ग्वालियर में 14 साल बाद अंतरराष्ट्रीय मैच का आयोजन हुआ है। इस मैच से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने बेटे महाआर्यमन सिंधिया के लिए सियासी पिच तैयार कर दी है। साथ ही ग्वालियर में उन्होंने महाआर्यमन सिंधिया को स्थापित कर दिया है। आइए आपको बताते हैं कि महाआर्यमन सिंधिया के लिए महाराज ने कैसे पूरी फिल्डिंग सजाई है।
ग्वालियर: 14 साल बाद ग्वालियर में अंतरराष्ट्रीय मैच का वनवास खत्म हो गया है। माधव राव सिंधिया अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में पहला टी-20 मैच भारत औऱ बांग्लादेश के बीच खेल गया। इस मैच में भारतीय टीम को प्रचंड जीत मिली है। वहीं, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का मोदी स्टाइल देखने को मिला है। उनके चेहरे पर मुस्कान और जोश यह बताने के लिए काफी था कि एक मैच से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कैसे अपने बेटे के लिए सियासी पिच तैयार कर दी है।
एक मैच से बदल गई सिंधिया की राजनीति
दरअसल, ग्वालियर-चंबल अंचल से राजनीति में आने के लिए कई नेता पुत्र ललायित हैं। इस बीच केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर में मोदी स्टाइल में खेल कर दिया है। पॉलिटिक्स बेटे की एंट्री सीधे नहीं करवाई है। उन्होंने कथित तौर पर बेटे के लिए सियासी पिच खेल के मैदान करवा रहे हैं। उनके बेटे महाआर्यमन सिंधिया जीडीसीए के उपाध्यक्ष हैं। इसके बाद से ग्वालियर को अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की कवायद शुरू की।
250 करोड़ रुपए खर्च कर स्टेडियम का निर्माण करवाया
मोदी कैबिनेट में शामिल होने के बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सबसे पहले ग्वालियर में 250 करोड़ रुपए की लागत से अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम का निर्माण करवाया। निर्धारित समय में स्टेडियम बनकर तैयार हो गया। स्टेडियम बनने के दौरान ही उनके बेटे महाआर्यमन सिंधिया जीडीसीए के उपाध्यक्ष बन जाते हैं।
ग्वालियर में एमपीएल करवाया
महाआर्यमन सिंधिया जीडीसीए के उपाध्यक्ष बनने के बाद ग्वालियर को अलग पहचान दिलाने के लिए काम कर रहे थे। कुछ महीने पहले उन्होंने आईपीएल की तर्ज पर एमपीएल का आयोजन किया था। इसका आयोजन माधव राव सिंधिया अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में हुआ। आयोजन में तत्कालीन बीसीसीआई के सचिव जय शाह और कपिल देव जैसे पूर्व क्रिकेटर भी आए। जय शाह ने स्टेडियम को देखा भी।
उनके जाने के कुछ दिनों बाद ग्वालियर में अंतरराष्ट्रीय मैच को लेकर घोषणा हो गई है। बीसीसीआई ने कहा था कि भारत और बांग्लादेश के बीच टी-20 का मैच ग्वालियर में ही होगा। यह महाआर्यमन की मेहनत की बड़ी उपलब्धि थी। 14 साल बाद ग्वालियर को अंतरराष्ट्रीय मैच की मेजबानी का मौका मिल गया।
सिंधिया का दिखा अलग अंदाज
6 अक्टूबर को भारत बांग्लादेश के बीच मैच का आयोजन हुआ। मैच के दौरान स्टेडियम में मोदी स्टाइल में ज्योतिरादित्य सिंधिया की एंट्री हुई। वह हाथ हिलाते और दर्शकों का अभिवादन करते हुए सीट तक गए हैं।
बेटे के लिए तैयार कर दी पिच
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर में इस मैच से अपने बेटे के लिए सियासी पिच तैयार कर दी है। अंतरराष्ट्रीय मैच और स्टेडियम का पूरा क्रेडिट सिंधिया को ही जाता है। वह ग्वालियर-चंबल के हर कार्यक्रम में इस उपलब्धि का जिक्र करते हैं। साथ ही बताते हैं कि केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार होने की वजह से कैसे ग्वालियर में बदलाव हो रहा है। साथ ही अंतराष्ट्रीय क्रिकेट मैच से महाआर्यमन सिंधिया को भी चंबल अंचल में नई पहचान मिल गई है।
सियासत में आएंगे महाआर्यमन सिंधिया?
वहीं, राजनीति में एंट्री को लेकर महाआर्यमन सिंधिया कभी कुछ खोलकर बोलते नहीं हैं। राजनीति की बात करें तो वह अपने पिता के क्षेत्र में ज्यादा एक्टिव रहते हैं। वहीं, ग्वालियर में सिर्फ सार्वजनिक और सामाजिक कार्यक्रमों में रहते है। लेकिन क्रिकेट की वजह से उन्होंने अलग पहचान बनाई है। यह ग्वालियर के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इसकी वजह से उनसे लोगों का जुड़ाव बढ़ेगा। ऐसे में माना जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक मैच से बेटे के लिए मैदान तैयार कर दी है।