पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ आतंकी साजिश रचने वालों को प्रत्यर्पण के तहत सौंपने को तैयार होने की बात की है। पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने यह बयान दिया है।इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक बड़ा बयान दिया है। जरदारी ने कहा है कि यदि भारत गंभीरता से प्रक्रिया में सहयोग करने को तैयार हो, तो पाकिस्तान को जांच के दायरे में आए व्यक्तियों को भारत को प्रत्यर्पित करने में कोई आपत्ति नहीं होगी। यह बयान उन्होंने शुक्रवार को अल जजीरा को दिए एक साक्षात्कार में दिया।
डॉन’ अखबार के अनुसार, जब उनसे लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद और जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों को भारत को सौंपने की संभावना पर सवाल पूछा गया, तो बिलावल ने कहा कि यदि यह प्रक्रिया भारत-पाकिस्तान के बीच व्यापक वार्ता का हिस्सा बनती है, तो पाकिस्तान इससे पीछे नहीं हटेगा।
आतंकवाद पर भारत के साथ बातचीत को तैयार पाकिस्तान
बिलावल भुट्टो ने कहा, “आतंकवाद एक ऐसा मुद्दा है जिस पर भारत और पाकिस्तान को साथ बैठकर बात करनी चाहिए। अगर भारत इस प्रक्रिया में सहयोग करता है, तो पाकिस्तान को किसी भी ‘जांच के दायरे में आए व्यक्ति’ को सौंपने में आपत्ति नहीं होगी।” बिलावल ने यह भी स्पष्ट किया कि सईद और अजहर के खिलाफ जो मामले पाकिस्तान में दर्ज हैं, वे आतंकी वित्तपोषण से जुड़े हैं, जिन पर मुकदमे भी चल रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने उन बुनियादी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा नहीं किया है, जिनके बिना इन आतंकियों को सीमा पार गतिविधियों के लिए दोषी ठहराना मुश्किल है।
बिलावल ने कहा-हाफिस सईद को पहले ही दे चुके सजा
उन्होंने कहा, “भारत ने अब तक सबूत, गवाह और कानूनी समर्थन उपलब्ध नहीं कराया है। जब तक भारत यह नहीं करता, तब तक मुकदमे और दोषसिद्धि कठिन बने रहेंगे।” बिलावल ने यह भी कहा कि पाकिस्तान हाफिज सईद को पहले ही सजा दे चुका है और वह इस समय जेल में है। वहीं, पाकिस्तान का मानना है कि मसूद अजहर फिलहाल अफगानिस्तान में छिपा हुआ है। उन्होंने यह भी टिप्पणी की कि भारत की ओर से आतंकवादियों को पकड़ने की एकतरफा कार्रवाई एक “नई असामान्यता” बन गई है, जो न तो भारत के हित में है और न ही पाकिस्तान के।
बिलावल का यह बयान ऐसे समय आया है जब दोनों देशों के बीच रिश्ते लंबे समय से तनावपूर्ण हैं और 26/11 मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं को लेकर भारत लगातार पाकिस्तान से सख्त कार्रवाई और प्रत्यर्पण की मांग करता रहा है।