“घर उजड़ गया, बेटी चली गई, और अब पैसे भी डूब गए” — यह दर्द भरी दास्तान है राजेश कुमार की, जो रोज़ी-रोटी की तलाश में पंजाब में मज़दूरी कर रहे थे।
राजेश कुमार, उम्र 25 वर्ष, बिहार के पूर्णिया जिले के सीता पति थाना क्षेत्र के निवासी हैं। उनकी शादी छह साल पहले रेणु देवी से हुई थी। दो छोटे बच्चों का पिता यह युवक आज न्याय और मदद की गुहार लगा रहा है क्योंकि उसकी पत्नी बेटी को लेकर लापता हो गई है और ससुरालवालों ने भी उसे आर्थिक संकट में अकेला छोड़ दिया है।
परिवार की स्थिति
राजेश और रेणु के दो बच्चे हैं —
बेटा राजकुमार (उम्र 4.5 वर्ष)
बेटी पार्वती (उम्र 3.5 वर्ष)
राजेश अपने पूरे परिवार के साथ पंजाब में रहकर दिहाड़ी मज़दूरी करता था। जीवन की कठिनाइयों के बावजूद वे परिवार को साथ लेकर चलने की कोशिश कर रहे थे।
पत्नी का बार-बार भागना, फिर प्रेमी संग लापता होना
राजेश का कहना है कि इससे पहले भी उनकी पत्नी बिना बताए घर छोड़ चुकी थी, लेकिन तब उन्होंने उसे समझा-बुझाकर घर वापस लाया था और आशा की थी कि अब परिवार सामान्य जीवन बिताएगा। लेकिन 16 जून 2025 को वह फिर से भाग गई, इस बार 3.5 साल की बेटी पार्वती को भी साथ ले गई। राजेश का आरोप है कि पत्नी एक युवक ‘नोनू’ के साथ फरार हुई है, और वह पंजाब से लापता हुई है।
घरेलू विवाद और आरोप
राजेश ने यह भी बताया कि उन्होंने पत्नी को कई बार फोन पर किसी अजनबी से बात करते हुए पकड़ा था। जब उन्होंने सवाल किया, तो झगड़ा हुआ। गुस्से में उन्होंने एक-दो थप्पड़ भी मारे थे, जिसकी वजह से पत्नी ने कहा कि वह अब उनके साथ नहीं रहना चाहती।
राजेश स्वीकारते हैं कि यह एक भूल थी, लेकिन उन्होंने कहा कि वह बार-बार समझौता करने को तैयार थे। बावजूद इसके, पत्नी दूसरी बार घर छोड़कर चली गई।
ससुराल वालों पर आर्थिक धोखाधड़ी का आरोप
राजेश ने अपने ससुर दयानंद रजक और सास मंजू देवी पर गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उन्होंने अपनी मेहनत की कमाई में से ₹2 लाख रुपए ससुराल भेजे थे, ताकि वे वहां जमीन खरीद सकें। लेकिन अब वे लोग पैसे वापस नहीं कर रहे हैं।
“अब जब मेरी पत्नी छोड़कर चली गई, तो ससुर कहता है कि पैसे नहीं दूंगा। मैं तो बर्बाद हो गया हूं — बेटी भी गई, पैसा भी गया।”
राजेश की मांग
1. पत्नी रेणु और बेटी पार्वती को ढूंढकर लाया जाए।
2. प्रेमी नोनू के खिलाफ कार्रवाई हो।
3. ₹2 लाख की रकम ससुराल से वापस दिलाई जाए।
4. बेटे राजकुमार के भविष्य के लिए आर्थिक मदद दी जाए।
न्याय की तलाश में भटकता पिता
राजेश कुमार आज अपने बेटे के साथ अकेले हैं। एक तरफ उनकी बेटी लापता है, दूसरी ओर ससुरालवालों की बेरुख़ी और आर्थिक तंगी ने उन्हें तोड़कर रख दिया है। उन्होंने स्थानीय पुलिस को शिकायत दी है, लेकिन अब तक न तो बेटी की खोज हुई है और न ही ससुराल से पैसे वापस मिले हैं।
क्या कहता है कानून?
यह मामला घरेलू हिंसा, विश्वासघात, और आर्थिक शोषण से जुड़ा है। महिला का इस प्रकार बच्ची को लेकर गायब होना और ससुराल का आर्थिक सहयोग न करना, दोनों ही मामलों में कानूनी कार्यवाही की ज़रूरत है।
अब प्रशासन से सवाल है – एक मज़दूर की गुहार कब सुनी जाएगी?