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10 साल से चल रहा जमीन विवाद, अचानक घर ढहाया; परिवार बोला– “रिश्तेदारों की सांठगांठ, हमें 420 में फंसाया गया”

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सलेपाली (बालांगिर) में खरीदार ने बिना नोटिस तोड़ा मकान, 18 वारिसों वाली जमीन पर फर्जी सौदे का आरोप

बालांगिर/सलेपाली
ओडिशा के बालांगिर जिले में बुधवार को 10 साल पुराने जमीन विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। सलेपाली गांव में एक परिवार का मकान अचानक ढहा दिया गया। पीड़ितों का आरोप है कि विपक्षी पक्ष के संजय अग्रवाल, दीपक अग्रवाल, सोनू चौधरी और दो अज्ञात लोगों ने बिना किसी वैध अनुमति के उनकी जमीन बेच दी और कब्जा लेने के लिए घर तक तोड़ दिया। परिवार को शक है कि उनके ही कुछ रिश्तेदारों ने मोटी रकम लेकर इस अवैध सौदे में सांठगांठ की।

परिजनों का दावा– रिश्तेदारों ने मिलकर 3 दिसंबर को जमीन बेची, पैसा हड़प लिया
दिवंगत सुंदर गंडा के वारिसों ने बताया कि 3 दिसंबर 2025 को ईश्वर नंदा, आकाश नंदा, हरि नंदा, गुरु नंदा, सुशांतो नंदा, तुला कुमार और राजू दीप (जो बड़े भाई का बेटा बताया गया है) विरोधी पक्ष के साथ मिलकर सौदा करवाया और पूरे पैसे अपने पास रख लिए। परिवार का कहना है कि उन्हें इस सौदे की भनक तक नहीं लगने दी गई।

10 साल से कब्जा, RTI में रिकॉर्ड गायब—यहीं से बढ़ा शक
परिवार पिछले एक दशक से इस जमीन पर रह रहा था। RTI में चौंकाने वाला खुलासा हुआ—1970 के दो केस रिकॉर्ड (262/1970 और 223/1970) सब-डिवीजनल रिकॉर्ड रूम में उपलब्ध ही नहीं हैं। पीड़ितों का आरोप है कि इन्हीं रिकॉर्ड के गायब होने का फायदा उठाकर जमीन को अवैध तरीके से बेचा गया।

बिना नोटिस तोड़ा घर, परिवार खुली सड़क पर
परिजनों ने कहा कि सौदा होने के बाद खरीदार सीधे जेसीबी लेकर पहुंचे और बिना किसी नोटिस, अनुमति या अदालत के आदेश के मकान तोड़ दिया। इससे परिवार बेघर हो गया है और सर्द मौसम में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है। पीड़ित पक्ष इसे सोची-समझी 420 की धोखाधड़ी बता रहा है।

कानूनी वारिस प्रमाणपत्र भी बना विवाद का आधार
तहसीलदार, बालांगिर द्वारा जारी कानूनी वारिस प्रमाणपत्र में सुंदर गंडा के 18 वैधानिक वारिस दर्ज हैं। परिवार का कहना है कि जमीन बेचते समय न तो उनसे सहमति ली गई और न उनकी मौजूदगी में सौदा हुआ। ऐसे में पूरा दस्तावेज और सौदा फर्जी बताया जा रहा है।

पीड़ितों ने प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग की
परिवार ने कहा—“यह सिर्फ जमीन का मामला नहीं है, बल्कि हमारी 10 साल की मेहनत और इज्जत का सवाल है।”
उन्होंने पुलिस और प्रशासन से घर तोड़ने और जमीन का फर्जी सौदा करने वालों पर कार्रवाई की मांग की है। साथ ही रिकॉर्ड गायब होने की भी निष्पक्ष जांच की मांग की है।

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