चुनौतियों से निपटने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी तत्काल कदम उठाते हैं- शिवराज सिंह चौहान
एक जमाना था जब साहूकारों के पास जाना पड़ता था, लेकिन अब एनडीए-मोदी जी की सरकार है- शिवराज सिंह
हमने किसान क्रेडिट कार्ड की संख्या बढ़ाई, 75% से ज्यादा छोटे-सीमांत किसानों को सस्ता ऋण उपलब्ध-शिवराज
सोच-सोच में फर्क होता है, सरकार-सरकार चलाने में फर्क होता है- शिवराज सिंह
मोदी सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती उर्वरकों की कीमतों का बोझ किसानों पर नहीं आने दिया- शिवराज
पहले की सरकारों ने प्रधानमंत्री मोदी जैसी योजनाएं कभी बनाई क्या-शिवराज सिंह
नई दिल्ली, 1 अप्रैल 2025, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसान कल्याण भाजपा और एनडीए सरकार के डीएनए में है। हरेक परिस्थिति में जब भी कोई चुनौती पैदा होती है तो उससे निपटने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी तत्काल कदम उठाते हैं।
आज लोक सभा में प्रश्नकाल के दौरान, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय से संबंधित प्रश्नों के उत्तर देते हुए केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारे देश में जोत का आकार बहुत छोटा है। एवरेज लैंड होल्डिंग एक से डेढ़ एकड़ के आसपास होती है और वैसे में किसानों को सरवाइव करना कठिन काम होता है। और, तब और, जब जलवायु परिवर्तन के संकटों से भी उसे जूझना पड़े, इसलिए इस बजट में इन्हीं संकटों से निपटने के लिए 1 लाख 37 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का प्रावधान किया गया है। श्री शिवराज सिंह ने कहा कि जब यूपीए की सरकार थी, तो केवल 21 हजार करोड़ रु. बजट हुआ करता था। उन्होंने कहा कि इन संकटों से बचाने के लिए जो कदम उठाए गए हैं, उनमें एक हमारे उच्च उपज वाले बीज जो जलवायु अनुकूल हों, इनकी 109 किस्में अभी जारी की थी और बजट में प्रावधान किया है कि हम उच्च उपज वाले 100 से अधिक बीज की किस्मों को व्यवसायिक रूप से किसानों को उपलब्ध कराएंगे, जिन पर जलवायु परिवर्तन का असर न पड़े।
केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री धनधान्य कृषि योजना इसलिए बनाई कि निम्न उत्पादकता वाले जो जिले हैं, उनमें इस तरह के प्रयत्न करेंगे कि वहां उत्पादन-उत्पादकता बढ़ाने का काम किया जा सके। शिवराज सिंह ने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) निरंतर अनुसंधान करता रहता है। उन्होंने कहा- माननीय सदस्य ने आम की फसल का जिक्र किया है, आम की भी ऐसी किस्में विकसित की जा रही है, जिस पर जलवायु परिवर्तन का कोई कसर न पड़े, इस दिशा में निरंतर प्रयास जारी रखेंगे।
श्री शिवराज सिंह ने कहा कि खेती में निवेश की आवश्यकता होती है। बीज, खाद के साथ ही बाकी व्यवस्थाओं की आवश्यकता होती है। एक जमाना था जब साहूकारों के पास जाना पड़ता था, लेकिन अब एनडीए व मोदी जी की सरकार है। हमने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की संख्या बढ़ाई है, मुझे खुशी है कि 75% से ज्यादा छोटे व सीमांत किसानों को केसीसी पर सस्ता ऋण उपलब्ध है, इफेक्टिवली 4% ब्याज दर पर, जहां तक संस्थागत ऋण का सवाल है, ये 2013-14 तक केवल 4 लाख करोड़ रु. मिला करता था, अब वो बढ़कर 10 लाख करोड़ रु. से ज्यादा हो गया है, ओवरऑल कृषि क्षेत्र में ऋण प्रवाह बढ़कर साढ़े 25 लाख करोड़ रु. हो गया है। पहले केसीसी पर जो ऋण सीमा केवल 3 लाख रु. थी, लेकिन अब बागवानी फसलें पैदा करना है, पशुपालन, मछलीपालन क्षेत्र में जाना है तो ज्यादा पूंजी की आवश्यकता होती है, इसलिए मोदी सरकार ने फैसला किया कि 5 लाख तक लोन किसानों को कम ब्याज दर पर मिलेगा, किसानों का कल्याण मोदी सरकार की गारंटी है।
केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने कहा कि हम जानते हैं उत्पादन बढ़ाने के लिए उर्वरक सबसे महत्वपूर्ण कारक है, पिछले दिनों लगातार अंतरराष्ट्रीय बाजार में उर्वरकों की कीमत बढ़ती रही है, लेकिन ये मोदी सरकार का संकल्प है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती हुई कीमतों का बोझ किसी भी कीमत पर किसान के ऊपर नहीं आने देंगे और इसलिए इस साल भी उर्वरक सब्सिडी पर 1 लाख 77 हजार करोड़ रु. का प्रावधान किया गया है और किसानों को यूरिया की एक बोरी जिसकी कीमत 1744 रुपए 50 पैसे होती है, ये मोदी जी की सरकार है, जो 266 रु. 50 पैसे में उपलब्ध करा रही है। और, सोच-सोच में फर्क होता है, सरकार-सरकार चलाने में फर्क होता है, जब यूपीए की सरकार थी तो 2010-11 में 507 रु. की डीएपी की बोरी थी, 2011-12 में बढ़ाकर 887 रु. कर दी गई और 2012-13 में बढ़ाकर 1315 रु. 56 पैसे कर दी गई, लेकिन ये मोदी जी की गारंटी है 1350 रु. में ही यूरिया की बोरी मिलेगी, एक पैसा नहीं बढ़ने दिया जाएगा और इसलिए 1735 रु. प्रति बोरी अगर सब्सिडी दे रही है तो मोदी जी की सरकार दे रही, किसानों के हितों की गारंटी हमने ली, भाजपा के डीएनए में ही किसान कल्याण है।
श्री शिवराज सिंह ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री विजनरी लीडर हैं, इसलिए किसानों की आय बढ़ाने के अनेकों प्रयास किए जा रहे हैं। उत्पादन बढ़ाना, उत्पादन लागत घटाना, उत्पादन के ठीक दाम देना, नुकसान हो जाए तो उसकी भरपाई करना, कृषि का विविधीकरण, प्रधानमंत्री जी के प्रयत्नों से किसानों की आय निरंतर बढ़ती जा रही है, हम जो प्रयत्न कर रहे हैं, क्या पहले की सरकारें कभी 6 हजार रु. किसान सम्मान निधि देती थीं, पहले की सरकारों ने कभी किसान मानधान योजना बनाई थी क्या, पहले की सरकारों ने कभी अच्छे उपज वाले बीज दिए थे क्या। उन्होंने कहा कि हम सकारात्मक सोचते हैं, हमारा संकल्प है किसानों की आय बढ़ाना और वो बढ़ाने में हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, हरेक कदम उठाए जा रहे हैं, उससे किसानों की आय बढ़ रही है।
श्री चौहान ने बताया कि कृषि क्षेत्र में पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट के लिए पहले ऋण की बहुत व्यवस्था नहीं थी, छोटी-छोटी प्रोसेसिंग यूनिट लगाने में भी दिक्कत थी, प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में फैसला करके एग्री इंफ्रा फंड के रूप में 1 लाख करोड़ रु. की व्यवस्था की गई, ये सब काम करने के लिए अलग-अलग किसान हों, प्राथमिक सहकारी समितियां हों, FPO’s हों, स्वयं सहायता समूह हो, इस तरह की प्रोसेसिंग के लिए ये फंड उपलब्ध है। 96 हजार करोड़ रु. निवेश के रूप में वेयरहाउसेस, कोल्ड स्टोरेज, चैम्बर बनाने, प्रोसेसिंग के लिए, यूनिट लगाने हेतु दिए जा चुके है। और जहां आवश्यकता है, वहां जो निवेशकर्ता है, जो प्रोसेसिंग करेंगे, उन्हें ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। ऋण पर सब्सिडी है, कोलैटरल भी दिया जाता है बैंक गारंटी की जरूरत नहीं है।
बिहार में सिंचाई की व्यवस्था- श्री शिवराज सिंह ने कहा कि बिहार में सिंचाई की व्यवस्था को क्रांतिकारी स्वरूप देने के लिए कोसी योजना को कैबिनेट ने मंजूरी दी है, जिसमें लाखों एकड़ में सिंचाई की जाएगी। प्रधानमंत्री जी की सोच है सूक्ष्म सिंचाई योजना, पर ड्रॉप-मोर क्रॉप। बड़ी सिंचाई योजनाओं के साथ नदी जोड़ो परियोजना पर काम किया जा रहा है, जिसमें बिहार को भी शामिल करने का सौभाग्य एनडीए सरकार को मिला है, दूसरी तरफ पर ड्रॉप-मोर क्रॉप अंतर्गत किसान जो ड्रिप व स्प्रिंकल से सिंचाई करना चाहते हैं, मतलब कम पानी में ज्यादा सिंचाई, इसके लिए ड्रिप व स्प्रिंकल की योजना है, सूक्ष्म सिंचाई योजना बनाई गई है, इसके अंतर्गत लगभग 96 लाख हेक्टेयर जमीन सिंचित की जा चुकी है। इसका फायदा यह है कि ज्यादा सिंचाई होती है और लगभग 15% ज्यादा उत्पादन होता है। बिहार के किसानों को भी इस सूक्ष्म सिंचाई योजना का लाभ दिया जा रहा है।