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मिजावाद में किसान की जमीन पर कब्जे का खेल: दिल्ली में मजदूरी करने वाले किसान के नाम कराया गया फर्जी बैनामा, जान से मारने और बच्चों को झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी**

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फर्जी बैनामे से जमीन हड़पने का आरोप

मिजावाद | विशेष रिपोर्ट

फर्रुखाबाद मऊदरवाजा थाना क्षेत्र से जमीन हड़पने और फर्जी बैनामा कराने का गंभीर मामला सामने आया है। पीड़ित किसान बालकराम ने आरोप लगाया है कि उसकी कृषि भूमि का उसकी जानकारी और सहमति के बिना फर्जी बैनामा करा दिया गया। इस पूरे मामले में न सिर्फ कूटरचना की गई, बल्कि विरोध करने पर पीड़ित को जान से मारने और उसके बच्चों को झूठे मुकदमों में जेल भिजवाने की धमकी भी दी गई।

पीड़ित बालकराम निवासी ग्राम बूढ़नपुर, थाना फर्रुखाबाद मऊ दरवाजा का कहना है कि उसकी ग्राम लोहा पानी क्षेत्र में स्थित कृषि भूमि में उसका 1/10 हिस्सा दर्ज है। कुल भूमि लगभग 0.1036 हेक्टेयर है, जिसमें से 0.0263 हेक्टेयर हिस्सा उसका है। बालकराम दिल्ली में रहकर मजदूरी करता है और खेती ही उसके परिवार की आजीविका का एकमात्र साधन है।

आरोप है कि पीड़ित के ही भाई अमर सिंह ने अपने पद और प्रभाव का गलत इस्तेमाल करते हुए बालकराम के नाम से फर्जी बैनामा करा दिया। यह बैनामा कोटेदार श्याम सिंह निवासी ग्राम नगला, बेनी मंजर गुजरपुर के नाम कराया गया। पीड़ित का कहना है कि क्रेता श्याम सिंह को पहले से पूरी जानकारी थी कि यह जमीन किसी और की है और बैनामा कोई तीसरा व्यक्ति जबरन करवा रहा है। इसके बावजूद कोटेदार श्याम सिंह ने सौदा कर लिया। बताया जा रहा है कि श्याम सिंह पहले भी इस तरह के मामलों में शामिल रहा है।

पीड़ित के अनुसार 14 अक्टूबर 2025 को यह फर्जी बैनामा कराया गया और इसके बाद से आरोपी पक्ष ने पूरी जमीन पर जबरन कब्जा कर लिया। जब बालकराम ने इस फर्जीवाड़े का विरोध किया तो 11 दिसंबर 2025 को उसे खुलेआम धमकियां दी गईं। आरोप है कि कहा गया कि अगर कानूनी कार्रवाई की तो उसे जान से मार दिया जाएगा और उसके बच्चों को झूठे मुकदमों में फंसा दिया जाएगा।

बालकराम का कहना है कि वह लगातार थानों और अधिकारियों के चक्कर काट रहा है, लेकिन अब तक कहीं भी उसकी सुनवाई नहीं हो रही है। जमीन पर आरोपी पक्ष का कब्जा बना हुआ है और पीड़ित मानसिक रूप से बेहद परेशान है। खेती ही उसकी रोजी-रोटी का जरिया है और जमीन छिन जाने से उसके सामने परिवार के भरण-पोषण का संकट खड़ा हो गया है।
पीड़ित परिवार क्या कहना है कि

हमारी पुश्तैनी जमीन है हमने किसी से खरीदी नहीं है पूर्वजों से इस पर कब्जा चला आ रहा है हम कम पढ़े-लिखी है हम ईमानदारी का कामना जानते हैं हमारे पास कोई दूसरा कमाने का स्रोत नहीं है एकमात्र जरिया हमारी खेती ही हमारी रोजी-रोटी है वह भी हमसे छीन ली गई है हम जीने को मजबूर है हम कोई खून खराबा और कोई झगड़ा झांसा नहीं चाहते बस हमें हमारी जमीन मिल जाए हम इंसाफ चाहते हैं

पीड़ित ने प्रशासन से मांग की है कि फर्जी बैनामा रद्द किया जाए, जमीन का कब्जा उसे वापस दिलाया जाए और आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। पीड़ित ने यह भी अपील की है कि मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचे, ताकि समय रहते न्याय मिल सके और भूमाफियाओं पर अंकुश लगाया जा सके।

 

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