बैतूल / गुरुग्राम।
मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के मुलताई क्षेत्र के निवासी कृष्ण (उम्र लगभग 34–40 वर्ष) ने कुछ ठेकेदारों और इंजीनियरों पर पिछले करीब 5 वर्षों से लगातार मानसिक व सामाजिक उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़ित कृष्ण वर्तमान में दिल्ली–एनसीआर के गुरुग्राम में रहकर पेंटर (रंगाई-पुताई) का काम कर रहे हैं।
कृष्ण का कहना है कि वे एक साधारण धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं, नियमित रूप से पूजा-पाठ करते हैं और भगवान में गहरी आस्था रखते हैं। इसके बावजूद कुछ लोग उन्हें जानबूझकर बदनाम कर रहे हैं और जहां-जहां वे काम करने जाते हैं, वहां उनके खिलाफ गलत बातें फैलाई जाती हैं।
कृष्ण के अनुसार, उन पर लड़कियों से छेड़छाड़ जैसे झूठे आरोप लगाए जाते हैं, जिससे उन्हें काम मिलने में दिक्कत होती है और मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ती है।
तिरुपति से शुरू हुआ उत्पीड़न
पीड़ित ने बताया कि उन्होंने तिरुपति (आंध्र प्रदेश) में भी लंबे समय तक काम किया है। वहीं से कुछ लोग उनके पीछे पड़ गए। कृष्ण के अनुसार:
प्रदीप, जो तिरुपति का रहने वाला है और ठेकेदार है
बाबा नायक, जो पेशे से इंजीनियर है
इन दोनों सहित इनके कुछ अन्य साथी पिछले करीब 5 वर्षों से उन्हें अलग-अलग जगहों पर परेशान कर रहे हैं। कृष्ण का दावा है कि ये लोग संगठित तरीके से उन्हें बदनाम करते हैं, ताकि उन्हें रोजगार न मिल सके।
पुलिस में शिकायत, लेकिन नहीं हुई सुनवाई
कृष्ण का यह भी कहना है कि उन्होंने इस मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन पुलिस द्वारा शिकायत दर्ज नहीं की गई। इससे वे खुद को पूरी तरह असहाय महसूस कर रहे हैं।
पीड़ित का कहना है—
> “मैं मेहनत मजदूरी करके अपना जीवन चलाता हूँ। न किसी से झगड़ा करता हूँ, न किसी को परेशान। फिर भी मुझे हर जगह बदनाम किया जा रहा है। पुलिस से भी मदद नहीं मिली, इसलिए अब मीडिया के माध्यम से न्याय की गुहार लगा रहा हूँ।”
मूल निवासी – मध्य प्रदेश
कृष्ण मूल रूप से:
पिता का नाम: सुखदेव
निवासी: मुलताई क्षेत्र, जिला बैतूल, मध्य प्रदेश
वे रोजगार के सिलसिले में देश के अलग-अलग शहरों में काम करते रहे हैं।
मीडिया से न्याय की अपील
पीड़ित कृष्ण ने मीडिया और प्रशासन से मांग की है कि:
पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए
जिन लोगों द्वारा उन्हें झूठे आरोपों से परेशान किया जा रहा है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो
उन्हें सम्मानपूर्वक काम करने और जीवन जीने का अधिकार मिले


