Friday, December 5, 2025
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संघर्ष की आवाज़: तीन बच्चों की मां अमृता मंडल गानों के सहारे संवार रही भविष्य की उम्मीद

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मालदा (पश्चिम बंगाल)।
मालदा जिले के योजना गांव की रहने वाली 36 वर्षीय अमृता मंडल आज कठिन परिस्थितियों से जूझते हुए अपनी आवाज़ के सहारे जीवन की लड़ाई लड़ रही हैं। बीते डेढ़ साल से वह खुद के लिखे और खुद की आवाज़ में गाने गाकर वीडियो बना रही हैं। उनके गाने दर्द, संघर्ष और उम्मीद की सच्ची कहानी बयां करते हैं।

अमृता मंडल के पति का कुछ समय पहले निधन हो चुका है, जिसके बाद परिवार की सारी जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। वह तीन छोटे बच्चों की मां हैं। पति के जाने के बाद घर की आर्थिक स्थिति पूरी तरह बिगड़ गई। कभी-कभी मजदूरी कर वह अपने बच्चों का पेट पालती हैं और उसी से उनकी पढ़ाई-लिखाई का खर्च भी उठाने की कोशिश कर रही हैं।

अमृता का कहना है,
“हर दिन एक नई चुनौती लेकर आता है। यह सोचकर रातों की नींद उड़ जाती है कि अपने बच्चों का भविष्य कैसे संवारूं। मैं चाहती हूं कि मेरे बच्चे पढ़-लिखकर कुछ बनें, लेकिन संसाधन बहुत सीमित हैं।”

वह सोशल मीडिया पर अपने गानों के जरिए पहचान बनाने की कोशिश कर रही हैं। उनका सपना है कि उनके गाने लोगों तक पहुंचें, उन्हें पसंद किए जाएं और किसी दिन उन्हें स्टूडियो में गाने का मौका मिले, जिससे वह अपने बच्चों को बेहतर जीवन दे सकें।

गांव के लोग भी अमृता की मेहनत और हिम्मत की सराहना करते हैं। एक ग्रामीण ने बताया,
“इतनी परेशानियों के बावजूद वह हिम्मत नहीं हारी हैं। अपनी आवाज़ के जरिए वह संघर्ष को ताकत में बदल रही हैं।”

अमृता मंडल की कहानी उन हजारों महिलाओं की कहानी है जो अकेले ही परिवार की जिम्मेदारी उठाकर समाज में मिसाल कायम कर रही हैं। जरूरत है कि ऐसे प्रतिभाशाली और संघर्षशील लोगों को मंच मिले, ताकि उनकी मेहनत रंग ला सके।

कर्नाटक में कांग्रेस की ‘खींचतान’ पर ज्योतिरादित्य सिंधिया बोले, ‘कुछ छात्र सबक सीखने को तैयार ही नहीं होते

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कर्नाटक में कांग्रेस की खींचतान पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान सामने आया है। सिंधिया पहले कांग्रेस के ही नेता थे, जो कि बाद में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ज्वाइन कर ली।केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कर्नाटक में नेतृत्व को लेकर मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच कथित खींचतान को लेकर कांग्रेस पर रविवार को निशाना साधा। सिंधिया ने कहा कि कुछ विद्यार्थी ऐसे होते हैं जो जनता से सबक सीखने के लिए तैयार ही नहीं होते।

मोदी की अगुवाई में भारत का चहुंमुखी विकास
कर्नाटक में कांग्रेस के दोनों शीर्ष नेताओं के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान की खबरों पर सिंधिया ने इंदौर में कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (BJP) का परचम जनता ने पूरे देश में लहराया है। मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने भारत का चहुंमुखी विकास किया है और विश्व पटल पर देश की छवि को उभारा है। दूसरी तरफ, एक ऐसा दल (कांग्रेस) है जो अपनी सत्ता वाले प्रदेश में कुर्सी की लड़ाई में उलझ गया है।’

कुछ छात्र सबक सीखने को तैयार नहीं
उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस के ‘अंदरूनी मामले’ पर विस्तृत टिप्पणी नहीं करना चाहते। हालांकि, वह भाजपा के इस धुर प्रतिद्वंद्वी दल पर तंज कसने से नहीं चूके। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘इस दल (कांग्रेस) के भविष्य के बारे में जनता ही निर्णय करती है और जनता बार-बार उन्हें सबक सिखाती है, पर कुछ छात्र ऐसे होते हैं जो सबक सीखने के लिए तैयार ही नहीं होते।’

मदनी के बयान पर भी सिंधिया ने दी प्रतिक्रिया
सुप्रीम कोर्ट को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी के विवादास्पद बयान पर सिंधिया ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है लेकिन प्रजातंत्र के किसी भी स्तंभ, खासकर न्यायपालिका पर किसी भी व्यक्ति को ओछी टिप्पणी कभी नहीं करनी चाहिए।

मनीष चौधरी से 1.5 लाख की मांग, फिर 3 लाख की धमकी — पुलिस हिरासत में मारपीट व गलत तरीके से UK भेजने की बात भी सामने आई

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नई दिल्ली: विदेश से लौटे मनीष चौधरी से पैसे वसूलने और धमकाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। परिजनों के अनुसार, मनीष जब मुंबई एयरपोर्ट पहुंचे तभी उनसे 1.5 लाख रुपये मांगे गए। बाद में 1 लाख रुपये लेकर बाकी 50 हजार न देने पर रकम बढ़ाकर 3 लाख की मांग कर दी गई।

परिजनों ने बताया कि उन्होंने कुछ दिनों का समय मांगा, लेकिन इसी बीच मनीष चौधरी लापता हो गए। करीब एक महीने तक वह इधर-उधर भटकते रहे। पैसे उपलब्ध होने पर परिवार ने राशि दी, फिर कोर्ट में 1.80 लाख जमा कराया। इसके बाद भी 50 हजार रुपये और मांगे गए, जिसके बाद सामान लौटाया गया।

परिवार बताता है कि जब मनीष एयरपोर्ट पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें उठा लिया। मनीष बार-बार पूछते रहे— “मेरी क्या गलती है, मुझे क्यों ले जा रहे हो?” लेकिन उनके साथ मारपीट की गई, खाना तक नहीं दिया गया, और उल्टा लटकाकर भी पीटा गया। पैरों पर जलाने के निशान तक मिले हैं।

परिजनों ने आरोप लगाया कि इसके बाद मनीष से 5 लाख रुपये की मांग की गई। धमकी दी गई कि सोमवार तक पैसे नहीं मिले तो 6 करोड़ रुपये लेकर हमेशा के लिए UK भेज देंगे, और भारत लौटने नहीं देंगे। स्टांप पेपर पर साइन भी करवा लिए गए।

मनीष ने मीडिया के माध्यम से आरोपियों का नंबर जारी किया की इस प्रकार है.. 96010 43158।

परिवार ने बताया कि धमकी देने वाले लगातार फोन कर पैसे मांगते रहे और न देने पर गंदी-गंदी गालियां दीं। उनका कहना है कि यदि मामला शांत न हुआ तो मीडिया में जाने से उनकी “जॉब चली जाएगी”, इसलिए जबरन वसूली की जा रही है।

दुकान को लेकर विवाद: किरायेदार ने बंद किया भाड़ा, अब कर रहा पक्का मकान निर्माण

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जमीन का कागज़ दिखाने की मांग पर बढ़ा विवाद

मोतिहारी। राजेपुर थाना क्षेत्र में जमीन और दुकान को लेकर दो पक्षों के बीच पुराने विवाद ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। शिकायतकर्ता राहुल चौधरी, पिता स्वर्गीय कैलाश चौधरी, ने आरोप लगाया है कि उनके दादा लक्ष्मी शाह की करीब डेढ़ कट्ठा जमीन पर बनी दुकानें पिछले लगभग 20 वर्षों से जय लाल चौधरी के पुत्र मनोज चौधरी को किराये पर दी गई थीं। मनोज चौधरी बरसों तक नियमित भाड़ा देता रहा, लेकिन वर्ष 2018 में राहुल के पिता के निधन के बाद उसने भाड़ा देना बंद कर दिया।

राहुल के अनुसार, पिता की मौत के बाद जब उन्होंने पैतृक घर पर आना-जाना शुरू किया, तभी उन्हें जमीन और दुकानों के बारे में विस्तृत जानकारी मिली। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में उनके पिता ने दुकान खाली करवाने की कोशिश भी की थी, लेकिन जय लाल चौधरी और उसका बेटा दुकान खाली करने को तैयार नहीं हुए।

राहुल का आरोप है कि अब संबंधित पक्ष न केवल दुकान खाली करने से इनकार कर रहा है, बल्कि उसी जमीन पर पक्का मकान भी खड़ा कर रहा है। जब उन्होंने निर्माण रोकने और दुकान खाली करने को कहा, तो सामने वाला पक्ष उल्टा विवाद पर उतारू हो गया और दावा करने लगा कि जमीन उन्हीं की है। राहुल ने जब जमीन के कागज़ दिखाने को कहा, तो उनके पास कोई दस्तावेज़ नहीं निकला।

शिकायतकर्ता का कहना है कि बिना कोई वैध कागज़ दिखाए उनकी पैतृक संपत्ति पर कब्जा कर पक्का निर्माण करवाया जा रहा है, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। मामले की सूचना स्थानीय स्तर पर दी गई है और राहुल ने प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि जमीन विवाद का समाधान हो सके और अवैध निर्माण पर रोक लग सके।

स्थानीय लोगों के अनुसार, लंबे समय से चल रहे विवाद के कारण क्षेत्र में तनाव का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि मामला गंभीर है और प्रशासन को जल्द कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि किसी तरह की अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो।

शीला देवी पर फिर हमला: जेठ के बेटे–बहुओं पर लगातार मारपीट के आरोप, पुलिस कार्रवाई अब तक शून्य

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गौसलापुर (अररिया)।
जिला अररिया के वार्ड नंबर–7 की 45 वर्षीय शीला देवी पर अत्याचार और मारपीट का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। परिवार का कहना है कि करीब दो वर्ष से जेठ के बेटों और बहुओं द्वारा लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है। ताजा घटना में शीला देवी गंभीर रूप से घायल होकर घर में बेहोशी की हालत में पड़ी हैं, जबकि पुलिस कार्रवाई अब भी शून्य बताई जा रही है।

खेत से लौटते समय रोका, फिर हमला किया गया

परिजनों के अनुसार, 29 नवंबर की रात करीब 10 बजे शीला देवी खेत की जुताई कर घर लौट रही थीं। उनका रास्ता जेठ के परिवार के घर के सामने से होकर गुजरता है।
आरोप है कि वहां पहुंचते ही संजय सिंह की पत्नी ने उन्हें रास्ते से आने पर रोक दिया।
जब शीला देवी ने कहा कि उनका खेत इसी ओर है, विवाद बढ़ गया।

परिवार का आरोप है कि इसके बाद नागव सिंह, संजय सिंह, मुकेश सिंह, गुड्डू सिंह तथा घर की महिलाओं ने मिलकर लाठी–डंडों से उन पर हमला कर दिया। उन्हें सड़क पर पटककर बेरहमी से पीटा गया, जिससे वे मौके पर ही बेहोश हो गईं।
पड़ोसी नागव सिंह ने उन्हें किसी तरह घर पहुंचाया।

अकेली महिला पर लगातार उत्पीड़न

परिवार के अनुसार, शीला देवी के पति जम्मू में बेलदारी का काम करते हैं। दो बेटे हिमाचल प्रदेश में मजदूरी करते हैं, जबकि बेटी सिंपल कुमारी दिल्ली में अपनी ससुराल में रहती हैं।
घर में अकेली होने का फायदा उठाकर, आरोप है कि जेठ के बेटे–बहू लगातार उन पर दबाव डालते और मारपीट करते रहे हैं।

शिकायत करने पर पूर्व सरपंच पर भी मारपीट का आरोप

शीला देवी का कहना है कि जब उत्पीड़न बढ़ा तो उन्होंने इसकी शिकायत गांव के पूर्व सरपंच तौहीद रहमान से की।
लेकिन उनका आरोप है कि शिकायत करने पर पूर्व सरपंच ने भी उनके साथ मारपीट की और मामले को दबाने का प्रयास किया।

पुलिस को कई बार सूचना, कार्रवाई नहीं

परिवार का कहना है कि ताजा घटना के बाद बेटी सिंपल कुमारी ने तुरंत पुलिस को फोन कर सूचना दी, लेकिन पुलिस मौके पर नहीं पहुंची।
इसके पहले भी कई घटनाओं में शिकायतें दी गई थीं, मगर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

परिवार की जिला प्रशासन से गुहार

परिजन मांग कर रहे हैं कि:

शीला देवी को तुरंत मेडिकल सहायता उपलब्ध कराई जाए

सभी आरोपितों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए

अकेली महिला को मिल रही धमकियों और हिंसा पर तत्काल रोक लगाकर सुरक्षा सुनिश्चित की जाए

परिवार का कहना है कि यदि प्रशासन ने जल्द हस्तक्षेप नहीं किया, तो उनकी स्थिति और गंभीर हो सकती है।

ग्रेटर नोएडा से बड़ी रिपोर्ट | पंचायतन गांव में मारपीट, धमकी और पुलिस की कथित लापरवाही से परेशान परिवार—कोर्ट से लेकर थाने तक दौड़, लेकिन अब तक नहीं मिली न्याय की सुनवाई

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ग्रेटर नोएडा/कासना थाना क्षेत्र | संवाददाता रिपोर्ट

ग्रेटर नोएडा के पंचायतन गांव से एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां शिकायतकर्ता परमाल सिंह और उनके परिवार ने लगातार मारपीट, धमकी, गाली-गलौज और पुलिस की कथित लापरवाही के आरोप लगाए हैं। पीड़ित परिवार का कहना है कि पिछले एक साल से वे भय और असुरक्षा के माहौल में जी रहे हैं, लेकिन पुलिस ने आज तक किसी भी आरोपित पर ठोस कार्रवाई नहीं की।

सिगरेट मांगने को लेकर शुरू हुआ विवाद, फिर बढ़ते-बढ़ते पहुंचा हमले तक

शिकायतकर्ता के भाई कौशल के अनुसार, विवाद की शुरुआत तब हुई जब उनके 10 साल के बेटे विक्की से पड़ोसी शेखर और उसके पिता रोशन ने सिगरेट लाने को कहा। बच्चे ने इनकार किया, तो उसे डांटकर भगा दिया गया। रोते हुए विक्की ने यह बात घर पर बताई, जिसके बाद कौशल बाहर निकले और मामूली बहस के बाद मामला शांत हो गया।

लेकिन तनाव यहीं खत्म नहीं हुआ।

31 दिसंबर 2023: रात 8 बजे अचानक हमला, घर में घुसकर मारपीट

पीड़ितों ने बताया कि 31 दिसंबर 2024 की रात करीब 8 बजे, 6–7 लोग दो बाइकों पर सवार होकर आए और घर के बाहर जोर-जोर से चिल्लाने लगे। तभी कौशल, उनका भाई गौरव और पिता परमाल सिंह बाहर निकले, तो आरोपियों ने अचानक हमला कर दिया।

गाली-गलौज, धक्का-मुक्की, और लाठी-डंडों से मारपीट के बाद आरोपी भाग निकले।

बार-बार घर पर लौटकर देते रहे धमकियां

परिवार का दावा है कि घटना के बाद भी मामला शांत नहीं हुआ।
3 से 4 दिनों तक रात 8 बजे आरोपी आते रहे,
घर के बाहर गाली-गलौज करते रहे,
दूसरों की छतों से ईंटें फेंकते रहे
और परिवार को धमकाते रहे।

परमाल का कहना है:

> “हमारा पूरा परिवार दहशत में है। बच्चे रात में सो नहीं पाते। कोई भी सुनवाई नहीं हो रही है।”

पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा… फिर कुछ ही घंटों में छोड़ दिया

पीड़ितों के मुताबिक, 2 जनवरी की शाम पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा भी,
लेकिन 3 जनवरी की शाम छोड़ दिया।

परिवार का आरोप है कि—

> “पुलिस को पैसे देकर मामला रफा-दफा कर दिया गया।”

पीड़ितों का कहना है कि जब वे थाना जाकर FIR दर्ज करवाने जाते हैं, तो उनसे कहा जाता है—

“पहले मेडिकल लेकर आओ… बाद में आना।”
और चक्कर कटवाकर वापस भेज दिया जाता है।

उल्टा आरोपियों ने पीड़ित परिवार पर मुकदमा कर दिया

पीड़ितों का यह भी कहना है कि आरोपियों ने मिलकर उल्टा उन पर ही मुकदमा दर्ज करा दिया है, जिससे परिवार और अधिक परेशान है।

परमाल बताते हैं:

> “जो गुनहगार हैं, वही खुलेआम घूम रहे हैं। उल्टा पुलिस हमें ही परेशान करती है। कई दिन से हम कोर्ट-कचहरी का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं है।”

आरोप—स्थानिय दबदबे के कारण नहीं हो रही कार्रवाई

पीड़ित परिवार ने बताया कि आरोपी लोग “दरभंगा गैंग पार्टी” से जुड़े हुए बताए जाते हैं, जिसके कारण गाँव में उनका दबदबा है और कोई उनके खिलाफ खड़ा नहीं होता।
परिवार ने कहा—

> “ये लोग सरेआम घूमते हैं, सीना चौड़ा करके कहते हैं—जो करना है कर लो, हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।”

कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमा, लेकिन मामला फिर भी अटका

परमाल सिंह द्वारा न्यायालय में की गई अपील के बाद पुलिस ने शिब्बू, शेखर, बल्लू, भोले, सुमित और कुंवरपाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया,
लेकिन कार्रवाई आज तक ढीली ही है।

परिवार का कहना है कि—

> “कोर्ट से लेकर कचहरी तक, हम हर जगह गए… मगर कोई सुनवाई नहीं। रोज जान का खतरा है, बच्चे डर में जी रहे हैं।”

पीड़ित परिवार ने प्रशासन से लगाई गुहार

परिवार ने यूपी पुलिस, जिला प्रशासन और शासन से मांग की है कि—

1. आरोपियों पर सख्त कार्रवाई हो

2. परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए

3. मामले में निष्पक्ष जांच कराई जाए

4. उल्टे दर्ज किए गए मुकदमों की समीक्षा हो

5. थाना पुलिस की लापरवाही पर कार्रवाई की जाए

परिवार का कहना है—

> “हम सिर्फ न्याय चाहते हैं। हम खून खराब आया किसी प्रकार का झगड़ा नहीं चाहते हैं हमें सिर्फ न्याय चाहिए
डर में जीना अब बर्दाश्त नहीं।”

हम मीडिया प्रशासन और उच्च अधिकारियों से हाथ जोड़कर अनुरोध करते हैं कि हमारे इस मामले को समय रहते गंभीरता से लिया जाए नहीं तो इसमें किसी की जान भी जा सकती है क्योंकि यह लोग आज भी झगड़ा करने या मारपीट के लिए उतारू होते हैं आज भी चाहते हैं कि इन्हें सिर्फ मौका मिले ताकि यह झगड़ा मारपीट कर सके

 

गांव जगान के युवक हनुमान ने पुलिस पर लगाया मारपीट का आरोप, पैर में फ्रैक्चर — न्याय की गुहार लगाई

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हिसार, अग्रोहा:
गांव जगान (पोस्ट कोड 255052) के रहने वाले हनुमान (पिता का नाम — धन्ना राम ने पुलिस और गांव के ही एक युवक पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

हनुमान के मुताबिक, गांव के ही अनिल पुत्र प्रकाश ने उसका ट्रैक्टर बीच रास्ते में रोक लिया। इसके बाद उसने तुरंत डायल-112 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। हनुमान का आरोप है कि 112 की टीम उसे मौके से उठाकर थाना अग्रोहा ले गई, जहां उसके साथ बुरी तरह मारपीट की गई, जिसके कारण उसके पैर में फ्रैक्चर हो गया।

हनुमान का कहना है कि आरोपी पक्ष की पुलिस से मिलीभगत हो सकती है, इसी वजह से उल्टा उसी के खिलाफ कार्रवाई करने की कोशिश की गई। उसने बताया कि न तो उसकी सुनवाई हुई और न ही उसके मेडिकल के आधार पर न्याय मिला।

निराश होकर अब हनुमान ने मीडिया का सहारा लिया है। उसकी मांग है कि उसकी बात प्रदेश के मुख्यमंत्री तक पहुंचे और मामले की दोबारा जांच हो।

हनुमान ने साफ कहा —
“मैं दर-दर भटक रहा हूं, मुझे न्याय चाहिए। जो भी आरोपी हैं, चाहे पुलिसकर्मी हों या अन्य लोग, सभी पर कड़ी कार्रवाई हो।”

पीड़ित हनुमान ने मीडिया के माध्यम से गुहार लगाई है कि या तो इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और आरोपी पाए जाने वाले पुलिस अधिकारियों पर भी कार्यवाही हो जिन्होंने बिना मतलब के हमारे साथ मारपीट की न्याय अगर नहीं मिला तो हनुमान ने इच्छा मृत्यु के लिए गृहमंत्री भारत सरकार से गुहार लगाई है और कहां है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए।

पीड़ित ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी सज़ा दिलाने की मांग की है।

रॉन्ग नंबर से शुरू हुआ प्यार धोखे में बदला, शादी का सपना दिखाकर युवक हुआ फरार — पीड़िता अकेली, मासूम बच्चा भी बेहाल

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गढ़वा (झारखंड) / गुजरात | विशेष रिपोर्ट

झारखंड के गढ़वा जिले की रहने वाली 22 वर्षीय सीमा की जिंदगी एक रॉन्ग नंबर से शुरू हुई बातचीत के बाद पूरी तरह बदल गई। सीमा का आरोप है कि इसी गलत नंबर की कॉल से उसकी पहचान 25 वर्षीय राहुल से हुई, जो मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर–आजमगढ़ क्षेत्र का रहने वाला बताया जा रहा है। धीरे-धीरे यह साधारण बातचीत प्यार में बदल गई और राहुल ने उसे शादी का भरोसा दिलाया।

सीमा पहले से शादीशुदा थी और उसका डेढ़ साल का एक बेटा आकाश भी है। सीमा का कहना है कि राहुल के शादी के वादे और भरोसे पर उसने अपने पहले पति को छोड़ दिया। बीते करीब आठ महीनों से दोनों एक-दूसरे के संपर्क में थे। इसके बाद सीमा गुजरात चली गई, जहां उसने किराए पर कमरा लेकर रहना शुरू किया। वहीं राहुल भी गुजरात में वाहन चलाने का काम करता था।

पीड़िता के अनुसार, राहुल दिन में काम करता था और रात में वही उसके कमरे पर रुकता था। इस दौरान दोनों के बीच पति-पत्नी जैसे संबंध भी बने। सीमा को पूरा भरोसा था कि राहुल उससे शादी करेगा और उसे व उसके बच्चे को अपनाएगा।

15 दिन पहले अचानक गायब हुआ राहुल

सीमा का आरोप है कि करीब 15 दिन पहले राहुल अचानक उसे छोड़कर कहीं चला गया। इसके बाद से वह न तो उसका फोन उठा रहा है और न ही किसी मैसेज का जवाब दे रहा है। जब सीमा किसी दूसरे नंबर से फोन करती है तो राहुल उसकी आवाज पहचान कर फोन काट देता है।

इस समय सीमा अपनी एक सहेली के घर पर रह रही है। न उसके पास स्थायी ठिकाना है और न ही कोई आर्थिक सहारा। सबसे बड़ी चिंता उसका नाबालिग बेटा आकाश है, जिसकी जिम्मेदारी भी अकेले उसी पर है।

शादी का झूठा वादा और धमकी का आरोप

सीमा का कहना है कि राहुल ने उससे साफ तौर पर शादी करने का वादा किया था, उसी भरोसे पर उसने अपना पूरा जीवन दांव पर लगा दिया। अब जब वह राहुल से जवाब मांगती है, तो वह टालमटोल करता है।
सीमा का यह भी आरोप है कि जब उसने मीडिया में अपनी बात रखने की चेतावनी दी, तो राहुल ने उसे उल्टा धमकाना शुरू कर दिया और कहा कि “मीडिया वाले क्या कर लेंगे।”

पीड़िता की मांग

सीमा का कहना है—

> “मैं आज भी राहुल के साथ ही रहना चाहती हूं, लेकिन वह मुझे धोखे में छोड़कर चला गया। उसने मुझसे झूठ क्यों बोला? शादी का सपना क्यों दिखाया? अगर वह अब मेरे साथ नहीं रहना चाहता, तो कम से कम सामने आकर सच तो बोले।”

पीड़िता ने प्रशासन और पुलिस से मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो, राहुल से जवाब लिया जाए और उसके साथ किए गए कथित छल व धोखाधड़ी के लिए उसे न्याय दिलाया जाएगा

कानूनी पहलू

कानून के जानकारों के अनुसार, यदि शादी का झूठा वादा कर शारीरिक संबंध बनाए गए हों और बाद में युवक संपर्क तोड़ ले, तो यह मामला धोखाधड़ी, मानसिक उत्पीड़न और शोषण की श्रेणी में आ सकता है। पीड़िता यदि चाहे तो स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराकर कानूनी कार्रवाई कर सकती है

पिपरिया में किराना व्यापारी के साथ मारपीट, मोबाइल–मोटरसाइकिल लूटकर फरार—

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पिपरिया में किराना व्यापारी के साथ मारपीट, मोबाइल–मोटरसाइकिल लूटकर फरार—अगले ही दिन शिकायतकर्ता के रिश्तेदार को आया जान से मारने का कॉल, बैखौफ बदमाशों ने कहा: “रिपोर्ट की है… अब जहां दिखेगा, मार देंगे”

मंगलवारा थाना, पिपरिया | विशेष रिपोर्ट

मंगलवारा थाना क्षेत्र में किराना व्यापारी पवन कोरी पिता परमानंद कोरी के साथ हुई लूट, गाली–गलौज और मारपीट के मामले ने एक नए और गंभीर मोड़ ले लिया है। घटना के अगले ही दिन, 28 नवंबर को पीड़ित के चाचा के लड़के दीपक के मोबाइल पर अज्ञात नंबर से धमकी भरा कॉल आया, जिसमें बदमाशों ने सीधे कहा कि “हां, तूने रिपोर्ट दर्ज करवाई है, जहां कहीं भी दिखेगा तुझे चार–पांच बंदे लगाकर मार देंगे”। इस धमकी ने पूरे परिवार में दहशत फैला दी है।

पीड़ित पवन कोरी,उम्र 30 वर्ष, पिता परमानंद निवासी ग्राम सिवनी ढिमर्रा, तहसील पिपरिया, ने अपनी शिकायत में बताया कि 27 नवंबर की दोपहर करीब 11 से 12 बजे के बीच वह बच्चों को साड़िया स्कूल छोड़कर मोटरसाइकिल (एमपी 05 एमएस 8194) से वापस लौट रहे थे। इसी दौरान पुल के पास उन्हें पवन कोरी पिता परमानंद (निवासी गाडरवारा) मिला, जिसने पिपरिया छोड़ने की बात कही। पीड़ित ने मानवीय आधार पर उसे बैठाया और सिलारी चौराहे पर उतार दिया।

इसी क्षण पवन पिता पिता परमानंद कोरी के साथ उसके चार साथी वहाँ पहुँच गए। आरोप है कि पांचों ने पीड़ित को घेर लिया और गंदी गालियाँ बकते हुए शराब पीने के लिए 500 रुपये की मांग की। पैसे न देने पर पवन ने पीड़ित को थप्पड़ मारा और जेब से 12,500 रुपये कीमत का रियलमी मोबाइल छीन लिया। इसके बाद सभी साथियों ने मुक्कों–थप्पड़ों से मारपीट की।

पीड़ित का आरोप है कि इसके बाद पवन कोरी पिता छोटेलाल ने उसकी मोटरसाइकिल भी छीन ली और गाडरवारा की ओर फरार हो गया। जाते-जाते आरोपियों ने धमकी दी कि यदि पुलिस में रिपोर्ट की तो जान से मार देंगे। मारपीट और धमकी के डर से पीड़ित उसी समय रिपोर्ट दर्ज नहीं करा सका।

हालांकि, अगले दिन जब पीड़ित ने हिम्मत जुटाकर रिपोर्ट दर्ज कराई, तो उसी शाम उसके चाचा के लड़के दीपक के फोन पर फिर एक सनसनीखेज धमकी भरा कॉल आया। कॉल करने वाले ने साफ शब्दों में कहा—
“तूने रिपोर्ट करवाई है, अब जहां दिखेगा तुझे चार-पांच लोग लगाकर खत्म कर देंगे। चाहे जहां भाग ले, बच नहीं पाएगा।”

परिवार ने बताया कि इस फोन कॉल के बाद पूरे घर में भय का माहौल है और सभी लोग लगातार दबाव और खतरे में जी रहे हैं।

पीड़ित पवन कोरी पिता परमानंद ‌ ने पुलिस से गुहार लगाई है कि पवन कोरी पिता छोटेलाल और उसके साथियों के खिलाफ तुरंत सख्त कार्रवाई की जाए, क्योंकि बदमाश इस समय खुलेआम धमकियां दे रहे हैं और किसी भी समय गंभीर वारदात कर सकते हैं।

रिपोर्ट में पीड़ित ने मोटरसाइकिल के आरसी कार्ड की छायाप्रति और मोबाइल के बिल की कॉपी भी संलग्न की है।

फिलहाल पुलिस ने शिकायत प्राप्त कर ली है। मगर लगातार मिल रही धमकियों को देखते हुए पीड़ित परिवार पुलिस सुरक्षा और त्वरित गिरफ्तारी की मांग कर रहा है।

स्थानीय लोगों में भी इस घटना के बाद दहशत है, क्योंकि बदमाशों की हिम्मत इतनी बढ़ चुकी है कि वे रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी खुलेआम हत्या की धमकियाँ दे रहे हैं।

पीड़ित ने कहा—
“मैंने कोई गलती नहीं की। इंसानियत में पवन कोरी को छोड़ने गया था। उसी का फायदा उठाकर उन्होंने मेरे साथ वारदात की। अब लगातार धमकियां दी जा रही हैं। पुलिस जल्द कार्रवाई करे, वरना कुछ भी हो सकता है।”

महिपालपुर में ड्राइवर को धमकाने का मामला तूल पकड़ा — शिकायत के बाद से आरोपी बस ड्राइवर दीपक कर रहा है उत्पीड़न

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कंपनी का नाम: RAMS SERVICES

नई दिल्ली। महिपालपुर क्षेत्र में एक ड्राइवर को धमकाने और गाली-गलौज करने का गंभीर मामला सामने आया है। सेक्टर-18 निवासी और RAMS SERVICES से जुड़े ड्राइवर सोमकांत ने आरोप लगाया है कि बस ड्राइवर दीपक पिछले कई महीनों से उसे लगातार प्रताड़ित कर रहा है और नौकरी से निकलवाने की धमकी दे रहा है।

पीड़ित के अनुसार, करीब छह महीने पहले सेक्टर-21 में एक बस ड्राइवर शराब के नशे में उत्पात मचा रहा था, जिसकी शिकायत उन्होंने अपने कापसहेड़ा स्थित कार्यालय में की थी। शिकायत के बाद उस ड्राइवर को कंपनी से हटा दिया गया था। इसी रंजिश के चलते दीपक नामक बस ड्राइवर उन्हें लगातार निशाना बना रहा है।

सोमकांत ने बताया कि दीपक बस पालम और आसपास के इलाकों में जहां भी मिलता है, वहां खुलकर धमकी देता है। उसके साथ लगभग 16 बस ड्राइवर रहते हैं, जिनकी वजह से वह खुद को प्रभावशाली समझता है और खुलेआम गाली-गलौज करता है।

21 नवंबर की घटना ने बढ़ाई चिंता

21/11/25 को महिपालपुर पार्किंग में दीपक ने सोमकांत को रोककर जमकर गाली-गलौज की और जान से मारने की धमकी दी। घटना के बाद से वह मानसिक रूप से बेहद परेशान है और अपनी सुरक्षा को लेकर डरा हुआ है।

पीड़ित ने पूरी घटना की लिखित शिकायत संबंधित विभाग को सौंप दी है और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो किसी बड़ी अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता।

मामला सामने आने के बाद स्थानीय ड्राइवरों में भी रोष है और लोग ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

सोमकांत शर्मा का आरोप — “डेढ़ महीने से सैलरी नहीं, मांगने पर धमकाया गया”

इस विवाद के बीच उमाकांत शर्मा, जो इसी कंपनी से जुड़े हैं, ने भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने मीडिया से बातचीत में बताया:

“पिछले एक–डेढ़ महीने से मेरी सैलरी नहीं दी गई। जब मैंने मालिक से सैलरी मांगने की कोशिश की तो उन्होंने मुझे धमकाया और दफ्तर से भगा दिया। अब मैं न्याय के लिए अदालत और मीडिया का सहारा ले रहा हूँ।”

सोमकांत का कहना है कि कंपनी कर्मचारियों के साथ मनमानी करती है और उनकी बात सुनने को तैयार नहीं है।