उत्तर प्रदेश: ज़िला गाजियाबाद वैशाली सेक्टर 4 की रहने वाली सुमिता ने बताया आराम की चाहत में अगर आप किसी नाबालिग को घरेलू काम के लिए रख रहे हैं तो सावधान रहें, यह क़दम आपको कभी भी बड़े संकट में डाल सकता है। सीधे तौर पर बालश्रम के आरोप में सजा तो मिलेगी ही। यहाँ तक तो फिर भी गनीमत है, मगर नाबालिग ने किसी लैंगिक अपराध का आरोप लगा दिया तो फिर ज़िन्दगी के कई साल तो जेल के सीखचों के पीछे गुजरना तय है। हाल में घटी कुछ घटनाएँ, इसकी बानगी हैं। इस तरह की सबसे ताजी घटना 25 अप्रैल 2024 की है।
ऐसे मामलों की गंभीरता समझने वाले विधि अधिवक्ता कहते हैं कि आरोपित ने अपराध किया या नहीं यह तो बाद की तफ्तीश में पता चलेगा। जैसा माहौल है, ऐसे मामलेे में केस दर्ज होने के साथ जेल जाने का रास्ता तैयार हो जाता है और आरोपित यह सिद्ध नहीं कर पाया कि उसने लैंगिक अपराध नहीं किया तो फिर उसकी ज़िन्दगी जेल के सीखचों मेें गुजरनी तय है। पीड़ित के नाबालिग होने पर पॉक्सो एक्ट लगते ही, आरोपित की ज़िन्दगी दो जख से बदतर होने से कोई रोक नहीं सकता।
क्या इस संकट से निजात पाया जा सकता है। जैसे मेरा बेटा विवेक को कम के बहाने गणेश नाम का आदमी ले गया। सुमित ने बताया कि कई गिरोह सक्रिय हैं नाबालिगों को काम पर रखवाने वाले कई गिरोह सक्रिय हैं। जो नेपाल, पश्चिम बंगाल, बिहार जैसे दूसरे प्रांत से लाकर बच्चियों को घर में काम पर रखवा देते हैं। मोटे तौर पर वे दोनों पक्षों से दलाली लेते हैं। जिन नाबालिगों को काम पर रखवाते है उनके अभिभावक और जिनके घर पर काम करती है, दोनों से बकाएदा एक महीने की आधी तय रक़म भी ले लेते हैं। वह तो अपना काम करके चले जाते है, लेकिन बाद में बालश्रम कानून में फंसकर, परेशान काम पर रखने वाले होते हैं। बाल श्रम कानून में तो सजा उतनी नहीं है, लेकिन इसके साथ जब आरोप लगते हैं तो वह लैगिंक अपराध के होते हैं, जिनसे बच पाना संभव नहीं हो पाता है।
कई बार पकड़े जा चुके है गिरोह के लोग सुमिता ने बताया
मानव तस्करी में लिप्त गिरोह के लोग कई बार पकड़े भी जा चुके है। अभी करीब छह महीने पहले ही दुकान और मकान में काम करने वाले बच्चों को मुक्त कराया गया था। मानव तस्करी विरोधी इकाई थाना पुलिस ने गोरखपुर रेलवे स्टेशन से पकड़कर जेल भेजा था। इसके पहले चौरीचौरा में भी गिरोह के लोग पकड़े जा चुके हैं।
माता सुनीता ने लगाई न्याय की गुहार
सुमित ने मीडिया के माध्यम से बताते हुए कहाँ है कि मेरे बेटे विवेक 14 वर्ष को गणेश नाम का आदमी ले गया है वह अब उसे वापस करने में आनाकानी कर रहा है और ना उससे बात करवा रहा है गणेश के मुताबिक विवेक को कुत्ता पालने का काम मुजफ्फरनगर के एक कोठी में दिया गया है परंतु वहाँ की जो मकान मालिक है ना परिवार वालों से बात करने देती है और ना उसे वापस गणेश के साथ भेजते हैं माँ सुनीता ने कहा कि मेरा बच्चा कहाँ और किस हाल में होगा अगर मेरे बच्चे को कुछ भी होता है तो इसका जिम्मेवार गणेश वह जहाँ काम कर रहा है उसके मालिक होंगे सरकार से गुहार लगाई और पुलिस थाना मैं 25 अप्रैल 2024 को रिपोर्ट दर्ज करवाई जब पुलिस के थाना अध्यक्ष ने आरोपी गणेश से बात की तो आरोपी गणेश ने बताया कि उनका बेटा सोमवार को 10: 00 तक घर आ जाएगा परंतु ऐसा नहीं हुआ। तब सुमिता और परिवार ने नम आंखों से मीडिया के माध्यम से मदद की गुहार लगाई।
ई खबर मीडिया के लिए ब्यूरो देव शर्मा की रिपोर्ट