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महिला ने दबंगों पर प्लॉट कब्जाने और मारपीट का लगाया आरोप, पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप

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रामपुरा (जालौर), 14 जुलाई 2025:
रामपुरा गांव निवासी जमुना देवी पत्नी गणेशराम ने गांव के कुछ दबंगों पर प्लॉट पर अवैध कब्जा करने, मारपीट करने और उसकी बहू की लज्जा भंग करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़िता का कहना है कि उसने 8 जून 2025 को घटना के बाद थाना झाब में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी, लेकिन अब तक पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। पीड़िता ने अब पुलिस अधीक्षक जालौर से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है।

जमुना देवी ने बताया कि गांव में स्थित उसके घर के पास एक प्लॉट है, जिसका आधा हिस्सा उसने 15 वर्ष पहले झमू देवी और गणेशाराम प्रजापत से 35,400 रुपये में खरीदा था। इसके बाद से वह उस प्लॉट पर कब्जे में थी और वहां दो ट्रक भरके पत्थर, एक ट्रॉली बजरी डालकर मवेशी भी बांधती थी।

पीड़िता के अनुसार, 26 मई 2025 को गांव के हंजारी राम पुत्र काछबा, रणछोड़ा राम, गेना राम पुत्र काछबाराम, शंकराराम, पूनमी देवी, देव देवी और मफी देवी ने जबरन उस प्लॉट पर कब्जा कर नींव डालनी शुरू कर दी। उस वक्त घर में कोई पुरुष सदस्य मौजूद नहीं था। पीड़िता ने विरोध किया, तो आरोपियों ने धमकी दी कि वे पंचायत करवा लें या फिर खुद ही काम करने दें।

8 जून को मारपीट और लज्जा भंग का आरोप:

पीड़िता ने बताया कि 8 जून को शाम 4 बजे जब वह अपने बेटे पारस के साथ घर पर थी और बहू भीखी देवी भी बाहर से लौटकर आई, तब उपरोक्त आरोपी दोबारा आए और नींव भरने लगे। विरोध करने पर हंजारीराम और अन्य आरोपियों ने जमुना देवी को पकड़कर प्लॉट के अंदर घसीट लिया, मारपीट की और उसकी लज्जा भंग की। जब बहू भीखी देवी बीच-बचाव करने आई तो उसके साथ भी बदसलूकी और मारपीट की गई। इसके बाद जमुना देवी को रस्सियों से बांध दिया गया।

क्या है पूरा मामला?

जालौर में दर्जी परिवार का घर जलाया, पीड़ित पर ही लगाया आरोप, पुलिस पर पक्षपात का आरोप

जालौर जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां घेवाराम पिता गणेशराम का घर 9 तारीख की शाम 4 बजे गांव के ही कुछ दबंगों ने कथित तौर पर आग के हवाले कर दिया। घेवाराम का आरोप है कि गांव के ही हंजारी राम, क़स्बा राम और उनके साथ कुछ अन्य लोग न केवल घर जलाने की घटना में शामिल थे, बल्कि उन्होंने मौके पर पहुंचकर घर पर जबरन कब्जा भी कर लिया।

पीड़ित घेवाराम का कहना है कि उसने इस घटना की जानकारी तुरंत पुलिस को दी, लेकिन पुलिस ने उल्टा उसे ही दोषी ठहरा दिया। पुलिस का कहना है कि घेवाराम ने खुद ही अपना घर जलाया है क्योंकि वह उसमें रहना नहीं चाहता था। घेवाराम ने आरोप लगाया है कि पुलिस आरोपियों से मिली हुई है और रिश्वत लेकर मामले को दबाने की कोशिश कर रही है।

पीड़ित का कहना है कि उसे न्याय नहीं मिल रहा है और दबंग खुलेआम उसे धमका रहे हैं। उसने प्रशासन से निष्पक्ष जांच और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

घेवाराम ने मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और पुलिस महानिदेशक से अपील की है कि मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों को सजा दिलाई जाए।

पुलिस को फोन करने पर शुरुआत में कोई मदद नहीं मिली। बाद में कंट्रोल रूम कॉल करने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जमुना देवी को छुड़ाया। पुलिस ने काम रुकवाया, लेकिन रिपोर्ट देने के बावजूद अब तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है।

SP से की न्याय की मांग:

पीड़िता जमुना देवी ने 8 जून को थाना झाब में रिपोर्ट दी, फिर 9 जून को पुलिस अधीक्षक जालौर को ज्ञापन सौंपा, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। अब उन्होंने दोबारा SP जालौर से मांग की है कि थाना झाब को निर्देश देकर मुकदमा दर्ज कराया जाए और उसकी तथा बहू की डॉक्टरी जांच कराई जाए।

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