नई दिल्ली।
पाकिस्तान एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर झूठ फैलाते हुए पकड़ा गया है। हाल ही में उसने दावा किया था कि भारत की खुफिया एजेंसी RAW और इजरायल की खुफिया एजेंसी Mossad मिलकर पाकिस्तान के अंदर अस्थिरता फैलाने का षड्यंत्र रच रही हैं। लेकिन अब इन दावों की पोल खुद अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों और खुफिया विश्लेषकों ने खोल दी है।
दरअसल, पाकिस्तान द्वारा ये दावे उस समय किए गए जब ईरान और इजरायल के बीच तनाव चरम पर था और मध्य-पूर्व एशिया की स्थिति संवेदनशील बनी हुई थी। पाकिस्तान ने इस मौके का फायदा उठाकर भारत और इजरायल के खिलाफ दुष्प्रचार शुरू कर दिया। उसका उद्देश्य दोनों देशों की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूमिल करना था।
सूत्रों के अनुसार, यह झूठा नैरेटिव पाकिस्तान की सेना और ISI की मिलीभगत से फैलाया गया था। लेकिन इसमें कोई ठोस सबूत न होने के कारण इन दावों को दुनिया भर के मीडिया और विश्लेषकों ने सिरे से खारिज कर दिया।
ईरान-इजरायल युद्ध से कनेक्शन:
इस दावे को उस वक्त हवा दी गई जब इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते युद्ध जैसे हालात को लेकर दुनिया चिंतित थी। पाकिस्तान चाहता था कि इस तनाव का इस्तेमाल भारत के खिलाफ वैश्विक राय बनाने में किया जाए। लेकिन इसके उलट, RAW और Mossad पर लगे आरोप झूठे साबित हुए और पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान हुआ।
विशेषज्ञों की राय:
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह पाकिस्तान की “डायवर्जन थ्योरी” का हिस्सा था, जिसमें वह अपने देश के भीतर की असफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए पड़ोसी देशों पर झूठे आरोप लगाता है।