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बस्ती में भ्रष्टाचार की बस्ती: 32 लाख खर्च, फिर भी पंचायत भवन अधूरा — पांच साल से लटका विकास का प्रतीक

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बस्ती/26 अक्टूबर:
जनपद बस्ती के विकास खंड रुधौली के ग्राम पंचायत डड़वा भइया में सरकारी विकास कार्यों में घोर लापरवाही और भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। पंचायत भवन के निर्माण पर करीब 32 लाख रुपये की धनराशि खर्च हो चुकी है, लेकिन पांच साल बीत जाने के बाद भी भवन अधूरा पड़ा है।

यह खुलासा वार्ड नंबर 10 के सदस्य विजयसेन चौधरी की शिकायत पर की गई जांच में हुआ है। विजयसेन ने मार्च 2025 में जिलाधिकारी को शपथ पत्र के साथ शिकायती पत्र देकर निर्माण कार्य में भारी अनियमितताओं की शिकायत की थी।

जांच में खुली पोल — पैसा निकला, काम अधूरा

शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी बस्ती ने जिला लेखा परीक्षा अधिकारी (सहकारी समितियां एवं पंचायत लेखा परीक्षा) और अवर अभियंता नलकूप खंड बस्ती की संयुक्त जांच समिति गठित की।
समिति ने 11 जुलाई 2025 को स्थल निरीक्षण किया और 28 अगस्त 2025 को जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की।

रिपोर्ट में पाया गया कि —

₹31 लाख की पूरी धनराशि आहरित कर ली गई, लेकिन भवन अधूरा पड़ा है।

दीवारों में बीम नहीं डाली गई, छज्जों की सरिया खुली दिखाई दी।

मुख्य गेट नहीं, बाउंड्रीवाल का प्लास्टर अधूरा, सीसीटीवी कैमरा व सोलर पैनल गायब।

खिड़कियां-प्लाई के दरवाजों की रंगाई-पुताई नहीं हुई।

बिजली वायरिंग के नाम पर ₹1.22 लाख का भुगतान हुआ, लेकिन न बिजली कनेक्शन है, न पंखे-बल्ब लगे हैं।

2 हैंडपंप लगाने के नाम पर ₹70,470 खर्च दिखाया गया, जबकि सिर्फ एक हैंडपंप अधूरा मिला।

जांच में यह भी सामने आया कि बिना कार्य कराए ही धनराशि निकाली गई। यह गंभीर वित्तीय गबन और भ्रष्टाचार का मामला है।

प्रधान और सचिव को जारी हुआ कारण बताओ नोटिस

जांच रिपोर्ट के आधार पर जिलाधिकारी बस्ती रवीश गुप्ता ने 8 सितंबर 2025 को ग्राम प्रधान श्रीमती दुर्गावती देवी और ग्राम विकास अधिकारी को 15 दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने के निर्देश दिए।
परंतु दो महीने बीतने के बावजूद किसी भी अधिकारी या प्रधान पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

सूचना का अधिकार अधिनियम में खुलासा — कार्रवाई ठप

सभासद विजयसेन चौधरी ने आरटीआई के माध्यम से जानकारी मांगी तो पता चला कि प्रधान को नोटिस जारी किया गया था, लेकिन जांच आगे नहीं बढ़ सकी।
विजयसेन ने कहा —

“सरकारी धन निकालकर अधूरा निर्माण कराना जनता के साथ धोखा है। मैंने कई बार शिकायत की, लेकिन अफसरों ने कोई कार्रवाई नहीं की। यह सीधा भ्रष्टाचार है।”

मुख्यमंत्री तक पहुंची शिकायत

विजयसेन चौधरी ने बताया कि उन्होंने इस मामले की लिखित शिकायत उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को भी बस्ती दौरे के दौरान सौंपी थी।

“पांच साल में अगर एक पंचायत भवन नहीं बन सका, तो गांवों में विकास की सच्चाई क्या होगी? जनता का पैसा हड़पकर अफसर और प्रधान चैन से बैठे हैं, यह बर्दाश्त नहीं होगा।”

गांव में रोष — कार्रवाई की मांग

ग्राम डड़वा भइया के ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत भवन की जगह अब सिर्फ अधूरा ढांचा खड़ा है।
ग्रामीणों ने कहा —

“हमने अपनी आंखों से देखा है, आधा काम हुआ और पूरा पैसा निकाल लिया गया। जिलाधिकारी खुद आकर देखें और दोषियों पर कार्रवाई करे।
क्या कहता है कानून?

उत्तर प्रदेश पंचायत राज (प्रधानी और सदस्यों का हटाया जाना) नियमावली 1947 के अनुसार,
यदि किसी प्रधान या सचिव पर वित्तीय अनियमितता सिद्ध होती है, तो उसकी सदस्यता रद्द की जा सकती है और गबन के मामले में मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।

लेकिन बस्ती जिले के इस मामले में जांच रिपोर्ट आने के बावजूद कार्रवाई ठप है।

विजय सेन ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि स्कूल में बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है और स्कूल का गेट है वह टूटा हुआ है और सारा ही काम अधूरा पड़ा हुआ है और स्कूल में खिड़की वह दरवाजे भी कई जगह नहीं लगे हुए हैं इसलिए विजयसेन मीडिया का सहारा लिया और कहां की इसे जल्द से जल्द ठीक करवाया जाए। और उन्होंने कहा कि जो मिड डे मील का भोजन होता है बच्चों को सिर्फ खाना दिया जा रहा है और उन्हें फल फ्रूट नहीं दिया जा रहा है। विजय सेन मीडिया को जानकारी देते हुए यह भी बताया कि प्राइमरी स्कूल है इसका प्लस्तर भी टूट कर गिर रहा है और लोहे के सरिये निकले हुए हैं परंतु फिर भी अध्यापक को यह दिखा दिया है कि परेशानी है परंतु कोई कार्यवाही नहीं हो रही। वह कई जगह शिकायत कर चुके हैं परंतु आज तक उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ।

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