भारत के दिग्गज टेनिस खिलाड़ी महेश भूपति ने हॉकी इंडिया लीग में महिला और पुरुष दोनों में दिल्ली की फ्रेंचाइजी खरीदी है। इस दौरान उन्होंने इस लीग से जुड़ने के पीछे अपने कारण का भी खुलासा किया।
हॉकी इंडिया लीग (एचआईएल) को फिर से फैंस के बीच उसी रोमांच के साथ लाने के प्रयास में भारतीय दिग्गज टेनिस खिलाड़ी महेश भूपति ने हॉकी इंडिया के साथ हाथ मिलाया है। महेश भूपति जिन्होंने अपने करियर में कुल 12 ग्रैंड स्लैम जीते हैं उन्होंने अब फ्रेंचाइजी स्पोर्ट्स में अपने कदम आगे बढ़ाए हैं। हॉकी इंडिया लीग में भूपति ने महिला और पुरुष दोनों ही फ्रेंचाइजी में टीमें ली हैं। इस साल दिसंबर के महीने में हॉकी इंडिया लीग बिल्कुल नए अवतार में फिर से वापसी करेगी। वहीं भूपति ने दिल्ली की फ्रेंचाइजी को खरीदा है जिसमें उनकी टीम का नाम दिल्ली एसजी पाइपर्स है। टेनिस छोड़ने के बाद अब फ्रेंचाइजी स्पोर्ट्स में अपने कदम रखने के पीछे और हॉकी इंडिया लीग से जुड़ने को लेकर महेश भूपति ने इंडिया टीवी के साथ खास बातचीत में इन सभी चीजों पर खुलकर बात की।
हॉकी से जुड़ना हमारे लिए काफी खास
महेश भूपति ने इंडिया टीवी के साथ खास बातचीत में कहा कि हम काफी टीमों के साथ जुड़े हैं जिसमें हॉकी से जुड़ना हमारे लिए काफी खास प्रयास है। हमें इस बात की खुशी है कि हॉकी इंडिया लीग को नए अवतार में फिर से पेश किया जा रहा है। पिछले 8 सालों में यदि आप भारतीय हॉकी को देखेंगे तो उसमें काफी तरक्की देखने को मिलेगी। ऐसे में इसका हिस्सा बनकर मुझे काफी खुशी हो रही है। मैंने जब से इस लीग के आगामी सीजन को लेकर सुना था उस समय से मेरे दिमाग में था कि टीम लेनी है। मैं इसमें दिल्ली की टीम लेना चाहता था क्योंकि हमारी कंपनी का हेड ऑफिस भी दिल्ली में हैं और मुझे खुशी है कि हम महिला और पुरुष दोनों ही टीम लेने में कामयाब रहे। बता दें कि महेश भूपति ने हॉकी इंडिया लीग में एसजी स्पोर्ट्स, मीडिया एंड एंटरटेनमेंट (एसजीएसई) से टीम ली है जो एपीएल अपोलो ग्रुप का हिस्सा है।
श्रीजेश को जोड़ने के पीछे भूपति ने बताया ये कारण
हॉकी इंडिया लीग में महेश भूपति ने अपनी टीम का डॉयरेक्टर ऑफ हॉकी भारतीय हॉकी टीम के पूर्व स्टार गोलकीपर पीआर श्रीजेश को बनाया है। इसको लेकर भूपति ने बताया कि हम चैंपियन को अपनी टीम के साथ जोड़ना चाहते थे और यही कारण है कि हमने पीआर श्रीजेश को अपनी टीम का हिस्सा बनाया है। वह महिला और पुरुष दोनों के ही कोचिंग स्टाफ का हिस्सा होंगे। आपको एक सफल फ्रेंचाइजी बनाने के लिए लगातार प्रयास करने होते हैं, ये रातों-रात नहीं होता है।