जौनपुर जिले के मछलीशहर क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहां निशा तिवारी, उम्र 22 वर्ष, निवासी ग्राम कुंवरपुर, ने रोहित यादव पुत्र कृपाशंकर यादव, निवासी सोंगरा बीरबलपुर, पर शादी का झूठा वादा कर शारीरिक संबंध बनाने, जातिगत भेदभाव, गर्भवती करने, और पुलिस की मिलीभगत से बयान बदलवाने का गंभीर आरोप लगाया है।
क्या है पूरा मामला?
पीड़िता निशा तिवारी ने पुलिस अधीक्षक जौनपुर को सौंपे प्रार्थना पत्र में बताया कि उसकी जान-पहचान रोहित यादव की बहन के ज़रिए हुई थी। कॉलेज के काम के दौरान रोहित की बहन अक्सर निशा को अपने भाई के फोन से कॉल करती थी। इसी माध्यम से रोहित यादव और निशा के बीच बातचीत शुरू हुई, जो बाद में प्यार में बदल गई।
रोहित ने निशा को शादी का वादा कर लंबे समय तक उसके साथ संबंध बनाए। इस रिश्ते को 5 वर्ष से अधिक हो गए, जिसमें रोहित लगातार शादी का झूठा भरोसा देता रहा। जब पीड़िता ने शादी की बात ज़ोर देकर दोहराई, तो रोहित और उसके परिवार ने जाति का बहाना बना कर शादी से इनकार कर दिया।
पीड़िता के अनुसार, रोहित के घरवालों — उसके पिता कृपाशंकर यादव, बड़े पिताजी लाल बहादुर, और छोटे चाचा राहुल — ने न सिर्फ शादी से इनकार किया बल्कि गाली-गलौज, धमकी और जातिगत अपमान भी किया। उन्होंने यह तक कहा, “जाओ जो करना है कर लो, पैसे देकर सब शांत करवा लेंगे।”
पुलिस कार्यशैली पर गंभीर आरोप
पीड़िता का आरोप है कि उसने 17 जुलाई 2025 को थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन वहां भी उसे डराया गया और रोहित यादव व उसके परिवार की उपस्थिति में उसका बयान दबाव में बदलवा दिया गया। आरोप है कि रोहित के पिता और रिश्तेदारों ने कहा, “बयान बदल दो, हम शादी करवा देंगे।”
बयान बदलने के बाद भी जब शादी की बात आई, तो उन्होंने साफ कहा कि “अब शादी नहीं करेंगे, जो करना हो कर लो।”
गर्भवती होने का दावा
निशा तिवारी ने खुलासा किया है कि वह इस समय लगभग डेढ़ महीने की गर्भवती है। उसने प्रशासन से निवेदन किया है कि रोहित यादव से उसकी विवाह कराई जाए, ताकि उसके बच्चे को पिता का नाम और उसे समाज में सम्मान मिल सके।
दोबारा आवेदन देने पर पुलिस का रवैया
पीड़िता ने बताया कि 24 जुलाई को दोबारा आवेदन देने पर थाना पुलिस ने कहा कि “एक बार रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है, अब दोबारा नहीं हो सकती।” वहीं, निशा ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस उसके सामने ही बार-बार बयान बदलवाने का दबाव बना रही है, जिससे न्याय मिलना और कठिन होता जा रहा है।