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ससुराल पक्ष से प्रताड़ना का शिकार महिला, पुलिस-प्रशासन से लगाई मदद की गुहार

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लखनऊ। इंदिरा नगर सेक्टर 7 मकान संख्या D 181 की रहने वाली मनीषा शर्मा ने अपने ससुराल पक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री और सहायक पुलिस आयुक्त को पत्र सौंपा है।

आरोपित परिजनों के नाम

पीड़िता ने आरोप लगाया है कि उनके पति मुकेश शर्मा, सास किरण शर्मा, चाचा ससुर केशव देव शर्मा और अन्य पारिवारिक सदस्य पिछले कई महीनों से मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना दे रहे हैं।

मनीषा का कहना है कि 3 अगस्त 2025 को उनके पति व ससुराल पक्ष के सदस्यों ने मारपीट कर गंभीर चोटें पहुंचाईं। इससे पहले 26 जुलाई 2025 को भी प्रताड़ना के कारण उन्हें इलाज के लिए सिविल अस्पताल जाना पड़ा था।

पीड़िता ने बताया कि जब वह फैमिली कोर्ट पहुंचीं तो उनके पति मौजूद नहीं थे और अब लगातार धमकियाँ दी जा रही हैं। उनका आरोप है कि ससुराल वाले उन्हें घर से निकालने की साजिश कर रहे हैं और जानवरों जैसा व्यवहार कर रहे हैं।

पुलिस पर भी लापरवाही का आरोप

मनीषा शर्मा ने बताया कि उन्होंने थाना गाजीपुर और पॉलिटेक्निक चौकी में कई बार शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। यहां तक कि 112 पर कॉल करने पर भी पुलिस हमेशा उनके पति और ससुराल पक्ष का पक्ष लेती रही।

न्यायालय का आदेश

इस मामले में न्यायालय सहायक पुलिस आयुक्त/कार्यपालक मजिस्ट्रेट, गाजीपुर, पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ ने भी संज्ञान लिया है।

वाद संख्या-265/25

सरकार बनाम मनीषा शर्मा

धारा-126/135 भा.ना.सु.सं.

थाना-गाजीपुर

पेशी तिथि : 01.03.2025

न्यायालय ने माना कि विपक्षी पक्ष से शांति भंग होने की संभावना है। आदेश में कहा गया है कि विपक्षी न्यायालय में उपस्थित होकर यह स्पष्ट करें कि उनके विरुद्ध ₹50,000 का व्यक्तिगत बंधनामा तथा उतनी ही राशि की दो प्रतिभूतियाँ क्यों न ली जाएँ, ताकि एक वर्ष तक शांति व्यवस्था बनी रहे। यह आदेश 17.02.25 को न्यायालय की मोहर और हस्ताक्षर सहित निर्गत किया गया।

लखनऊ सिविल अस्पताल की मौजूदा निदेशक डॉक्टर कजली गुप्ता है जिन्होंने मनीषा जी को बहुत सपोर्ट किया है उनकी मदद की है और उनको यह डिप्रेशन से निकला है

पीड़िता की गुहार

मनीषा शर्मा ने अपने आवेदन में लिखा है:

“मेरे पति और ससुराल पक्ष लगातार मुझे प्रताड़ित कर रहे हैं। 26 जुलाई को मुझे इलाज के लिए अस्पताल जाना पड़ा, 3 अगस्त को फिर मेरे साथ मारपीट की गई। पुलिस भी कोई मदद नहीं कर रही। मुझे जान का खतरा है। अगर न्याय नहीं मिला तो मुझे अपनी जिंदगी खत्म करनी पड़ेगी।”

प्रार्थनी मनीषा शर्मा
पता इंदिरा नगर, D-181 सेक्टर 7 लखनऊ

क्या है पूरा मामला

ससुराल पक्ष से प्रताड़ना का शिकार महिला, पुलिस-प्रशासन से लगाई मदद की गुहार

इंदिरा नगर सेक्टर 7 मकान संख्या D 181 की रहने वाली मनीषा शर्मा ने अपने ससुराल पक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री और सहायक पुलिस आयुक्त को पत्र सौंपा है।

आरोपित परिजनों के नाम

पीड़िता ने आरोप लगाया है कि उनके पति मुकेश शर्मा, सास किरण शर्मा, चाचा ससुर केशव देव शर्मा और अन्य पारिवारिक सदस्य पिछले कई महीनों से मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना दे रहे हैं।

मनीषा का कहना है कि 3 अगस्त 2025 को उनके पति व ससुराल पक्ष के सदस्यों ने मारपीट कर गंभीर चोटें पहुंचाईं। इससे पहले 26 जुलाई 2025 को भी प्रताड़ना के कारण उन्हें इलाज के लिए सिविल अस्पताल जाना पड़ा था।

पीड़िता ने बताया कि जब वह फैमिली कोर्ट पहुंचीं तो उनके पति मौजूद नहीं थे और अब लगातार धमकियाँ दी जा रही हैं। उनका आरोप है कि ससुराल वाले उन्हें घर से निकालने की साजिश कर रहे हैं और जानवरों जैसा व्यवहार कर रहे हैं।

पुलिस पर भी लापरवाही का आरोप

मनीषा शर्मा ने बताया कि उन्होंने थाना गाजीपुर और पॉलिटेक्निक चौकी में कई बार शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। यहां तक कि 112 पर कॉल करने पर भी पुलिस हमेशा उनके पति और ससुराल पक्ष का पक्ष लेती रही।

न्यायालय का आदेश

इस मामले में न्यायालय सहायक पुलिस आयुक्त/कार्यपालक मजिस्ट्रेट, गाजीपुर, पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ ने भी संज्ञान लिया है।

वाद संख्या-265/25

सरकार बनाम मनीषा शर्मा

धारा-126/135 भा.ना.सु.सं.

थाना-गाजीपुर

पेशी तिथि 01.03.2025

न्यायालय ने माना कि विपक्षी पक्ष से शांति भंग होने की संभावना है। आदेश में कहा गया है कि विपक्षी न्यायालय में उपस्थित होकर यह स्पष्ट करें कि उनके विरुद्ध ₹50,000/- का व्यक्तिगत बंधनामा तथा उतनी ही राशि की दो प्रतिभूतियाँ क्यों न ली जाएँ, ताकि एक वर्ष तक शांति व्यवस्था बनी रहे। यह आदेश 17.02.25 को न्यायालय की मोहर और हस्ताक्षर सहित निर्गत किया गया।

पीड़िता की गुहार

मनीषा शर्मा ने अपने आवेदन में लिखा है:

“मेरे पति और ससुराल पक्ष लगातार मुझे प्रताड़ित कर रहे हैं। 26 जुलाई को मुझे इलाज के लिए अस्पताल जाना पड़ा, 3 अगस्त को फिर मेरे साथ मारपीट की गई। पुलिस भी कोई मदद नहीं कर रही। मुझे जान का खतरा है। अगर न्याय नहीं मिला तो मुझे अपनी जिंदगी खत्म करनी पड़ेगी।”

अब मनीषा ने मीडिया का सहारा लेते हुए पुलिस-प्रशासन और मुख्यमंत्री से कड़ी कार्रवाई की गुहार लगाई है।

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