पिंजौर : रायतन क्षेत्र के खड़कुआ गाँव के अंतर्गत जल्लाह गाँव की महिला विधवा पेंशन के लिए दर-दर भटक रही थी समाजसेवी शिक्षक अश्वनी कंडारा परिवार के लिए फरिश्ता बनकर आया और पैंशन लगवाने के लिए भरसक प्रयास किया और आज पैंशन का फाइनल प्रोसेस हो गया एक से ढ़ेड महीने के अंदर पेंशन आ जाएगी। अब तो हालात ऐसे हो गए कि जनता की कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही।
क्या है पूरा मामला?
पिंजौर खंड के खड़कुआ जल्लाह से विधवा महिला पेंशन के लिए दर-दर भटक रही थी। जल्लाह गाँव के ढाकवाला में रहने वाली महिला सरकारी दफ्तरों से लेकर जिला मुख्यालय तक कई बार चक्कर काट चुकी थी, लेकिन अब तक उसे पेंशन नहीं मिली थी। ढाकवाला निवासी सरोज शर्मा जो सही से चल और बोल भी नहीं पाती जो धर्मपत्नी स्वर्गीय घनश्याम शर्मा ने विधवा पेंशन के लिए पिछले कई महीने से दर-दर भटकने को मजबूर थी आवेदन के लिए कई बार प्रयास किया परन्तु शिक्षा के आभाव के कारण व किसी की कोई मदत ना मिलने की वजह चाहे कुछ भी हो अश्वनी कंडारा ने पीड़ित परिवार की हर संभव मदद की है। सरोज शर्मा का स्वास्थ्य भी पिछले कई महीनो से बहुत खराब चल रहा था। उनके पति के गुजर जाने के बाद उनके बच्चे बेरोजगार है, तथा इधर-उधर मजदूरी का काम करके अपना गुजारा चला रहे हैं, इसके बावजूद मदत ना मिलना। मिली जानकारी के मुताबिक पति के गुजर जाने के बाद उसे विधवा पेंशन मिलनी तो थोड़ा सहारा लगता।
बेटा गुरनाम बताती हैं कि घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। पेंशन मिलती तो थोड़ी राहत मिल जाती। उन्होंने बताया कि उनके पति खेती बाड़ी का काम करते थे। उनके गुजर जाने के बाद परिवार पर समस्याओं का पहाड़ टूट पड़ा है। स्वर्गीय घनश्याम के बेटे गुरनाम बताते हैं कि पिछले कुछ महीने पहले पिता के गुजर जाने के बाद उनके मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ कई बार आवेदन की कोशिश कि गई हालांकि अश्वनी कंडारा ने परिवार की यथा संभव मदत की और बताया कि पेंशन न लगने की वजह परिवार द्वारा समय पर ऑनलाइन ना करवाना है
परिवारजन कई बार जनपद कार्यालय के चक्कर भी लगा चुके थे, लेकिन उनका पेंशन प्रकरण जस का तस पड़ा हुआ था। वहीं सरोज का स्वास्थ्य खराब बना हुआ है और उसे चलने-फिरने व बोलने में भी दिक्कत हो रही है। उनकी मदत के लिए कोई उनका हाल चाल नहीं पूछने आए अतः अश्वनी ने परिवार की यथा संभव मदत की और पैंशन लगवाई। वही मिली जानकारी के मुताबिक आज ही समाज सेवी वह अध्यापक अश्विनी कंडारा परिवार की मदद करने के लिए उनकी विधवा पेंशन न लगने की वजह जानने और आ रही परेशानियों को समझने के लिए कई बार उनके घर गए और समझा क्या है पूरा मामला।
कहाँ आई ज्यादा परेशानियाँ?
अश्वनी कंडारा ने जानकारी देते हुए बताया की डॉक्यूमेंट पूरे करने में बहुत दिक्क़तों का सामने करना पड़ा परन्तु उन्होंने हार नहीं मानी और कहा अंत भला तो सब भला। कई बार में सभी डॉक्यूमेंट लेकर उन्हें ऑनलाइन के लिए प्रक्रिया को सिरे पहुँचाया और गरीब विधवा महिला की पैंशन लगवा दी।
ई खबर मीडिया के लिए देव शर्मा की रिपोर्ट