सासाराम (रोहतास), बिहार:
सोनहर गांव की गरीब महिला सुनीता देवी ने 16 साल पहले भारतीय स्टेट बैंक में खाता खुलवाकर अपनी मेहनत की कमाई धीरे-धीरे जमा करनी शुरू की थी। बेटी की शादी के लिए उन्होंने एक-एक रुपया जोड़कर रखा और फरवरी 2024 तक खाते में लगभग ₹50,182 रुपये जमा थे।
लेकिन जब बेटी की शादी का समय आया और सुनीता देवी पैसा निकालने बैंक पहुँचीं, तो बैंक कर्मचारियों ने उन्हें यह कहकर लौटा दिया कि “आपके खाते में कोई पैसा नहीं है।” यह सुनकर महिला की हालत बिगड़ गई और वह न्याय के लिए रो-रोकर गुहार लगाने लगीं।
सुनीता देवी का कहना है कि उनकी वर्षों की मेहनत और उम्मीदें बैंक की लापरवाही से टूट गईं। उन्होंने प्रशासन, बैंक अधिकारियों और सरकार से न्याय की मांग की है।
पीड़िता ने मीडिया के माध्यम से यह भी अपील की है कि सरकार उनकी मदद करे और बेटी की शादी के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करे।