राजधानी दिल्ली और नोएडा में मंगलवार को भी प्रदूषण की स्थिति खतरनाक ही रही। दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) इस समय औसतन 385 तक पहुंच चुका है, जो कि ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। प्रदूषण की वजह से शहर के विभिन्न इलाकों में दृश्यता कम हो गई है और लोगों के स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर देखने को मिल रहा है। वहीं, छठ के मौके पर दिल्ली में यमुना नदी में भी प्रदूषण के कारण स्थिति चिंताजनक बनी हुई है और इसमें 12-12 फुट ऊंचे झाग के गुब्बारे तैरते हुए दिखाई दे रहे हैं।
खतरनाक स्तर पर पहुंचा हुआ है प्रदूषण
दिल्ली के विभिन्न इलाकों में प्रदूषण का स्तर अलग-अलग है, लेकिन सभी प्रमुख क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता गंभीर रूप से प्रभावित है:
आनंद विहार: 457
अशोक विहार: 419
अलीपुर: 393
बवाना: 414
बुराड़ी: 378
मथुरा रोड: 366
द्वारका: 403
IGI एयरपोर्ट: 388
जहांगीरपुरी: 440
ITO: 344
लोधी रोड: 319
मुंडका: 415
मंदिर मार्ग: 381
ओखला: 388
पटपड़गंज: 393
पंजाबी बाग: 403
आर के पुरम: 396
रोहिणी: 397
विवेक विहार: 422
वज़ीरपुर: 437
नजफगढ़: 398
दिल्ली के अलावा, नोएडा का AQI भी 308 दर्ज किया गया है जो कि ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है।
यमुना नदी में प्रदूषण की गंभीर स्थिति
यमुना नदी के बैराज में 12-12 फुट ऊंचे झाग के गुब्बारे तैर रहे हैं, जो नदी के बढ़ते प्रदूषण को स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं। नदी में उठने वाली इस झाग की वजह से आसपास के पर्यावरण और जलजीवों पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इसके अलावा महापर्व छठ को देखते हुए श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य पर भी इसका घातक असर पड़ सकता है। नदी का पानी काला हो चुका है, बदबू भी आ रही है लेकिन छठ महापर्व को देखते हुए लोग मजबूरी में इसी गंदे पानी में पूरे परिवार के साथ स्नान कर रहे हैं।
प्रदूषण पर नियंत्रण के उपायों की जरूरत
दिल्ली और नोएडा में प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए एक्सपर्ट्स का कहना है कि सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है। वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए सरकारी एजेंसियों को जल्दी और प्रभावी उपायों की आवश्यकता है, हालांकि सरकार द्वारा किए गए उपाय अभी तक नाकाफी ही साबित हुए हैं। दिल्ली में पिछले कुछ सालों से ठंड के मौसम में प्रदूषण की स्थिति घातक ही रहती आई है और इस साल भी कुछ खास सुधार देखने को नहीं मिल रहा है।
नागरिकों से अपील
दिल्ली और नोएडा के नागरिकों से अपील की गई है कि वे इस समय बाहर निकलते वक्त मास्क का उपयोग करें और जितना संभव हो सके घर में ही रहें। विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और श्वास संबंधी बीमारियों से ग्रस्त लोगों को बाहर जाने से बचने की सलाह दी जा रही है। हालात की गंभीरता को देखते हुए सभी नागरिकों को जागरूक किया जा रहा है कि प्रदूषण के इस बढ़ते स्तर का मुकाबला सामूहिक प्रयासों से ही किया जा सकता है।