Sunday, April 6, 2025
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
Home Blog

जिस दिन संसद में वक्फ बिल पास होगा…’, PM मोदी को मिला बिहार के पूर्व CM का साथ

0

लोकसभा में आज मोदी सरकार वक्फ संशोधन विधेयक पेश करने जा रही है। इस बिल को लेकर सरकार के साथ खड़ी पार्टियों ने खुले आम अपने समर्थन का ऐलान करके विरोधियों को चौंका दिया है। NDA के सभी सहयोगी दलों ने एक सुर में बिल का समर्थन किया है।
पटना: NDA के सभी सहयोगी दलों ने एक सुर में वक्फ संशोधन बिल का समर्थन किया है। नीतीश कुमार की JDU, चंद्रबाबू नायडू की TDP, चिराग पासवान की LJP और जीतनराम मांझी की HUM ने खुलेआम बिल का समर्थन करके विपक्ष का प्लान फेल कर दिया है। इस बिल को पिछले साल 8 अगस्त को संसद में पेश किया गया था जहां से इसे जेपीसी में भेजा गया था। 22 अगस्त से ही जेपीसी ने अपना काम शुरू कर दिया था जिसके बाद ये रिपोर्ट पेश की गई और 27 फरवरी को संशोधित ड्राफ्ट को मंज़ूरी दे दी गई। अब आज 9 महीने बाद ये बिल दोबारा लोकसभा में पेश हो रहा है।
राजनैतिक दलों के सपनों को चकनाचूर कर देगा वक्फ बिल’
इस बीच केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने एक्स पर पोस्ट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद कहा है। मांझी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वक्फ संशोधन बिल 2025 कई राजनैतिक दलों के सपनों को चकनाचूर कर देगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “जो दल अभी तक वक्फ बिल को लेकर मुसलमानों को भड़काने का काम कर रहे थे, उन्हें हमारी सरकार करारा जवाब देने जा रही है। वक्फ संशोधन बिल जिस दिन पास होगा, उस दिन देश के हर मुसलमान कहेगें कि मोदी है तो सबकुछ मुमकिन है। धन्यवाद पीएम मोदी देश का हर तबका आपके साथ है।”
विपक्ष का प्लान फेल, NDA के सहयोगी साथ
वहीं, आपको बता दें कि वक्फ संशोधन बिल पर आज लोकसभा में आर-पार होने वाला है। विपक्ष का सारा प्लान फिलहाल फेल नज़र आ रहा है क्योंकि बिल पेश होने से पहले सरकार में शामिल सहयोगी दलों ने खुलेआम इसके समर्थन का ऐलान कर दिया है। वक्फ संशोधन बिल के समर्थन में NDA और सहयोगी दलों के 293 सांसद हैं। इसके खिलाफ इंडी गठबंधन समेत दूसरे दलों के 239 ही सांसद हैं। वहीं जगन की पार्टी के चार सांसदों समेत 10 सांसद अभी सस्पेंस की स्थिति में हैं, उन्होंने पत्ते नहीं खोले हैं।

इस बिल को लेकर सरकार के साथ खड़ी पार्टियों ने खुले आम अपने समर्थन का ऐलान करके विरोधियों को चौंका दिया है।

भाजपा और एनडीए सरकार के डीएनए में है किसान कल्याण-शिवराज सिंह

0

चुनौतियों से निपटने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी तत्काल कदम उठाते हैं- शिवराज सिंह चौहान
एक जमाना था जब साहूकारों के पास जाना पड़ता था, लेकिन अब एनडीए-मोदी जी की सरकार है- शिवराज सिंह
हमने किसान क्रेडिट कार्ड की संख्या बढ़ाई, 75% से ज्यादा छोटे-सीमांत किसानों को सस्ता ऋण उपलब्ध-शिवराज
सोच-सोच में फर्क होता है, सरकार-सरकार चलाने में फर्क होता है- शिवराज सिंह
मोदी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती उर्वरकों की कीमतों का बोझ किसानों पर नहीं आने दिया- शिवराज
पहले की सरकारों ने प्रधानमंत्री मोदी जैसी योजनाएं कभी बनाई क्या-शिवराज सिंह
नई दिल्ली, 1 अप्रैल 2025, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसान कल्याण भाजपा और एनडीए सरकार के डीएनए में है। हरेक परिस्थिति में जब भी कोई चुनौती पैदा होती है तो उससे निपटने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी तत्काल कदम उठाते हैं।
आज लोक सभा में प्रश्नकाल के दौरान, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय से संबंधित प्रश्नों के उत्तर देते हुए केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारे देश में जोत का आकार बहुत छोटा है। एवरेज लैंड होल्डिंग एक से डेढ़ एकड़ के आसपास होती है और वैसे में किसानों को सरवाइव करना कठिन काम होता है। और, तब और, जब जलवायु परिवर्तन के संकटों से भी उसे जूझना पड़े, इसलिए इस बजट में इन्हीं संकटों से निपटने के लिए 1 लाख 37 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का प्रावधान किया गया है। श्री शिवराज सिंह ने कहा कि जब यूपीए की सरकार थी, तो केवल 21 हजार करोड़ रु. बजट हुआ करता था। उन्होंने कहा कि इन संकटों से बचाने के लिए जो कदम उठाए गए हैं, उनमें एक हमारे उच्च उपज वाले बीज जो जलवायु अनुकूल हों, इनकी 109 किस्में अभी जारी की थी और बजट में प्रावधान किया है कि हम उच्च उपज वाले 100 से अधिक बीज की किस्मों को व्यवसायिक रूप से किसानों को उपलब्ध कराएंगे, जिन पर जलवायु परिवर्तन का असर न पड़े।
केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री धनधान्य कृषि योजना इसलिए बनाई कि निम्न उत्पादकता वाले जो जिले हैं, उनमें इस तरह के प्रयत्न करेंगे कि वहां उत्पादन-उत्पादकता बढ़ाने का काम किया जा सके। शिवराज सिंह ने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) निरंतर अनुसंधान करता रहता है। उन्होंने कहा- माननीय सदस्य ने आम की फसल का जिक्र किया है, आम की भी ऐसी किस्में विकसित की जा रही है, जिस पर जलवायु परिवर्तन का कोई कसर न पड़े, इस दिशा में निरंतर प्रयास जारी रखेंगे।
श्री शिवराज सिंह ने कहा कि खेती में निवेश की आवश्यकता होती है। बीज, खाद के साथ ही बाकी व्यवस्थाओं की आवश्यकता होती है। एक जमाना था जब साहूकारों के पास जाना पड़ता था, लेकिन अब एनडीए व मोदी जी की सरकार है। हमने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की संख्या बढ़ाई है, मुझे खुशी है कि 75% से ज्यादा छोटे व सीमांत किसानों को केसीसी पर सस्ता ऋण उपलब्ध है, इफेक्टिवली 4% ब्याज दर पर, जहां तक संस्थागत ऋण का सवाल है, ये 2013-14 तक केवल 4 लाख करोड़ रु. मिला करता था, अब वो बढ़कर 10 लाख करोड़ रु. से ज्यादा हो गया है, ओवरऑल कृषि क्षेत्र में ऋण प्रवाह बढ़कर साढ़े 25 लाख करोड़ रु. हो गया है। पहले केसीसी पर जो ऋण सीमा केवल 3 लाख रु. थी, लेकिन अब बागवानी फसलें पैदा करना है, पशुपालन, मछलीपालन क्षेत्र में जाना है तो ज्यादा पूंजी की आवश्यकता होती है, इसलिए मोदी सरकार ने फैसला किया कि 5 लाख तक लोन किसानों को कम ब्याज दर पर मिलेगा, किसानों का कल्याण मोदी सरकार की गारंटी है।
केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने कहा कि हम जानते हैं उत्पादन बढ़ाने के लिए उर्वरक सबसे महत्वपूर्ण कारक है, पिछले दिनों लगातार अंतरराष्ट्रीय बाजार में उर्वरकों की कीमत बढ़ती रही है, लेकिन ये मोदी सरकार का संकल्प है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती हुई कीमतों का बोझ किसी भी कीमत पर किसान के ऊपर नहीं आने देंगे और इसलिए इस साल भी उर्वरक सब्सिडी पर 1 लाख 77 हजार करोड़ रु. का प्रावधान किया गया है और किसानों को यूरिया की एक बोरी जिसकी कीमत 1744 रुपए 50 पैसे होती है, ये मोदी जी की सरकार है, जो 266 रु. 50 पैसे में उपलब्ध करा रही है। और, सोच-सोच में फर्क होता है, सरकार-सरकार चलाने में फर्क होता है, जब यूपीए की सरकार थी तो 2010-11 में 507 रु. की डीएपी की बोरी थी, 2011-12 में बढ़ाकर 887 रु. कर दी गई और 2012-13 में बढ़ाकर 1315 रु. 56 पैसे कर दी गई, लेकिन ये मोदी जी की गारंटी है 1350 रु. में ही यूरिया की बोरी मिलेगी, एक पैसा नहीं बढ़ने दिया जाएगा और इसलिए 1735 रु. प्रति बोरी अगर सब्सिडी दे रही है तो मोदी जी की सरकार दे रही, किसानों के हितों की गारंटी हमने ली, भाजपा के डीएनए में ही किसान कल्याण है।
श्री शिवराज सिंह ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री विजनरी लीडर हैं, इसलिए किसानों की आय बढ़ाने के अनेकों प्रयास किए जा रहे हैं। उत्पादन बढ़ाना, उत्पादन लागत घटाना, उत्पादन के ठीक दाम देना, नुकसान हो जाए तो उसकी भरपाई करना, कृषि का विविधीकरण, प्रधानमंत्री जी के प्रयत्नों से किसानों की आय निरंतर बढ़ती जा रही है, हम जो प्रयत्न कर रहे हैं, क्या पहले की सरकारें कभी 6 हजार रु. किसान सम्मान निधि देती थीं, पहले की सरकारों ने कभी किसान मानधान योजना बनाई थी क्या, पहले की सरकारों ने कभी अच्छे उपज वाले बीज दिए थे क्या। उन्होंने कहा कि हम सकारात्मक सोचते हैं, हमारा संकल्प है किसानों की आय बढ़ाना और वो बढ़ाने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, हरेक कदम उठाए जा रहे हैं, उससे किसानों की आय बढ़ रही है।
श्री चौहान ने बताया कि कृषि क्षेत्र में पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट के लिए पहले ऋण की बहुत व्यवस्था नहीं थी, छोटी-छोटी प्रोसेसिंग यूनिट लगाने में भी दिक्कत थी, प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में फैसला करके एग्री इंफ्रा फंड के रूप में 1 लाख करोड़ रु. की व्यवस्था की गई, ये सब काम करने के लिए अलग-अलग किसान हों, प्राथमिक सहकारी समितियां हों, FPO’s हों, स्वयं सहायता समूह हो, इस तरह की प्रोसेसिंग के लिए ये फंड उपलब्ध है। 96 हजार करोड़ रु. निवेश के रूप में वेयरहाउसेस, कोल्ड स्टोरेज, चैम्बर बनाने, प्रोसेसिंग के लिए, यूनिट लगाने हेतु दिए जा चुके है। और जहां आवश्यकता है, वहां जो निवेशकर्ता है, जो प्रोसेसिंग करेंगे, उन्हें ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। ऋण पर सब्सिडी है, कोलैटरल भी दिया जाता है बैंक गारंटी की जरूरत नहीं है।
बिहार में सिंचाई की व्यवस्था- श्री शिवराज सिंह ने कहा कि बिहार में सिंचाई की व्यवस्था को क्रांतिकारी स्वरूप देने के लिए कोसी योजना को कैबिनेट ने मंजूरी दी है, जिसमें लाखों एकड़ में सिंचाई की जाएगी। प्रधानमंत्री जी की सोच है सूक्ष्म सिंचाई योजना, पर ड्रॉप-मोर क्रॉप। बड़ी सिंचाई योजनाओं के साथ नदी जोड़ो परियोजना पर काम किया जा रहा है, जिसमें बिहार को भी शामिल करने का सौभाग्य एनडीए सरकार को मिला है, दूसरी तरफ पर ड्रॉप-मोर क्रॉप अंतर्गत किसान जो ड्रिप व स्प्रिंकल से सिंचाई करना चाहते हैं, मतलब कम पानी में ज्यादा सिंचाई, इसके लिए ड्रिप व स्प्रिंकल की योजना है, सूक्ष्म सिंचाई योजना बनाई गई है, इसके अंतर्गत लगभग 96 लाख हेक्टेयर जमीन सिंचित की जा चुकी है। इसका फायदा यह है कि ज्यादा सिंचाई होती है और लगभग 15% ज्यादा उत्पादन होता है। बिहार के किसानों को भी इस सूक्ष्म सिंचाई योजना का लाभ दिया जा रहा है।

RBI ने बैंकों को सोमवार के लिए दिया ये स्पेशल ऑर्डर, सभी के लिए है अनिवार्य

0

आरबीआई ने कहा कि चेक ट्रंकेशन सिस्टम यानी सीटीएस के तहत सामान्य समाशोधन समय, जैसा कि किसी भी कार्य दिवस सोमवार पर लागू होता है, 31 मार्च, 2025 को भी लागू किया जाएगा।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को सभी बैंकों को 2024-25 के लिए सभी सरकारी लेन-देन का लेखा-जोखा रखने की सुविधा के लिए 31 मार्च को स्पेशल क्लियरिंग ऑपरेशन (विशेष समाशोधन) कार्यों में जरूरी तौर पर भाग लेने के लिए कहा। भारत 1 अप्रैल से 31 मार्च तक के वित्तीय वर्ष का पालन करता है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, सप्ताहांत और ईद-उल-फितर के बावजूद, जो सोमवार को पड़ सकता है, देश भर में आयकर कार्यालय और सीजीएसटी कार्यालय 29 मार्च से 31 मार्च तक खुले रहेंगे।
लेखा-जोखा उसी वित्तीय वर्ष के भीतर होना चाहिए
खबर के मुताबिक, इससे पहले, आरबीआई ने कहा था कि 2024-25 के लिए एजेंसी बैंकों द्वारा किए गए सभी सरकारी लेन-देन का लेखा-जोखा उसी वित्तीय वर्ष के भीतर होना चाहिए। इसने सभी एजेंसी बैंकों से कहा था कि वे सरकारी प्राप्तियों और भुगतानों से संबंधित सभी शाखाओं को 31 मार्च, 2025 को सामान्य कार्य घंटों तक सरकारी लेनदेन से संबंधित ओवर-द-काउंटर लेनदेन के लिए खुला रखें। शुक्रवार को एक सर्कुलर में, भारतीय रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि चेक ट्रंकेशन सिस्टम यानी सीटीएस के तहत सामान्य समाशोधन समय, जैसा कि किसी भी कार्य दिवस सोमवार पर लागू होता है, 31 मार्च, 2025 को भी लागू किया जाएगा।

प्रस्तुति और वापसी सत्र का समय
सर्कुलर में कहा गया है कि साथ ही चालू वित्त वर्ष (2024-25) के लिए 31 मार्च, 2025 तक सभी सरकारी लेनदेन का लेखा-जोखा रखने की सुविधा के लिए, 31 मार्च को विशेष रूप से सरकारी चेक के लिए सीटीएस के तहत विशेष समाशोधन करने का फैसला लिया गया है। इसके अलावा, सभी बैंकों के लिए 31 मार्च, 2025 को विशेष समाशोधन परिचालन में भाग लेना जरूरी है। सीटीएस के तहत विशेष समाशोधन परिचालन के तहत, प्रस्तुति का समय 17:00 बजे से 17:30 बजे तक और वापसी सत्र 19:00 बजे से 19:30 बजे तक होगा।

सीटीएस के सभी सदस्य बैंकों को विशेष समाशोधन घंटों के दौरान अपने आवक समाशोधन प्रसंस्करण बुनियादी ढांचे को खुला रखने और विशेष समाशोधन से उत्पन्न निपटान दायित्वों को पूरा करने के लिए अपने समाशोधन निपटान खाते में पर्याप्त शेष राशि बनाए रखने के लिए कहा गया है।

मायावती ने अखिलेश पर बोला हमला, दिलाई गेस्ट हाऊस काण्ड की याद, बोलीं- ‘पश्चताप करना चाहिए’

0

सपा सांसद रामजी लाल सुमन द्वारा राणा सांगा को लेकर दिए गए विवादित बयान पर जारी हंगामे के बीच बसपा प्रमुख मायावती ने अखिलेश यादव पर बड़ा हमला किया है। मायावती ने अखिलेश को गेस्ट हाऊस काण्ड की याद दिलाई है।
राणा सांगा पर समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन के विवादित बयान को लेकर लगातार हंगामा मचा हुआ है। राज्यसभा में इस मुद्दे पर बहस देखी गई है। रामजी लाल सुमन के घर पर करणी सेना ने हमला किया था। समाजवादी पार्टी ने इस घटना का विरोध किया है। वहीं, अब बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने इस पूरे मामले को लेकर समाजवादी पार्टी और इसके प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधा है। मायावती ने अखिलेश को गेस्ट हाऊस कांड की याद दिलाई है जब बसपा प्रमुख पर हमला किया गया था।

गेस्ट हाऊस काण्ड याद कर लेना चाहिये- मायावती
मायावती ने कहा- “आगरा की हुई घटना के साथ-साथ सपा मुखिया को इनकी सरकार में दिनांक 2 जून 1995 को लखनऊ स्टेट गेस्ट हाऊस काण्ड में इस पार्टी द्वारा मेरे ऊपर कराया गया जानलेवा हमला भी इनको जरूर याद कर लेना चाहिये तथा इसका पश्चताप भी जरूर करना चाहिए। अतः आगरा घटना की आड़ में अब सपा अपनी राजनीतिक रोटी सेंकना बन्द करे तथा आगरा की हुई घटना की तरह यहां दलितों का उत्पीड़न और ज्यादा ना कराये।”
दलितों इनके हथकण्डों से सावधान रहे- मायावती
मायावती ने ट्वीट में कहा- “सपा अपने राजनैतिक लाभ के लिए अपने दलित नेताओं को आगे करके जो घिनौनी राजनीति कर रही है अर्थात् उनको नुकसान पहुँचाने में लगी है, यह उचित नहीं। दलितों को इनके सभी हथकण्डों से सावधान रहना चाहिये। आगरा की हुई घटना अति चिन्ताजनक है। साथ ही सपा द्वारा अपने स्वार्थ में किसी भी समुदाय का अपमान करना ठीक नहीं है, जिसके तहत अब इनको किसी समुदाय में दुर्गन्ध व किसी में सुगन्ध आ रही है। इससे समाज में अमन-चैन व सौहार्द बिगड़ेगा, जो ठीक नहीं है।”

क्या बोले थे सांसद रामजी लाल सुमन?
समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रामजी लाल सुमन ने मेवाड़ के शासक राणा सांगा पर बीते 21 मार्च को विवादित टिप्पणी की थी। रामजी लाल सुमन ने राणा सांगा को ‘गद्दार’ कहा था। उन्होंने कहा था कि राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी को हराने के लिए मुग़ल सम्राट बाबर को भारत में आमंत्रित किया था। इस बयान के बाद से ही रामजी लाल सुमन का विरोध हो रहा है। राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत समेत कई नेताओं और संगठनों ने रामजी लाल सुमन के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई थी।

मातृ वंदना योजना के लिए बहुत कम बजट दिया गया’, राज्यसभा में सोनिया गांधी ने लगाया आरोप

0

सोनिया गांधी ने राज्यसभा में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत कम बजट आवंटन का आरोप लगाया। उन्होंने गर्भवती महिलाओं को दिए जाने वाले लाभ को पूरी राशि के रूप में देने की मांग की और सरकार से बजट बढ़ाने की अपील की।
नई दिल्ली: राज्यसभा में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत बहुत कम बजट आवंटित किये जाने का आरोप लगाया है। उन्होंने साथ ही सुझाव दिया कि इसके तहत गर्भवती महिलाओं को दिये जाने वाले आर्थिक लाभ की पूरी राशि प्रदान की जानी चाहिए। शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून 2013 और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत महिलाओं को मातृत्व लाभ प्रदान नहीं किए जा रहे हैं।
मात्र 5000 रुपये देने का प्रावधान किया गया’
सोनिया ने कहा कि संसद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में सितंबर 2013 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून को पारित किया था। कांग्रेस नेता ने कहा कि यह प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का आधार था। उन्होंने कहा कि इस कानून के तहत अनौपचारिक क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं को 6000 रुपये प्रदान किए जाने थे। उन्होंने कहा कि 2017 में शुरू की गई प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में इस अधिकार को प्रदान किए जाने की बात कही गई थी किंतु इसके तहत ऐसी महिलाओं को मात्र 5000 रुपये देने का प्रावधान किया गया। इसमें दूसरे बच्चे के होने पर भी ऐसी सहायता देने की बात थी बशर्ते वह शिशु बच्ची हो।

‘12000 करोड़ रुपये के बजट की जरूरत’
सोनिया ने कहा कि 2022-23 में किए गए एक विश्लेषण के अनुसार 68 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत पहले बच्चे के जन्म के अवसर पर पहली किस्त प्रदान की गई। उन्होंने कहा कि किंतु इसके अगले ही वर्ष इसमें बहुत अधिक गिरावट आई और यह मात्र 12 प्रतिशत ही रह गई। उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि ऐसा क्यों होने दिया गया? उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून 2013 के तहत मातृत्व लाभ को पूरी तरह से लागू करने के लिए वार्षिक तौर पर 12,000 करोड़ रुपये के बजट की आवश्यकता पड़ेगी।

कांग्रेस नेता ने इस बात पर जताई हैरानी
सोनिया ने कहा कि यह हैरानी की बात है कि बजट डॉक्यूमेंट्स में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत किए गए आवंटन का अलग से जिक्र नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय के तहत इसके लिए एक कार्यक्रम है, ‘सामर्थ्य’, जिसके लिए वर्ष 2025-26 में बजटीय आवंटन कुल 2521 करोड़ रुपये का है। उन्होंने कहा कि इससे स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लिए बहुत कम बजट प्रदान किया जा रहा है।

इस ग्राम पंचायत में कमीशनखोरी के लिए पारित हुआ प्रस्ताव, मच गया हंगामा, हाई कोर्ट ने भेजा नोटिस

0

इस ग्राम पंचायत में कमीशनखोरी के लिए पारित हुआ प्रस्ताव, मच गया हंगामा, हाई कोर्ट ने भेजा नोटिस वैसे तो अपने देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी अक्सर अपने भाषणों में कहा करते थे कि मैं दिल्ली से यदि 1 रुपए भेजता हूं तो आम जनता तक दस पैसा ही पहुंचता है। बाकी का पैसा अधिकारी और नेताओं के बीच कमीशन की भेंट चढ़ जाता है तो क्या वाकई मध्यप्रदेश में ऐसा ही हो रहा है? यहां अनूपपुर जिले के ग्राम पंचायत सलारगोड़ी में कमीशनखोरी के लिए प्रस्ताव पारित कर लिया गया है। इस घटना को जानकर हर कोई हैरान है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
कमीशन के लिए नियम बना लिया गया
देश के PM हों या मध्यप्रदेश के सीएम दोनों ही मध्य प्रदेश के विकास के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं और प्रदेश के विकास के लिए पैसों की कोई कमी नहीं होने दे रहे हैं। सरकार देश के छोटे से छोटे गांव को विकसित करने का प्रयास कर रही है। लेकिन ग्राम पंचायत स्तर पर बैठे जनप्रतिनिधियों को प्रदेश के विकास से कोई लेना देना नहीं है। वो तो पहले अपना विकास देखते हैं और अपनी सुविधा के लिए पंचायत स्तर पर बाकायदा आदेश तक पारित करा लिया जाता है। मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले के ग्राम पंचायत सलारगोड़ी में भ्रष्टाचार का खेल ऐसा है कि कमीशन के लिए नियम ही बना लिया गया है।

भ्रष्टाचार की राशि के बंटवारे का फॉर्मूला
सलारगोड़ी ग्राम पंचायत ने ग्राम सभा में इसे लेकर प्रस्ताव पास कर दिया है। सरपंच, उप सरपंच और पंचों ने भ्रष्टाचार की राशि का बंटवारा कर लिया है। भ्रष्टाचार की राशि 10% सरपंच, 7% उपसरपंच और 5 प्रतिशत पंचों में बंटेगी। इस बात का खुलासा आरटीआई से मिली जानकारी से हुआ है।

हाई कोर्ट ने जारी किया नोटिस
इस मामले को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर हुई है जिसके बाद हाई कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। ये पूरा मामला अनूपपुर जिले के ग्राम पंचायत सलारगोड़ी का है। जब इस मामले के प्रकाश में आने के बाद अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई तो वे इस मामले अपना पल्ला झाड़ते नजर आए हैं

अपराधिक न्याय व्यवस्था को और अधिक त्वरित , सुदृढ़ एवं पारदर्शी बनाने हेतु सभी स्तंभ एक मंच पर

0

देवास जिले को पायलट के रूप में किया गया चयनित, न्यायमूर्ति श्री संजीव कालगांवकर एवं एडीजी एससीआरबी श्री चंचल शेखर के मार्गदर्शन में कार्यशाला आयोजित

देवास: मध्यप्रदेश में अपराधिक न्याय व्यवस्था को और अधिक त्वरित , पारदर्शी एवं सुदृढ़ बनाने हेतु इस व्यवस्था के सभी स्तंभ- पुलिस, चिकित्सा, फॉरेंसिक, न्यायालय, अभियोजन एवं जेल के मध्य डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से सूचनाओं तथा दस्तावेजों के पेपरलेस आदान-प्रदान हेतु एक ऐतिहासिक पहल की गई है। इस परिवर्तनकारी कदम के तहत पुलिस महानिदेशक, मध्यप्रदेश श्री कैलाश मकवाना द्वारा देवास जिले को पायलेट डिस्ट्रीक्ट के रूप में चयनित किया गया है, जहाँ अपराधिक न्याय व्यवस्था से जुड़े समस्त स्तंभ—पुलिस, अभियोजन, न्यायपालिका, फोरेंसिक, चिकित्सा एवं जेल विभाग—एकीकृत डिजिटल प्रणाली से आपस में जुड़ेंगे।

उल्लेखनीय है कि 1 जुलाई 2024 से प्रवर्तनीय नवीन क़ानून का मुख्य जोर अपराध पंजीकरण से लेकर न्यायालयीन निर्णय तक की प्रक्रिया को समयबद्धता प्रदान करना है , इसी परिप्रेक्ष्य में एफआईआर से लेकर अंतिम निर्णय तक के मार्ग में आने वाली समस्त प्रक्रियाओं को एवं समस्त संबद्ध विभागों को एकीकृत डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से जोड़े जाने हेतु यह एक महत्वपूर्ण कदम है जिसका मूल उद्देश्य आम जनता को त्वरित न्याय प्रदायगी होगा ।

उक्त कार्यशाला मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय , खंडपीठ इंदौर के माननीय न्यायमूर्ति श्री संजीव एस. कालगाँवकर एवं एडीजी एससीआरबी मध्यप्रदेश श्री चंचल शेखर (IPS) के मुख्य आतिथ्य एवं मार्गदर्शन में संपन्न हुई ।

इस डिजिटल पहल के अंतर्गत, विवेचना, वारंट, समंस, एमएलसी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, एफएसएल जांच, न्यायालयीय कार्यवाही एवं अभियोजन की जानकारियों का आदान-प्रदान एक ही प्लेटफॉर्म पर संभव होगा। पायलेट प्रोजेक्ट के तहत देवास प्रदेश का पहला ऐसा जिला होगा, जहाँ अधिकतम विवेचकों को टेबलेट प्रदान किए जाएंगे, जिससे उनकी कार्यप्रणाली अधिक सुदृढ़, पारदर्शी एवं दक्ष बनेगी।

उल्लेखनीय है कि अंतर विभागीय डिजिटल एकीकरण की उक्त व्यवस्था के कुछ अहम पहलू जैसे ई- समन एवं वारंट , बेल एप्लीकेशन मोड्यूल, मेड-ले-पार आदि को जिला देवास में पहले से ही सुचारू रूप से क्रियान्वित किया जा रहा है ।

इस अभिनव व्यवस्था के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु कार्यशाला में विभिन्न विभागों के अधिकारियों को प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया। आगामी दिनों में पुलिसकर्मियों, चिकित्सकों, एफएसएल अधिकारियों, अभियोजन अधिवक्ताओं और विवेचकों को इस प्रणाली के उपयोग के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे एक समन्वित, तेज और जनहितकारी आपराधिक न्याय प्रणाली की स्थापना की जा सके।

कार्यशाला में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय इंदौर खंडपीठ के माननीय न्यायमूर्ति श्री संजीव एस. कालगाँवकर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। साथ ही, देवास के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अजय कुमार मिश्रा, एडीजी एससीआरबी मध्यप्रदेश श्री चंचल शेखर (IPS), एडीजी उज्जैन श्री उमेश जोगा (IPS), डीआईजी उज्जैन श्री नवनीत भसीन (IPS), तथा कलेक्टर देवास श्री ऋतुराज सिंह (IAS) ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से आयोजन को गौरवान्वित किया।

कार्यक्रम के शुभारंभ उपरांत सर्वप्रथम देवास पुलिस अधीक्षक श्री पुनीत गेहलोद ने स्वागत भाषण देते हुए सभी अतिथियों का अभिनंदन किया और इस परियोजना की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि अब न्याय व्यवस्था के सभी स्तंभ एक साझा डिजिटल मंच पर आपस में जुड़ेंगे, जिससे प्रक्रिया में पारदर्शिता, गति और सुगमता आएगी। एसपी देवास ने उल्लेखित किया कि पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत अपराध पंजीकरण के उपरांत एमएलसी का आदान प्रदान, एफएसएल रिपोर्ट का आदान प्रदान और विवेचना उपरांत चार्जशीट का न्यायालय में प्रेषण पूर्ण रूप से डिजिटल माध्यम से पेपरलेस होगा ।साथ ही न्यायालय द्वारा जारी समस्त समन और वारंट भी ऑनलाइन तामील किए जाएँगे । इसी प्रकार पुलिस और अभियोजन के मध्य सूचनाओं / दस्तावेजों का आदान प्रदान भी पेपरलेस होगा ।

“New Criminal Law and Digital Integration: Reforming Justice for the Future” विषय पर केंद्रित कार्यशाला में पुलिस, अभियोजन, न्यायपालिका, जेल और फोरेंसिक विभाग की प्रक्रियाओं के डिजिटल एकीकरण की विस्तृत जानकारी दी गई।

एससीआरबी की एआईजी श्रीमती प्रांजलि शुक्ला द्वारा कार्यशाला में पीपीटी प्रस्तुति दी गई जिसमे पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत की जाने वाली समस्त कार्यवाहियों एवं उनकी समय सीमा को दर्शाया गया । उक्त पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत जहाँ प्रथम माह में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, इक्विपमेंट की उपलब्धता और प्रशिक्षण पर जोर दिया जाकर प्रत्येक स्टेकहोल्डर विभाग के नोडल अधिकारी नियुक्त होंगे वहीं दूसरे महीने से क्रियान्वयन पर जोर दिया जाएगा । साथ ही डिजिटलीकरण में आने वाली व्यवहारिक समस्याओं को समांतर रूप से हल भी किया जाएगा ।

प्रेजेंटेशन पश्चात खुली चर्चा के दौर में न्यायाधीश गणों, अधिवक्ताओं , पुलिस अधिकारियों एवं चिकित्सकों द्वारा विभिन्न प्रश्न पूछे गए जिनके जवाब मंचासीन अतिथियों द्वारा दिए गए ।

एडीजी एससीआरबी श्री चंचल शेखर द्वारा सेमिनार को संबोधित करते हुवे इसे आपराधिक न्याय प्रणाली हेतु एक अहम पड़ाव बताया, साथ ही न्यायपालिका द्वारा प्रचलित सीआईएस सिस्टम को सीसीटीएनएस से उत्तरोत्तर संबद्ध करने पर ज़ोर दिया ।

प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अजय कुमार मिश्रा द्वारा देवास न्यायपालिका द्वारा डिजिटलीकरण हेतु किए गए प्रयासों का उल्लेख किया एवं न्याय व्यवस्था के समस्त स्तंभों को डिजिटल प्लेटफार्म पर जोड़ने को समय की आवश्यकता बताया ।

अंत में मुख्य अतिथि माननीय न्यायमूर्ति श्री संजीव कालगाँवकर ने संबोधित करते हुवे समस्त अधिकारियों को अभिप्रेरित करते हुवे उक्त अभिनव व्यवस्था को सकारात्मकता के साथ अपनाने हेतु प्रेरित किया ।

कार्यक्रम का संचालन एएसपी ग्रामीण श्रीमती सौम्या जैन ने किया तथा आभार प्रदर्शन एएसपी शहर श्री जयवीर सिंह भदौरिया ने किया।

इस दौरान डीपीओ श्री भदोरिया, जिला जेल अधीक्षक, सीएमएचओ एवं सिविल सर्जन ,समस्त एडीपीओ, एसडीपीओ एवं थाना प्रभारी उपस्थित रहे ।

ट्रेन में जितनी सीटें, उतने ही टिकट जारी करेगा रेलवे, यात्रियों की सुविधा के लिए बड़ी तैयारी

0

नईदिल्ली। भारतीय रेलवे में यात्रियों की भारी भीड़ और सीट की समस्या एक आम बात है, खासकर त्योहारों के दौरान यूपी-बिहार जैसे रूट पर तो यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है, जहां टिकट मिलना भी मुश्किल हो जाता है। लेकिन अब भारतीय रेलवे एक बड़ा बदलाव करने जा रहा है, जिससे यात्रियों को राहत मिल सकती है रेलवे अब यात्रियों को सिर्फ कंफर्म टिकट मुहैया कराने की तैयारी में है।
हाल ही में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में रेलवे से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए यह महत्वपूर्ण जानकारी दी उन्होंने बताया कि ट्रेनों में यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सीट के हिसाब से ही टिकट जारी किए जाएंगे इसका मतलब है कि जितनी सीटें होंगी, उतनी ही टिकटें बेची जाएंगी इस कदम का उद्देश्य ट्रेन में कंफर्म सीट के साथ सफर करने वाले यात्रियों को वेटिंग टिकट वाले यात्रियों की वजह से होने वाली असुविधा से बचाना है।

यह नियम निश्चित रूप से यात्रियों को आरामदायक यात्रा का अनुभव देगा, लेकिन इसका मतलब यह भी है कि टिकट पाना अब और भी मुश्किल हो सकता है मांग और आपूर्ति के बीच अंतर बढ़ने से टिकटों की उपलब्धता कम हो सकती है।

बिना टिकट यात्रा करने पर बढ़ेगी मुश्किल
अगर आप भारतीय रेलवे में बिना टिकट यात्रा करते हुए पकड़े जाते हैं, तो आपको जुर्माना भरना होगा यदि आपके पास पैसे नहीं हैं या आप जुर्माना भरने से मना करते हैं, तो ऐसी स्थिति में यात्री को RPF (रेलवे सुरक्षा बल) को सौंप दिया जाएगा इसके साथ ही रेलवे अधिनियम की धारा 137 के तहत मामला दर्ज किया जाता है। RPF इन यात्रियों को रजिस्ट्रार के सामने पेश करता है ऐसे में उन पर 1000 रुपये का जुर्माना लगता है और जुर्माना नहीं भरने पर 6 महीने की जेल भी हो सकती है।

रेलवे की सुरक्षा पर फोकस
अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में बताया कि रेलवे का सबसे ज्यादा ध्यान सुरक्षा पर है उन्होंने कहा कि इसके लिए कई तकनीकी बदलाव किए गए हैं, जिसमें लॉन्गर रेल, इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग, फॉग सेफ्टी डिवाइस और कई बड़े कदम शामिल हैं।

भारत बन रहा है रेलवे का बड़ा एक्सपोर्टर
उन्होंने बताया कि भारत रेलवे का बड़ा एक्सपोर्टर बन गया है। ऑस्ट्रेलिया को मेट्रो कोच के अलावा, हमारा देश यूनाइटेड किंगडम, सऊदी अरब और फ्रांस को रेल कोच निर्यात करता है. इसके अलावा मैक्सिको, स्पेन, जर्मनी, इटली को ऑपरेशनल इक्विपमेंट एक्सपोर्ट कर रहा है अश्विनी वैष्णव ने यह भी कहा कि जल्द ही बिहार में बने लोकोमोटिव और तमिलनाडु में बने पहिए दुनिया भर में दौड़ेंगे।

कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने सरकार से ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्मों द्वारा भ्रामक विज्ञापनों से निपटने का किया आग्रह

0

नई दिल्ली, 22 मार्च 2025: कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सरकार से पूर्वानुमान आधारित ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म द्वारा भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। श्री पीयूष गोयल (वाणिज्य और उद्योग मंत्री) और श्री अश्विनी वैष्णव (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्री) को लिखित रूप में संबोधित करते हुए, कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने ऐसे प्लेटफार्मों द्वारा अनैतिक विज्ञापन प्रथाओं के प्रचलन की ओर ध्यान आकर्षित किया है जो भारतीय कानूनों को कमजोर करते हैं और उपभोक्ताओं को नुकसान पहुंचाते हैं।

ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्‍यम से उपयोगकर्ता खेल और चुनाव जैसी भविष्य की घटनाओं पर दांव लगा सकते हैं, जो डिजिटल जुआ बाज़ार के रूप में काम कर रहे हैं। 5 करोड़ से अधिक भारतीय उपयोगकर्ताओं और 50,000 करोड़ रुपये के वार्षिक लेन-देन के साथ ये प्लेटफॉर्म काफी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं जिसमें भ्रामक विज्ञापनों का बहुत बड़ा हाथ है, जो ओपिनियन ट्रेडिंग को कौशल-आधारित खेल के रूप में गलत तरीके से प्रस्तुत करते हैं, जिसे अक्सर सोशल मीडिया इन्‍फ्लुएंसर्स द्वारा एक विश्वसनीय आय स्रोत के रूप में प्रचारित किया जा रहा है।

कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने भारत सरकार से ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया है, जिसे वह ऑनलाइन जुए का एक रूप मानता है जो सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम सहित कई भारतीय कानूनों का उल्लंघन करता है। कैट के पत्र में इन प्लेटफ़ॉर्म की भ्रामक विज्ञापन प्रथाओं पर प्रकाश डाला गया है, जो उपभोक्ताओं को यह विश्वास दिलाते हैं कि वे उच्च जोखिम वाली सट्टेबाजी के बजाय कौशल-आधारित गतिविधियों में शामिल हैं।

सिंगापुर और फ्रांस जैसे देशों ने उपभोक्ता कल्याण और लोकतांत्रिक अखंडता को संभावित नुकसान के कारण ऐसे प्लेटफॉर्म के खिलाफ पहले ही सख्त कदम उठाए हैं। कैट ने सिफारिश की है कि भारतीय प्राधिकरण उल्लंघनों की जांच करें, भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाएं, इन्‍फ्लुएंसर्स को नियंत्रित करें और ऐसे प्रचारों को रोकने के लिए सलाह जारी करें।

इसके अलावा, कैट ने उपभोक्ताओं की सुरक्षा और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए ओपिनियन ट्रेडिंग और इसके प्रमोटरों के खिलाफ नियम लागू करने के लिए विभिन्न मंत्रालयों के बीच समन्वित प्रयास की वकालत की है।

किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री रामपाल जाट के निर्देश के अनुसार रजिस्ट्रेशन कराने के लिए

0

निर्धारित शिवर स्थान पर पहुंचे। वहां आप स्वयं का जाना आवश्यक नहीं है, परिवार के किसी भी सदस्य को वहां भेज सकते हैं, मोबाइल ओटीपी नंबर से आपका पंजीयन हो जाएगा। इससे आपको किसान सम्मान निधि की राशि मिलने में कोई रुकावट नहीं आएगी।

फार्मर रजिस्ट्री में निम्नलिखित परिवर्तन की भी आवश्यकता है।

आधार कार्ड की ओटीपी के साथ फिंगर प्रिंट का भी विकल्प हों, महिलाओं के ससुराल एवं माईके (पीहर) दोनों स्थानों पर जमीन नाम हैं। यदि उसकी तहसील,जिला एवं राज्य अलग-अलग हैं। तों एक स्थल की जमीन फार्मर रजिस्ट्री आईडी में छूटेंगी, महिलाएं अधिकांश पीहर पक्ष की जमीन का हक त्याग करतीं है।
उस समय फार्मर आई डी की क्या स्थिति होगी ?
नये सेटलमेंट के तहत् उनियारा तहसील में एक खेत को टूकड़ों में बांट दिया हैं। आपत्तियों के उपरांत भी गलतियों को नहीं सुधारा गया,

गाईड लाईन को प्रकाशित करतें हुए उक्त समस्याओं के समाधान के लिए सरकार सही एवं सटीक जानकारी उपलब्ध करायें।
युवा प्रदेशाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद चौधरी, प्रदेश मंत्री रतन खोखर, लोकसभा प्रभारी भरतराज, संयोजक बद्री लाल गुर्जर, जिलाध्यक्ष गोपीलाल डोडवाडी, उपाध्यक्ष सीताराम खादवाल, राजेश गुर्जर,छीतर मल डारडा हिन्द, महामंत्री हरिशंकर धाकड़, प्रचार मंत्री राधेश्याम गोहरपुरा,तहसील निवाई अध्यक्ष दशरथ सिंह, पीपलू दुल्लाराम प्रजापत,देवली आत्माराम जाट, टोंक सीताराम मीना,मालपुरा नाथूसिंह राठौड़,टोडा रायसिंह महावीर सैनी, उनियारा परसराम मीना, बनेठा जमनालाल माली, सौंप हेमराज धाकड़, समस्त टोंक जिला टीम।

किसान महापंचायत राजस्थान