Sunday, December 7, 2025
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ठेला लगाने वाली महिला व उसके परिवार पर खौफ का साया — दबंगों और पुलिस की मिलीभगत से 3 महीनों में 6 बार हमला, रातभर थाने में टॉर्चर… FIR तक नहीं दर्ज

गौतमबुद्धनगर | विशेष रिपोर्ट

गौतमबुद्धनगर के सूरजपुर थाना क्षेत्र से एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ पराठे का ठेला लगाने वाली गरीब महिला रानी पत्नी रतन चन्द (निवासी—ग्राम मलकपुर) और उसी गाँव के युवक तोपेंद्र पुत्र दयाराम को लगातार स्थानीय दबंगों और पुलिसकर्मियों की मिलीभगत का शिकार होना पड़ रहा है।

मेहनत-मजदूरी कर परिवार चलाने वाली रानी बताती हैं कि वह मनीटो कम्पनी के बाहर पराठे का ठेला लगाती हैं। वहीं पास में नीरेश नाम का युवक “अंकित बिरयानी” नाम से ठेला लगाता है, जो प्रार्थिया से बेवजह रंजिश रखता है।

22 जुलाई 2025: ठेले पर हमला, गाली-गलौच और जान से मारने की धमकी

रानी के अनुसार 22 जुलाई की शाम वह अपने ठेले पर थीं, तभी नीरेश, रवि और 3–4 अज्ञात लोग आ धमके।
उन्होंने

गाली-गलौच की

उसके साथ मारपीट की

और धमकी दी — “यहाँ से ठेला हटाओ नहीं तो पूरे परिवार को जान से मार देंगे।”

डरी-सहमी रानी ने तुरंत सूरजपुर थाने जाकर शिकायत देनी चाही, लेकिन पुलिस ने उसकी एक न सुनी।

अगले ही दिन दोबारा हमला — रुपये और नाक की लौंग लूट ली

रानी के अनुसार 23 जुलाई को वही लोग शराब पीकर फिर ठेले पर आए,

दोबारा मारपीट की

जान से मारने की धमकी दी

ठेले के गल्ले से ₹3000 रुपये लूट लिए

और प्रार्थिया की नाक की लौंग भी छीन ली।

शिकायत देने पर उल्टा पुलिसकर्मी ने ही धमकाया

रानी ने 11 अगस्त को पुलिस आयुक्त के नाम प्रार्थना-पत्र दिया। उसी दिन एक पुलिसकर्मी रानी के ठेले पर पहुँचा और उल्टा उसी के साथ गाली-गलौच करने लगा।

उसने धमकी दी —
“अगर ठेला नहीं हटाया तो 4–5 लोगों को भेजकर जान से मरवा दूँगा… और अगर रहना है तो नीरेश के साथ फैसला कर ले।”

रानी बताती हैं कि वह इस वक्त डर के साए में जी रही हैं।

तोपेंद्र के साथ इससे भी बड़ा अत्याचार — पुलिसकर्मियों ने रातभर थाने में टॉर्चर किया, ओर मुंह पर मार मार कर दांत हिला दिए

मामला यहीं खत्म नहीं हुआ।

ग्राम मलकपुर निवासी तोपेंद्र पुत्र दयाराम ने भी आरोप लगाया है कि नीरेश यादव और उसके साथियों के कहने पर पुलिस ने उसे कई बार परेशान किया।

09 अक्टूबर 2025: दरोगा और 4–5 सिपाही घर से उठाकर ले गए

तोपेंद्र के मुताबिक घटना की रात

नीरेश यादव

एक दरोगा

और 4–5 सिपाही

उसके घर आए और उसे मारते-पीटते हुए सूरजपुर थाने ले गए।

थाने में

रातभर लात-घूसे मारे

डंडों से पीटा

इतना टॉर्चर किया कि उसके सारे दांत टूट गए

हिप्स पर चोटों के कारण वह ठीक से चल भी नहीं पा रहा

डॉक्टरों ने भी इलाज से मना कर दिया

तोपेंद्र सरकारी अस्पताल बिसरख गया, लेकिन वहाँ मौजूद डॉक्टरों ने कहा —
“पुलिस के खिलाफ शिकायत हो तो बिना पुलिस की अनुमति इलाज नहीं होगा।”

30 अक्टूबर 2025: बिना कारण चालान कर ACP कार्यालय भेज दिया

तोपेंद्र बताता है कि थाने की पुलिस ने बिना किसी केस के उसे 30 अक्टूबर को चालान कर दिया, बाद में वह जमानत पर छूटा।

जब वह अगले दिन शिकायत लेकर थाने गया तो पुलिसकर्मियों ने उसे डांटकर भगा दिया और साफ कहा —
“अगर दोबारा थाने आए तो तू और तेरे परिवार को झूठे केस में फँसा कर जेल भेज देंगे… हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा।”

ग्रामीण बोले — पुलिस-दबंग गठजोड़ का खौफ, आम लोग पूरी तरह असहाय

स्थानीय लोगों का कहना है कि मामले में स्पष्ट रूप से

दबंगों

स्थानीय पुलिस

और कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत
दिखाई देती है।

रानी और तोपेंद्र दोनों बेहद गरीब परिवार से हैं और अपना जीवन ठेला लगाकर चलाते हैं। ऐसे में पुलिस के व्यवहार ने उनकी जिंदगी को और भी कठिन बना दिया है।

पीड़ितों की गुहार — FIR हो, दोषियों पर कार्रवाई हो

पीड़ितों ने पुलिस आयुक्त से मांग की है कि

सूरजपुर थाने को FIR दर्ज करने का आदेश दिया जाए

मारपीट, धमकी, लूट, टॉर्चर और रिश्वतखोरी में शामिल पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई हो

नीरेश यादव और उसके साथियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए

उनकी जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए

एक सवाल… गरीब हो तो क्या न्याय नहीं मिलेगा?

रानी और तोपेंद्र जैसे कई लोग महज इसलिए प्रताड़ना झेलते रहते हैं क्योंकि उनकी आवाज़ सुनने वाला कोई नहीं होता।

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लखीसराय में बढ़ा पारिवारिक विवाद: युवक पर जानलेवा हमला, धमकी और पुलिस पर पक्षपात के आरोप — विनिता–दीपक प्रकरण नया मोड़ लेता हुआ लखीसराय/मुंगेर। लखीसराय जिले के मेदनीचौकी थाना क्षेत्र में पति–पत्नी के विवाद ने अब खतरनाक मोड़ ले लिया है। जहां एक ओर पति दीपक कुमार अपनी पत्नी विनिता कुमारी और बेटे को घर लाने की गुहार लगा रहा है, वहीं दूसरी ओर उसके परिजनों पर जानलेवा हमला, धमकी और पुलिस द्वारा अनुचित दबाव बनाए जाने के गंभीर आरोप सामने आए हैं। भाई पर जानलेवा हमला, गंगा में फेंका — परिवार का आरोप पीड़ित युवक के भाई ने थाना मेदनीचौकी को दिए आवेदन में बताया है कि विनिता देवी (पिता— भोला महतो), उसके भाइयों और चार अज्ञात हमलावरों ने मिलकर उसके भाई पर हमला करवाया। आरोप है कि— चार गुंडों ने उसके भाई को बुरी तरह पीटा, फिर उसे गंगा नदी में फेंक दिया, यह पूरी घटना जान लेने की नीयत से की गई। परिवार का कहना है कि यह हमला केवल दीपक और उसकी पत्नी विनिता के बीच चल रहे विवाद को लेकर प्रतिशोध में किया गया है। “पुलिस भी दबाव में” — पीड़ित पक्ष का गंभीर आरोप आवेदन में यह भी दावा किया गया है कि मामले की जांच कर रहे पुलिसकर्मी लड़की पक्ष के प्रभाव में हैं। परिजनों का कहना है कि पुलिस वाले ने उनसे खुले शब्दों में कहा— “जब तक फोन/पैसे नहीं दोगे, कोई कार्रवाई नहीं होगी।” पीड़ित युवक का आरोप है कि पुलिस ने उल्टा उसे ही जेल भेज दिया और उसकी शिकायत को दर्ज करने में टालमटोल की। “मुख्यमंत्री भी कुछ नहीं बिगाड़ सकते” — धमकी का आरोप पीड़ित परिवार के अनुसार, लड़की के पिता, भाइयों और परिजनों की ओर से लगातार धमकियाँ दी जा रही हैं। परिवार का दावा है कि उन्हें कहा गया— “मुख्यमंत्री हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते… जो हम चाहेंगे वही होगा।” इन धमकियों के कारण पूरा परिवार भयभीत है और सुरक्षा की मांग कर रहा है। — विवाह, विदाई और बढ़ता विवाद — असली वजहें क्या हैं? मामला मूल रूप से दीपक कुमार और उनकी पत्नी विनिता कुमारी से जुड़ा है। दोनों का विवाह 09 अक्टूबर 2024 को हुआ था। विवाह के बाद विनिता करीब 8 महीने ससुराल में रहीं, और फिर मायके चली गईं। 12 सितंबर 2025 को विनिता ने एक बेटे को जन्म दिया। इसके बाद से ही मायके पक्ष विदाई से इनकार कर रहा है। विदाई से इनकार, गाली-गलौज और धमकी — दीपक का आरोप दीपक का कहना है कि— वह कई बार पत्नी को लेने ससुराल पहुँचा, लेकिन लड़की के पिता भोला महतो और माता उगनी देवी ने विदाई देने से मना कर दिया, वापस न आने की धमकी देते हुए गाली-गलौज कर घर से निकाल दिया। दीपक के अनुसार, थाने में समझौता होने के बावजूद मायके पक्ष ने विदाई देने से साफ इनकार कर दिया। बीमारी और आर्थिक स्थिति बनी विवाद की जड़ दीपक ने बताया कि शादी से पहले उसने अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में लड़की वालों को सब बताया था— सीने में दर्द, कमर-पैरों में तकलीफ, अधिक देर खड़े या बैठे न रह पाने जैसी समस्याएँ। उस समय लड़की पक्ष ने इलाज करवाने का आश्वासन दिया था। लेकिन अब यही बातें विदाई रोकने का कारण बताया जा रहा है। दीपक का आरोप है— “बच्चे के जन्म के बाद लड़कीवालों ने पूरा रवैया बदल लिया और अब वे मुझे नाकाबिल बताकर विदाई से इनकार कर रहे हैं।” “मैं परिवार बसाना चाहता हूँ” — दीपक दीपक का कहना है कि— वह पत्नी और बच्चे को घर लाना चाहता है, परिवार नहीं टूटने देना चाहता, लेकिन यदि पत्नी साथ रहने को तैयार नहीं, तो वह कानूनी तरीके से तलाक के लिए भी तैयार है। वह मामले में निष्पक्ष जांच और न्याय की मांग कर रहा है। — मामला अधिकारियों के पास पहुँचा — निष्पक्ष कार्रवाई की मांग पीड़ित परिवार का कहना है कि पुलिस की उदासीनता और धमकियों ने उन्हें मजबूर कर दिया है कि वे उच्च अधिकारियों, न्यायिक संस्थाओं और मीडिया से मदद मांगें। परिजनों ने कहा— “हमें सिर्फ न्याय चाहिए। हमारे भाई को मारा गया, धमकियाँ दी गईं, और पुलिस सुन नहीं रही। हम प्रशासन से सुरक्षा और कार्रवाई चाहते हैं।” —
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