Tuesday, June 3, 2025
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अपराधिक न्याय व्यवस्था को और अधिक त्वरित , सुदृढ़ एवं पारदर्शी बनाने हेतु सभी स्तंभ एक मंच पर

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देवास जिले को पायलट के रूप में किया गया चयनित, न्यायमूर्ति श्री संजीव कालगांवकर एवं एडीजी एससीआरबी श्री चंचल शेखर के मार्गदर्शन में कार्यशाला आयोजित

देवास: मध्यप्रदेश में अपराधिक न्याय व्यवस्था को और अधिक त्वरित , पारदर्शी एवं सुदृढ़ बनाने हेतु इस व्यवस्था के सभी स्तंभ- पुलिस, चिकित्सा, फॉरेंसिक, न्यायालय, अभियोजन एवं जेल के मध्य डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से सूचनाओं तथा दस्तावेजों के पेपरलेस आदान-प्रदान हेतु एक ऐतिहासिक पहल की गई है। इस परिवर्तनकारी कदम के तहत पुलिस महानिदेशक, मध्यप्रदेश श्री कैलाश मकवाना द्वारा देवास जिले को पायलेट डिस्ट्रीक्ट के रूप में चयनित किया गया है, जहाँ अपराधिक न्याय व्यवस्था से जुड़े समस्त स्तंभ—पुलिस, अभियोजन, न्यायपालिका, फोरेंसिक, चिकित्सा एवं जेल विभाग—एकीकृत डिजिटल प्रणाली से आपस में जुड़ेंगे।

उल्लेखनीय है कि 1 जुलाई 2024 से प्रवर्तनीय नवीन क़ानून का मुख्य जोर अपराध पंजीकरण से लेकर न्यायालयीन निर्णय तक की प्रक्रिया को समयबद्धता प्रदान करना है , इसी परिप्रेक्ष्य में एफआईआर से लेकर अंतिम निर्णय तक के मार्ग में आने वाली समस्त प्रक्रियाओं को एवं समस्त संबद्ध विभागों को एकीकृत डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से जोड़े जाने हेतु यह एक महत्वपूर्ण कदम है जिसका मूल उद्देश्य आम जनता को त्वरित न्याय प्रदायगी होगा ।

उक्त कार्यशाला मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय , खंडपीठ इंदौर के माननीय न्यायमूर्ति श्री संजीव एस. कालगाँवकर एवं एडीजी एससीआरबी मध्यप्रदेश श्री चंचल शेखर (IPS) के मुख्य आतिथ्य एवं मार्गदर्शन में संपन्न हुई ।

इस डिजिटल पहल के अंतर्गत, विवेचना, वारंट, समंस, एमएलसी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, एफएसएल जांच, न्यायालयीय कार्यवाही एवं अभियोजन की जानकारियों का आदान-प्रदान एक ही प्लेटफॉर्म पर संभव होगा। पायलेट प्रोजेक्ट के तहत देवास प्रदेश का पहला ऐसा जिला होगा, जहाँ अधिकतम विवेचकों को टेबलेट प्रदान किए जाएंगे, जिससे उनकी कार्यप्रणाली अधिक सुदृढ़, पारदर्शी एवं दक्ष बनेगी।

उल्लेखनीय है कि अंतर विभागीय डिजिटल एकीकरण की उक्त व्यवस्था के कुछ अहम पहलू जैसे ई- समन एवं वारंट , बेल एप्लीकेशन मोड्यूल, मेड-ले-पार आदि को जिला देवास में पहले से ही सुचारू रूप से क्रियान्वित किया जा रहा है ।

इस अभिनव व्यवस्था के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु कार्यशाला में विभिन्न विभागों के अधिकारियों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया। आगामी दिनों में पुलिसकर्मियों, चिकित्सकों, एफएसएल अधिकारियों, अभियोजन अधिवक्ताओं और विवेचकों को इस प्रणाली के उपयोग के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे एक समन्वित, तेज और जनहितकारी आपराधिक न्याय प्रणाली की स्थापना की जा सके।

कार्यशाला में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय इंदौर खंडपीठ के माननीय न्यायमूर्ति श्री संजीव एस. कालगाँवकर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। साथ ही, देवास के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अजय कुमार मिश्रा, एडीजी एससीआरबी मध्यप्रदेश श्री चंचल शेखर (IPS), एडीजी उज्जैन श्री उमेश जोगा (IPS), डीआईजी उज्जैन श्री नवनीत भसीन (IPS), तथा कलेक्टर देवास श्री ऋतुराज सिंह (IAS) ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से आयोजन को गौरवान्वित किया।

कार्यक्रम के शुभारंभ उपरांत सर्वप्रथम देवास पुलिस अधीक्षक श्री पुनीत गेहलोद ने स्वागत भाषण देते हुए सभी अतिथियों का अभिनंदन किया और इस परियोजना की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि अब न्याय व्यवस्था के सभी स्तंभ एक साझा डिजिटल मंच पर आपस में जुड़ेंगे, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता, गति और सुगमता आएगी। एसपी देवास ने उल्लेखित किया कि पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत अपराध पंजीकरण के उपरांत एमएलसी का आदान प्रदान, एफएसएल रिपोर्ट का आदान प्रदान और विवेचना उपरांत चार्जशीट का न्यायालय में प्रेषण पूर्ण रूप से डिजिटल माध्यम से पेपरलेस होगा ।साथ ही न्यायालय द्वारा जारी समस्त समन और वारंट भी ऑनलाइन तामील किए जाएँगे । इसी प्रकार पुलिस और अभियोजन के मध्य सूचनाओं / दस्तावेजों का आदान प्रदान भी पेपरलेस होगा ।

“New Criminal Law and Digital Integration: Reforming Justice for the Future” विषय पर केंद्रित कार्यशाला में पुलिस, अभियोजन, न्यायपालिका, जेल और फोरेंसिक विभाग की प्रक्रियाओं के डिजिटल एकीकरण की विस्तृत जानकारी दी गई।

एससीआरबी की एआईजी श्रीमती प्रांजलि शुक्ला द्वारा कार्यशाला में पीपीटी प्रस्तुति दी गई जिसमे पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत की जाने वाली समस्त कार्यवाहियों एवं उनकी समय सीमा को दर्शाया गया । उक्त पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत जहाँ प्रथम माह में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, इक्विपमेंट की उपलब्धता और प्रशिक्षण पर जोर दिया जाकर प्रत्येक स्टेकहोल्डर विभाग के नोडल अधिकारी नियुक्त होंगे वहीं दूसरे महीने से क्रियान्वयन पर जोर दिया जाएगा । साथ ही डिजिटलीकरण में आने वाली व्यवहारिक समस्याओं को समांतर रूप से हल भी किया जाएगा ।

प्रेजेंटेशन पश्चात खुली चर्चा के दौर में न्यायाधीश गणों, अधिवक्ताओं , पुलिस अधिकारियों एवं चिकित्सकों द्वारा विभिन्न प्रश्न पूछे गए जिनके जवाब मंचासीन अतिथियों द्वारा दिए गए ।

एडीजी एससीआरबी श्री चंचल शेखर द्वारा सेमिनार को संबोधित करते हुवे इसे आपराधिक न्याय प्रणाली हेतु एक अहम पड़ाव बताया, साथ ही न्यायपालिका द्वारा प्रचलित सीआईएस सिस्टम को सीसीटीएनएस से उत्तरोत्तर संबद्ध करने पर ज़ोर दिया ।

प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अजय कुमार मिश्रा द्वारा देवास न्यायपालिका द्वारा डिजिटलीकरण हेतु किए गए प्रयासों का उल्लेख किया एवं न्याय व्यवस्था के समस्त स्तंभों को डिजिटल प्लेटफार्म पर जोड़ने को समय की आवश्यकता बताया ।

अंत में मुख्य अतिथि माननीय न्यायमूर्ति श्री संजीव कालगाँवकर ने संबोधित करते हुवे समस्त अधिकारियों को अभिप्रेरित करते हुवे उक्त अभिनव व्यवस्था को सकारात्मकता के साथ अपनाने हेतु प्रेरित किया ।

कार्यक्रम का संचालन एएसपी ग्रामीण श्रीमती सौम्या जैन ने किया तथा आभार प्रदर्शन एएसपी शहर श्री जयवीर सिंह भदौरिया ने किया।

इस दौरान डीपीओ श्री भदोरिया, जिला जेल अधीक्षक, सीएमएचओ एवं सिविल सर्जन ,समस्त एडीपीओ, एसडीपीओ एवं थाना प्रभारी उपस्थित रहे ।

ट्रेन में जितनी सीटें, उतने ही टिकट जारी करेगा रेलवे, यात्रियों की सुविधा के लिए बड़ी तैयारी

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नईदिल्ली। भारतीय रेलवे में यात्रियों की भारी भीड़ और सीट की समस्या एक आम बात है, खासकर त्योहारों के दौरान यूपी-बिहार जैसे रूट पर तो यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है, जहां टिकट मिलना भी मुश्किल हो जाता है। लेकिन अब भारतीय रेलवे एक बड़ा बदलाव करने जा रहा है, जिससे यात्रियों को राहत मिल सकती है रेलवे अब यात्रियों को सिर्फ कंफर्म टिकट मुहैया कराने की तैयारी में है।
हाल ही में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में रेलवे से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए यह महत्वपूर्ण जानकारी दी उन्होंने बताया कि ट्रेनों में यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सीट के हिसाब से ही टिकट जारी किए जाएंगे इसका मतलब है कि जितनी सीटें होंगी, उतनी ही टिकटें बेची जाएंगी इस कदम का उद्देश्य ट्रेन में कंफर्म सीट के साथ सफर करने वाले यात्रियों को वेटिंग टिकट वाले यात्रियों की वजह से होने वाली असुविधा से बचाना है।

यह नियम निश्चित रूप से यात्रियों को आरामदायक यात्रा का अनुभव देगा, लेकिन इसका मतलब यह भी है कि टिकट पाना अब और भी मुश्किल हो सकता है मांग और आपूर्ति के बीच अंतर बढ़ने से टिकटों की उपलब्धता कम हो सकती है।

बिना टिकट यात्रा करने पर बढ़ेगी मुश्किल
अगर आप भारतीय रेलवे में बिना टिकट यात्रा करते हुए पकड़े जाते हैं, तो आपको जुर्माना भरना होगा यदि आपके पास पैसे नहीं हैं या आप जुर्माना भरने से मना करते हैं, तो ऐसी स्थिति में यात्री को RPF (रेलवे सुरक्षा बल) को सौंप दिया जाएगा इसके साथ ही रेलवे अधिनियम की धारा 137 के तहत मामला दर्ज किया जाता है। RPF इन यात्रियों को रजिस्ट्रार के सामने पेश करता है ऐसे में उन पर 1000 रुपये का जुर्माना लगता है और जुर्माना नहीं भरने पर 6 महीने की जेल भी हो सकती है।

रेलवे की सुरक्षा पर फोकस
अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में बताया कि रेलवे का सबसे ज्यादा ध्यान सुरक्षा पर है उन्होंने कहा कि इसके लिए कई तकनीकी बदलाव किए गए हैं, जिसमें लॉन्गर रेल, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग, फॉग सेफ्टी डिवाइस और कई बड़े कदम शामिल हैं।

भारत बन रहा है रेलवे का बड़ा एक्सपोर्टर
उन्होंने बताया कि भारत रेलवे का बड़ा एक्सपोर्टर बन गया है। ऑस्ट्रेलिया को मेट्रो कोच के अलावा, हमारा देश यूनाइटेड किंगडम, सऊदी अरब और फ्रांस को रेल कोच निर्यात करता है. इसके अलावा मैक्सिको, स्पेन, जर्मनी, इटली को ऑपरेशनल इक्विपमेंट एक्सपोर्ट कर रहा है अश्विनी वैष्णव ने यह भी कहा कि जल्द ही बिहार में बने लोकोमोटिव और तमिलनाडु में बने पहिए दुनिया भर में दौड़ेंगे।

कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने सरकार से ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्मों द्वारा भ्रामक विज्ञापनों से निपटने का किया आग्रह

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नई दिल्ली, 22 मार्च 2025: कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सरकार से पूर्वानुमान आधारित ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म द्वारा भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। श्री पीयूष गोयल (वाणिज्य और उद्योग मंत्री) और श्री अश्विनी वैष्णव (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री) को लिखित रूप में संबोधित करते हुए, कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने ऐसे प्लेटफार्मों द्वारा अनैतिक विज्ञापन प्रथाओं के प्रचलन की ओर ध्यान आकर्षित किया है जो भारतीय कानूनों को कमजोर करते हैं और उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाते हैं।

ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्‍यम से उपयोगकर्ता खेल और चुनाव जैसी भविष्य की घटनाओं पर दांव लगा सकते हैं, जो डिजिटल जुआ बाज़ार के रूप में काम कर रहे हैं। 5 करोड़ से अधिक भारतीय उपयोगकर्ताओं और 50,000 करोड़ रुपये के वार्षिक लेन-देन के साथ ये प्लेटफॉर्म काफी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं जिसमें भ्रामक विज्ञापनों का बहुत बड़ा हाथ है, जो ओपिनियन ट्रेडिंग को कौशल-आधारित खेल के रूप में गलत तरीके से प्रस्तुत करते हैं, जिसे अक्सर सोशल मीडिया इन्‍फ्लुएंसर्स द्वारा एक विश्वसनीय आय स्रोत के रूप में प्रचारित किया जा रहा है।

कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने भारत सरकार से ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है, जिसे वह ऑनलाइन जुए का एक रूप मानता है जो सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम सहित कई भारतीय कानूनों का उल्लंघन करता है। कैट के पत्र में इन प्लेटफ़ॉर्म की भ्रामक विज्ञापन प्रथाओं पर प्रकाश डाला गया है, जो उपभोक्ताओं को यह विश्वास दिलाते हैं कि वे उच्च जोखिम वाली सट्टेबाजी के बजाय कौशल-आधारित गतिविधियों में शामिल हैं।

सिंगापुर और फ्रांस जैसे देशों ने उपभोक्ता कल्याण और लोकतांत्रिक अखंडता को संभावित नुकसान के कारण ऐसे प्लेटफॉर्म के खिलाफ पहले ही सख्त कदम उठाए हैं। कैट ने सिफारिश की है कि भारतीय प्राधिकरण उल्लंघनों की जांच करें, भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाएं, इन्‍फ्लुएंसर्स को नियंत्रित करें और ऐसे प्रचारों को रोकने के लिए सलाह जारी करें।

इसके अलावा, कैट ने उपभोक्ताओं की सुरक्षा और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए ओपिनियन ट्रेडिंग और इसके प्रमोटरों के खिलाफ नियम लागू करने के लिए विभिन्न मंत्रालयों के बीच समन्वित प्रयास की वकालत की है।

किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रामपाल जाट के निर्देश के अनुसार रजिस्ट्रेशन कराने के लिए

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निर्धारित शिवर स्थान पर पहुंचे। वहां आप स्वयं का जाना आवश्यक नहीं है, परिवार के किसी भी सदस्य को वहां भेज सकते हैं, मोबाइल ओटीपी नंबर से आपका पंजीयन हो जाएगा। इससे आपको किसान सम्मान निधि की राशि मिलने में कोई रुकावट नहीं आएगी।

फार्मर रजिस्ट्री में निम्नलिखित परिवर्तन की भी आवश्यकता है।

आधार कार्ड की ओटीपी के साथ फिंगर प्रिंट का भी विकल्प हों, महिलाओं के ससुराल एवं माईके (पीहर) दोनों स्थानों पर जमीन नाम हैं। यदि उसकी तहसील,जिला एवं राज्य अलग-अलग हैं। तों एक स्थल की जमीन फार्मर रजिस्ट्री आईडी में छूटेंगी, महिलाएं अधिकांश पीहर पक्ष की जमीन का हक त्याग करतीं है।
उस समय फार्मर आई डी की क्या स्थिति होगी ?
नये सेटलमेंट के तहत् उनियारा तहसील में एक खेत को टूकड़ों में बांट दिया हैं। आपत्तियों के उपरांत भी गलतियों को नहीं सुधारा गया,

गाईड लाईन को प्रकाशित करतें हुए उक्त समस्याओं के समाधान के लिए सरकार सही एवं सटीक जानकारी उपलब्ध करायें।
युवा प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद चौधरी, प्रदेश मंत्री रतन खोखर, लोकसभा प्रभारी भरतराज, संयोजक बद्री लाल गुर्जर, जिलाध्यक्ष गोपीलाल डोडवाडी, उपाध्यक्ष सीताराम खादवाल, राजेश गुर्जर,छीतर मल डारडा हिन्द, महामंत्री हरिशंकर धाकड़, प्रचार मंत्री राधेश्याम गोहरपुरा,तहसील निवाई अध्यक्ष दशरथ सिंह, पीपलू दुल्लाराम प्रजापत,देवली आत्माराम जाट, टोंक सीताराम मीना,मालपुरा नाथूसिंह राठौड़,टोडा रायसिंह महावीर सैनी, उनियारा परसराम मीना, बनेठा जमनालाल माली, सौंप हेमराज धाकड़, समस्त टोंक जिला टीम।

किसान महापंचायत राजस्थान

वित्त मंत्री चीमा और सूचना एवं लोक संपर्क मंत्री बैंस ने पत्रकारों को बेहतर कार्य वातावरण प्रदान करने के लिए अति-आधुनिक प्रेस लॉन्ज का उद्घाटन किया

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इस पहल का उद्देश्य जानकारी तक आसान पहुँच, बेहतर संचार और पत्रकारों के लिए उपयोगी माहौल सुनिश्चित करना है: हरजोत बैंस

हरजोत बैंस ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की पत्रकारों की भलाई और पत्रकारिता के समर्थन के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई

चंडीगढ़, 21 मार्च:

पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा और सूचना एवं लोक संपर्क मंत्री स हरजोत सिंह बैंस ने आज यहाँ अति-आधुनिक प्रेस लॉन्ज का उद्घाटन किया। यह लॉन्ज पत्रकारों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त कार्य वातावरण प्रदान करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। उल्लेखनीय है कि पंजाब विधानसभा प्रेस गैलरी समिति के प्रयासों से पंजाब सिविल सचिवालय, चंडीगढ़ की दूसरी मंज़िल पर स्थित इस प्रेस लॉन्ज का दो दशकों के बाद नवीनीकरण किया गया है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री पंजाब के ओ.एस.डी. (मीडिया) आदिल आज़मी, सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के सचिव मालविंदर सिंह जग्गी, निदेशक विमल सेतिया, अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) संदीप सिंह गाढ़ा, संयुक्त निदेशक (प्रेस) हरजीत सिंह गरेवाल, पंजाब विधानसभा प्रेस गैलरी कमेटी के प्रधान अश्वनी चावला, उप-प्रधान अमित पांडे, सचिव दीपक शर्मा और अन्य वरिष्ठ पत्रकार भी उपस्थित थे।

इस प्रेस लॉन्ज, जिसका नवीनीकरण के बाद आज उद्घाटन किया गया, को अत्याधुनिक तकनीक और आवश्यक सुविधाओं से लैस किया गया है। यह मीडिया की मजबूती और पत्रकारिता के लिए स्वतंत्र, निष्पक्ष व उपयोगी वातावरण को प्रोत्साहित करने की दिशा में पंजाब सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

इस लॉन्ज में हाई-स्पीड इंटरनेट, डेस्कटॉप, प्रिंटर और बैठने की उचित व्यवस्था है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि जनता तक जानकारी के प्रसार के लिए पत्रकारों के पास आवश्यक संसाधन उपलब्ध हों और वे प्रभावी ढंग से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें।

मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार की पत्रकारों की भलाई और पत्रकारिता के समर्थन के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराते हुए स हरजोत सिंह बैंस ने लोकतंत्र में स्वतंत्र और निष्पक्ष प्रेस के महत्व पर जोर दिया और प्रेस लॉन्ज की उपयोगिता को रेखांकित किया।

प्रेस लॉन्ज विभिन्न सरकारी विभागों, राज्य सरकार की गतिविधियों और कार्यों को कवर करने वाले पत्रकारों के लिए एक केंद्र के रूप में कार्य करता है। उन्होंने कहा कि यह सुविधा जानकारी तक बेहतर पहुँच, सुगम संचार और मीडिया पेशेवरों के लिए एक सकारात्मक कार्य वातावरण को सुनिश्चित करती है।

मोहम्मद शमी की बेटी के होली खेलने पर भड़के मौलाना, विश्वास कैलाश सारंग ने दिया करारा जवाब

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क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बेटी के होली खेलने को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने इसका विरोध किया है। वहीं मध्य प्रदेश के मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि उस नन्ही मुन्नी बेटी को धमकाया जा रहा है। उसकी मानसिक स्थित क्या होगी।
मोहम्मद शमी की बेटी के होली खेलने पर मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने काफी विरोध जताया। इसपर मध्य प्रदेश सरकार के खेल मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी, राहुल गांधी, सोनिया गांधी, कांग्रेस के नेता और विपक्ष के नेता आगे आएं और शहाबुद्दीन रजवी के बयान का विरोध करें। उन्होंने आगे कहा कि चरमपंथी और कट्टरपंथियों की इंतहा हो गई है। पहले मोहम्मद शमी को धमकाया, फिर उनकी नन्ही मुन्नी बेटी होली खेल लेती है तो उसके खिलाफ बातें करते हैं। मैंने आज मोहम्मद शमी और उनकी बेटी को लेटर लिखा है कि कोई घबराने की बात नहीं है। इस देश का हर व्यक्ति उस नन्ही मुन्नी बेटी के साथ है। चरमपंथी और कट्टरपंथी उस बच्ची को धमकी दे रहे हैं, उसकी मानसिक स्थिति क्या होगी।

‘देश से ऊपर कुछ भी नहीं’
विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि मोहम्मद शमी ने इस देश के लिए मेहनत करके क्रिकेट में देश का नाम बढ़ाया। पहले उनको धमकी देते हैं कि रमजान के दौरान आप पानी क्यों पी रहे हैं? मैं बताना चाहता हूं चाहे हिंदू धर्म हो या इस्लाम, इस्लाम भी कहता है वतन से ऊपर कुछ नहीं है। देश के लिए जो व्यक्ति खेल रहा है उसको धमका रहे हो। अब तो इंतहा हो गई, उसकी नन्ही मुन्नी बच्ची को भी धमका रहे हो, क्योंकि उसने होली खेल ली। होली संस्कृति से जुड़ी हुई है। इस देश में रहने वाला हर व्यक्ति होली खेलता है, इसमें गलत क्या है?

‘विपक्ष के नेता करें विरोध’
उन्होंने आगे कहा कि आपत्ति तो इस बात पर है कि बेटियों को संरक्षण देने की बात करने वाले प्रियंका गांधी और राहुल गांधी कहां चले गए। वो कहती थीं कि ‘बेटी हूं मैं भी लड़ सकती हूं’, लेकिन इस बेटी को कौन संरक्षण देगा। चरमपंथी और कट्टरपंथी उस बच्ची को धमकी दे रहे हैं, उसकी मानसिक स्थिति क्या होगी? मैंने आज मोहम्मद शमी और उनकी बेटी को लेटर लिखा है कि घबराने की कोई बात नहीं है। इस देश का हर व्यक्ति उस नन्ही मुन्नी बेटी के साथ है। उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी, राहुल गांधी, सोनिया गांधी, कांग्रेस के नेता और विपक्ष के नेता शहाबुद्दीन रजवी के बयान का विरोध करें।

भारत और चीन के ईवी बाजार: बीवाईडी की सफलता और भारत की चुनौतियाँ

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नई दिल्ली, 13 मार्च 2025: चीन की अग्रणी इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) कंपनी बीवाईडी ने 2024 में 4 मिलियन ईवी बेचकर दुनिया भर में तहलका मचा दिया है, जो टेस्ला की बिक्री से दोगुनी है। बीवाईडी की इस सफलता की कहानी, जो वॉरेन बफेट के 2008 में 232 मिलियन डॉलर के निवेश और चीनी सरकार के 2009-2022 के बीच 29 बिलियन डॉलर के निवेश से संचालित हुई, ने वैश्विक ईवी उद्योग में एक नया अध्याय लिखा है। बीवाईडी ने अपनी “ब्लेड बैटरी” तकनीक के साथ, जो सस्ती, सुरक्षित और तेज चार्जिंग वाली है, टेस्ला, फोर्ड और टोयोटा जैसे दिग्गजों को अपनी बैटरी आपूर्ति के लिए मजबूर किया है। चीन ने ईंधन चालित वाहनों को छोड़कर ईवी पर ध्यान केंद्रित किया, खनिज संसाधनों जैसे ग्रेफाइट, कोबाल्ट और लिथियम पर नियंत्रण स्थापित किया, और नीतियों के माध्यम से त्वरित पैमाने पर उत्पादन को बढ़ावा दिया, जिससे बीवाईडी दुनिया की सबसे बड़ी ईवी कंपनी बन गई।

लेकिन भारत के लिए यह सवाल उठता है: क्या भारत चीन की तरह ईवी क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत कर सकता है? भारत का ईवी उद्योग तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय ईवी बाजार 2022 में 3.21 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2029 तक 113.99 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है, जिसमें 66.52% की वार्षिक वृद्धि दर होगी। सरकार ने ‘मेक इन इंडिया’ पहल और फेम-आईआई (फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) जैसी नीतियों के माध्यम से ईवी को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए हैं, जिसमें चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास और कर छूट शामिल हैं। इसके अलावा, 2030 तक भारत 80 मिलियन ईवी सड़कों पर लाने का लक्ष्य रखता है, जो तेल आयात में कमी और प्रदूषण नियंत्रण में मदद करेगा।

हालांकि, चुनौतियाँ भी कम नहीं हैं। 2018 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में केवल 650 चार्जिंग स्टेशन हैं, जो ईवी अपनाने में एक बड़ी बाधा है। चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी और उच्च प्रारंभिक लागत के कारण उपभोक्ताओं के लिए ईवी अभी भी आकर्षक नहीं हैं। बीएमडब्ल्यू इंडिया और टोयोटा जैसे कंपनियों ने भी भारतीय बाजार में ईवी और हाइब्रिड वाहनों के उत्पादन में देरी की बात कही है, क्योंकि चार्जिंग नेटवर्क की अनिश्चितता और लागत प्रभावित कर रही है। इसके अलावा, भारत को बैटरी तकनीक और कच्चे माल जैसे लिथियम और कोबाल्ट के लिए चीन पर निर्भरता कम करनी होगी, जो बीवाईडी की सफलता का आधार रहा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को चीन की तरह बड़े पैमाने पर सरकारी निवेश, स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा, और नवाचार पर ध्यान देना होगा। बीवाईडी की तरह, भारत को भी सस्ती और सुरक्षित बैटरी तकनीक विकसित करनी होगी, साथ ही चार्जिंग नेटवर्क का तेजी से विस्तार करना होगा। हालांकि, गुणवत्ता और दीर्घकालिक स्थिरता पर ध्यान देना होगा, क्योंकि भारतीय उपभोक्ता सस्ते विकल्पों के बजाय विश्वसनीयता चाहते हैं।

बीवाईडी की सफलता से प्रेरणा लेते हुए, भारत को अपनी नीतियों में और सुधार करने की जरूरत है, ताकि ईवी क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल की जा सके और वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बनाई जा सके। लेकिन यह तभी संभव होगा, जब सरकार, उद्योग और उपभोक्ता मिलकर इस परिवर्तनकारी यात्रा में योगदान दें।

मिर्जापुर में 19 वर्षीय युवक लापता, परिजनों ने पुलिस से की मदद की अपील

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उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के बसुही देवरी आमघाट गांव थाना पडरी से एक 19 वर्षीय युवक के लापता होने का मामला सामने आया है। अभय शंकर तिवारी, जो 31 जनवरी 2025 को सुबह 10:30 बजे कॉलेज के लिए निकला था, अब तक घर नहीं लौटा। परिजनों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई है और प्रशासन से जल्द से जल्द उसे ढूंढने की अपील की है।

परिवार परेशान, बहन ने लगाई गुहार

अभय की बहन पूजा दुबे, जो रायपुर में रहती हैं, ने मीडिया को जानकारी दी कि अभय बिना किसी जानकारी के अचानक लापता हो गया है। परिवार ने रिश्तेदारों और दोस्तों से पूछताछ की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला।

पूजा दुबे का कहना है, “हमने हर जगह उसकी तलाश की, लेकिन अब तक कोई जानकारी नहीं मिली। हमें डर है कि कहीं उसके साथ कोई अनहोनी न हो गई हो। प्रशासन और पुलिस से हमारी अपील है कि जल्द से जल्द उसे ढूंढा जाए।”

कौन है लापता युवक? – पहचान से जुड़े विवरण

नाम: अभय शंकर तिवारी
पिता का नाम: विन्ध्यवासिनी प्रसाद तिवारी
उम्र: 19 वर्ष
लापता होने की तारीख: 31 जनवरी 2025, सुबह 10:30 बजे
कपड़े: चितकबरा शर्ट, नीली जींस
रंग: सांवला
लंबाई: 5 फीट 4 इंच
चेहरा: लंबा

पुलिस में शिकायत दर्ज, जांच जारी

परिवार की शिकायत के बाद स्थानीय पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।

स्थानीय थाना प्रभारी ने बताया:
“हमने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर ली है और युवक की तलाश के लिए टीमें गठित की गई हैं। आसपास के इलाकों में पूछताछ की जा रही है और संभावित ठिकानों पर खोजबीन जारी है।”

परिजनों की अपील – जहां भी देखें, सूचना दें

परिवार और स्थानीय लोग अभय शंकर तिवारी के बारे में कोई भी जानकारी मिलने पर तुरंत पुलिस या परिजनों को सूचित करने की अपील कर रहे हैं।

परिजनों ने कहा, “हम बहुत परेशान हैं, हमें बस हमारा भाई वापस चाहिए। अगर कोई उसे देखे तो कृपया हमें तुरंत इस नंबर पर संपर्क करें (6387590683)

क्या मिलेगा अभय का कोई सुराग?

इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं कि क्या लापता युवक को जल्द ढूंढा जा सकेगा? क्या पुलिस उसे सही-सलामत घर वापस ला पाएगी? इस मामले की हर अपडेट के लिए जुड़े रहें।

(ब्यूरो रिपोर्ट | ई-खबर मीडिया)

दहेज के लिए प्रताड़ना, साजिया की संदिग्ध हालात में मौत – परिवार ने ससुराल वालों पर लगाए गंभीर आरोप

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नई दिल्ली। राजधानी के देवली इलाके में एक दर्दनाक मामला सामने आया है, जहां दहेज प्रताड़ना की शिकार एक नवविवाहिता की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। मृतका साजिया के परिवार ने उसके पति आरिफ और ससुराल पक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि कम दहेज मिलने के कारण साजिया को लगातार प्रताड़ित किया जाता था और उसे तीन लाख रुपये लाने के लिए मजबूर किया जाता था।

क्या था मामला?
साजिया—एक नवविवाहिता, जिसकी शादी ओखला फेस-2 के आरिफ से 21 मई 2023 को हुई थी। शादी के बाद उसकी जिंदगी खुशी से नहीं, बल्कि दहेज की मांगों और प्रताड़ना के अंधेरे से घिर गई। साजिया के परिवार का आरोप है कि उसके ससुराल वाले तीन लाख रुपये की मांग कर रहे थे, और जब यह रकम नहीं मिली, तो साजिया की जिंदगी नर्क बना दी गई।

क्या थी प्रताड़ना की हकीकत?
शादी के कुछ ही समय बाद साजिया पर अत्याचार शुरू हो गया। उसे मायके भेजकर लगातार तीन लाख रुपये लाने का दबाव बनाया गया। उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। लेकिन हद तो तब हो गई जब आरोपों के मुताबिक, साजिया को जानबूझकर ठंड में रखा गया, जिससे वह गंभीर संक्रमण का शिकार हो गई और आखिरकार उसकी मौत हो गई।

हत्या या हादसा?
साजिया के परिवार का साफ कहना है कि यह एक सोची-समझी साजिश थी। यहां तक कि साजिया की मौत के बाद भी ससुराल पक्ष उन्हें धमका रहा है और उसकी मासूम बच्ची को नुकसान पहुंचाने की धमकियां दे रहा है।

क्या साजिया को मिलेगा न्याय?
साजिया के भाई तालिब ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। पुलिस भी अपनी जांच में जुटी है, लेकिन अब सवाल यह उठता है—क्या साजिया को इंसाफ मिलेगा? या फिर यह मामला भी बाकी दहेज उत्पीड़न मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा?

आपकी राय क्या है?
आपको क्या लगता है, क्या दहेज के लालच में बेकसूर लड़कियों की जिंदगी से खेलना कब रुकेगा? क्या हमारी कानून व्यवस्था साजिया को न्याय दिला पाएगी? कमेंट में अपनी राय जरूर दें और इस खबर को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि हर किसी को इस अमानवीय सच्चाई का पता चले!

दहेज उत्पीड़न से नवविवाहिता की मौत, परिजनों ने पति और ससुरालवालों पर लगाए गंभीर आरोप

नई दिल्ली। राजधानी के देवली इलाके में एक दर्दनाक मामला सामने आया है, जहां दहेज प्रताड़ना की शिकार नवविवाहिता साजिया की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। मृतका के परिवार ने उसके पति आरिफ और ससुरालवालों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिजनों का कहना है कि कम दहेज मिलने के कारण साजिया को लगातार प्रताड़ित किया जाता था और तीन लाख रुपये लाने का दबाव बनाया जाता था।

निकाह के बाद से ही शुरू हो गया था अत्याचार

परिवार के अनुसार, साजिया का निकाह 21 मई 2023 को ओखला फेस-2, संजय कॉलोनी निवासी आरिफ के साथ मुस्लिम रीति-रिवाजों के अनुसार हुआ था। शादी में परिवार ने अपनी सामर्थ्य के अनुसार दहेज दिया था, जिसकी सूची भी पुलिस को सौंपी गई है। लेकिन इसके बावजूद आरिफ और उसके परिवारवाले संतुष्ट नहीं थे।

शादी के कुछ ही समय बाद साजिया पर अधिक दहेज लाने का दबाव बढ़ गया। उसे बार-बार मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा। आरोपों के मुताबिक, साजिया को कई बार मायके भेजकर तीन लाख रुपये लाने को मजबूर किया गया।

गर्भावस्था में भी नहीं मिला साजिया को आराम

परिवार का कहना है कि साजिया गर्भवती थी, लेकिन उसे दवा और इलाज तक नहीं दिया गया। 29 सितंबर 2024 को सफदरजंग अस्पताल में उसने एक बेटी को जन्म दिया, लेकिन इसके बाद भी ससुरालवालों का जुल्म कम नहीं हुआ।

2 नवंबर 2024 को जब साजिया की तबीयत ज्यादा बिगड़ी, तो उसके भाई तालिब, मां गुलशन और छोटे भाई साहिल उसे देखने ससुराल पहुंचे। उन्होंने इलाज कराने की बात कही, तो आरिफ ने मना कर दिया और कहा—
“मरती है तो मर जाए।”

जब परिजनों ने विरोध किया, तो आरिफ, उसके भाई-बहन, माता-पिता और बहनोई ने उनके साथ मारपीट की। शोर सुनकर पड़ोसी इकट्ठा हो गए और बताया कि साजिया की हालत बेहद नाजुक थी, लेकिन फिर भी ससुरालवाले उसकी देखभाल करने के बजाय हिंसा पर उतर आए।

इसके बाद परिवार ने साजिया को अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन हालत बिगड़ने पर उसे 5 नवंबर को मजिदिया अस्पताल ले जाया गया। तालिब का कहना है कि जब उन्होंने आरिफ को फोन किया, तो उसने गंदी गालियां दीं और कहा कि वह न तो साजिया और न ही उसकी नवजात बेटी को जीवित देखना चाहता है।

6 नवंबर को हुई साजिया की मौत

परिजनों ने आरोप लगाया कि साजिया को जानबूझकर ठंड में रखा गया, जिससे उसके पूरे शरीर में संक्रमण फैल गया और उसकी दर्दनाक मौत हो गई।

मामले की सूचना पुलिस को दी गई, लेकिन आरिफ और उसके परिवार ने न तो शव लिया और न ही अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया। उल्टा, आरोपियों ने परिवार को धमकी दी कि वे नवजात बच्ची को भी मार डालेंगे।

परिजनों ने लगाई न्याय की गुहार

मृतका के भाई तालिब ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा—
“हमारी बहन को दहेज की वजह से लगातार प्रताड़ित किया गया। जब हमने उसकी ससुराल की मांगें पूरी कर उसे वापस भेजा, तो फिर भी उन्होंने उसे प्रताड़ित करना जारी रखा। हमें न्याय चाहिए।”

पुलिस जांच में जुटी, लेकिन क्या मिलेगा इंसाफ?

पुलिस ने परिवार की शिकायत के आधार पर जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में दहेज प्रताड़ना और घरेलू हिंसा के संकेत मिले हैं। पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और अन्य सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

दहेज प्रथा पर कड़ा कानून, फिर भी जारी जुल्म!

देश में दहेज प्रथा के खिलाफ कड़े कानून मौजूद हैं, लेकिन इसके बावजूद दहेज हत्या और प्रताड़ना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। यह मामला भी उसी कड़वी सच्चाई को उजागर करता है, जहां एक नवविवाहिता को शादी के बाद यातनाएं दी गईं और आखिरकार उसकी जान चली गई।

क्या साजिया को मिलेगा न्याय?

अब यह देखना होगा कि पुलिस इस मामले में क्या कार्रवाई करती है और क्या साजिया के परिवार को न्याय मिल पाएगा? या यह मामला भी कानूनी प्रक्रियाओं में उलझकर ठंडे बस्ते में चला जाएगा?

स्थानीय संवाददाता ई खबर मीडिया की रिपोर्ट

भोपाल में RSS का विशेष प्रशिक्षण शिविर कार्यक्रम, मोहन भागवत के साथ संगठन के दिग्गजों का जुटान

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भोपाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का अनुशांगिक संगठन विद्या भारती विशेष प्रशिक्षण शिविर का आयोजन कर रहा है, जिसका शुभारंभ डॉ. मोहन भागवत करेंगे
नई शिक्षा नीति के तहत स्कूलों के सिलेबस में हो रहे बदलाव के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का अनुशांगिक संगठन विद्या भारती 3 मार्च से 8 मार्च तक एक विशेष प्रशिक्षण शिविर का आयोजन कर रहा है। यह शिविर राजधानी भोपाल स्थित सरस्वती विद्या मंदिर उ.मा. आवासीय विद्यालय, शारदा विहार में आयोजित होगा। इस 5 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत विशेष रूप से शामिल होंगे। इसमें देश भर से आने वाले 700 से ज्यादा पूर्णकालिक कार्यकर्ता विशेष प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख, डॉ. मोहन भागवत इस शिविर का औपचारिक शुभारंभ 4 मार्च को करेंगे। डॉ. भागवत 3 मार्च की शाम भोपाल पहुंचेंगे। इसके बाद 5 मार्च को दिल्ली रवाना हो जाएंगे। इस कार्यक्रम में संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी जैसे सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल, सुरेश सोनी और अन्य प्रमुख पदाधिकारी भी शामिल होंगे।

शिविर में 22 सत्र होंगे

यह 5 दिवसीय शिविर दो श्रेणियों, छह समूहों और 11 कार्यक्षेत्रों में विभाजित किया गया है। शिविर में कुल 22 सत्र होंगे, जहां संघ और विद्या भारती के अखिल भारतीय अधिकारी देशभर के कार्यकर्ताओं को दिशा-निर्देश देंगे।

समापन सत्र में मुख्यमंत्री की मौजूदगी

शिविर के समापन सत्र में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की विशेष उपस्थिति रहेगी, जो कार्यक्रम को समाप्त करेंगे।

प्रशिक्षण का उद्देश्य

इस प्रशिक्षण शिविर का उद्देश्य संघ के कार्यकर्ताओं को संगठनात्मक कार्यों, शैक्षिक दृष्टिकोण और नई शिक्षा नीति के बारे में समझ प्रदान करने के साथ चर्चा करना है।