भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के आंकड़ों के अनुसार 30 अगस्त को यूपीआइ लेनदेन का आंकड़ा 10.24 अरब हो गया। इन लेनदेन का मूल्य 1518456.4 करोड़ रुपये रहा। जुलाई में यूपीआइ लेनदेन की संख्या 9.96 अरब थी जबकि जून में यह 9.33 अरब थी। अगस्त 2021 में यूपीआई के जरिए लेनदेन का आंकड़ा केवल 3.5 बिलियन था जो दो वर्षों में लगभग तीन गुना बढ़ चुका है।
इन लेनदेन का मूल्य 15,18,456.4 करोड़ रुपये रहा। जुलाई में यूपीआइ लेनदेन की संख्या 9.96 अरब थी जबकि जून में यह 9.33 अरब थी। एनपीसीआइ देश में सभी खुदरा भुगतान प्रणालियों का मुख्य संगठन है।
अगस्त 2021 में यूपीआई के जरिए लेनदेन का आंकड़ा केवल 3.5 बिलियन था, जो दो वर्षों में लगभग तीन गुना बढ़ चुका है। हमारे देश में अब ज्यागदात व्यापारी यूपीआई के जिए लेनदेन पर भरोसा दिखा रहे हैं। आज के समय करोड़ों की कमाई करने वाले व्यापारी हो या सब्जी बेचने वाले छोटे-मंझोले दुकानदार, सभी यूपीआई के जरिए लेनदेन कर रहे हैं।गौरतलब है कि 35 से ज्यादा देश अब भारत की यूपीआई तकनीक को अपनाना चाहते हैं। जापान उन देशों में शामिल है जिन्होंने हाल ही में यूपीआई को अपनाने में रुचि व्यक्त की है।
डिजिटल भुगतान पर बढ़ा देशवासियों का भरोसा
साल 2016-17 मे नोटबंदी के दौरान भारत सरकार ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया। साल 2016 में मोदी सरकार ने UPI-BHIM लॉन्च किया था। नोटबंदी के बाद बड़े पैमाने पर लोगों ने डिजिटल भुगतान पर भरोसा किया।
इसके बाद कोविड महामारी के दौरान डिजिटल भुगतान के जरिए देश के ज्यादातर लोग पैसों के भुगतान के लिए कैश की जगह यूपीआई को चुना और आज के समय हर तरफ कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक यूपीआई पर भारतीयों का अटूट भरोसा है।