Thursday, October 16, 2025
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समस्तीपुर: जमीन विवाद में आरोप-प्रत्यारोप तेज, अर्जुन राय ने अंचल अधिकारी से लगाई गुहार

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समस्तीपुर में ज़मीन विवाद ने लिया खतरनाक मोड़, अर्जुन राय ने सुरक्षा और CBI जांच की लगाई गुहार

समस्तीपुर: थाना सरायरंजन क्षेत्र के ग्राम बरुणा रसलपुर में जमीन विवाद ने गंभीर रूप ले लिया है। अर्जुन कुमार राय ने आरोप लगाया है कि हरेश कुमार सहनी व महेश कुमार सहनी ने उनके पूर्वजों की जमीन पर अवैध रूप से केबाला करा लिया है।

विवादित जमीन का विवरण

खेसरा संख्या 122 (6 कठा 8 धुर):
अर्जुन का दावा है कि इस जमीन में से हरेश कुमार सहनी (पिता जय किशुन सहनी) ने 2 कठा 2 धुर का केबाला विकास कुमार राय (पिता राम सागर राय) के नाम करा दिया है।

खेसरा संख्या 123:
हरेश ने आरोप लगाया है कि अर्जुन ने उनसे ₹3,68,000 (तीन लाख अड़सठ हजार रुपए) छोटा ब्याज पर लिया और इसके बदले यह जमीन दी। अर्जुन ने इस आरोप को पूरी तरह निराधार बताया है।

खेसरा संख्या 162:
अर्जुन का कहना है कि महेश कुमार सहनी ने इस खेसरे की 1 कठा 1 धुर जमीन का केबाला करवा लिया है।

पंचायत समिति पदाधिकारी पर भी सवाल

अर्जुन ने यह भी आरोप लगाया है कि हरेश और महेश के पिता जय किशुन सहनी पिछले 4 साल से पंचायत समिति पद पर कार्यरत हैं और पद के प्रभाव का इस्तेमाल कर परिवार पर दबाव बनाया जा रहा है।

प्रशासन से गुहार

अर्जुन कुमार राय ने अंचल अधिकारी, सरायरंजन से दाखिल-खारिज की प्रक्रिया रोकने की अपील की है और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

क्या है पूरा मामला

समस्तीपुर में ज़मीन विवाद ने लिया खतरनाक मोड़, अर्जुन राय ने सुरक्षा की लगाई गुहार!

थाना सरायरंजन क्षेत्र के ग्राम बरुणा रसलपुर में ज़मीन विवाद को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। गांव के निवासी अर्जुन कुमार राय (33) ने आरोप लगाया है कि पड़ोसी हरेश कुमार साहनी (26) और महेश कुमार साहनी (23) ने कई बार उन्हें व उनके परिवार को जान से मारने की धमकियां दी हैं। आरोप है कि विवाद के दौरान पिस्तौल तक तान दी गई।

अर्जुन राय ने पुलिस उपाधीक्षक समस्तीपुर, उपमहानिरीक्षक दरभंगा और मुख्यमंत्री को प्रार्थना पत्र भेजकर सीबीआई जांच और सुरक्षा की मांग की है।

पूर्वजों की जमीन पर कब्ज़े का आरोप

अर्जुन का कहना है कि उनके पूर्वजों की जमीन खेसरा संख्या 122, 162 और 164 में उनका कब्ज़ा है। लेकिन हरेश और महेश साहनी न केवल इस ज़मीन को बेचने की कोशिश कर रहे हैं, बल्कि अवैध कब्ज़ और लेन-देन भी कर चुके हैं।

धमकी और हमले की घटनाएं

शिकायत में 5 मई 2025, 1 सितंबर 2025 और 8 सितंबर 2025 की घटनाओं का ज़िक्र है। आरोप है कि 5 मई की सुबह और सितंबर में हुए विवाद के दौरान हरेश ने पिस्तौल निकालकर जान से मारने की धमकी दी। महेश और हरेश ने उनके घर के बाहर गाली-गलौज की, ईंट-बाँस से हमला करने की कोशिश की और अर्जुन की बहन निकी कुमारी पर भी हमला करने का प्रयास किया।

दबंगई और आपराधिक पृष्ठभूमि का आरोप

अर्जुन ने बताया कि आरोपी पहले से ही आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे हैं और स्थानीय स्तर पर दबंगई करते हैं। थाना स्तर पर कार्रवाई न मिलने पर उन्होंने अब उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है।

अर्जुन की मुख्य मांगें

1. विवादित ज़मीन के कागजात की जांच कर वास्तविक कब्ज़ा तय किया जाए।

2. हरेश और महेश के खिलाफ आपराधिक धाराओं में मामला दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए।

3. पूरे मामले की निष्पक्ष जांच सीबीआई या विशेष एजेंसी से कराई जाए और पीड़ित परिवार को सुरक्षा दी जाए।

फिलहाल थाना सरायरंजन और जिला पुलिस की ओर से इस मामले की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। अर्जुन ने आरोप लगाया है कि इलाके का कुख्यात अपराधी ‘7 बजे पुरबाहन’ उन पर झूठा ₹3.68 लाख का मामला भी थोप रहा है।

सीतापुर: शादी में उत्पीड़न और धमकियों के आरोप, पीड़िता ने पुलिस से की शिकायत

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सीतापुर, 30 सितंबर 2025 — पक्की मदिया निवासी पिंकू ने थाना मछरेहटा में शिकायत दर्ज कराई है कि उनकी शादी 12 जुलाई 2024 को मानषी के साथ हुई थी। शादी में दहेज, जेवर और अन्य व्यवस्था पूरी की गई थी, लेकिन अब विवाह के संबंध में विवाद उत्पन्न हो गया है।

शिकायत के अनुसार, विपक्षीगण संतोष कुमार, तिलक राम और अचल कुमार, जो पीड़िता के ससुर और जीजा हैं, मानषी की शादी कहीं और कराना चाहते थे। 5 जून 2025 को संतोष कुमार ने मानषी को विदा किया और कहा कि 15 दिन बाद उसे वापस लाया जाएगा।

हालांकि, 4 अगस्त 2025 को जब पिंकू विदाई के संबंध में पहुंचे, तो विपक्षीगण नाराज हुए और पीड़िता को वापस नहीं भेजने की धमकी दी। इसके बाद, समझौता कराने के लिए दोनों पक्षों को 3 अगस्त 2025 को मध्यस्थ लल्लन के घर बुलाया गया, लेकिन इस बैठक में भी विपक्षीगण मारपीट और गाली-गलौज करते हुए पिंकू और उसके पिता को धमकाया।

पीड़िता का आरोप है कि विपक्षीगण लगातार धमकी दे रहे हैं कि शादी दूसरी जगह कर देंगे और दहेज प्रताड़ना के मामले में पिंकू को फंसाया जाएगा। पिंकू ने पुलिस से प्राथमिकी दर्ज कर आवश्यक कार्यवाही की मांग की है।

पीड़िता का विवरण:
नाम: पिंकू
पिता: रामप्यारे
मोबाइल: 881022710

स्थान: पक्की मदिया, थाना मछरेहटा, जनपद सीतापुर

सड़क बंद कर गांव वालों का रास्ता रोका, ग्रामीणों में आक्रोश!

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सिंगरौली ज़िले ग्राम नादो जिला सिंगरौली थाना मंडा के उग्राम-नाको गांव में रास्ता बंद किए जाने से सैकड़ों लोगों का आना-जाना ठप हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि वे वर्षों से खेती और रोज़मर्रा की ज़रूरतों के लिए इसी खोरी मार्ग से मुख्य सड़क तक निस्तार करते आ रहे थे।

जानकारी के अनुसार, दिनांक 09 अगस्त 2025 को गांव के ही कुछ दबंग व्यक्तियों — बल्देव पिता अद्दू बेंगा, सिपाहीलाल वेगा और कमलेश पिता रामकृपाल शाह — ने लगभग 200 मीटर रास्ते को जबरन बंद कर दिया। इससे न केवल ग्रामीणों का खेतों तक पहुँचना मुश्किल हो गया है, बल्कि छोटे-छोटे बच्चे भी स्कूल नहीं जा पा रहे हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि यह रास्ता यादव बस्ती से मुख्य उम्यीय सड़क तक वर्षों से खुला था और इसमें कभी किसी ने रोक-टोक नहीं की। लेकिन अचानक रास्ता बंद कर देने से पूरा गांव संकट में आ गया है।

ग्रामीणों ने इसकी शिकायत 10 अगस्त 2025 को थाने में भी की थी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे लोगों में गहरा आक्रोश है।

गांव के एक किसान ने कहा –
“हम खेती-किसानी से परिवार का पेट पालते हैं। अब खेत तक पहुंचना भी मुश्किल हो गया है। बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है और बीमार मरीजों को भी परेशानी हो रही है।”

ग्रामीणों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि तत्काल बंद रास्ता खुलवाया जाए और दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। उनका कहना है कि यदि शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है और लोग प्रशासन की चुप्पी पर सवाल उठा रहे हैं।

लखनऊ में पीड़िता को जान से मारने की धमकी, कोर्ट में बयान देने से भी रोका

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लखनऊ में एक महिला ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि अंकित अग्रवाल मॉडल हाउस (पुत्र अनूप अग्रवाल) उसके घर पर आकर गाली-गलौज करने के साथ-साथ गन प्वाइंट पर जान से मारने की धमकी दे चुका है। पीड़िता के पिता को भी मार डालने की धमकी दी गई। आरोपी ने यह कहते हुए डराने की कोशिश की – “यह तो ट्रेलर है, अभी पूरी पिक्चर बाकी है, पुलिस भी कुछ नहीं कर पाएगी।”

पीड़िता 18 अगस्त को अदालत में अपना बयान दर्ज कराने गई थी, लेकिन अमरीश अग्रवाल के कुछ वकीलों की भीड़ ने मानसिक उत्पीड़न कर उस दिन उसे बयान नहीं देने दिया। बाद में पुलिस की मदद से उसने बयान दर्ज कराया।

महिला ने आरोप लगाया कि “अमरीश अग्रवाल की पत्नी और पिता आए दिन मुझे धमकाते हैं। उनके बाराबंकी में बड़े-बड़े वकील हैं, सीए की पत्नी जज हैं। 164 बयान देने दो फिर हम देख लेंगे, उन्होंने मुझे कहा कि तुम्हें डाक लगेगी। मुझे मारने के लिए नेपाल से सुपारी भी दी है।”

पीड़िता ने यह भी बताया कि इस साजिश में आरोपी के दोस्त सोड़ी, श्याम उर्फ विवेक गुप्ता भी शामिल हैं, जो पहले भी जेल जा चुके हैं।

पीड़िता ने आरोप लगाया कि जिस आरोपी की गिरफ्तारी हो चुकी है उसने मेरी बेटियों को जान से मारने की धमकी और बलात्कार करने जैसे धमकियां दी हैं और भविष्य में मुझे या मेरे परिवार को कुछ होता है तो इसके जिम्मेवारी यही उपरोक्त आरोपों होंगे।

पीड़िता ने पुलिस और प्रशासन से अपनी जान की सुरक्षा और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

क्या है पुरा मामला?

लखनऊ पुलिस ने महिला के साथ धोखाधड़ी और दुष्कर्म के आरोपी को गिरफ्तार किया

लखनऊ, 25 सितम्बर 2025: पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ की उत्तरी जोन और थाना जानकीपुरम की संयुक्त टीम ने महिला के साथ धोखाधड़ी कर पैसा हड़पने और दुष्कर्म करने के आरोपी को भारत-नेपाल सीमा के पास बहराईच जिले के थाना रूपईडीहा से गिरफ्तार किया।

घटना का संक्षिप्त विवरण:
दिनांक 27 जून 2025 को थाना अलीगंज में एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी कि आरोपी ने उसके साथ धोखाधड़ी कर पैसा हड़प लिया और जबरन शारीरिक संबंध बनाकर अश्लील फोटो व वीडियो वायरल करने की धमकी दी। इसके अलावा आरोपी ने मारपीट, गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी देते हुए गर्भपात करवा दिया। इस शिकायत पर थाना अलीगंज में मु0अ0सं0 159/2025 के तहत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया था।

सख्त कार्रवाई:
24 सितम्बर 2025 को प्रभारी निरीक्षक जानकीपुरम, श्री जितेन्द्र कुमार वर्मा के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। टीम ने सर्विलांस और जमीनी सूचना तंत्र की मदद से आरोपी अमरीश अग्रवाल (48 वर्ष, निवासी- 101/14 केशव बहादुर लेन, बरौनी खंदक, थाना अमीनाबाद, लखनऊ) को 21.45 बजे रूपईडीहा, बहराईच से गिरफ्तार किया। आरोपी को माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया गया।

अपराध का तरीका और उद्देश्य:
अभियुक्त ने महिला के साथ धोखाधड़ी और दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध को अंजाम दिया।

अभियुक्त का विवरण:

नाम: अमरीश अग्रवाल

पिता का नाम: अजय अग्रवाल

उम्र: 48 वर्ष

पता: 101/14 केशव बहादुर लेन, बरौनी खंदक, थाना अमीनाबाद, लखनऊ

व्यवसाय: व्यापार

पुलिस ने कहा कि आरोपी का आपराधिक इतिहास जांचा जा रहा है और अन्य थानों व जिलों से जानकारी ली जा रही है।

सड़क हादसे में युवक की मौत, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़ – प्रशासन से मदद की गुहार

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अमेठी (गौरीगंज), 27 सितंबर:
जिला अमेठी के थाना गौरीगंज क्षेत्र के निवासी रवि सोनकर (उम्र 23 वर्ष), पुत्र रामू सोनकर, की एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। यह हादसा 27 सितंबर की सुबह करीब 4:00 बजे उस समय हुआ जब रवि अपने बुआ के बेटे अजय सोनकर, पुत्र अशोक सोनकर, को रेलवे स्टेशन से लाने गए थे।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, स्टेशन के पास एक अज्ञात तेज रफ्तार गाड़ी ने रवि और अजय को जोरदार टक्कर मार दी। हादसा इतना भयानक था कि रवि सोनकर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अजय सोनकर गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस गाड़ी से एक्सीडेंट हुआ था, वह घटनास्थल से भागते हुए देखी गई थी, और कुछ लोगों ने यह भी दावा किया है कि गाड़ी को पकड़ लिया गया था, लेकिन इसके बावजूद अब तक न तो गाड़ी की पहचान हो सकी है और न ही पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई की गई है।

सीसीटीवी फुटेज है, फिर भी जांच धीमी

मामले में और भी चौंकाने वाली बात यह है कि हादसा जिस स्थान पर हुआ, वहां सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। इसके बावजूद अब तक पुलिस द्वारा कोई फुटेज खंगालने या अपराधी को पकड़ने की दिशा में सक्रिय प्रयास नहीं किया गया है।

पीड़ित परिवार का कहना है कि पुलिस प्रशासन की ओर से अब तक न तो कोई मदद मिली है और न ही उन्हें न्याय दिलाने की कोशिश की जा रही है।

परिवार पर टूटा दुख का पहाड़

रवि सोनकर परिवार का बड़ा बेटा था। उसकी चार बहनें और एक छोटा भाई है जिसकी उम्र महज 12 साल है। घर की आर्थिक जिम्मेदारी रवि के कंधों पर थी। अब उसकी असमय मृत्यु ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है।

परिजनों ने बताया कि 28 सितंबर को रवि की छोटी बहन की गोद भराई (गोद भरने की रस्म) थी, जो अब शोक में बदल गई है। रवि की मां, बहनें और पूरा परिवार बदहवास हैं। बहन ज्योति सोनकर, जो स्वयं विवाहिता हैं, का कहना है:

“जिस बेटे पर पूरा घर टिका था, वह अब नहीं रहा। परिवार अब बेसहारा हो गया है।”

प्रशासन से न्याय की मांग

परिवार और गांव के लोगों ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि:

1. घटना की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।

2. सीसीटीवी फुटेज को तत्काल जांच में लिया जाए।

3. हादसे में शामिल वाहन और चालक की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाए।

4. पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता और सरकारी मदद दी जाए।

अभी तक प्रशासन की चुप्पी

अब तक स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई बयान या सहायता नहीं मिली है। पीड़ित परिवार दर-दर भटक रहा है, लेकिन अभी तक न कोई मदद मिली है और न ही अपराधियों को पकड़ने की दिशा में कोई प्रगति दिखाई दे रही है।

निष्कर्ष:
यह हादसा न केवल एक युवक की असमय मृत्यु का मामला है, बल्कि प्रशासनिक उदासीनता और न्याय प्रणाली की सुस्ती का भी उदाहरण बनता जा रहा है। अगर समय रहते न्याय नहीं मिला, तो यह केवल एक परिवार ही नहीं, बल्कि समाज के लिए भी एक दुखद संदेश होगा।

लोकसभा राज्यसभा में अभी नया कानून बना जो भ्रष्टाचार मनीस्टर जेल गया वे किसी पद में नही रहेगा

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लोकसभा राज्यसभा में अभी नया कानून बना जो भ्रष्टाचार मनीस्टर जेल गया वे किसी पद में नही रहेगा, 30 दिन के अंदर इस्तीफा देना पडेगा जो कानून बनाया गया है उस कानून के दायरे में प्रधानमंत्री, सी.एम. और कोई भी मनीस्टर जिनके ऊपर भ्रष्टाचार साबित हो गया।

जो नता ने भ्रष्टाचार किया उनके लिये तो नया कानून बन गया आज देश में फर्जी डॉक्टर बिना डिग्री वाले हास्पिटलों में इलाज कर रहे है रोज मरीजों की मृत्यु हो रही है फर्जी डॉक्टरों के कारण आज तक कोई कड़ा कानून नही बना इन लोगो क लिये म०प्र० ने फर्जी डॉक्टरों के कारण सबसे ज्यादा मरीजो की मृत्यु हुई है, अभी कुछ महीना पहले दमोह में मेथन हास्पिटल मे नरेन्द्र यादव खुद को डॉक्टर एन. जोनकेम बनकर मरीजो का आपरेशन करता रहा सात मरीजो की मृत्यु हो गई जबलपुर में एक रेल्वे अधिकारी मनोज महावर अपनी माता जी को एडमिट किया सिटी मार्बल हास्पिटल जबलपुर में उनकी माता जी की मृत्यु हो गई वे बृजलाल के नाम से डिग्री लगाकर इलाज कर रहा था वे व्यक्ति दरअसल एक पेन्टर का कार्य करता रहा इसी सिटी हास्पिटल में कोरोनाकाल में नकली रेबेडेक्शन इंजेक्शन मरीजो को लगाया गया कई मरीजो की मृत्यु हो गई, सिटी हास्पिटल का डायरेक्टर सर्वजीत मोखा और कई हास्पिटल के लोगो को भी पुलिस प्रशासन ने गिरफ्तार किया, कुछ दिन बाद सबको न्यायलय से जमानत मिल गई क्योकि हास्पिटल में फर्जी डॉक्टर लोग फर्जी इलाज करने वाले हमारे भारत वर्ष में स्वास्थ्य चिकित्सालयों में फर्जी इलाज होने में कोई कडा कानून नही बना है। कोई भी व्यक्ति की मृत्यु हो जाये उस डॉक्टरो और हास्पिटल के प्रबंधक लोगो के ऊपर कोई कार्यवाही नही होती है, श्रीराम हेल्थ केयर सेन्टर हास्पिटल शहडोल म०प्र० वहां पर डायलिसिस होता रहा डायलिसिस गणेश कुशवाहा करता रहा, डायलिसिस के दौरान कई मरीजो की मृत्यु हो गई राजेश कुमार विशनदासानी वे अपने वाईफ का डायलिसिस कराता रहा श्रीराम हेल्थ केयर सेन्टर हास्पिटल में और डायलिसिस गणेश कुशवाहा करता रहा, राजेश कुमार की वाईफ की डायलिसिस के दौरान उनकी मृत्यु हो गई, और पोटैशियम नही निकाला फिर राजेश कुमार अपने स्तर पर पता लगाया तो उनको जानकारी मिली जो गणेश कुशवाहा डायलिसिस करता रहा वे जबलपुर हास्पिटलों में असिस्टेन्ट के रूप पर काम करता रहा और डायलिसिस की मशीनो की धुलाई सफाई करता रहा गणेश कुशवाहा काई योग्य व्यक्ति नही रहा, डायलिसिस करने में उसके पास न कोई डिग्री रही और ना डायलिसिस करने का कोई ज्ञान भी नही रहा, गणेश कुशवाहा के कारण मेरी वाईफ की जान चली गई फिर राजेश कुमार विशनदासानी ने जिला प्रशासन को शिकायत की गणेश कुशवाहा जो डायलिसिस करता है श्रीराम हास्पिटल में कई सालो से उनके पास न कोई डिग्री है और ना कोई ज्ञान है, कई मरीजो की मृत्यु हो गई कोई जांच कार्यवाही नही हो रही थी, राजेश कुमार ने कई जगह शिकायते की जिलाध्यक्ष ने स्वास्थ्य चिकित्सालय सी.एम.एच.ओ. को आदेश किया श्रीराम हास्पिटल की जांच की जाये फिर सी.एम.एच.ओ. ने नोटिस भेजा श्रीराम हास्पिटल को गणेश कुशवाहा की योग्यता संबंधित दस्तावेज कार्यालय में उपस्थित करें तीन दिवस के अंदर अधीनता आपके हास्पिटल का रजिस्ट्रेशन, पंजीकरण निरस्त करने की कार्यवाही की जाये, फिर गणेश कुशवाहा ने अपना कथन दिया कि मै श्रीराम हास्पिटल में डायलिसिस विभाग में सहायक के रूप पर कार्य करता हूं, जिला हास्पिटल शहडोल से कुशल टेक्निशियन गोपीलाल के द्वारा डायलिसिस का कार्य होता है फिर बाद में राजेश कुमार विशनदासानी ने माननीय उच्च न्यायालय के शरण में गया याचिका लगाई कि श्रीराम हास्पिटल में जो डायलिसिस होता रहा गणेश कुशवाहा करता रहा, श्रीराम हास्पिटल का प्रबंधक और गणेश कुशवाहा झूठा बयान कथन दिये है ये दोनो लोग कि डायलिसिस गोपीलाल करने आता है फिर माननीय उच्च न्यायलय ने आदेश किया सी.एम.एच.ओ. शहडाल को जो-जो जांचे की है श्रीराम हास्पिटल की तीन हफ्ते के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करें फिर गोपीलाल को प्रशासन के द्वारा सम्मन भेजा गया वह बहुत टेंशन तनाव में आ गया भागे-भागे फिर गोपीलाल राजेश कुमार से मिलने आया फिर गोपीलाल बोलने लगा मैने कुछ भी लिखपढ के दिया नही हूं हम परदेशी इंसान है कमाने खाने आया हूं फिर राजेश कुमार ने गोपीलाल से पूछा कि श्रीराम हास्पिटल में डायलिसिस करते हो बोला कि मै 2021 फरवरी से मशीन डाली है तभी से मै काम शुरू किया हूं, गोपीलाल अपने मुंह से चार बार बोला है 2021 फिर राजेश कुमार ने पूछा कि कभी इमरजेन्सी में गये हो फिर गोपीलाल ने जवाब दिया कि एक या दो बार गया हूं, फिर मैने बोला कि मेरे वाईफ का कभी डायलिसिस किये हो गोपीलाल बोला कि आज तो आपसे पहली बार मिल रहा हूं मानव अधिकार भोपाल से 14.03.2023 को श्रीराम हास्पिटल की जांच करने आये डिप्टी एस.पी. सुनील लाटा ने गोपीलाल को बोला कि तुमने अपना बयान राजेश कुमार को दिये हो कि मैं श्रीराम हास्पिटल में 2021 के पहले मै डायलिसिस का काम नही करता रहा, वीडियो में तुम्हारा बयान रिकार्डिंग है फिर गोपीलाल ने अपना बयान दिया मानव अधिकार डिप्टी एस.पी. सुनील लाटा को कि मै राजेश विशनदासानी से गोरतरा पेट्रोल पंप में मिला था उसने मेरा नाम पूछा राजेश बिशनदासानी ने बोला कि कभी मेरे वाईफ का डायलिसिस किये हो गोपीलाल ने बोला 2021 के पहले मैने डायलिसिस नही किया हूं, फिर डिप्टी एस. पो. सुनील लाटा को गोपीलाल ने बयान दिया मैने यह बोला हूं कि 2021 के पहले डायलिसिस नही किया हूं मुझे राजेश बिसनदासानी ने ऐसा कहने के लिये कहा था कि 2021 के पहले डायलिसिस नही किया हूं गोपीलाल पहला बयान दिया पुलिस डिप्टी एस.पी. सोनाली गुप्ता को 20.09.2021 को मुझे दिन तारीख याद नही है किन्तु स्मिता महिला का डायलिसिस किया था गोपीलाल ने पहले बयान में क्यों नही लिखवाया कि मैं राजेश जी से मिलने गया और बोला कि 2021 के पहले मैने डायलिसिस नही किया हूं उनके कहने पर मै बोला हूं डेढ साल के बाद ये मानव अधिकार को क्यों बयान दे रहा है, आयुक्त संभाग उपायुक्त राजस्व मिनिशा भगवती पाण्डेय आदेश के अनुसरण संयुक्त कलेक्टर अमिता गर्ग ने 22.05.2024 श्रीराम हास्पिटल की जांच की गोपीलाल का कथन लिया उसने कथन में बोल रहा है कि 22.07.2020 को डायलिसिस किया स्मिता का गोपीलाल से तीन प्रशासन अधिकारी लोग बयान ले चुके है हर बार बयान उसका अलग-अलग प्रकार का है मानव अधिकार के डिप्टी एस.पी. सुनील लाटा फरियादी के गवाहों का भी बयान लिया पांच गवाहों ने बयान दिया डायलिसिस होते समय श्रीराम हेल्थ केयर सेन्टर हास्पिटल में हमेशा जाते रहे मेडिसिन फ्रूट लेकर जाते रहे, हमेशा ही डायलिसिस गणेश कुशवाहा ही करता रहा हम लोग आज तक कभी गोपीलाल को देखे नही है 2021 के पहले और पहचानते भी नही है और कभी भी उसका नाम भी नही सुने रहे पूरा झूठ बोल रहा है गोपीलाल का लाई डिटेक्टिव करवाइये और जरूरत पडे तो नार्को टेस्ट भी करवाइये, गोपीलाल का टेस्ट करवाने का जो शासन प्रशासन का खर्चा होगा राजेश विशनदासानी देने को तैयार है मै प्रार्थी राजेश कुमार विशनदासानी मो0नं0-9406742211, 9425182578 मै सब लोगो से अपील कर रहा हूं इन्जियो और महिला संरक्षण सेवा केन्द्र और समाज सेवक, सोशल मीडिया इस मुद्दे पर फर्जी डॉक्टर लोगो के इलाज के दौरान देश में मरीजो की मृत्यु हो रही है ये बहुत गंभीर विषय का मुद्दा है, सबको एक साथ इनके खिलाफ आवाज उठानी है नेता मनीस्टर लोग जो सत्ता में है अपने विरोधी विपक्ष को उनका कैरियर खत्म करने के लिये अभी लोकसभा, राज्यसभा में नया कानून बना दिये जो आम नागरिक पब्लिक की फर्जी डॉक्टरो के कारण जो मृत्यु हो रही है उन फर्जी डॅक्टरो के लिये कोई कडा कानून नही बना रहे है कि उनको दण्ड मिले क्योकि नेता मनीस्टर लोगो का सरक्षण है, इसलिये फर्जी डॉक्टर और हास्पिटलों के ऊपर कार्यवाही नही होती है, श्रीराम हेल्थ केयर सेन्टर हास्पिटल के प्रबंधक और गणेश कुशवाहा इन दोनो को जेल न जाने के लिये हमारे विशनदासानी के डॉक्टर ने अहम भूमिका निभाई।

बिहार मदरसा बोर्ड के शताब्दी समारोह में हंगामा, शिक्षक संघ ने की F.I.R. की माँग

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पटना, 29 अगस्त 2025
बिहार स्टेट मदरसा एजुकेशन बोर्ड, पटना द्वारा आयोजित शताब्दी समारोह के दौरान 21 अगस्त 2025 को बापू सभागार में मचे हंगामे के खिलाफ अब “मदरसा शिक्षक कल्याण संघ, पटना” ने मोर्चा खोल दिया है। संघ के महासचिव मो० मुख्तार अहमद कासमी ने इस पूरे घटनाक्रम को गंभीरता से लेते हुए माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दो अलग-अलग पत्र लिखकर आरोपियों की पहचान, जांच और F.I.R. दर्ज करने की माँग की है।

क्या हुआ समारोह में?

21 अगस्त को आयोजित इस भव्य समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। समारोह के दौरान उन्होंने मदरसा शिक्षा और सरकार की योजनाओं पर अपने विचार साझा किए। लेकिन, जैसे ही उनका भाषण समाप्त हुआ, कुछ अज्ञात लोगों ने स्टेज के पास पहुँचकर नारेबाजी और अव्यवस्था फैलाना शुरू कर दिया, जिससे कार्यक्रम का माहौल खराब हो गया।

मुख्तार कासमी के अनुसार, यह हंगामा किसी “मुखालिफ ग्रुप” यानी विरोधी समूह की सुनियोजित साजिश का हिस्सा हो सकता है। उन्होंने आशंका जताई कि यह लोग वास्तव में मदरसों से नहीं जुड़े हैं और सरकार व मदरसा बोर्ड की छवि को नुकसान पहुँचाना चाहते हैं।

माँगें क्या हैं?

शिक्षक कल्याण संघ ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में निम्नलिखित माँगें रखी हैं:

1. घटना के दौरान स्टेज पर चढ़कर नारेबाजी करने वालों की पहचान की जाए।

2. CCTV फुटेज के जरिए दोषियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ F.I.R. दर्ज की जाए।

3. जिन लोगों ने खुद को मदरसों से जुड़ा बताया है, उनसे उनके संस्थानों के दस्तावेज माँगे जाएं, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि वे वास्तविक प्रतिनिधि हैं या नहीं।

4. ऐसे सभी मदरसों को निर्देश दिया जाए कि वे अपने कागजात मदरसा शिक्षक कल्याण संघ के पास जमा करें, जिससे पारदर्शिता बनी रहे।

बोर्ड की मेहनत पर पानी फिरा – 2459 मदरसों की फाइलें लटकीं

मुख्तार कासमी ने अपने पत्र में यह भी बताया कि बिहार मदरसा बोर्ड ने 2011 से 2022 तक कुल 2459 मदरसों की फाइलें तैयार कर शिक्षा विभाग को भेजी थीं, लेकिन इनमें से अधिकांश फाइलें या तो लंबित हैं या बिना किसी ठोस निर्णय के लौटा दी गईं।

वर्षवार आंकड़े:

वर्ष फाइलें भेजी गईं फाइलें लंबित/लौटी

2011–2013 550 345
2014–2015 737 128
2017–2020 564 –
2021–2022 130 –
कुल 1981+ अधिकांश लौटी या अटकी हुई

कासमी का आरोप है कि कई मदरसा संचालकों ने दलालों के जरिए पैरवी कराई और सरकार द्वारा अधिकृत प्रतिनिधियों की अनदेखी की, जिससे पूरे सिस्टम की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लग गया।

चेयरमैन पर लगे आरोप मनगढ़ंत – कासमी

पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि कार्यक्रम के दौरान बिहार मदरसा बोर्ड के चेयरमैन सलीम परवेज पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद और मनगढ़ंत हैं। कासमी ने कहा कि चेयरमैन ने पूरी संजीदगी के साथ मदरसों के मुद्दों को मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया और सरकार भी समाधान की दिशा में प्रयासरत है।

“समझदारी जरूरी, वरना फिर वही अंजाम होगा”

अपने पत्र के अंत में मुख्तार कासमी ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि मदरसों के जिम्मेदार लोग फिर से दलालों के जाल में फँसे, तो उन्हें फिर से नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने मदारिस से जुड़े लोगों से “ख्वाब-ए-गफलत से जागने” और समय रहते सही कदम उठाने की अपील की।

मुख्यमंत्री से जल्द कार्रवाई की अपील

अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस पूरे मामले पर क्या रुख अपनाते हैं। क्या हंगामा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी? क्या 2459 मदरसों की लंबित फाइलों को अब गति मिलेगी? ये सवाल फिलहाल चर्चा में हैं।

संपर्क:
मो० मुख्तार अहमद कासमी
महासचिव, मदरसा शिक्षक कल्याण संघ, पटना
मोबाइल: 8871022710

प्रशासन पर कार्रवाई न करने का आरोप: दिल्ली से 38 वर्षीय युवक लापता, परिवार में कोहराम

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नई दिल्ली, 29 सितम्बर।
दक्षिण-पूर्व दिल्ली के जैतपुर थाना क्षेत्र से 38 वर्षीय युवक के रहस्यमय ढंग से लापता होने का मामला सामने आया है। साई नगर, मीठापुर, बदरपुर निवासी मो. बक्रुद्दीन उर्फ बक्को पुत्र मो. इस्लाम 21 जुलाई की आधी रात करीब 12 से 1 बजे के बीच अचानक घर से गायब कर दिया गया और अब तक उनका कोई सुराग नहीं लग पाया है।

परिवार का आरोप

परिजनों ने आरोप लगाया कि 15 जुलाई को मोहल्ले के ही मुरसीद नामक व्यक्ति जबरन बक्रुद्दीन को दिल्ली लेकर गया था। इसके बाद मुरसीद के साथ तबीर, अम्मो, रियाजुल और कुद्दूस नामक व्यक्तियों ने युवक को नशा कराकर लापता कर दिया। परिवार का कहना है कि इस बारे में शिकायत करने के बावजूद प्रशासन और पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। दो महीने से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद भी युवक का कोई सुराग नहीं मिलना प्रशासन की निष्क्रियता को दर्शाता है।

गुमशुदा का हुलिया

नाम: मो. बक्रुद्दीन उर्फ बक्को

उम्र: 38 वर्ष

लंबाई: 5 फीट 3 इंच

रंग: सावला

चेहरा: गोल

कपड़े: काली टी-शर्ट, नीला लोअर

पैरों में: चप्पल

मानसिक स्थिति: सामान्य

पुलिस कार्रवाई

शिकायत दर्ज होने पर हेड कॉन्स्टेबल बलबीर सिंह ने मामला दर्ज किया और जांच की जिम्मेदारी एचसी राजेश (नं. 413/SE) को सौंपी गई है। लेकिन परिजनों का आरोप है कि जांच की गति बेहद धीमी है और किसी भी तरह की ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।

परिवार में शोक और आक्रोश

गली नंबर-1, साई नगर में परिजनों और स्थानीय लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है। मोहल्ले के लोग युवक की सुरक्षित वापसी की दुआ कर रहे हैं। वहीं परिजनों ने प्रशासन और पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर समय रहते कार्रवाई की जाती तो शायद युवक का पता चल जाता।

पुलिस की अपील

यदि किसी को मो. बक्रुद्दीन के बारे में कोई भी जानकारी मिले तो तुरंत नजदीकी थाने या जैतपुर पुलिस स्टेशन से संपर्क करें।

राजधानी दिल्ली में लगातार बढ़ती गुमशुदगी की घटनाओं ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

बस्ती में जमीन विवाद ने लिया खतरनाक रूप: दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर लगाए गंभीर आरोप

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बस्ती, 26 सितंबर 2025।
जनपद बस्ती के थाना दुबौलिया क्षेत्र के ग्राम नानकार में जमीन और रास्ते के विवाद ने खौफनाक रूप ले लिया है। विवाद ने अब मारपीट, जान से मारने की धमकी और लज्जा भंग जैसे गंभीर आरोपों का रूप ले लिया है।

तुलसीराम प्रजापति ने पुलिस अधीक्षक बस्ती को शिकायती पत्र देते हुए आरोप लगाया कि 1 अक्टूबर 2023 को उसकी पत्नी पूनम शौच के लिए गई थी, तभी हृदयराम की पत्नी प्रियंका और उनके पुत्र गोलू, विजय ने पूनम को घेरकर मारपीट की और गला दबाकर जान से मारने की कोशिश की। तुलसीराम के अनुसार, हृदयराम और रामदयाल ने पूनम को पुलिया के नीचे ले जाकर कथित रूप से गलत काम किया और विरोध करने पर उसके पैर पर लाठी से वार कर दिया, जिससे हड्डी टूट गई।

पुलिस उपनिरीक्षक चतुर्भुज पाठक ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच रास्ते को लेकर पहले से ही विवाद है। 2 मार्च 2023 को भी झगड़ा हुआ था, जिस पर थाना दुबौलिया में मुकदमा दर्ज किया गया था। अभियुक्तों के खिलाफ आरोपपत्र भी दाखिल हो चुका है।

वहीं, हृदयराम की पत्नी गायत्री देवी ने भी शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया कि 30 सितंबर 2023 को तुलसीराम और उसकी पत्नी पूनम ने उनके घर जाकर मारपीट की। उन्होंने दावा किया कि पूनम ने उनके गले से सोने की चेन छीन ली और साड़ी व ब्लाउज फाड़कर उनकी लज्जा भंग की। गायत्री देवी का कहना है कि पुलिस ने उनकी तहरीर पर मुकदमा दर्ज नहीं किया और उनका मेडिकल भी नहीं कराया।

मामला अब पुलिस अधीक्षक बस्ती तक पहुंच चुका है। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगा रहे हैं।

जतनपुर में बुनियादी सुविधाओं का संकट: सड़कें टूटी, नल सूखे, नालियाँ गंदगी से भरीं — CM हेल्पलाइन पर भी अटका समाधान

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रायसेन (मध्य प्रदेश) —
गौहरगंज तहसील के जतनपुर गाँव के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। गाँव की टूटी सड़कें, अधूरी नालियाँ और ठप पड़ी नल-जल योजना ग्रामीणों के लिए बड़ी मुसीबत बनी हुई हैं। गल सिंह मंडलोई पिता देव सिंह समेत ग्रामीणों ने कई बार शिकायत की, यहाँ तक कि CM हेल्पलाइन 181 पर भी गुहार लगाई, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।

सड़क पर मौत का खतरा

पिपलियागोली से जतनपुर तक की ग्रेवल सड़क पूरी तरह गड्ढों में बदल चुकी है। रोजाना वाहन फंसते हैं, स्कूली बच्चों और ग्रामीणों की जान पर बन आती है।

नालियों में गंदगी, बीमारी का अड्डा

गाँव की नालियाँ अधूरी पड़ी हैं और जहाँ बनी हैं वहाँ सफाई महीनों से नहीं हुई। गंदा पानी घरों के सामने बह रहा है, जिससे डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है।

नल-जल योजना ठप

“हर घर नल से जल” योजना के तहत पाइप और नल तो लगाए गए, लेकिन महीनों से पानी की एक बूंद तक नहीं आई। महिलाएँ आज भी कई किलोमीटर दूर से पानी ढोने को मजबूर हैं।

“एक साल से नल लगे हैं लेकिन पानी नहीं आया। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सब परेशान हैं।” — गल सिंह मंडलोई

प्रशासन ने टाली जिम्मेदारी

22 सितंबर 2025 को दर्ज शिकायत (CM हेल्पलाइन पर) में समाधान के बजाय जिम्मेदारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (RES) रायसेन पर डाल दी गई। अधिकारियों ने शिकायतकर्ता से फोन पर सहमति लेकर शिकायत विलोपित करने की बात कही, लेकिन ग्रामीणों को स्थायी समाधान नहीं मिला।

ग्रामीणों की मांग

1. जतनपुर मार्ग की तुरंत मरम्मत हो।

2. नालियों की सफाई और अधूरा निर्माण पूरा किया जाए।

3. नल-जल योजना की आपूर्ति शुरू हो।

4. अधिकारी मौके पर पहुँचकर स्थायी समाधान सुनिश्चित करें।

यह मामला साफ दिखाता है कि सरकारी योजनाएँ कागजों में चल रही हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत में ग्रामीण आज भी अंधेरे और संकट से जूझ रहे हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन जागेगा या जतनपुर के लोग इसी तरह परेशान होते रहेंगे।