इंदौर।
न्यू उमरिया कॉलोनी, महू रोड इंदौर की रहने वाली सावित्री मंडलोई ने कलेक्टर कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान एक सनसनीखेज खुलासा किया है। उनका आरोप है कि कॉलोनाइज़र प्रहलाद सिंह चौहान ने उनसे प्लॉट नंबर 300 की पूरी राशि लेकर भी रजिस्ट्री नहीं कराई। महिला का कहना है कि यह सौदा वर्ष 1996 में हुआ था और पूरी रकम भी दी जा चुकी थी। इसके बावजूद अब तक रजिस्ट्री नहीं हुई।
सावित्री मंडलोई, जिनके पति का देहांत हो चुका है, का आरोप है कि कॉलोनाइज़र की मौत के बाद उसके बेटे पर्वत सिंह और भरत चौहान ने कॉलोनी का काम अपने हाथों में ले लिया। महिला का कहना है कि उन्होंने रजिस्ट्री कराने के नाम पर अतिरिक्त पैसे भी वसूले और लगातार आश्वासन देते रहे, लेकिन अब साफ इंकार कर दिया है।
पीड़िता ने बताया कि उसने प्लॉट पर मकान भी बना लिया था, लेकिन अब मकान जर्जर हालत में है और कभी भी ढह सकता है। गंभीर बीमारी कैंसर से जूझ रही वृद्धा महिला को इलाज और भरण-पोषण के लिए पैसों की सख्त जरूरत है। वह मकान बेचना चाहती हैं, लेकिन रजिस्ट्री न होने के कारण खरीदार तैयार नहीं हो रहे।
सावित्री ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपियों की ओर से उन्हें लगातार धमकाया जा रहा है और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर उनके साथ कोई अनहोनी होती है तो इसके लिए जिम्मेदार कॉलोनाइज़र के परिजन और पूर्व तहसीलदार रहेंगे।
महिला ने अपनी अर्जी में लिखा है कि यदि भविष्य में उन्हें कुछ हो जाता है तो मकान की वारिस उनकी बेटी मीता जाट होगी। फिलहाल वह अपने पोते रितेंद्र मंडलोई के पास रह रही हैं, क्योंकि उनका भरण-पोषण करने वाला और कोई नहीं है।
उन्होंने कलेक्टर से अपील की है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर उनके प्लॉट की रजिस्ट्री कराई जाए ताकि वह मकान बेचकर इलाज और जीवन-यापन के लिए आर्थिक सहारा जुटा सकें।