नई दिल्ली, 10 अक्टूबर 2025
दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-9 स्थित रजापुर गांव की रहने वाली सुनीता शर्मा (40 वर्ष) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक मार्मिक पत्र भेजकर अपने जीवन की पीड़ा साझा की है। सुनीता ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि सूरज उर्फ बबली नाम का व्यक्ति पिछले चार वर्षों से उनका पीछा कर रहा है, बदनाम कर रहा है और उन्हें मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है।
“जहां जाती हूं, सूरज वहां पहुंच जाता है”
सुनीता शर्मा के मुताबिक, वह तलाकशुदा हैं और अकेली रहती हैं। उन्होंने बताया कि सूरज उर्फ बबली उनके पीछे गुंडे भेजता है और जहां भी वह नौकरी या किराए का घर लेती हैं, वहां पहुंचकर मकान मालिक और सहकर्मियों के सामने उन्हें झूठा बदनाम कर देता है।
> “मैं जहां भी जाती हूं, सूरज वहां आकर लोगों को मेरे खिलाफ भड़काता है। मुझे नौकरी से निकलवा देता है, मकान मालिक को धमकाता है, और मुझे बेघर कर देता है।” — सुनीता शर्मा का कहना है।
पुलिस से शिकायत, लेकिन कार्रवाई नहीं
सुनीता ने बताया कि उन्होंने प्रशांत विहार थाने में सूरज उर्फ बबली के खिलाफ लिखित शिकायत दी थी, मगर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
उनका कहना है कि पुलिस की निष्क्रियता के कारण सूरज का हौसला बढ़ गया है और वह खुलेआम उन्हें धमकियां दे रहा है —
“वह मुझसे कहता है कि तू जहां भी जाएगी, मैं तेरा पीछा नहीं छोड़ूंगा। तू मेरे साथ रहेगी, चाहे मैं तुझे मारूं या पीटूं।”
कानपुर से भागलपुर तक पीछा
अपने पत्र में सुनीता ने लिखा कि एक बार जान बचाने के लिए वह कानपुर तक भागीं, लेकिन सूरज के आदमी वहां भी उनके पीछे पहुंच गए।
कानपुर रेलवे पुलिस ने उस समय उनका बयान लिया और संदिग्ध व्यक्ति को रोका भी, पर बाद में सुनीता को दिल्ली भेज दिया गया।
फिर भी उनकी मुसीबत खत्म नहीं हुई —
“मैं भागलपुर तक गई, पर सूरज के लोग वहां भी आ गए। गांव में मुझे बदनाम किया, और सूरज वहीं किराए पर रहने लगा।”
सड़क पर रातें, जान को खतरा
सुनीता ने बताया कि लगातार पीछा और धमकियों के कारण उन्हें कई रातें आनंद विहार रेलवे स्टेशन और सड़क पर बितानी पड़ीं।
“मेरे पीछे बदमाश लगे रहते हैं। मुझे न नौकरी मिलती है, न घर में शांति। मैं दर-दर भटक रही हूं।”
प्रधानमंत्री से न्याय की गुहार
थकी-हारी सुनीता ने अब प्रधानमंत्री से गुहार लगाई है कि सूरज उर्फ बबली के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए और उनकी जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने लिखा —
“सूरज मुझे जबरन अपने साथ रखने, शारीरिक संबंध बनाने और कहीं भी शिकायत न करने के लिए दबाव डालता है। कृपया मुझे न्याय दिलाया जाए।”
सामाजिक सवाल भी उठे
यह मामला न सिर्फ एक महिला की व्यक्तिगत पीड़ा है, बल्कि समाज और प्रशासन के लिए एक बड़ा सवाल भी —
जब एक महिला बार-बार शिकायत करने के बाद भी न्याय नहीं पा रही, तो आखिर आम महिला की सुरक्षा की गारंटी कौन देगा?
“दिल्ली की एक महिला की जिंदगी आज नर्क बन चुकी है… चार साल से एक शख्स उसका पीछा कर रहा है — कभी सड़कों पर, कभी ट्रेनों में, तो कभी उसके मकान के बाहर। सुनीता शर्मा नाम की इस महिला ने आखिरकार प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है।”
“सुनीता का कहना है कि उसने पुलिस से लेकर रिश्तेदारों तक सभी से मदद मांगी, लेकिन हर जगह से उसे सिर्फ निराशा मिली। अब वह चाहती हैं कि प्रधानमंत्री खुद इस मामले में हस्तक्षेप करें ताकि उनकी जान और सम्मान दोनों की रक्षा हो सके।”
“यह कहानी सिर्फ सुनीता शर्मा की नहीं, बल्कि हर उस महिला की है जो अन्याय के खिलाफ आवाज उठा रही है… सवाल अब यही है — क्या उसे इंसाफ मिलेगा?”