रायपुर, 24 सितंबर:
रायपुर गांव में एक पारिवारिक विवाद ने गंभीर रूप ले लिया है। गांव के युवक रमाकांत पर उसकी ही बहन प्रीति ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत बलात्कार का मामला दर्ज कराया है। मामला सामने आने के बाद पूरे गांव में चर्चा का विषय बन गया है।
परिवार का आरोप है कि यह केस पूरी तरह से झूठा और साजिश के तहत दर्ज कराया गया है। परिवार वालों ने बताया कि प्रीति की ओर से लगाए गए आरोपों के चलते उन्हें मजबूर होकर 15,000 रुपये देने पड़े। इस संबंध में शिवम नामक युवक ने मीडिया को जानकारी दी। शिवम ने कहा कि पुलिस ने मामले में निष्पक्षता नहीं दिखाई और सिर्फ लड़की का पक्ष लेकर परिवार को मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान किया।
प्रीति की सहेली पर झूठी गवाही का आरोप
परिवार का कहना है कि प्रीति की सहेली धन देवी ने भी पुलिस के सामने झूठी गवाही दी है। परिवार का आरोप है कि साजिशन रमाकांत को फंसाया गया और मामले को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया।
विवाद की असली वजह
मामले की पृष्ठभूमि बताते हुए शिवम ने कहा कि प्रीति पढ़ाई के बहाने बाहर जाती थी और अनजान युवकों से बातचीत करती थी। इस पर रमाकांत ने आपत्ति जताई और उसे समझाने की कोशिश की। इसी बात को लेकर भाई-बहन के बीच विवाद गहराया।
परिजनों का कहना है कि जब रमाकांत ने बहन से सवाल किया कि वह अपने जीजा से लगातार क्यों संपर्क करती है, तो प्रीति ने जवाब दिया – “जीजा मेरे लिए सब कुछ हैं, मैं उनके साथ भाग जाऊंगी, चाहे फांसी क्यों न लगानी पड़े।” इसके बाद ही विवाद इतना बढ़ा कि प्रीति ने अपने भाई पर गंभीर आरोप लगा दिए।
कई जीजा के साथ रिश्ते का आरोप
परिवार ने आगे दावा किया कि प्रीति का संबंध सिर्फ एक ही नहीं बल्कि तीन अलग-अलग जगह रहने वाले जीजाओं से था। इनमें से एक बबलू (निवासी खुटार), दूसरा राजकुमार (निवासी गोपालपुर) और तीसरा जीजा गौरियापुर निवासी है। जब रमाकांत ने इन संबंधों पर आपत्ति जताई और प्रीति को रोकने की कोशिश की, तभी यह विवाद इतना बढ़ा कि उसने अपने भाई पर धारा 376 के तहत केस दर्ज करा दिया।
परिवार ने लगाई न्याय की गुहार
रमाकांत का परिवार बार-बार यह मांग कर रहा है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए। परिजन चाहते हैं कि झूठे आरोप लगाकर परिवार को बदनाम करने और आर्थिक नुकसान पहुंचाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
गांव में इस पूरे घटनाक्रम को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं। कुछ लोग इसे पारिवारिक झगड़ा बता रहे हैं, तो कुछ लोग इसे गंभीर अपराध का मामला मानकर जांच की आवश्यकता जता रहे हैं।