मैहर (म.प्र.) – तहसील ताला के अंतर्गत आनंदगढ़ गांव में जमीन विवाद गहराने के बाद हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। ग्राम निवासी दिनेश कुमार पिता रामकृपाल ने गंभीर आरोप लगाते हुए तहसील, थाना व जिला प्रशासन को कई शिकायती पत्र सौंपे हैं।
दिनेश कुमार का कहना है कि उनकी पुश्तैनी जमीन (आराजी नं. 240/496, रकबा 0.3750 हे.) उनकी माता केसरिया बाई के नाम दर्ज थी, जिनका निधन वर्ष 2021 में हुआ। इसके बाद वे वैध भूमिस्वामी हैं। लेकिन आरोप है कि रामनरेश साहू, रामनिवास साहू व अन्य लोग जबरन उनकी जमीन पर कब्जा कर जुताई-बुआई कर रहे हैं।
पटवारी पर फर्जीवाड़े का आरोप
आवेदक ने शिकायत में आरोप लगाया है कि हल्का आनंदगढ़ के पटवारी पुष्पराज पटेल ने बिना किसी सक्षम न्यायालय के आदेश के, वर्ष 2023-24 में जमीन का हिस्सा रामनिवास साहू (0.2020 हे.) और प्रेमवती साहू (0.1290 हे.) के नाम कंप्यूटर रिकॉर्ड में दर्ज करा दिया। जबकि भूमिराजस्व संहिता की धारा 116 के अनुसार यह संशोधन केवल उच्च अधिकारी के आदेश पर ही संभव है। पीड़ित पक्ष ने पटवारी के खिलाफ विभागीय व कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
सरपंच पर भ्रष्टाचार और दबंगई के आरोप
ग्रामीणों ने अलग शिकायत में ग्राम पंचायत आनंदगढ़ की सरपंच प्रेम पति रामनरेश साहू पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि उन्होंने हरे पेड़ों की अवैध कटाई, आवास योजना में रिश्वतखोरी, बैंक खातों से गरीबों का पैसा निकालना, हैंडपंप का दुरुपयोग, सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार और जमीनों पर जबरन कब्जा जैसे कृत्य किए हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि सरपंच पति को पद से हटाकर उनकी पत्नी से अधिकार वापस लिया जाए।
मारपीट और जान से मारने की धमकी
पीड़ित दिनेश कुमार ने थाना ताला में आवेदन देकर आरोप लगाया है कि 21 दिसंबर 2024 को शाम करीब 4 बजे रामनरेश, रामलखन और रामधनी ने उन्हें गाली-गलौज करते हुए ईंट-पत्थर से हमला कर दिया, जिससे उनके हाथ और सिर पर गंभीर चोटें आईं। किसी तरह उन्होंने जान बचाई। पीड़ित का कहना है कि आरोपियों द्वारा लगातार पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी जा रही है।
पीड़ित ने लगाई गुहार
दिनेश कुमार ने तहसीलदार, कलेक्टर, थाना प्रभारी और विधायक तक से गुहार लगाई है कि जमीन की वैध जांच कराई जाए, दोषी पटवारी और दबंग सरपंच पति पर कड़ी कार्रवाई की जाए और परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई तो परिवार की जान व जमीन दोनों खतरे में पड़ सकते हैं।