Thursday, October 16, 2025
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Home Blog Page 6

मां-बाप से नाराज होकर घर छोड़ने निकला 15 वर्षीय किशोर, ट्रैफिक पुलिस ने दिखाई मानवता — समझाकर परिजनों से मिलवाया

0

पंचकूला, 7 अक्तूबर:
“दिन की पहचान, एक नेक काम” मुहिम के तहत पंचकूला पुलिस ने फिर पेश की संवेदनशीलता और मानवता की मिसाल। पुलिस कमिश्नर शिवास कविराज के मार्गदर्शन और डीसीपी क्राइम मनप्रीत सिंह सूदन के नेतृत्व में ट्रैफिक पुलिस के कर्मियों ने सराहनीय कार्य करते हुए एक 15 वर्षीय किशोर को उसके परिजनों से मिलवाया, जो मां-बाप से नाराज होकर घर छोड़ने की जिद पर अड़ा था।

जानकारी के अनुसार, 6 अक्टूबर की शाम करीब 7 बजे, ट्रैफिक ड्यूटी पर तैनात मुख्य सिपाही बलजीत सिंह और होम गार्ड संजीव को एक किशोर सड़क किनारे रोते हुए मिला। जब उन्होंने बच्चे से कारण पूछा तो उसने बताया कि वह अपने माता-पिता से किसी बात को लेकर नाराज है और घर छोड़कर जा रहा है।

पुलिस कर्मियों ने तुरंत उसे प्यार से समझाया और शांत किया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने बच्चे के माता-पिता से संपर्क कर उन्हें मौके पर बुलाया। तब तक दोनों पुलिसकर्मी बच्चे के साथ बने रहे और उसे समझाया कि घर छोड़ने से समस्याओं का हल नहीं निकलता — संवाद और आपसी समझदारी से ही हर कठिनाई सुलझाई जा सकती है।

कुछ देर बाद जब माता-पिता मौके पर पहुंचे, तो पुलिस कर्मियों ने दोनों पक्षों को समझाया कि घर के छोटे-मोटे मतभेद हर परिवार में होते हैं, जिन्हें बातचीत से ही दूर किया जा सकता है। अंततः बच्चे को सुरक्षित रूप से परिजनों के हवाले कर दिया गया।

इस घटना ने एक बार फिर साबित किया कि पंचकूला पुलिस केवल कानून-व्यवस्था बनाए रखने तक सीमित नहीं, बल्कि समाज में मानवीय संवेदनाओं और करुणा का संदेश देने में भी अग्रणी है।

ई खबर मीडिया के लिए हरियाणा स्टेट हेड देव दर्शन शर्मा की रिपोर्ट

खानपुर डांडी में बर्बर हमला: दीवार तोड़ी, 10 साल के मासूम पर बरसे लात घुसे – पीड़ित परिवार बोला, अब तक नहीं हुई कार्रवाई

0

सूरजपुर-जोहड़ा/प्रयागराज।
थाना-सर क्षेत्र के खानपुर डांडी गांव में 30 सितंबर 2025 की शाम एक शांतिप्रिय परिवार पर दबंगों ने हमला कर दहशत फैला दी। ई-रिक्शा चालक श्याम पुत्र स्वर्गीय सुखलाल उर्फ चुन्नीलाल ने बताया कि घटना के समय वह काम के सिलसिले में घर से बाहर थे और घर में केवल उनका 10 वर्षीय बेटा मौजूद था।

श्याम ने मीडिया को बताया कि परसिंदे उर्फ राजितराम पुत्र लोहरी, नगिना देवी पत्नी बरखिंडे उर्फ़ राजितराम, सूरज पुत्र जवाहिर और सरिता देवी पत्नी शैलेश ने अचानक घर पर हमला बोल दिया। आरोपियों ने पहले चारदीवारी तोड़ी और फिर गाली-गलौज करते हुए श्याम के बेटे पर लात घुसो से वार किया, जिससे बच्चा मामूली रूप से घायल हो गया।

श्याम ने बताया, “जब मैंने फोन पर सूचना पाई तो तुरंत डायल 112 को कॉल किया। पुलिस मौके पर पहुंची और केस को चौकी में रेफर कर दिया, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। हम न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं।”

पीड़ित ने यह भी कहा कि राजेश राम ने उनके भाई की चाबी तोड़ दी, और पूरी घटना सुनियोजित प्रतीत होती है।

प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल

गांव के लोगों का कहना है कि पुलिस और प्रशासन की निष्क्रियता के कारण दबंगों का हौसला बढ़ा हुआ है। श्याम ने जिलाधिकारी प्रयागराज को लिखित शिकायत देकर न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि यदि उनके या उनके परिवार के साथ कोई अनहोनी होती है तो उसकी जिम्मेदारी इन्हीं आरोपियों की होगी।

ग्रामीणों में दहशत

घटना के बाद से गांव में भय और तनाव का माहौल है। ग्रामीणों ने कहा कि यह कोई सामान्य झगड़ा नहीं बल्कि सुनियोजित हमला था। अब सबकी नज़रें थाना-सर पुलिस पर हैं — क्या वे इस निर्दोष परिवार को न्याय दिला पाएंगे या यह मामला भी कागज़ों में दबकर रह जाएगा?

पीड़ित परिवार ने मीडिया के माध्यम से गुहार लगाई है कि दबंगों के ऊपर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए और हमें जल्दी से जल्दी न्याय मिलना चाहिए।

लाठी-डंडों और तलवारों से हमला, पूरे परिवार को पीटा — पुलिस ने नहीं दर्ज की रिपोर्ट

0

दनकौर (गौतमबुद्धनगर)।
दनकौर थाना क्षेत्र के डेरीखूवन गांव में बुधवार सुबह आपसी रंजिश में एक परिवार पर करीब दर्जनभर लोगों ने लाठी-डंडों और तलवारों से हमला कर दिया। इस हमले में परिवार के तीन सदस्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को पहले काशीराम अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां से हालत नाजुक देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्राम डेरीखूवन निवासी सद्दाम पुत्र जलील ने बताया कि उनके पड़ोसी परिवार से पहले से ही रंजिश चली आ रही है। घटना की शुरुआत उस वक्त हुई जब विपक्षी पक्ष का एक नाबालिग बच्चा उसकी बकरी पर पत्थर मार रहा था। इस पर सद्दाम के माता-पिता विरोध जताने विपक्षी के घर पहुंचे। इसी बात से नाराज होकर अगले दिन सुबह करीब 7 बजे पप्पू पुत्र छिवदी, अकरम पुत्र छिवदी, इमरान पुत्र फ्यू, इसरार पुत्र पप्पू, ममता पुत्र पप्पू, शमीम पत्नी पप्पू, अफसान पुत्र पप्पू और भन्नू पुत्र छिवदी सहित 10–15 लोग हथियारों से लैस होकर सद्दाम के घर में घुस आए।

आरोप है कि हमलावरों ने गाली-गलौज करने के बाद जानलेवा हमला कर दिया। सद्दाम के मुताबिक, “उन्होंने मेरे माता-पिता और बहन पर लाठी-डंडों और फरसों से हमला किया। सभी को गंभीर चोटें आई हैं।”

पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि मामले की शिकायत लेकर जब वे थाना दनकौर पहुंचे, तो पुलिस व चौकी फॉर्मूला 1 इंचार्ज सौरभ ने न सिर्फ रिपोर्ट दर्ज करने से इनकार कर दिया बल्कि उन्हें धमकाकर भगा दिया।

सद्दाम ने अपर पुलिस उपायुक्त ग्रेटर नोएडा से मामले की निष्पक्ष जांच और हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

थाने में भी सुरक्षित नहीं रहीं वंदना — पति धमकी दे रहा, पर वह फिर भी ससुराल में रुकी हुई है

0

जांजगीर चांपा जिला, गांव नरियारा

जिस बहू को उसके ही ससुराल वालों ने पहले ज़हर पिला कर मारने की कोशिश की, वही अब थाने के बाहर और थाने के अंदर भी सुरक्षित नहीं रह सकी। 29 वर्षीय वंदना राठौर जब 6 अक्टूबर को अपने बयान के लिए स्थानीय थाने पहुंची, तो ससुराल के कुछ लोगों ने पुलिस की मौजूदगी में ही उसके साथ गाली‑गलौज और धक्का‑मुक्की की। इस दौरान वंदना की तबियत बिगड़ी और उसे पामगढ़ अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

मामले को और गंभीर मोड़ तब मिला जब वंदना के पति ने धमकी दी कि अगर उसने पुलिस में शिकायत कायम रखी तो वह जहर खाकर न केवल खुद को, बल्कि वंदना के मायके वालों को भी फँसा देगा। परिजन व थाना आने वाले लोगों का कहना है कि पति का यह बयान वंदना के लिए और भी भयावह है — वंदना के साथ उसका छोटा बच्चा भी है और वह कहती है कि वह “अपने ससुराल में ही रहेगी”। यह स्थिति वंदना की सुरक्षा और मानसिक दबाव दोनों के लिए चिंता का कारण बनी हुई है।

डर के साये में घर — बच्चे के सामने मजबूरी

वंदना के मायके वालों का कहना है कि बेटी पहले भी जानलेवा हालत से उभरी है। 24 अगस्त को कथित रूप से सास सीताबाई राठौर, ससुर सनत कुमार राठौर और देवर मनोज राठौर ने उसे पीटकर ज़हर पिलाया था। तब वंदना गंभीर हालत में अकलतरा और फिर बिलासपुर के श्रीराम केयर अस्पताल की ICU में लगभग 10 दिन रहीं। ठीक होने के बाद वह मायके गई थी, लेकिन परिस्थितियाँ इतनी भयावह रहीं कि वह फिर भी ससुराल में रहना चाहती है — हो सकता है बच्चे या सामाजिक‑पारिवारिक दबाव के कारण। परिजन कहते हैं कि पति व ससुराल वाले लगातार वंदना पर दबाव बना रहे हैं।

परिजन‑पुलिस संघर्ष — प्रशासन की कार्यवाही पर सवाल

वंदना के परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि शिकायत के बावजूद मुख्य आरोपित — सीताबाई, सनत कुमार और मनोज राठौर — अब भी फरार हैं और कुछ ससुराल वाले उनकी मदद कर रहे हैं। वहीं थाना प्रभारी का कहना है कि “मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है, आरोपियों की तलाश जारी है और CCTV फुटेज की जाँच की जा रही है”। परिजन इस आश्वासन से संतुष्ट नहीं हैं और मांग कर रहे हैं कि प्रशासन तुरंत वंदना और उसके बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित करे।

वंदना की बहन अंजना राठौर ने चेतावनी दी —
“पहले मेरी बहन को ज़हर दिया गया, वह 10 दिन ICU में रही। अब थाने में ही हमला हुआ। आरोपी खुले घूम रहे हैं। अगर अब मेरी बहन को कुछ हुआ तो इसकी जिम्मेदारी पुलिस और प्रशासन की होगी।”

गांव में दहशत — महिला सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह

नरियारा और आसपास के गांवों में लोगों में बेचैनी और डर है। ग्रामीण पूछ रहे हैं — “अगर थाने में ही महिला सुरक्षित नहीं है, तो और कहाँ सुरक्षित रहेगी?” बच्चे‑महिला सुरक्षा, FIR दर्ज होने के बाद सक्रिय गिरफ्तारी और थाने के भीतर सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।

24 अगस्त: वंदना पर कथित हमला और जबरन ज़हर पिलाने का आरोप

अगस्त‑सितंबर: गंभीर हालत में अकलतरा व श्रीराम केयर (बिलासपुर) में लगभग 10 दिन ICU भर्ती

18 सितंबर: वंदना ने लिखित शिकायत दर्ज कराई

6 अक्टूबर: बयान के लिए थाने पहुंचने पर ससुराल वालों ने थाने परिसर में ही मारपीट; वंदना की तबीयत फिर बिगड़ी — पामगढ़ अस्पताल में भर्ती

तत्काल स्थिति: मुख्य आरोपी फरार; परिजनों का आरोप है कि अन्य सदस्य आरोपियों को छिपा रहे हैं; पति द्वारा धमकी — “मैं जहर खाकर तुम्हारे घर वालों को फ़ँसा दूँगा”

परिजन‑प्रशासन से माँगे (तत्काल)

परिजनों और गांववासी निम्नलिखित कदम तुरंत उठाने की मांग कर रहे हैं:

1. वंदना और उसके शिशु के लिए तात्कालिक सुरक्षा और सुरक्षित आवास की व्यवस्था।

2. फरार आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारियाँ और उनके ठिकानों की खोज।

3. थाने परिसर में हुई मारपीट की जिम्मेदारी तय करने हेतु CCTV फुटेज की निष्पक्ष जाँच और सार्वजनिक स्पष्टीकरण।

4. पीड़िता का सुरक्षित व भयमुक्त बयान दर्ज कराने के लिए महिला सुरक्षा अधिकारी/वकील की व्यवस्था।

परिवार न्याय की दृढ़ माँग कर रहा है। गांव में भय का माहौल बढ़ रहा है और वंदना की ससुराल में रहने की स्थिति, पति की धमकी और आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से सुरक्षा‑चिंता तीव्र हो गई है। परिजन चेतावनी दे रहे हैं कि यदि वंदना व उसके बच्चे को कोई अनहोनी हुई तो उसकी पूरी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन व पुलिस की होगी

कफ सिरप कांड: CM मोहन ने डिप्टी ड्रग कंट्रोलर और ड्रग इंस्पेक्टर को सस्पेंड किया, कांग्रेस को एंडरसन की याद दिलाई

0

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में किडनी फेलियर से अब तक 14 बच्चों की मौत हो गई है। इसके बाद सरकार ने शनिवार को ‘कोल्ड्रिफ’ सिरप की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। अब इस कफ सिरप कांड में सीएम मोहन यादव ने सख्त एक्शन लेते हुए प्रदेश के ड्रग कंट्रोलर को पद से हटा दिया है। इसके साथ ही सीएम मोहन यादव ने डिप्टी ड्रग कंट्रोलर और ड्रग इंस्पेक्टर को सस्पेंड भी कर दिया है। कांग्रेस के आरोपों पर सीएम मोहन यादव ने कहा है कि कांग्रेस ने एंडरसन जिसके सिर पर 10000 लोगों को मौत की हत्या का आरोप था उसे भगाने का पाप किया था।

क्या बोले सीएम मोहन?
सीएम मोहन यादव ने कहा- “कफ सिरप की घटना के कारण से बच्चों की दुखद मृत्यु हुई। मैं स्वयं छिंदवाड़ा जिले के परासिया के न्यूटन गांव में भी आया हूं। जैसे ही जानकारी आई तुरंत जितना हो सकता है प्रशासन के माध्यम से मदद की गई। आज भी हमने ड्रग कंट्रोलर को हटाने का का काम किया है। डिप्टी ड्रग कंट्रोलर जिनकी जवाबदेही थी उन्हें सस्पेंड किया है। इंस्पेक्टर को भी सस्पेंड किया है। जिस कंपनी से यह माल बन कर आया है कंपनी के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। तमिलनाडु सरकार से कहा गया है कि कठोर कार्रवाई करें और उन्होंने भी सारे प्रोडक्ट बंद कर दिए हैं। मूल रूप से तमिलनाडु की जिस फैक्ट्री में जिस परिस्थिति में यह बन रहा था, मुझे बताया गया है कि वह अमानक तौर पर स्टोर कर रही थी। हमने वहां की सरकार से कहा और सरकार संज्ञान में आई, सारे प्रोडक्ट को बैन किया है।”

कांग्रेस पर भड़के मोहन यादव
सीएम मोहन यादव ने कहा- “हमने कहा है कि हर दवाई फैक्ट्री की हमारे यहां जांच और रेंडम तरीके से जांच हो। कोई भी कंपनी किसी भी राज्य से आए लेकिन हमारे अधिकारी भी इसकी चिंता करें। मैं पीड़ित परिवार के साथ हूं। हम दुख की घड़ी में संवेदनशीलता के साथ तमाम परिवारों के साथ हैं। प्रशासन पूरी मदद करेगा। कांग्रेस के पास सिवाय आरोप लगाने के बोलने के कुछ नहीं है। कांग्रेस के शासनकाल में एंडरसन जिसने 10000 लोगों की जान ली, उसे भगाने का पाप उसके सिर पर है। 40 साल हो गए कांग्रेस की सरकार ने कभी संवेदनशीलता नहीं दिखाई। अब सत्ता को ढूंढने के प्रयास में हल्के हथकंडे अपना रहे है। यह हथकंडे चलेंगे नहीं।”

सीएम मोहन यादव ने कमलनाथ परिवार के अब तक ना आने पर भी बयान दिया। उन्होंने कहा- “कांग्रेस को संवेदनशीलता दिखाते हुए, नाथ परिवार को भी चिंता करनी चाहिए। वर्षों से वह यहां रहे, कांग्रेस को अपना चरित्र देखना चाहिए।”

अस्पताल से रहस्यमय ढंग से लापता हुआ व्यक्ति, परिजनों में हड़कंप

0

जयपुर/करौली।
करौली जिले के रहने वाले भगवानसिंह पन्नूराम जाटव बीते 8 सितंबर 2025 से अचानक रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गए हैं। परिजनों के अनुसार वे जयपुर स्थित SMS हॉस्पिटल इलाज के लिए आए थे, लेकिन उसी दौरान अचानक गायब हो गए। इसके बाद से उनका कोई सुराग नहीं लग पाया है।

परिजनों ने बताया कि भगवानसिंह जाटव (उम्र लगभग …45 वर्ष) इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती थे। आखिरी बार उन्हें अस्पताल के वार्ड परिसर में देखा गया था। उसके बाद से उनकी कोई जानकारी नहीं मिली। परिवारजन का कहना है कि उन्होंने हर संभव जगह तलाश की लेकिन अब तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी।

परिवार ने जताई आशंका
परिजनों का आरोप है कि इतनी भीड़भाड़ वाले अस्पताल से किसी का अचानक गायब हो जाना गंभीर सवाल खड़े करता है। परिवार ने इसे पुलिस और प्रशासन की लापरवाही बताते हुए तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

थाना पुलिस ने शुरू की जांच
गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि अस्पताल और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। वहीं, परिजनों ने मुख्यमंत्री और उच्चाधिकारियों से भी मदद की गुहार लगाई है।

फोन नंबर जारी
परिवार ने अपील की है कि अगर किसी को भी भगवानसिंह जाटव के बारे में कोई जानकारी मिले तो कृपया तुरंत इस नंबर पर संपर्क करें:
संपर्क – 8871022710

8 सितंबर से अब तक लापता
लगातार करीब एक महीने से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी कोई खबर न मिलने से परिजनों की चिंता बढ़ गई है। परिजन अब सोशल मीडिया और स्थानीय अखबारों के माध्यम से भी मदद मांग रहे हैं।

लोगों से अपील
भगवानसिंह जाटव के लापता होने की खबर ने इलाके में सनसनी मचा दी है। प्रशासन से अपील है कि इस मामले में तुरंत विशेष टीम गठित कर तलाश तेज की जाए।

“भीड़भाड़ वाले SMS अस्पताल से एक व्यक्ति का गायब हो जाना बड़ी लापरवाही का संकेत है। आखिर जिम्मेदार कौन?”

कर्नलगंज में दहेज की आग में झुलसी मनीषा गोस्वामी की मौत, भाई राहुल गोस्वामी ने लगाई न्याय की गुहार

0

पति, ससुर, सास और ननद पर लगाया हत्या और दहेज उत्पीड़न का आरोप

कर्नलगंज (गोंडा)।
कर्नलगंज क्षेत्र से दहेज उत्पीड़न का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। पांच अक्टूबर की सुबह करीब 9 से 10 बजे के बीच 22 वर्षीय मनीषा गोस्वामी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मायके पक्ष का आरोप है कि ससुराल वालों ने उसे दहेज के लिए इतना प्रताड़ित किया कि उसकी जान चली गई।

मृतका की मां भरैला देवी, निवासी ग्राम जगता जरलपुर, थाना हुजूरपुर, जिला बहराइच ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि उन्होंने अपनी बेटी मनीषा की शादी 14 दिसंबर 2022 को विनय गोस्वामी पुत्र संजय गांधी, निवासी ग्राम टेपरा कुँवरपुर अमरहा से की थी। शादी में अपनी हैसियत के अनुसार दान-दहेज देने के बावजूद ससुराल वाले अपाचे बाइक और ₹50,000 की अतिरिक्त मांग कर रहे थे।

भरैला देवी ने बताया कि जब उन्होंने यह रकम देने से मना किया तो उनकी बेटी को आए दिन पति विनय गोस्वामी, ससुर संजय गांधी, सास मलहरा देवी और ननद नीतू शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने लगे।

5 अक्टूबर की सुबह मनीषा ने अपनी मां से फोन पर बात करते हुए बताया कि उसे बहुत परेशान किया जा रहा है। तभी पति विनय ने फोन छीन लिया और झगड़ा शुरू कर दिया। इसके कुछ ही समय बाद फोन से सूचना मिली कि “आपकी बेटी मर चुकी है।”

परिवार के पहुंचने से पहले ही ससुराल पक्ष घर छोड़कर फरार हो गया। मृतका का शव घर के अंदर फंदे से लटका मिला। परिजनों का आरोप है कि हत्या के बाद साक्ष्य मिटाने के लिए मनीषा को फांसी पर लटकाया गया उसके बाद उसे सरकारी अस्पताल के बाहर उसकी लाश को छोड़कर वह लोग वहां से भाग गए।

सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मामले की जांच जारी है, लेकिन अभी तक किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

मनीषा के भाई राहुल गोस्वामी ने कहा —

“मेरी बहन को दहेज के लिए मारा गया है। हम प्रशासन और सरकार से मांग करते हैं कि आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए, ताकि किसी और बेटी के साथ ऐसा अन्याय न हो।”

सूत्र: भरैला देवी, ग्राम जगता जरलपुर, थाना हुजूरपुर, जिला बहराइच
मोबाइल: 6394356288

इसी हफ्ते खुलेगा आईपीओ- चेक करें प्राइस बैंड, अलॉटमेंट डेट और बाकी जरूरी डिटेल्स

0

केनरा रोबेको एसेट मैनेजमेंट कंपनी का आईपीओ इसी हफ्ते गुरुवार, 9 अक्टूबर को सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा। ये आईपीओ अगले हफ्ते सोमवार, 13 अक्टूबर को बंद होगा। केनरा रोबेको ने अपने आईपीओ के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले प्रत्येक शेयर के लिए 253-266 रुपये का प्राइस बैंड फिक्स किया है। प्राइस बैंड के अपर रेंज के हिसाब से कंपनी की वैल्यूएशन करीब 5,300 करोड़ रुपये आंकी गई है। केनरा रोबेको इस आईपीओ से 1,326.13 करोड़ रुपये जुटाना चाहता है, जिसके लिए कुल 4,98,54,357 शेयर जारी किए जाएंगे। ये सभी शेयर ओएफएस के जरिए जारी किए जाएंगे और इस आईपीओ में एक भी फ्रेश शेयर नहीं होगा।केनरा रोबेको में केनरा बैंक की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी
केनरा रोबेको के आईपीओ में एंकर इंवेस्टर्स 8 अक्टूबर को बोली लगा पाएंगे। OFS (ऑफर फॉर सेल) के जरिए कंपनी के प्रोमोटर केनरा बैंक 2.59 करोड़ शेयर और ओरिक्स कॉर्पोरेशन यूरोप एनवी (जिसे पहले रोबेको ग्रुप एनवी के नाम से जाना जाता था) 2.39 करोड़ शेयर बेचेंगे। बताते चलें कि केनरा रोबेको में केनरा बैंक की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि बाकी हिस्सेदारी ओरिक्स कॉर्पोरेशन के पास है। ये एक मेनबोर्ड आईपीओ होगा, जो भारतीय शेयर बाजार के दोनों प्रमुख एक्सचेंज बीएसई और एनएसई पर लिस्ट होगा।

शेयर बाजार में कब लिस्ट होगी कंपनी
रिटेल इंवेस्टर्स इस आईपीओ में हिस्सा लेने के लिए कम से कम 14,896 रुपये का निवेश करना होगा, जिसमें उन्हें 1 लॉट में 56 शेयर दिए जाएंगे। रिटेल निवेशक अधिकतम 1,93,648 रुपये में 13 लॉट के लिए बोली लगा सकते हैं, जिसमें उन्हें 728 शेयर मिलेंगे। 13 अक्टूबर को आईपीओ बंद होने के बाद मंगलवार, 14 अक्टूबर को शेयरों का अलॉटमेंट किया जा सकता है। 15 अक्टूबर को निवेशकों के डीमैट अकाउंट में शेयर क्रेडिट कर दिए जाएंगे और आखिर में गुरुवार, 16 अक्टूबर को केनरा रोबेको एसेट मैनेजमेंट कंपनी घरेलू शेयर बाजार में लिस्ट हो जाएगी।

सीएम मोहन यादव ने असम में उद्यमियों से की मुलाकात, बोले- ‘निवेश के लिए सबसे उपयुक्त है मध्य प्रदेश’

0

असम की राजधानी गुवाहाटी में इन्टरेक्टिव सेशन ऑन इन्वेस्टमेंट अर्पोच्यूनिटीज इन मध्यप्रदेश कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में असम के कई बड़े उद्यमी भी शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव ने उद्यमियों से मध्य प्रदेश में निवेश करने का आग्रह किया।
भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश, देश का दिल है। नदियों के मायके और बाघों की सहज दृश्यता वाली ये वो पवित्र धरती है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण ने अपना बचपन बिताया और शिक्षा-दीक्षा भी प्राप्त की। मध्यप्रदेश और असम का 5 हजार साल पुराना संबंध है। इतिहास में श्रीकृष्ण और माता रूक्मणी प्रसंग में मध्यप्रदेश और असम आपस में जुड़े हैं। बावन शक्तिपीठों में से एक देवी कामाख्या शक्तिपीठ असम की धरती पर है और मध्यप्रदेश में कालों के काल बाबा महाकाल विराजमान हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश ह्रदय प्रदेश होने के साथ आज देश का सबसे उपयुक्त निवेश प्रदेश है। मध्यप्रदेश की देश में केंद्रीय स्थिति, भरपूर बिजली-पानी, कुशल श्रमशक्ति और उत्कृष्ट लॉजिस्टिक्स सुविधाओं से हमारा राज्य उद्योग स्थापना के लिए देश का आइडियल डेस्टिनेशन बन चुका है। मध्यप्रदेश की देश के प्रमुख शहरों से बेहतरीन कनेक्टिविटी भी निवेशकों को अतिरिक्त लाभ देती है। मध्यप्रदेश में निवेश हर मायने में फायदे का सौदा है। उन्होंने असम राज्य के उद्योगपतियों और निवेशकों से आग्रह किया कि वे मध्यप्रदेश में उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाएं और यहां अपने उद्योग एवं निर्माण इकाइयां स्थापित करें। सरकार हर कदम पर निवेशकों को पूरा सहयोग और आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध कराएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि निवेशक कोई रोजगार आधारित उद्योग लगाते हैं, तो हमारी सरकार बिजली, पानी, कनेक्टिविटी की सुविधा के साथ श्रमिकों के वेतन के लिए 5000 रुपए प्रति श्रमिक की सब्सिडी भी देगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रविवार को गुवाहाटी के एक निजी होटल में ‘इन्टरेक्टिव सेशन ऑन इन्वेस्टमेंट अर्पोच्यूनिटीज इन मध्यप्रदेश’ में असम राज्य के उद्योगपतियों और निवेशकों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अन्य अतिथियों के साथ दीप प्रज्ज्वलन कर इस सेशन का शुभारंभ किया।

रामापुर बाजार में कारीगरों का कमाल – प्रो. जसवंत कुमार की ‘स्पेशलिस्ट टीम’ से हर घर होगा चमचमाता!

0

गोण्डा, 6 अक्टूबर।
रामापुर बाजार (बिरवा घाट) में इन दिनों एक टीम अपने मेहनत, ईमानदारी और हुनर से लोगों का दिल जीत रही है। बात हो रही है विल्डिंग एवं टाइल्स स्पेशलिस्ट प्रो. जसवंत कुमार और उनकी कुशल कारीगरों की टीम की, जो हर तरह के राजगीरी और निर्माण कार्य में विशेषज्ञता रखती है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि “इतनी सफाई और समय पर काम करने वाली टीम हमने पहले कभी नहीं देखी।”
प्रो. जसवंत कुमार का कहना है कि उनका मकसद केवल काम करना नहीं, बल्कि लोगों के सपनों के घर को सुंदरता और मजबूती देना है — वह भी उचित मूल्य और भरोसे के साथ।

टीम की विशेषताएं :

सभी प्रकार के राजगीरी और निर्माण कार्य

उच्च गुणवत्ता की टाइल्स व विल्डिंग सेवाएं

अनुभवी कारीगरों की टीम

गारंटी सहित उचित दरेंरामापुर बाजार और आसपास के क्षेत्रों में यह टीम अब लोगों की पहली पसंद बन चुकी है। दुकानों से लेकर मकानों तक, हर जगह इन कारीगरों की कला की झलक देखने को मिल रही है।

प्रो. जसवंत कुमार ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि अस्पतालों और विद्यालयों के निर्माण एवं टाइल्स लगाने के कार्य भी उनकी टीम द्वारा किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि “जो भी ग्राहक मीडिया के माध्यम से हमारे पास आएगा और लिंक लेकर आएगा, उसे 20% डिस्काउंट दिया जाएगा।”

पता: रामापुर बाजार (बिरवा घाट), जिला गोण्डा
संपर्क: 7068195810, 8115985588

अब गोण्डा के लोग कह रहे हैं –
“कारीगर वही, जो प्रो. जसवंत कुमार की टीम से हो!”