लखनऊ।
धर्मांतरण रैकेट के सरगना जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के मामले में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। जांच में पता चला है कि दुबई से भारत लौटी महिला नीतू और उसके पति के इस गिरोह से गहरे संबंध हैं। नीतू के पति का खाता स्विस बैंक में है और वे उत्तर प्रदेश में “इस्लामिक दावा सेंटर” खोलने की योजना पर काम कर रहे थे।
सूत्रों के अनुसार:
नीतू और उसके पति ने हाल ही में दुबई में अपना व्यापार समेटा और भारत लौट आए। जांच एजेंसियों को शक है कि दोनों विदेशी फंडिंग के जरिए देश में धर्मांतरण और कट्टरपंथी गतिविधियों का नेटवर्क खड़ा करने की योजना में शामिल थे। बताया जा रहा है कि उनका छांगुर बाबा से सीधा संपर्क था और दावा सेंटर खोलने के लिए जमीन की तलाश भी शुरू कर दी गई थी।
प्रमुख खुलासे:
स्विस बैंक खाते में करोड़ों रुपये की संदिग्ध जमा राशि।
विदेश से हवाला के जरिए फंड ट्रांसफर का इनपुट।
उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और महाराष्ट्र तक नेटवर्क फैलाने की कोशिश।
छांगुर बाबा के जरिए सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों को निशाना बनाने की रणनीति।
ATS और खुफिया एजेंसियों की सक्रियता:
ATS, IB और ED जैसे केंद्रीय जांच एजेंसियां अब इस पूरे नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने में जुट गई हैं। नीतू और उसके पति से पूछताछ जारी है और दोनों के बैंक रिकॉर्ड, कॉल डिटेल्स और विदेश यात्राओं की भी जांच की जा रही है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया:
“यह सिर्फ एक धर्मांतरण का मामला नहीं बल्कि भारत में विदेशी फंडिंग से धार्मिक अस्थिरता फैलाने की गहरी साजिश का हिस्सा लगता है। जल्द ही और बड़े चेहरे सामने आएंगे।”
निष्कर्ष:
छांगुर बाबा से शुरू हुई यह जांच अब अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच चुकी है। नीतू और उसके पति की भूमिका सामने आने के बाद यह साफ हो गया है कि यह सिर्फ व्यक्तिगत लालच नहीं बल्कि एक संगठित साजिश है, जिसे विदेशी पैसों से हवा दी जा रही थी।