Friday, December 5, 2025
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6 वर्षीय मासूम रेलवे स्टेशन के पीछे से लापता, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

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खगड़िया। रानी शकरपुरा निवासी राधा देवी और मनीष तिलक का 6 वर्षीय बेटा 28 नवंबर दोपहर करीब 1 बजे खगड़िया रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 के पीछे के क्षेत्र से रहस्यमय तरीके से लापता हो गया। घटना के बाद परिजन बदहवासी में बच्चे की तलाश कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है।

परिवार मूल रूप से 8/0 दाउतर चौधरी, वार्ड नंबर 11, रानी शकरपुरा, खगड़िया, बिहार—851204 में रहता है। परिजनों ने बताया कि बच्चा अपना और माता-पिता का नाम तथा पता साफ-साफ बता लेता है, लेकिन अचानक उसके गायब हो जाने से पूरे इलाके में चिंता का माहौल है।

राधा देवी और मनीष तिलक ने बताया कि बच्चे को आसपास काफी देर तक खोजा गया, रेलवे परिसर के हर कोने में तलाश की गई, लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली। इसके बाद परिजनों ने मामले की सूचना स्थानीय पुलिस को दे दी है। पुलिस स्टेशन व रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की टीम भी आसपास के क्षेत्रों में जांच कर रही है।

परिवार ने लोगों से अपील की है कि यदि किसी को भी बच्चे के बारे में कोई जानकारी मिले या उसे कहीं देखा हो, तो तुरंत मोबाइल नंबर 8235577326 पर संपर्क करें। परिजनों का कहना है कि उनका बेटा काफी मिलनसार है और किसी के साथ भी आसानी से चला जाता है, यही चिंता और बढ़ा रही है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि रेलवे स्टेशन के आसपास अक्सर भीड़ लगी रहती है, ऐसे में बच्चे का अचानक गायब हो जाना संदिग्ध प्रतीत हो रहा है। फिलहाल पुलिस सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है और कई बिंदुओं पर जांच जारी है।

आजमगढ़ से बड़ी खबर | पति और 14 महीने का बच्चा रहस्यमय परिस्थितियों में लापता

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आजमगढ़ से बड़ी खबर | पति और 14 महीने का बच्चा रहस्यमय परिस्थितियों में लापता — पत्नी रिचा श्रीवास्तव ने लगाया अपहरण का गंभीर आरोप, बोलीं: “मेरे मासूम बच्चे को मुझसे छीन लिया… पुलिस सुन नहीं रही”

आजमगढ़ | बिलरियागंज थाना क्षेत्र | विशेष रिपोर्ट

ग्राम मधनापार, थाना बिलरियागंज (आजमगढ़) से एक बेहद चिंताजनक मामला सामने आया है, जहां एक मां अपने 14 महीने के मासूम बेटे और पति दोनों की तलाश में दर–दर भटक रही है। पीड़िता रिचा श्रीवास्तव, पत्नी दिवेश श्रीवास्तव, ने पुलिस को दिए आवेदन में बताया है कि 15 नवंबर 2025 की शाम करीब 4.30 बजे उनके पति 14 महीने के बच्चे को लेकर बाजार गए थे, लेकिन उसके बाद आज तक वापस नहीं लौटे।

पति को खोजने की कोशिशें नाकाम

रिचा के अनुसार, उन्होंने अपने पति और बच्चे की खोज में गांव–रिश्तेदार–दोस्त—हर जगह तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। पति के मोबाइल नंबर 78805XXXXX पर लगातार कॉल किया गया, परंतु फोन बंद मिला।

रिचा ने अपने आवेदन में लिखा है कि वह बंधन बैंक, महराजगंज रोड, बिलरियागंज के पास किराये के मकान में रहती हैं और उनके पति पास के ही विजय मेमोरियल स्कूल, मधनापार में मैनेजमेंट का काम करते थे।

“मेरे पति और बच्चे को किडनैप किया गया है” — रिचा का बड़ा आरोप

रिचा श्रीवास्तव ने अपने प्रार्थना पत्र और बयान में गंभीर आरोप लगाया है कि—

“मेरे ननद वंदना श्रीवास्तव, नंदोई राजमणि यादव और चचेरे ससुर सुनील श्रीवास्तव सहित कुछ लोगों ने मेरे पति और मेरे मासूम बच्चे को किडनैप कर लिया है। पहले मुझे घर से बेदखल किया गया और अब मेरे पति–बच्चे को छीन लिया गया है।”

पीड़िता का कहना है कि उन्होंने पहले गांव में किराए के मकान में रहने की कोशिश की, लेकिन वहां भी उन्हें परेशान किया गया।

“मेरे चचेरे ससुर की गंदी नजर थी, उसी वजह से मेरे घर में विवाद हुआ”

रिचा ने बताया कि उनके चचेरे ससुर सुनील श्रीवास्तव की उन पर गलत नजर थी, जिसकी वजह से उनके पति ने उन्हें गांव में ही किराये के दूसरे मकान पर रहने के लिए भेज दिया।

लेकिन रिचा का आरोप है कि—

“वहां भी मुझे रहने नहीं दिया गया। बाद में मेरे पति और बच्चे को किडनैप करवा दिया गया। अब मैं पूरी तरह बेघर हूं। न मेरा पति मिल रहा है, न मेरा बच्चा।”

“मेरा 14 महीने का बच्चा दूध पीता है… वह मेरे बिना नहीं रह सकता”

रिचा श्रीवास्तव ने कहा—

“मेरा बच्चा सिर्फ 14 महीने का है, वह दूध पीता है… इतना छोटा बच्चा मां के बिना कैसे रह सकता है? पुलिस कहती है बच्चा बाप के पास है, तुम क्यों परेशान हो? पर मुझे पूरा यकीन है कि बच्चा और पति मेरे चचेरे ससुर सुनील श्रीवास्तव के पास ही हैं। मैं कई दिनों से रो–रोकर परेशान हूं।”

पुलिस से लगाई गुहार — “मेरे पति–बच्चे को ढूंढा जाए”

रिचा ने बिलरियागंज थाना में लिखित आवेदन देकर पति और बच्चे की गुमशुदगी दर्ज करने और संदेहियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने कहा कि अभी तक कोई ठोस कार्रवाई देखने को नहीं मिली।

मीडिया और प्रशासन से रिचा की अपील

“मैं मीडिया और प्रशासन दोनों से हाथ जोड़कर अपील करती हूं कि मेरे पति दिवेश और मेरे 14 महीने के मासूम बच्चे को जल्द से जल्द खोजकर मुझे वापस दिलाया जाए। मेरे दुश्मन मुझे बेघर कर चुके हैं… अब मेरा परिवार भी मुझसे छीना जा रहा है।”

किसी के पास कोई जानकारी हो तो तुरंत संपर्क करें

यदि किसी भी व्यक्ति को दिवेश श्रीवास्तव (उम्र 36 वर्ष) और उनके 14 महीने के बच्चे के बारे में कोई भी सूचना हो, तो कृपया तुरंत इस नंबर पर संपर्क करें—

📞 6306273251
या नजदीकी थाने में सूचना दें।

रामप्रसाद ने प्रशासन से लगाई गुहार — मिट्टी सप्लाई का बकाया पैसा दिलाने की मांग, सुरक्षा को लेकर भी जताई चिंता

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आगरा। तहसील बाह, थाना बटेश्वर क्षेत्र के गांव माई (बटेश्वर) निवासी रामप्रसाद पिछले कई महीनों से अत्यंत परेशान हैं। लगभग 10 महीने पहले उन्होंने अपने गांव की ज़मीन से राजकुमार नामक व्यक्ति को मिट्टी सप्लाई की थी। तय समझौते के अनुसार लगभग 3 फ़ीट मिट्टी के लिए डेढ़ लाख रुपए भुगतान होना था।

आरोप है कि राजकुमार ने मौके का फायदा उठाते हुए 3 फ़ीट की जगह 5 फ़ीट मिट्टी उठाई, जिसका कुल मूल्य साढ़े ढाई लाख रुपए के करीब बनता है, लेकिन भुगतान केवल 3 फ़ीट की मिट्टी का ही किया गया।
इस पूरे मामले में गांव झुकी के प्रधान दिनेश मिश्रा (पुत्र—गौरव मिश्रा) की भी हिस्सेदारी बताई जा रही है।

रामप्रसाद का कहना है कि लगभग सवा लाख रुपए का अतिरिक्त बकाया आज तक नहीं दिया गया है। कई बार बात करने के बावजूद सामने वाले न तो पैसा देने से मना कर रहे हैं और न ही भुगतान कर रहे हैं, बस मामला टालते जा रहे हैं।

अकेले रहते हैं रामप्रसाद, सुरक्षा को लेकर चिंता ज़ाहिर

रामप्रसाद के बेटे डालचंद दिल्ली में रहते हैं, जबकि रामप्रसाद गांव में अकेले रहते हैं। इसी कारण उन्होंने चिंता जताई है कि कहीं प्रधान सहित अन्य लोग उनके साथ किसी प्रकार की अनहोनी न कर दें या किसी झूठे मामले में फंसा न दें।

रामप्रसाद का कहना है कि उनकी रोज़ी-रोटी का एकमात्र साधन यही मिट्टी बेचने का काम है। अगर इसी तरह पैसे दबाए जाएंगे, तो उनके परिवार की आजीविका पर गंभीर संकट खड़ा हो जाएगा।

प्रशासन से न्याय की अपील

रामप्रसाद ने मीडिया के माध्यम से जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि:

“हमें किसी से लड़ाई-झगड़ा नहीं चाहिए। बस हमारी मेहनत का पैसा दिलवा दिया जाए। हम गरीब लोग हैं, अकेले रहते हैं, हमें अपनी सुरक्षा का भी डर है।”

स्थानीय प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग

ग्रामीणों का मानना है कि यदि समय रहते प्रशासन हस्तक्षेप करे तो विवाद बढ़ने से पहले सुलझ सकता है। स्थानीय लोगों ने भी अपील की है कि गरीब मजदूर का मेहनत का पैसा दिलाकर न्याय सुनिश्चित किया जाए।

कटिहार में अजीब वैवाहिक विवाद: दो पत्नियों को छोड़ तीसरी शादी की तैयारी में मिनासुल मंडल, दोनों परिवार मुश्किल में

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कटिहार (बिहार)। जिले में एक बेहद उलझा हुआ वैवाहिक विवाद सामने आया है, जिसमें मिनासुल मंडल नाम का युवक अपनी दो वैध पत्नियों को छोड़कर अब तीसरी महिला से शादी करने की तैयारी में बताया जा रहा है। इस विवाद ने महिलाओं के अधिकार, वैवाहिक ज़िम्मेदारियों और सामाजिक जवाबदेही को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

पहली पत्नी—नूरजहां खातून, एक बेटा नूरआलम मंडल

मिनासुल मंडल की पहली शादी नूरजहां खातून से हुई थी। दोनों का एक बेटा है—नूरआलम मंडल।
नूरजहां का कहना है कि शुरुआत में मिनासुल दोनों घरों (पहली और दूसरी पत्नी) के बीच समय बाँटता था, लेकिन अब वह महीनों उनसे मिलने तक नहीं आता।

नूरजहां के अनुसार,
“वह अब हमें देखना भी नहीं चाहता। हम और हमारा बच्चा दोनों परेशान हैं।”

दूसरी पत्नी—जुबेदा खातून, एक साल के बेटे जीनातुल मंडल की माँ

जुबेदा खातून मूल रूप से कटिहार जिले की ही रहने वाली हैं। यह उनकी दूसरी शादी है।
उनका कहना है कि पहले पति ने सिर्फ इसलिए तलाक दे दिया था, क्योंकि उसके परिवार को जुबेदा और मिनासुल के संबंधों के बारे में जानकारी मिल गई थी। इसके बाद जुबेदा ने अपनी मर्ज़ी से मिनासुल से शादी कर ली। उनका एक बेटा है—जीनातुल मंडल, जिसकी उम्र लगभग एक वर्ष है।

जुबेदा का आरोप है—
“हमने उसके लिए घर छोड़ा, बदनामी झेली। अब वही हमें छोड़ रहा है। यह नाइंसाफी है।”

नौ महीने से तीसरी महिला ‘जोया बैबनाथ’ के साथ रहने का आरोप

दोनों पत्नियों का आरोप है कि पिछले नौ महीनों से मिनासुल मंडल ‘जोया बैबनाथ’ नाम की महिला के साथ रह रहा है और अब उसी से शादी करने की तैयारी कर रहा है।
परिजनों का कहना है कि वह अब घर पर बहुत कम आता है और आता भी है तो थोड़ी देर रुककर वापस चला जाता है।

उनके अनुसार, जब उससे वजह पूछी गई तो उसने जवाब दिया—
“अब हम तुम्हारे साथ नहीं रहेंगे। तीसरी शादी करेंगे।”

स्थानीय चर्चा—“कई लड़कियों को ऐसे ही फंसाकर छोड़ चुका है”

दोनों पत्नियों और कुछ ग्रामीणों का दावा है कि मिनासुल मंडल पहले भी कई महिलाओं से संबंध बनाकर उन्हें छोड़ चुका है। ग्रामीणों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब उसने किसी महिला को इसी तरह धोखा दिया हो।

हालाँकि इन आरोपों की आधिकारिक पुष्टि अभी तक नहीं हुई है।

अभिभावकीय जिम्मेदारी से दूरी, दोनों परिवारों में तनाव

पहली और दूसरी दोनों पत्नियाँ कह रही हैं कि मिनासुल ने बच्चों की जिम्मेदारी भी निभानी बंद कर दी है।
दोनों परिवार आर्थिक और सामाजिक दबाव में हैं और इस स्थिति से काफी परेशान हैं।

पंचायत बुलाने की तैयारी

ग्रामीणों के अनुसार, लगातार बढ़ते विवाद और महिलाओं की परेशानी को देखते हुए जल्द ही पंचायत बुलाई जाएगी। पंचायत में मिनासुल मंडल से जवाबदेही तय करने और दोनों महिलाओं को न्याय दिलाने की कोशिश की जाएगी।

एक ग्रामीण ने बताया—
“मिनासुल अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहा है। पंचायत में उसे जवाब देना होगा।”

बाराबंकी में पुरानी रंजिश से बढ़ा विवाद, परिवार पर जानलेवा हमला — कार्रवाई न होने से पीड़ितों में रोष

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बाराबंकी, 24 नवंबर 2025:
थाना असंद्रा, चौकी सिद्धार्थ पोस्ट डिस्कवरी के अंतर्गत ग्राम तोरईगांव में बीती रात एक परिवार पर पुरानी रंजिश के चलते जानलेवा हमला होने का गंभीर मामला सामने आया है। शिकायतकर्ता शंकर ने बताया कि यह विवाद उनके दादा-परदादा के समय से चला आ रहा है और अब लगातार बढ़ता जा रहा है।

शंकर के अनुसार, रात करीब 9 बजे उनके घर पर पिता जगदंबा प्रसाद रावत, भाई रिंकू रावत, रिंकू की मां और उनकी बहन मौजूद थे। इसी दौरान गांव के ही धर्मराज, रामराज, लवकुश, विशाल, करण, आकाश और आनंद अचानक हथियारों से लैस होकर उनके घर में घुस आए और परिजनों पर जानलेवा हमला कर दिया।

पीड़ितों ने बताया कि वे किसी तरह अपनी जान बचाकर निकले, लेकिन हमला अत्यंत खतरनाक था। इसके बाद उन्होंने पुलिस को लिखित शिकायत भी दी, मगर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

घटना के बाद पूरा परिवार दहशत में है। उनका कहना है कि आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं और बार-बार जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।

परिवार जनों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा—
“शिकायत दी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। अगर हमारी सुरक्षा नहीं होगी तो हम जाएं तो जाएं कहां?”हमारे गांव के तमाम लोग गए थे गवाही देने के लिए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है मौके का वीडियो भी दिखाएं लेकिन हमारी सुनवाई हुई नहीं।

पीड़ित परिवार ने उच्च अधिकारियों से तत्काल हस्तक्षेप कर हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

अलीगढ़ जमीन विवाद में मारपीट, धमकी और पुलिस पर गंभीर लापरवाही के आरोप

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अलीगढ़/टप्पल:
थाना टप्पल क्षेत्र के गाँव लालपुर-रैयतपुर में जमीन बिक्री के पैसों को लेकर चल रहा विवाद अब हिंसा और धमकियों तक पहुँच चुका है। पीड़ित उमेशचन्द्र पुत्र सोहनलाल और उनकी पत्नी सीमा ने अपने सगे जेठ व देवर राजेन्द्र सिंह, रौताश, तथा जमीन खरीददार विष्णु पुत्र भूरा, दालचंद, और विष्णु की पत्नी राधा पर मारपीट, धमकी और रुपये हड़पने के गंभीर आरोप लगाए हैं।

जमीन बिकी, पर हिस्सा नहीं मिला—शुरू हुआ विवाद

परिवार के पाँच भाइयों ने लगभग 4,50,000 रुपये में जमीन बेची थी। इसमें से 90,000 रुपये उमेशचन्द्र के हिस्से के थे, जो अब तक उन्हें नहीं मिले।
पीड़ितों का आरोप है कि

राजेन्द्र और रौताश एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालते रहे

महीनों चक्कर कटवाने के बाद भी पैसे नहीं लौटाए गए

16 और 18 नवंबर 2025—पीड़ितों पर दो बार हमला

पीड़िता सीमा ने बताया कि—

16 नवंबर 2025
जब वह और उनके पति रुपये मांगने राजेन्द्र के पास पहुंचे तो

राजेन्द्र सिंह ने गाली-गलौज की

दंपती को पीटा

और जान से मारने की धमकी दी

18 नवंबर 2025 दोपहर 3 बजे
सीमा जब बैग लेने गाँव में जा रही थीं, तभी

विष्णु ने अपनी पत्नी राधा से उन पर हमला करवाया

राधा ने बेलन और सख्त डंडे से उन्हें पीटा

धमकी दी—“रुपये मांगने आयी तो जान से मार दूंगी”

सीमा का कहना है कि हमले के दौरान राजेन्द्र की पत्नी पास खड़ी सब देखती रही लेकिन किसी ने उन्हें बचाने की कोशिश नहीं की।

थाना टप्पल पर लापरवाही के आरोप

पीड़ित दंपती ने कहा कि वे दो बार थाना टप्पल पहुँचे, लेकिन

उनकी शिकायत दर्ज नहीं की गई

पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया

सीमा का आरोप—
“राजेन्द्र कहता है पुलिस कुछ नहीं कर सकती, पैसा मैंने खा लिया है, जो करना है कर लो।”

मामला पहुंचा उपजिला मजिस्ट्रेट खैर के पास

थाना टप्पल पुलिस ने बढ़ते तनाव को देखते हुए रिपोर्ट भेजी कि यह जमीन विवाद किसी भी समय बड़ी घटना का रूप ले सकता है।

इसका संज्ञान लेते हुए न्यायालय ने बी०एन०एस० धारा 126/135 के तहत विपक्षी पक्ष को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न उनसे
1,00,000 रुपये + 50,000 रुपये की जमानत लेकर 6 महीने के लिए पाबंद किया जाए।

पीड़िता ने FIR दर्ज कराने की मांग की

सीमा ने उपजिलाधिकारी खैर को आवेदन देकर कहा कि—

उनके 1 लाख रुपये विष्णु पर बकाया हैं

विष्णु कहता है कि उसने पैसे राजेन्द्र को दे दिए

राजेन्द्र और विष्णु दोनों उन्हें धमका रहे हैं

कई बार मारपीट की घटनाएँ हो चुकी हैं

फिर भी थाना टप्पल पुलिस FIR दर्ज नहीं कर रही

पीड़ितों की अपील

उमेशचन्द्र और सीमा ने कहा—

“हम एक साल से परेशान हैं।”

“न पैसा मिला, न न्याय।”

“बार-बार मारपीट हो रही है।”

“हमारी जान को खतरा है।”

उमेश ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि हमें यह हमारे परिवार को कुछ होता है तो इसके जिम्मेवारी यही लोग होंगे।

दंपती ने उच्च अधिकारियों से निष्पक्ष जांच, FIR दर्ज कराने, और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

दो माह पहले प्रेम विवाह कर मुंबई पहुँचे युवक–युवती, लड़के के घरवालों ने स्वीकारा, लड़की पक्ष अब भी नाराज़

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मधुबनी। बेनिपट्टी थाना क्षेत्र के धनुशी गांव निवासी पंकज कुमार (19), पिता—सरवन महतो और पड़ोसी गांव की रहने वाली सिरिया कुमारी (18), पिता—फूलल मंडल दो माह पहले प्रेम विवाह कर अब मुंबई में रह रहे हैं। दोनों करीब दो साल से एक-दूसरे को जानते थे और घरवालों की सहमति न मिलने पर गांव छोड़कर शादी कर ली।

पंकज कुमार ने बताया कि शादी के बाद उनके परिवार ने रिश्ते को स्वीकार कर लिया है और दोनों को अपना आशीर्वाद भी दिया है। पंकज के मुताबिक, “हमारे घर वाले अब पूरी तरह हमारे साथ हैं, लेकिन लड़की के घर वाले नाराज़ हैं और हम दोनों पर तरह-तरह के आरोप लगाकर दबाव बना रहे हैं। हमने किसी पर कोई ज़बरदस्ती नहीं की। शादी आपसी सहमति से हुई है।”

उधर, लड़की के परिवार ने विवाह को मानने से इनकार कर दिया है। परिवार की नाराज़गी के कारण स्थिति और तनावपूर्ण हो गई है। लड़की ने भी आरोप लगाया है कि उसके ऊपर घर वालों की ओर से अनावश्यक दबाव बनाया जा रहा है, जबकि वह अपनी इच्छा से शादी कर चुकी है।

दोनों वर्तमान में मुंबई में रहकर काम कर रहे हैं। युवक-युवती का कहना है कि वे शांतिपूर्वक जीवन बिताना चाहते हैं और चाहते हैं कि उनके रिश्ते को लेकर किसी तरह का विवाद न खड़ा किया जाए। पंकज ने कहा, “हम बस साथ रहना चाहते हैं। किसी के खिलाफ जाकर कोई गलत काम नहीं किया। हमारी शादी पूरी सहमति से हुई है।”

मामले को लेकर स्थानीय स्तर पर चर्चा तेज है। ग्रामीणों का कहना है कि एक तरफ लड़के के परिवार ने विवाह स्वीकार कर लिया है, जबकि लड़की पक्ष का विरोध मामला और जटिल कर रहा है। फिलहाल दोनों जिला प्रशासन से अपेक्षा कर रहे हैं कि दस्तावेज़ी प्रक्रिया को जल्द पूरा कराया जाए और अनावश्यक विवाद से उन्हें सुरक्षा दी जाए।

रेलमगरा में दिव्यांग मुन्ना शाह की सुरक्षा खतरे में, चारागाह भूमि घोटाले की शिकायत के बाद बढ़ा तनाव – जिला प्रशासन से लगाई गुहार

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राजसमंद/रेलमगरा —
जगपुरा निवासी दिव्यांग व्यक्ति मुन्ना शाह ने अपनी जान पर मंडराए खतरे और ग्राम पंचायत पनोतिया द्वारा कथित रूप से चारागाह व खेल मैदान की भूमि पर अवैध तरीके से आवासीय पट्टे काटने के गंभीर आरोप लगाते हुए जिला प्रशासन से सुरक्षा और कार्रवाई की मांग की है।

मुन्ना शाह ने बताया कि वह अब तक तीन बार जिला कलेक्टर कार्यालय जा चुके हैं। चौथी बार एसडीएम कार्यालय में उनके PA साहब से फोन पर बात हुई, जहां उन्हें सिर्फ यही कहा गया कि “एप्लीकेशन लगी हुई है।” मजबूरन वह फिर कलेक्टर कार्यालय गए और वहां से आदेश की कॉपी प्राप्त की। इसके बाद जब वह एसडीएम ऑफिस रेलमगरा पहुंचे, तो वहां “सुनवाई के लिए कोई मौजूद नहीं था,” जिसके बाद उन्होंने वीडियो बनाकर अपनी बात सार्वजनिक की।

● रात में हुआ जानलेवा हमला

मुन्ना शाह ने थाना रेलमगरा को दिए आवेदन में बताया कि 23 नवंबर 2025 की रात कुछ अज्ञात लोग उनके खुले घर में घुस आए और उनके सिर के पास बारूद वाला विस्फोटक पटाखा रखकर चले गए।
नींद खुलने पर मामला पता चला।
मुन्ना शाह दिव्यांग हैं और अकेले अपनी सुरक्षा करने में असमर्थ हैं।
उन्होंने अपनी जान पर गंभीर खतरा बताया और तुरंत सुरक्षा प्रदान करने की मांग की।

● चारागाह भूमि घोटाले का मामला

मुन्ना शाह ने उपखंड अधिकारी (एसडीएम) रेलमगरा को दिए आवेदन में आरोप लगाया कि—

ग्राम पंचायत पनोतिया ने आराजी नंबर 315 (चारागाह भूमि) पर अवैध रूप से आवासीय पट्टे काटे।

कई लाभार्थियों ने इन अवैध पट्टों पर पक्के मकान बनाकर कब्जा कर लिया है।

सरपंच और पंचायत सचिव द्वारा 2014 से 2024 तक बिना विधिक प्रक्रिया अपनाए अवैध पट्टे जारी किए गए।

गरीबों के नाम पर पुस्तैनी व मुफ्त पट्टे दिखाकर सरकारी राजस्व का नुकसान किया गया।

खेल मैदान और चारागाह की भूमि को भी अवैध रूप से बांट दिया गया।

● SDM ने मांगी 7 दिनों में रिपोर्ट

एसडीएम ऑफिस द्वारा संबंधित पटवारी व पंचायत को पत्र जारी करते हुए निर्देश दिए गए कि—

पूरे प्रकरण की निगरानी दायर की जाए

यदि चारागाह भूमि पर पट्टे दिए गए हैं तो वस्तुस्थिति स्पष्ट की जाए

7 दिन में तथ्यात्मक रिपोर्ट एसडीएम कार्यालय में भेजना सुनिश्चित करें

● मुन्ना शाह की मांग

चारागाह भूमि घोटाले की उच्च स्तरीय जांच

दोषियों पर कानूनी कार्रवाई

चारागाह भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए

उनकी सुरक्षा के लिए तुरंत पुलिस संरक्षण दिया जाए

मुन्ना शाह ने कहा कि लगातार शिकायत करने के बाद अब उन पर हमले होने लगे हैं। वह दिव्यांग होने के कारण खुद की रक्षा नहीं कर सकते। उन्होंने कहा—
“मैंने सुरक्षा के लिए आवेदन दिया था, पर आज तक मुझे कोई सुरक्षा नहीं दी गई।”

प्रशासन की अगली कार्रवाई पर अब सबकी नजर

जनहित से जुड़ा यह मामला गंभीर रूप ले चुका है।
अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन और पुलिस मुन्ना शाह की सुरक्षा और चारागाह भूमि घोटाले की जांच पर क्या ठोस कदम उठाते हैं।

पंचकूला से बड़ी खबर | बच्चे को स्कूल छोड़ने गई महिला से एनजीओ स्टाफ की गाली-गलौज, धमकी और रिकॉर्डिंग डिलीट करने का आरोप—रूबी बोलीं: “शिक्षा देने वाले ही बदसलूकी करें तो बच्चों का भविष्य कैसे सुरक्षित रहेगा?”

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पंचकूला | विशेष रिपोर्ट

हरियाणा के पंचकूला से एक चिंताजनक मामला सामने आया है, जहां सेक्टर 20 में रहने वाली रूबी (पति तबरेज) ने एनजीओ से जुड़े स्टाफ पर अभद्र व्यवहार, धमकी देने, बच्चे से मारपीट करने, पैसे वसूलने और शिकायत दबाने का गंभीर आरोप लगाया है। घटना 29 नवंबर 2025 की सुबह करीब 9 बजे की बताई जा रही है।

रूबी के मुताबिक, वह हर दिन की तरह अपने 5 वर्षीय बेटे असद को सेक्टर 12A साही की पाठशाल स्कूल छोड़ने जा रही थीं। बच्चे के लिए एनजीओ की तरफ से ऑटो की व्यवस्था रहती है, जिसे मैडम बिनी और रेनू संभालती हैं। रूबी ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से ऑटो लगातार लेट आ रही थी। जब उन्होंने दोनों मैडमों से इसका कारण पूछा, तो जवाब मिला—“9:30 बजे तक आ जाएगी।” इसी भरोसे पर रूबी सुबह 9 बजे बेटे के साथ घर से निकल गईं।

लेकिन 9:30 बजे तक भी ऑटो नहीं पहुंची। जब रूबी ने दोबारा फोन किया, तो उनके अनुसार मैडम बिनी और रेनू ने गाली-गलौज शुरू कर दी और कहा—“तुम्हारे बाप की ऑटो है क्या?” इतना ही नहीं, कथित तौर पर धमकी दी—“स्कूल आओ, तुम्हें घसीट देंगे।”

रूबी ने बताया कि एनजीओ की ओर से स्वेटर और यूनिफॉर्म के पैसे न लिए जाने की बात कही गई थी, लेकिन फिर भी उनसे पैसे वसूले गए। जब वह शिकायत लेकर थाने पहुंचीं, तो एनजीओ के मालिक थापर भी वहां पहुंचे। रूबी का आरोप है कि उन्होंने उल्टा उन्हें ही धमकाया—“जानती हो किससे पंगा ले रही हो? शिकायत वापस ले लो। कोई सबूत है तुम्हारे पास?”

रूबी के पास उस समय मैडमों के साथ हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग मौजूद थी। उन्होंने यह रिकॉर्डिंग थाने में सुनाई भी, पर आरोप है कि थापर ने वह रिकॉर्डिंग भी उनके फोन से डिलीट कर दी।

रूबी ने बताया कि मैडम बिनी और रेनू पहले भी उनके बच्चे असद को आंख और मुंह पर मार चुकी हैं, लेकिन उन्होंने बात बढ़ने नहीं दी। मगर इस बार मामला गाली, धमकी और पैसे वसूलने तक जा पहुंचा, इसलिए वह चुप नहीं रह सकीं।

थापर सर ने बाद में मैडम बिनी और रेनू से माफी मंगवाई, लेकिन रूबी के अनुसार माफी के दौरान भी दोनों ने बदतमीजी की और मामले को दबाने के लिए हाथ जोड़ने का दबाव बनाया। रूबी का यह भी कहना है कि थाने में दी गई शिकायत पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, बल्कि उन पर ही आरोप लगा दिया गया कि “गरीब होने का फायदा उठाकर एनजीओ वालों को फंसाया जा रहा है” और उनसे पैसे ऐंठने के झूठे आरोप भी लगाए गए।

रूबी ने बताया कि अब मामला दबाने की कोशिश की जा रही है, जबकि वह सिर्फ न्याय चाहती हैं। उनका कहना है कि बच्चों की सुरक्षा और सम्मान सबसे पहले है।

अब रूबी ने मीडिया के माध्यम से मांग की है कि मैडम बिनी और रेनू को स्कूल से हटाया जाए, ताकि बच्चों और उनके अभिभावकों के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार न हो सके।

रूबी का कहना है—“टीचर का काम बच्चों को शिक्षा देना है, न कि गाली, धमकी और बदसलूकी करना। अगर ऐसे लोग स्कूल में रहेंगे, तो बच्चे क्या सीखेंगे? उनकी सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी?”

रूबी ने मीडिया से अपील की है कि मामले की जांच निष्पक्ष रूप से कराई जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो, ताकि भविष्य में किसी अभिभावक या बच्चे को ऐसी परिस्थितियों का सामना न करना पड़े।

पहले वनडे के बाद कैसी है भारत और साउथ अफ्रीका की आईसीसी रैंकिंग, दूसरे मैच से पहले जान लीजिए

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आईसीसी ने भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खेले गए पहले वनडे मैच के बाद रैंकिंग अपडेट कर दी है। इसमें टीम इंडिया का पहले नंबर पर कब्जा बरकरार है, वहीं साउथ अफ्रीका की टीम काफी नीचे नजर आ रही है।भारत और साउथ अफ्रीका के बीच टेस्ट के बाद अब वनडे सीरीज खेली जा रही है। सीरीज का पहला मुकाबला टीम इंडिया ने 17 रन से अपने नाम करने में कामयाबी हासिल की है। इस बीच इससे पहले कि दूसरा वनडे मुकाबला हो, आपको ये जान लेना चाहिए कि पहले वनडे के बाद भारत और साउथ अफ्रीका की रैंकिंग और रेटिंग आईसीसी वनडे रैंकिंग में कैसी है। चलिए इस पर एक नजर डालते हैं।
पहले वनडे के बाद आईसीसी ने अपडेट की वनडे टीम रैंकिंग
आईसीसी ने 30 नवंबर यानी जिस दिन भारत और साउथ अफ्रीका के बीच पहला वनडे हुआ है, उसके बाद रैंकिंग को अपडेट कर दिया गया है। भारतीय टीम की रैंकिंग इस वक्त 122 की हो गई है। भारतीय टीम इस मामले में पहले भी नंबर वन थी और अभी भी पहले नंबर पर ही काबिज है। दूसरे नं​बर की टीम से भारत की रेटिंग काफी ज्यादा है। यानी उसकी नंबर एक की कुर्सी पर कोई खतरा भी नहीं है। आईसीसी की वनडे रैंकिंग में दूसरे नंबर पर न्यूजीलैंड की टीम है। जिसकी रेटिंग अभी 113 की चल रही है।

ऑस्ट्रेलियाई टीम रैंकिंग में तीसरे स्थान पर
भारत और न्यूजीलैंड के बाद तीसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलियाई टीम है। ऑस्ट्रेलिया की आईसीसी वनडे रैंकिंग में रेटिंग इस वक्त 109 की चल रही है। इसके बाद नंबर चार पर पाकिस्तान की टीम है। जिसकी रेटिंग 105 की है। श्रीलंका की टीम 100 की रेटिंग के साथ आईसीसी वनडे रैंकिंग में नंबर पांच पर बनी हुई है।

साउथ अफ्रीका की टीम आईसीसी वनडे रैंकिंग में नंबर छह पर
इसके बाद बारी आती है साउथ अफ्रीका की। साउथ अफ्रीका की रेटिंग आईसीसी वनडे रैंकिंग में केवल 97 की है। यानी टीम पूरे 100 की रेटिंग भी हासिल नहीं कर पाई है। भारत के खिलाफ जारी वनडे सीरीज का पहला मैच हारकर साउथ अफ्रीका को और भी झटका लगा है। अब उस पर सीरीज गंवाने का भी खतरा मंडरा रहा है। अगला मैच सीरीज के लिहाज से काफी अहम होगा। टीम इंडिया की कोशिश होगी कि अगला मैच जीतकर सीरीज पर कब्जा किया जाए, वहीं साउथ अफ्रीका की टीम रायपुर में होने वाला मैच जीतकर सीरीज को बरा​बरी पर लाने की कोशिश करेगी।