Friday, June 20, 2025
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भोपाल में एमडी ड्रग्स बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़, 1814 करोड़ का माल जब्त

भोपाल में गुजरात एटीएस और एनसीबी की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। प्लॉट नंबर- 63 कटारा हिल्स स्थित निजी फैक्ट्री में छापा मारा गया, जहां 1814 करोड़ की एमडी और उसे बनाने वाला सामान बरामद किया गया।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गुजरात एटीएस और एनसीबी की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। प्रतिबंधित ड्रग एमडीएमए बनाने के कारखाने का भंडाफोड़ किया है। भोपाल के पास इंडस्ट्रियल एरिया बागरोदा पठार में गुजरात एटीएस, दिल्ली एटीएस और दिल्ली एनसीबी ने एक निजी फैक्ट्री पर छापा मारा। प्लॉट नंबर- 63 कटारा हिल्स स्थित निजी फैक्ट्री में मारा गया छापा। सूत्रों के मुताबिक, फैक्ट्री से 1814 करोड़ की एमडी और उसे बनाने वाला सामान बरामद किया गया। इस पूरी कार्रवाई में राजधानी भोपाल की पुलिस को दूर रखा गया। 24 घंटे से राजधानी में दिल्ली एटीएस, एनसीबी और गुजरात एटीएस की टीम मौजूद है।

मध्य प्रदेश सरकार की नाक के नीचे 1814 करोड़ रुपये कीमत का एमडीएमए बनाने का कारखाना चल रहा था। गुजरात एटीएस और दिल्ली एनसीबी ने मध्य प्रदेश पुलिस एटीएस को बिना जानकारी दिए राजधानी भोपाल के इंडस्ट्रियल एरिया बागरोदा की फैक्ट्री में छापेमारी की। बंद पड़ी फैक्ट्री में अरबों रुपये की कीमत के प्रतिबंधित ड्रग बनाने का कारखाना चल रहा था। गुजरात पुलिस को यहां से 907.09 किलोग्राम मेफेड्रोन (एमडी) ड्रग्स जब्त किया है। इसके अलावा छापेमारी के दौरान मेफेड्रोन (एमडी) बनाने में इस्तेमाल होने वाला लगभग 5000 किलोग्राम कच्चे माल और कई उपकरण भी मिले। मौके से ग्राइंडर, मोटर, ग्लास फ्लास्क और हीटर भी मिला है। फिलहाल इन सभी को आगे की जांच के लिए जब्त कर लिया गया है।

1. अमित प्रकाशचंद्र चतुर्वेदी (57 वर्ष), निवासी भोपाल, मध्य प्रदेश

2. सान्याल प्रकाश बाने (40 उम्र), निवासी नासिक, महाराष्ट्र

सूत्रों के मुताबिक, सान्याल प्रकाश बाने हाल ही में ऑर्थर रोड जेल से ड्रग्स के मामले में ही छूटा था। सान्याल 2017 में एमडीएमए मामले में ही पकड़ा था। 5 साल तक सजा काटने के बाद उसने अमित चतुर्वेदी के साथ टीम बनाकर प्रतिबंधित ड्रग बनाने का कारखाना शुरू किया। सान्याल प्रकाश इस पूरे कारखाने और फैक्ट्री का मास्टरमाइंड है। उसी के जरिए बना हुआ ड्रग देश के अलग-अलग हिस्सों में भेजा जा रहा था। 6 से 7 महीने पहले इन दोनों ने बागरोदा में यह फैक्ट्री किराए पर लिया और प्रतिबंधित ड्रग बनाने का कारखाना शुरू किया। यह अब तक का गुजरात एटीएस का सबसे बड़ा ऑपरेशन है।

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