Wednesday, June 4, 2025
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जमीन पर कब्जे की कोशिश और विरोध करने पर महिला समेत कई लोगों पर हमला… आजमगढ़ से आई हैरान कर देने वाली खबर!

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14 मई 2025… दिन बुधवार… शाम के करीब 4 बजे…

उत्तर प्रदेश के ग्राम टहर किशुनदेवपुर, थाना कप्तानगंज, में उस वक्त हड़कंप मच गया जब एक महिला की पुश्तैनी जमीन पर जबरन कब्जा करने की कोशिश की गई। जी हां दोस्तों, सुषमा देवी, पत्नी उमा चंद निषाद, ने थाने में दर्ज कराई शिकायत में बताया कि गांव के ही कई लोगों ने मिलकर उनकी जमीन में जबरन पिलर गाड़ने की कोशिश की।

और जब उन्होंने विरोध किया, तो उनके बेटे तरुण पर हमला किया गया। सिर्फ इतना ही नहीं, बीच-बचाव करने आए संजोगा को भी बेरहमी से पीटा गया। लाठी-डंडे चले, गालियां दी गईं, और जान से मारने की धमकियां भी दी गईं।

इस हमले में शामिल हैं —
सुग्रीम निषाद,
हरिचन्द्र निषाद,
गौरीशंकर निषाद,
किशन मुरारी निषाद,
उदयचंद निषाद,
अमरचंद निषाद,
नगेश्वर निषाद,
समीता, मंगरी, संगीता, मनीता और सरिता निषाद।

इतने सारे लोग एक महिला की जमीन पर कब्जा करने उतर पड़े… सोचिए, कैसा होगा उस परिवार पर जो न्याय की आस लिए थाने के चक्कर काट रहा है?

क्या है पूरा मामला

जमीन में पिलर गाड़ने को लेकर विवाद, महिला सहित कई लोग घायल, जान से मारने की धमकी
जमीन पर कब्जे की कोशिश, विरोध करने पर महिला सहित कई लोगों से मारपीट, गंभीर आरोप

ग्राम टहर किशुनदेवपुर, आजमगढ़ (उ.प्र), 14 मई 2025:
ग्राम टहर किशुनदेवपुर, पोस्ट टहर वाजिदपुर, तहसील बूढ़नपुर, ब्लॉक कोपलसा, जिला आजमगढ़ की रहने वाली सुषमा देवी पत्नी उमा चंद निषाद ने थाना कप्तानगंज में शिकायत दर्ज कराई है कि 14 मई को शाम करीब 4 बजे गांव के ही कुछ लोगों ने मिलकर उनकी पुश्तैनी जमीन में जबरन पिलर गाड़ने का प्रयास किया।

सुषमा देवी के अनुसार, इस घटना में शामिल आरोपी हैं –
सुग्रीम निषाद (पिता रामाशंकर निषाद),
हरिचन्द्र निषाद (पिता हवलदार निषाद),
गौरीशंकर निषाद (पिता हवलदार निषाद),
किशन मुरारी निषाद (पिता गौरीशंकर निषाद),
उदयचंद निषाद (पिता हवलदार निषाद),
अमरचंद निषाद (पिता हवलदार निषाद),
नगेश्वर निषाद (पिता गौरीशंकर निषाद),
समीता निषाद (पिता गौरीशंकर निषाद),
मंगरी निषाद (पति गौरीशंकर निषाद),
संगीता निषाद (पति हरिचन्द्र निषाद),
मनीता निषाद (पति अमरचंद निषाद),
सरिता निषाद (पति उदयचंद निषाद)।

इन सभी ने मिलकर प्रार्थिनी की जमीन पर जबरदस्ती कब्जा करने की नीयत से पिलर गाड़ने की कोशिश की। जब सुषमा देवी ने अपने पुत्र तरुण के माध्यम से विरोध किया, तो सभी आरोपी एकजुट होकर लाठी-डंडों से हमला करने लगे।

बीच-बचाव के लिए पहुंचे संजोगा को भी बेरहमी से पीटा गया, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आईं। आरोपियों ने न सिर्फ मारपीट की बल्कि भद्दी गालियां दीं और जान से मारने की धमकियां भी दीं।

प्रार्थिनी ने थाना प्रभारी से मांग की है कि सभी नामजद आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि उन्हें न्याय मिल सके और भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

सवाल ये है कि –
क्या प्रशासन जागेगा?
क्या पीड़ित परिवार को मिलेगा इंसाफ?
या फिर ये मामला भी फाइलों में दब कर रह जाएगा?

अगर आप भी चाहते हैं कि सुषमा देवी को इंसाफ मिले, तो इस वीडियो को शेयर कीजिए।

सभी नामजद आरोपियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।

रायन एज्युकेशन स्कूल, जयपुर ने सीबीएसई कक्षा 10 में 100% परिणाम प्राप्त किया

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सभी 22 विद्यार्थियों के अच्छे अंकों से उत्तीर्ण होने पर खुशी का माहौल था।

जयपुर: जयपुर के रायन एज्युकेशन स्कूल ने एक बार फिर एकेडमिक उत्कृष्टता का प्रदर्शन किया है और स्कूल ने शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए सीबीएसई कक्षा 10 बोर्ड परीक्षा में 100% परिणाम हासिल किया है। परीक्षा में शामिल सभी 22 छात्र सफलतापूर्वक उत्तीर्ण हुए हैं, जिनमें से कई ने उत्कृष्ट अंक प्राप्त किए हैं।

विद्यार्थियों में कृष गुप्ता ने 98% अंक प्राप्त कर स्कूल में प्रथम स्थान प्राप्त किया है तथा सूचना प्रौद्योगिकी में 100 में से 100 अंक प्राप्त किए हैं। कुल 9 छात्रों ने 90% से अधिक अंक प्राप्त किये हैं, जबकि 18 छात्रों ने 80% और उससे अधिक अंक प्राप्त किये हैं।

अन्य शीर्ष स्कोररों में 93.8% के साथ राघव केदावत और प्रिया चौधरी, 93.2% के साथ मानवेंद्र सिंह, 91.4% के साथ रोचित शर्मा और वंशिका मीना, 90.8% के साथ प्रज्ञा गुप्ता और भार्गवी भावसार और 90.2% के साथ अन्विनी महर्षि शामिल हैं।

विषयवार हाइलाइट्स में, कृष्ण गुप्ता ने अंग्रेजी (99), गणित (99), विज्ञान (98), सामाजिक विज्ञान (98) और हिंदी-बी (94) में सर्वोच्च अंक प्राप्त किए। वे उन 16 छात्रों में भी शामिल हैं जिन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी में 90 से अधिक अंक प्राप्त किये हैं।

इस अनूठी उपलब्धि के बारे में प्रिंसिपल डॉ. बहरुल इस्लाम ने कहा, “हमें अपने छात्रों की कड़ी मेहनत और पढ़ाई के प्रति समर्पण पर बहुत गर्व है। ये परिणाम हमारे शिक्षकों की प्रतिबद्धता और हमारे माता-पिता के समर्थन को दर्शाते हैं।”

रायन एज्युकेशन स्कूल शैक्षणिक अनुशासन, सर्वांगीण विकास और बोर्ड परिणामों में उत्कृष्टता की अपनी विरासत को वर्ष दर वर्ष बनाए रखने का प्रयास करता है।

टीकमगढ़ की महिला दो बच्चों को छोड़कर फरार – पति ने पुलिस में दर्ज कराई शिकायत

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टीकमगढ़ (म.प्र.) –
टीकमगढ़ जिले के फूटेर चक-2 क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां विमला अहिरवार, पत्नी श्री सोनू अहिरवार, अपने दो छोटे बच्चों ब्रजेश 6 वर्ष, गीता 4 वर्ष को छोड़कर घर से लापता हो गई हैं। इस घटना को लेकर उनके पति ने 1 अप्रैल 2025 को स्थानीय पुलिस थाने में आधिकारिक शिकायत दर्ज कराई है।

शिकायत के अनुसार, विमला पहले भी कई बार घर से अन्य व्यक्तियों के साथ चली गई थी। पहले मामला गोरखपुर का बताया गया था, जहां विमला कथित तौर पर एक व्यक्ति जितेंद्र के साथ देखी गई थीं। इस बार, पति सोनू का आरोप है कि विमला नामक महिला आकाश नामक युवक के साथ बहादुरगढ़ से भटिंडा, पंजाब और फिरोजपुर के आसपास भागी है। आकाश के का नाम बलजीत सिंह बताया गया है।

11 मई को फोन कर पति को धमकाया में आकाश के साथ हूं और पुलिस मीडिया में शिकायत करेगा तो तुझे और तेरे बच्चों को जान से मरवा दूंगी। जब पति ने विवाह विच्छेद की बात कही तो न तुम्हे तलाक दूंगी तुम्हे जो करना है कर लो।

शिकायत में यह भी दावा किया गया है कि महिला घर से नकदी, चांदी के आभूषण, और कीमती सामान लेकर चली गई है। सोनू अहिरवार के अनुसार, यह घटना उस समय हुई जब वह मकान निर्माण के ठेके पर कार्यरत थे। उनका कहना है कि उनकी ही बहन ने महिला को बहकाया और इस पूरे मामले में उसकी भूमिका संदिग्ध है।

पति ने अपनी शिकायत में विमला पर बार-बार पुरुष बदलने और अय्याशी करने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक पारिवारिक मुद्दा नहीं है बल्कि एक सामाजिक चिंता का विषय भी है।

इस बीच, पुलिस ने शिकायत दर्ज कर मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है। यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो इसमें धोखाधड़ी, चोरी, और पारिवारिक कानूनों के उल्लंघन जैसी धाराओं में कार्रवाई संभव है।

स्थानीय संवाददाता ई खबर मीडिया की रिपोर्ट

पीएम मोदी के सशक्त नेतृत्व और सेना के शौर्य के सम्मान में उमड़ा सोनीपत

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भाजपा प्रदेश प्रभारी डा. सतीश पूनिया और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पंडित मोहन लाल बड़ौली के नेतृत्व में निकली तिरंगा यात्रा में हजारों लोगों ने लगाए भारत माता के नारे

भारतीय सेना ने विश्वस्तर पर भारत के गौरव को बढ़ाया : डा. सतीश पूनिया

ऑप्रेशन सिंदूर भारत की सुरक्षा और गौरव का प्रतीक : पंडित मोहन लाल बड़ौली

चंडीगढ़ , 15 मई। ‘‘ऑप्रेशन सिंदूर’’ की सफलता और भारतीय सेनाओं के शौर्य के सम्मान में गुरुवार को सोनीपत लोकसभा में तिरंगा यात्रा निकाली गई। इस तिरंगा यात्रा में भाजपा प्रदेश प्रभारी डा. सतीश पूनिया और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पंडित मोहन लाल बड़ौली के नेतृत्व में निकाली गई तिरंगा यात्रा में उमड़े जनसैलाब ने जय हिंद, भारत माता की जय और प्रधानमंत्री मोदी जिंदाबाद के खूब नारे लगाए। यह तिरंगा यात्रा सोनीपत में सुभाष चौक से शुरू हुई जो गीता भवन चौक होते हुए अंबेडकर पार्क पहुंची। तिरंगा यात्रा में मंत्री, विधायक, भाजपा और सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं, गणमान्य लोगों समेत पूर्व सैनिकों ने भाग लिया।
तिरंगा यात्रा के दौरान भाजपा प्रदेश प्रभारी डा. सतीश पूनिया ने भारत की सेना के पराक्रम को सलाम करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सशक्त नेतृत्व और भारतीय सेना के पराक्रम ने ‘ऑप्रेशन सिंदूर’ के तहत आतंकवादियों के हौसलों को पस्त किया है और विश्वस्तर पर भारत के गौरव को बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का यह नया भारत है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत सशक्त और मजबूत हुआ है। अब भारत किसी भी आतंकवादी हमले की निंदा नहीं करता, आतंकियों को सबक सिखाने की ताकत रखता है। आप्रेशन सिंदूर मोदी सरकार की मजबूत नीति और सेना के शौर्य का प्रतीक है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पंडित मोहन लाल बड़ौली ने कहा कि देश की सुरक्षा और गौरव के प्रतीक “ऑप्रेशन सिंदूर” की सफलता के बाद देशभर में देशभक्ति की भावना चरम पर है। तिरंगा यात्रा के दौरान हजारों देशभक्त हाथों में तिरंगा लेकर देश की एकता, अखंडता और सैनिकों के शौर्य को नमन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ यात्रा नहीं, यह हमेशा अपने वीरों के साथ खड़े रहने का संकल्प है। आज पूरा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश की सेना के साथ खड़ा है।
श्री बड़ौली ने कहा कि ‘‘ऑप्रेशन सिंदूर’’ भारत की बहुत बड़ी उपलब्धि है। दुनिया ने देखा कि भारत की सेना ने पाकिस्तान के अंदर तक तगड़ी चोट मारी है। आतंकवाद के ठिकानों को ध्वस्त किया और पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर भी सटीक निशाना लगाया है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के अदम्य साहस और पराक्रम की गौरव गाथा को तिरंगा यात्राओं के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है। भारतीय सेना के शौर्य को नमन करते हुए श्री बड़ौली ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया ने भारत की ताकत को देखा है। उन्होंने कहा कि देश और प्रदेश में निकाली जा रही तिरंगा यात्राएं देशवासियों में देश भक्ति की भावना को जागृत करेगी।
तिरंगा यात्रा में कैबिनेट मंत्री अरविंद शर्मा, विधायक निखिल मदान, विधायक पवन खरखौदा, विधायक कृष्णा गहलावत, विधायक देवेंद्र कादयान, मेयर राजीव जैन, जिला प्रभारी सतीश नांदल, जिला अध्यक्ष अशोक भारद्वाज, गोहाना के जिला अध्यक्ष विजेंद्र मलिक, मीडिया प्रभारी नीरज अत्रे समेत हजारों कार्यकर्ता, सामाजिक संगठन के अलावा गणमान्य लोग शामिल हुए।

पश्चिमी परासी में दबंगों का कहर: दिलीप कुमार को लाठी-डंडों से पीटकर किया लहूलुहान, पैर तोड़ा, परिवार में दहशत का माहौल

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सोनभद्र, उत्तर प्रदेश | दुद्धी तहसील के अंतर्गत पश्चिमी परासी गांव में दबंगई की हद पार हो गई। गांव निवासी दिलीप कुमार पुत्र वासुदेव वैश्य पर चार हमलावरों ने मिलकर जानलेवा हमला कर दिया। लोहे की रॉड और डंडों से लैस हमलावरों ने पहले दिलीप के सिर पर वार किया, फिर उसके पैर को इस कदर पीटा कि वह टूट गया। खून से लथपथ दिलीप को नेहरू चिकित्सालय, सिंगरौली में गंभीर हालत में भर्ती कराया गया है।

पीड़ित ने आरोप लगाया है कि यह हमला विनय कुमार पुत्र रामनरेश, राजेश कुमार पुत्र दादे राम वैसवर, शत्रुधन पुत्र झुरई और कृष्णा यादव पुत्र छून्नू यादव द्वारा एक सुनियोजित साजिश के तहत किया गया, जिससे उसे गांव से भगाया जा सके। बताया जा रहा है कि हमले की जड़ में एक पुराना मापी विवाद है।

दिलीप का परिवार इस हमले से बेहद दहशत में है। दबंगों की धमकियों के चलते वे पुलिस में शिकायत तक दर्ज नहीं करा पा रहे हैं। पीड़ित ने बताया कि एसपी सोनभद्र और अनपरा थाना को सूचना दी गई है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

यह घटना न केवल गांव में दहशत का माहौल पैदा कर रही है, बल्कि पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता पर भी सवाल खड़े करती है।

क्या है पूरा मामला

सिर पर वार कर तोड़ा पैर, दिलीप अस्पताल में जिंदगी से लड़ रहा – परासी गांव में दबंगों का कहर!

सोनभद्र : दुद्धी तहसील के पश्चिमी परासी गांव में दबंगों की दरिंदगी ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया। गांव के निवासी दिलीप कुमार पर चार लोगों ने मिलकर जानलेवा हमला किया। लोहे की रॉड, लाठी और डंडों से लैस हमलावरों ने पहले दिलीप के सिर पर वार किया, फिर पैर तोड़ दिया। पीड़ित इस समय नेहरू चिकित्सालय, सिंगरौली में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है।

पीड़ित ने आरोप लगाया है कि हमला राजेश कुमार पुत्र दादे राम वैसवर, झुरी का बेटा शत्रुघ्न यादव और कृष्णा यादव ने मिलकर किया। हमला इतनी बेरहमी से किया गया कि पूरा परिवार दहशत में है। बताया जा रहा है कि यह हमला एक पुराने मापी विवाद को लेकर हुआ और पीड़ित को गांव से भगाने की साजिश के तहत अंजाम दिया गया।

पुलिस में शिकायत दर्ज कराने से डर रहा परिवार
घटना के बाद से दिलीप का परिवार सदमे और भय में है। लगातार मिल रही धमकियों के चलते पुलिस थाने तक जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। पीड़ित ने बताया कि घटना की जानकारी एसपी सोनभद्र और थाना अनपरा को दी गई है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

क्या पुलिस प्रशासन जागेगा?
क्या पीड़ित को मिलेगा न्याय?
या फिर दबंगों की दहशत यूं ही कायम रहेगी?

प्रशासन पर सवाल
यह घटना न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि ग्रामीण इलाकों में किस तरह दबंगों की दहशत फैली हुई है। क्या प्रशासन जागेगा? क्या दिलीप को न्याय मिलेगा? या फिर दबंगों की यह दहशत यूं ही कायम रहेगी?

राष्ट्रीय खेलों में हरियाणा के धाकड़ पदक विजेताओं को सम्मानित करेगी प्रदेश की नायाब सरकार

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21 मई को रोहतक में आयोजित किया जाएगा राज्य स्तरीय सम्मान समारोह

खेल राज्य मंत्री श्री गौरव गौतम जी ने बताया कि उत्तराखंड में हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों में प्रदेश के स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक विजेता खिलाड़ियों को सम्मानित किया जाएगा।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी जी बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे।

राष्ट्रीय खेलों में हरियाणा के खिलाड़ियों ने 153 पदक जीते, जिसमें 48 स्वर्ण, 47 रजत और 58 कांस्य पदक शामिल हैं।

राष्ट्रीय खेलों में हरियाणा के धाकड़ पदक विजेताओं को सम्मानित करेगी प्रदेश की नायाब सरकार

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21 मई को रोहतक में आयोजित किया जाएगा राज्य स्तरीय सम्मान समारोह

खेल राज्य मंत्री श्री गौरव गौतम जी ने बताया कि उत्तराखंड में हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों में प्रदेश के स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक विजेता खिलाड़ियों को सम्मानित किया जाएगा।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी जी बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे।

राष्ट्रीय खेलों में हरियाणा के खिलाड़ियों ने 153 पदक जीते, जिसमें 48 स्वर्ण, 47 रजत और 58 कांस्य पदक शामिल हैं।

रेवला खानपुर से निकलेगी भव्य शोभा यात्रा, पहलगांव हमले के शहीदों को दी जाएगी श्रद्धांजलि

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नई दिल्ली, 13 मई 2025 — देश और धर्म की रक्षा के लिए समर्पित भाव से, रेवला खानपुर गाँव से एक भव्य शोभा यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। यह यात्रा न केवल पहलगांव हमले में शहीद हुए हिन्दू भाईयों को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करने का माध्यम बनेगी, बल्कि दादा नब्जू की समाधि की रक्षा और हिन्दू समाज की एकजुटता को सशक्त रूप से प्रदर्शित करने का अवसर भी प्रदान करेगी।

शोभा यात्रा की विशेषताएँ:

यह शोभा यात्रा गुरुवार, 15 मई 2025 को प्रातः 10 बजे रेवला खानपुर के रेखला गाँव से शुरू होकर नजफगढ़ हनुमान मंदिर तक निकाली जाएगी। पूरे मार्ग में जय माँ काली, जय श्री हनुमान और जय दादा नब्जू के जयकारों से वातावरण गूंजेगा। सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु, हाथों में धर्म ध्वजा लिए, एक साथ चलकर सनातन संस्कृति का गौरव बढ़ाएंगे।

भंडारे का आयोजन:

यात्रा के उपरांत, श्रद्धालुओं के लिए शिव मंदिर, प्रेम नगर बस्ती (रेवला खानपुर) में भव्य भंडारे का आयोजन किया गया है, जो दोपहर 12 बजे से सायं 4 बजे तक चलेगा। इसमें सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में भोजन वितरित किया जाएगा।

आयोजन का उद्देश्य:

इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य हिन्दू समाज को एक मंच पर लाना है ताकि समाज को जागरूक किया जा सके और एकजुट होकर हमारे धार्मिक स्थलों की रक्षा की जा सके। साथ ही, जम्मू-कश्मीर के पहलगांव हमले में वीरगति को प्राप्त हमारे भाईयों को याद कर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी जाएगी।

स्थानीय संवाददाता ई खबर मीडिया की रिपोर्ट

राज्यपालों की तरफ से भेजे गए विधेयकों पर तीन महीने के भीतर निर्णय लें राष्ट्रपति, SC ने पहली बार दिया निर्देश

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सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार कहा कि राष्ट्रपति को राज्यपालों द्वारा भेजे गए विधेयकों पर तीन महीने के भीतर निर्णय लेना चाहिए
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने पहली बार राष्ट्रपति को निर्देश देते हुए कहा है कि राज्यपालों द्वारा भेजे गए विधेयकों पर तीन महीने के भीतर निर्णय लेना चाहिए। शीर्ष न्यायालय का यह फैसला मंगलवार को तमिलनाडु के राज्यपाल द्वारा लंबित विधेयकों पर स्वीकृति न देने के फैसले को खारिज करते हुए आया। यह आदेश शुक्रवार को सार्वजनिक किया गया।
राष्ट्रपति के पास “पॉकेट वीटो” नहीं हैः कोर्ट

तमिलनाडु मामले में फैसला सुनाते हुए जस्टिस जेबी पारदीवाला और आर महादेवन की पीठ ने कहा कि अनुच्छेद 201 के तहत राष्ट्रपति द्वारा किए गए कार्यों का निर्वहन न्यायिक समीक्षा के लिए उत्तरदायी है। अनुच्छेद 201 के अनुसार, जब राज्यपाल द्वारा कोई विधेयक सुरक्षित रखा जाता है तो राष्ट्रपति यह घोषित करेगा कि या तो वह विधेयक पर अपनी सहमति देता है या फिर अपनी सहमति नहीं दे रहा। हालांकि, संविधान में कोई समय-सीमा प्रदान नहीं की गई है। सर्वोच्च न्यायालय ने रेखांकित किया कि राष्ट्रपति के पास “पॉकेट वीटो” नहीं है और उसे या तो सहमति देनी होती है या उसे रोकना होता है।

निर्धारित समय में किया जाना चाहिए शक्तियों का प्रयोग

कोर्ट ने कहा कि कानून की स्थिति यह है कि जहां किसी क़ानून के तहत किसी शक्ति के प्रयोग के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है, वहां भी इसे उचित समय के भीतर प्रयोग किया जाना चाहिए। अनुच्छेद 201 के तहत राष्ट्रपति द्वारा शक्तियों का प्रयोग कानून के इस सामान्य सिद्धांत से मुक्त नहीं कहा जा सकता है।

दो न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि तीन महीने की अवधि से अधिक देरी होने पर उचित कारण दर्ज किए जाने चाहिए और संबंधित राज्य को इसकी जानकारी दी जानी चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा, “हम यह निर्धारित करते हैं कि राष्ट्रपति को राज्यपाल द्वारा विचार के लिए आरक्षित विधेयकों पर संदर्भ प्राप्त होने की तिथि से तीन महीने की अवधि के भीतर निर्णय लेना आवश्यक है। राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृति न देने को चुनौती दी जा सकती है।

निर्धारित समय सीमा के भीतर कार्रवाई न होने पर कोर्ट जा सकते हैं राज्य

अदालत ने कहा कि समय-सीमा के भीतर कोई कार्रवाई न होने की स्थिति में पीड़ित राज्य अदालतों का दरवाजा खटखटा सकते हैं। यदि कोई विधेयक संवैधानिक वैधता के प्रश्नों के कारण आरक्षित है तो शीर्ष अदालत ने रेखांकित किया कि कार्यपालिका को अदालतों की भूमिका नहीं निभानी चाहिए। इसने कहा कि ऐसे प्रश्नों को अनुच्छेद 143 के तहत सर्वोच्च न्यायालय को भेजा जाना चाहिए।

डीएमके सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कही ये बात

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, “हमें यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि किसी विधेयक में विशुद्ध रूप से कानूनी मुद्दों से निपटने के दौरान कार्यपालिका के हाथ बंधे होते हैं और केवल संवैधानिक न्यायालयों के पास ही विधेयक की संवैधानिकता के संबंध में अध्ययन करने और सिफारिशें देने का विशेषाधिकार है। शीर्ष अदालत का यह आदेश तब आया जब उसने फैसला सुनाया कि तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने डीएमके सरकार द्वारा पारित 10 विधेयकों पर स्वीकृति नहीं दिया था। न्यायालय ने राज्यपालों के लिए विधेयकों पर कार्रवाई करने की समय-सीमा निर्धारित करते हुए कहा कि निष्क्रियता न्यायिक समीक्षा का विषय हो सकती है।

मध्य प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन परिवहन नीति को लेकर विवाद: खरीदारों की नाराजगी

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भोपाल: मध्य प्रदेश में हाल ही में 27 मार्च 2025 को परिवहन विभाग द्वारा जारी इलेक्ट्रिक वाहनों की परिवहन नीति की घोषणा का पालन न होने को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। इस नीति के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कई प्रोत्साहन देने की बात कही गई थी, लेकिन जमीनी स्तर पर इसका लाभ खरीदारों को नहीं मिल पा रहा है।

हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार ने इस नीति को और आकर्षक बनाने के लिए एक नई घोषणा की थी, जिसमें कहा गया कि सत्र 2026-27 के अगले वित्तीय वर्ष में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर खरीदारों को टैक्स और पंजीयन शुल्क में 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी। हालांकि, मौजूदा स्थिति में यह छूट लागू नहीं हो पा रही है, क्योंकि परिवहन विभाग के ऑनलाइन सॉफ्टवेयर में अभी तक इस छूट को लागू करने के लिए कोई अपडेट नहीं किया गया है।

इसके चलते इलेक्ट्रिक वाहन खरीदारों से 4 प्रतिशत टैक्स और 5 प्रतिशत पंजीयन शुल्क वसूला जा रहा है, जो नीति की घोषणा के विपरीत है। इस स्थिति से नाराज खरीदारों ने वाहन शोरूम और विक्रेताओं के खिलाफ शिकायतें दर्ज की हैं। खरीदारों का कहना है कि नीति के अनुसार उन्हें टैक्स और पंजीयन शुल्क में छूट मिलनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं होने के कारण उनसे अतिरिक्त राशि वसूली गई है।

वाहन खरीदारों ने मांग की है कि नीति के अनुरूप छूट न दिए जाने के कारण उनसे ली गई अतिरिक्त राशि को तत्काल वापस किया जाए। कई खरीदारों ने शोरूम पर इस मुद्दे को उठाया है और विक्रेताओं से जवाब मांगा है। दूसरी ओर, विक्रेताओं का कहना है कि सॉफ्टवेयर में अपडेट न होने के कारण वे छूट लागू नहीं कर पा रहे हैं और यह समस्या परिवहन विभाग के स्तर पर हल होनी चाहिए।

परिवहन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सॉफ्टवेयर अपडेट की प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही इस समस्या का समाधान किया जाएगा। उन्होंने खरीदारों से धैर्य बनाए रखने की अपील की है। हालांकि, खरीदारों का कहना है कि इस देरी के कारण उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

इस मुद्दे ने मध्य प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की सरकारी योजना पर सवाल खड़े किए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि नीति का प्रभावी कार्यान्वयन न होने से न केवल खरीदारों का भरोसा टूट रहा है, बल्कि इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की गति भी धीमी पड़ सकती है।

खरीदारों ने सरकार से मांग की है कि इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप कर छूट को लागू किया जाए और वसूली गई अतिरिक्त राशि को वापस करने की प्रक्रिया शुरू की जाए। इस बीच, परिवहन विभाग का कहना है कि वह इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और जल्द ही स्थिति स्पष्ट होगी।

यह मामला मध्य प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहन नीति के कार्यान्वयन में तकनीकी और प्रशासनिक खामियों को उजागर करता है, जिसका खामियाजा आम खरीदारों को भुगतना पड़ रहा है।