुमित के पिता, मां और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
गांव में मातम पसरा है। पिता ने कहा —
“मेरा बेटा मेहनती और खुशमिजाज था, उसने कभी हार नहीं मानी। फिर वह अचानक ऐसा कदम क्यों उठाएगा?”
संलग्न साक्ष्य:
भारती और हर्षित की व्हाट्सएप चैट के स्क्रीनशॉट
संदिग्ध सुसाइड नोट की प्रति
ट्रॉमा सेंटर रिपोर्ट की कॉपी
अब देखना यह है कि वजीराबाद पुलिस इस रहस्यमयी मौत की तह तक जाकर सच्चाई सामने ला पाती है या नहीं।
मोर्या परिवार ने कहा —
“हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, जब तक सुमित की मौत की सच्चाई सामने नहीं आती।”
