नई दिल्ली: पीएम आवास योजना 2.0 में कुछ नये पैरामीटर जोड़े गए हैं, जिनका फायदा लाभार्थी को होगा। कुछ समय पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस योजना को मंजूरी देते हुए तीन करोड़ घर बनाने का लक्ष्य रखा, जिसमें एक करोड़ घर शहरी और 2 करोड़ ग्रामीण इलाकों में बनाए जाएंगे। पीएम आवास योजना (शहरी) 2.0 में 10 लाख करोड़ के निवेश से एक करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए मकान बनाए जाएंगे, इसमें अगले 5 वर्षों में 2.30 लाख करोड़ रुपये की केंद्रीय सहायता भी होगी। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि इस बार राज्यों की हिस्सेदारी जरूरी बनाई गई है और रेंटल (किराये पर घर) हाउसिंग भी जोड़ी गई है। पिछली बार के अनुभवों के आधार पर जरूरी बदलाव किए गए हैं।
योजना में राज्यों की हिस्सेदारी जरूरी
दरअसल पीएम आवास योजना 1.0 में कई राज्य अपने हिस्से का पैसा नहीं देते थे, जिसके कारण लाभार्थी पर ज्यादा बोझ पड़ता था। इस स्थिति को देखते हुए इस बार योजना में राज्यों की हिस्सेदारी जरूरी बनाई गई है ताकि लाभार्थी को केंद्र के साथ-साथ राज्यों की ओर से भी मदद मिले। इसके साथ ही दिल्ली में काम करने के लिए आने वालों की परेशानी को देखते हुए रेंटल हाउसिंग भी इस योजना मे जोड़ी गई है। पब्लिक- प्राइवेट पार्टनरशिप में घर बनाए जाएंगे और उन घरों को किराये पर दिया जा सकता है।
योजना के लिए राशि भी बढ़ाई गई
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि योजना के लिए राशि भी बढ़ाई गई है। उन्होंने कहा कि फिलहाल देशभर के 20 शहरों में करीब 978 किलोमीटर मेट्रो रेल सेवा जारी है और अनेक शहरों में करीब 985 किलोमीटर मेट्रो रेल का कार्य निर्माणाधीन है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मेट्रो नेटवर्क बनाने की राह पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। अभी चीन के बाद दूसरे नंबर पर अमेरिका है, जिसका मेट्रो नेटवर्क 1350 किमी का है और अगले दो से तीन वर्षो में भारत दूसरे नंबर पर हो जाएगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना
शहरी 1.0 के तहत 118.64 लाख आवासों को मंजूरी दी गई, जिनमें से 115.23 लाख आवासों का निर्माण किया गया और 86.77 लाख आवास पूर्ण किए जा चुके हैं। इनमें से 90 प्रतिशत से ज्यादा मकान महिलाओं के नाम पर हैं। पीएम आवास योजना 1.0 को दिसंबर 2024 तक बढ़ा दिया गया है। जियो- टैगिंग से मॉनिटर किया जा रहा है।
राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन को मंजूरी
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन को मंजूरी दे दी गई है और कैबिनेट नोट के लिए भेजा गया है। आम नागरिक यह देख सकेगा कि कौन सी योजना का क्या स्तर है? इसके साथ ही ई कचरा सर्विस भी होगी और ऑनलाइन कंप्लेंट मिलने पर कचरे को उठाया जाएगा। कम्यूनिटी हॉल की बुकिंग भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर होगी।
अर्बन प्लानिंग रिफॉर्म्स पर खास फोकस
आवास मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि नई योजनाओं के साथ- साथ अब अर्बन प्लानिंग रिफॉर्म्स पर खास फोकस किया गया है। एक हजार से ज्यादा अर्बन प्लानर की नियुक्ति होगी। साथ ही राज्यों को प्रॉपर्टी टैक्स कलेक्शन को कैसे बढ़ाया जाए, इस बारे में भी गाइड किया गया है। इसके नतीजे भी सामने आए हैं, जहां 2021-22 में 30818 करोड़ का प्रॉपर्टी टैक्स कलेक्शन था, वहीं 2022-23 में शङरों में 36662 करोड़ का टैक्स कलेक्शन हुआ।
शहरी विकास
औद्योगिक कामगारों के लिए पीपीपी मोड में डोरमेट्री जैसे आवास वाले किराए के मकानों की सुविधा प्रदान की जाएगी। बजट में शहरों को विकास का केंद्र बनाने पर भी फोकस किया गया है। केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर “विकास केंद्रों के रूप में शहरों” को विकसित करने की योजना पर काम करेगी। वहीं 30 लाख से अधिक आबादी वाले 14 बड़े शहरों के लिए विशेष योजनाएं तैयार की जाएंगी। स्मार्ट सिटी के मिशन पर सरकार पहले से ही काम कर रही है और अब बड़े शहरों के आसपास के क्षेत्रों को भी सुव्यवस्थित तरीके से विकसित किया जाएगा। जल आपूर्ति और स्वच्छता के बारे में बात करते हुए कहा कि केंद्र सरकार, राज्य सरकारों तथा बहुपक्षीय विकास बैंकों की साझेदारी में भरोसेमंद परियोजनाओं के माध्यम से 100 बड़े शहरों के लिए जल आपूर्ति, सीवेज उपचार, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की योजनाओं को बढ़ावा देगी। इन योजनाओं के माध्यम से मिलने वाले जल का इस्तेमाल सिंचाई तथा आस-पास के क्षेत्रों में तालाबों को भरने के लिए किया जाएगा।
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