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बिहार मदरसा बोर्ड के शताब्दी समारोह में हंगामा, शिक्षक संघ ने की F.I.R. की माँग

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पटना, 29 अगस्त 2025
बिहार स्टेट मदरसा एजुकेशन बोर्ड, पटना द्वारा आयोजित शताब्दी समारोह के दौरान 21 अगस्त 2025 को बापू सभागार में मचे हंगामे के खिलाफ अब “मदरसा शिक्षक कल्याण संघ, पटना” ने मोर्चा खोल दिया है। संघ के महासचिव मो० मुख्तार अहमद कासमी ने इस पूरे घटनाक्रम को गंभीरता से लेते हुए माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दो अलग-अलग पत्र लिखकर आरोपियों की पहचान, जांच और F.I.R. दर्ज करने की माँग की है।

क्या हुआ समारोह में?

21 अगस्त को आयोजित इस भव्य समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। समारोह के दौरान उन्होंने मदरसा शिक्षा और सरकार की योजनाओं पर अपने विचार साझा किए। लेकिन, जैसे ही उनका भाषण समाप्त हुआ, कुछ अज्ञात लोगों ने स्टेज के पास पहुँचकर नारेबाजी और अव्यवस्था फैलाना शुरू कर दिया, जिससे कार्यक्रम का माहौल खराब हो गया।

मुख्तार कासमी के अनुसार, यह हंगामा किसी “मुखालिफ ग्रुप” यानी विरोधी समूह की सुनियोजित साजिश का हिस्सा हो सकता है। उन्होंने आशंका जताई कि यह लोग वास्तव में मदरसों से नहीं जुड़े हैं और सरकार व मदरसा बोर्ड की छवि को नुकसान पहुँचाना चाहते हैं।

माँगें क्या हैं?

शिक्षक कल्याण संघ ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में निम्नलिखित माँगें रखी हैं:

1. घटना के दौरान स्टेज पर चढ़कर नारेबाजी करने वालों की पहचान की जाए।

2. CCTV फुटेज के जरिए दोषियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ F.I.R. दर्ज की जाए।

3. जिन लोगों ने खुद को मदरसों से जुड़ा बताया है, उनसे उनके संस्थानों के दस्तावेज माँगे जाएं, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि वे वास्तविक प्रतिनिधि हैं या नहीं।

4. ऐसे सभी मदरसों को निर्देश दिया जाए कि वे अपने कागजात मदरसा शिक्षक कल्याण संघ के पास जमा करें, जिससे पारदर्शिता बनी रहे।

बोर्ड की मेहनत पर पानी फिरा – 2459 मदरसों की फाइलें लटकीं

मुख्तार कासमी ने अपने पत्र में यह भी बताया कि बिहार मदरसा बोर्ड ने 2011 से 2022 तक कुल 2459 मदरसों की फाइलें तैयार कर शिक्षा विभाग को भेजी थीं, लेकिन इनमें से अधिकांश फाइलें या तो लंबित हैं या बिना किसी ठोस निर्णय के लौटा दी गईं।

वर्षवार आंकड़े:

वर्ष फाइलें भेजी गईं फाइलें लंबित/लौटी

2011–2013 550 345
2014–2015 737 128
2017–2020 564 –
2021–2022 130 –
कुल 1981+ अधिकांश लौटी या अटकी हुई

कासमी का आरोप है कि कई मदरसा संचालकों ने दलालों के जरिए पैरवी कराई और सरकार द्वारा अधिकृत प्रतिनिधियों की अनदेखी की, जिससे पूरे सिस्टम की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लग गया।

चेयरमैन पर लगे आरोप मनगढ़ंत – कासमी

पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि कार्यक्रम के दौरान बिहार मदरसा बोर्ड के चेयरमैन सलीम परवेज पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद और मनगढ़ंत हैं। कासमी ने कहा कि चेयरमैन ने पूरी संजीदगी के साथ मदरसों के मुद्दों को मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया और सरकार भी समाधान की दिशा में प्रयासरत है।

“समझदारी जरूरी, वरना फिर वही अंजाम होगा”

अपने पत्र के अंत में मुख्तार कासमी ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि मदरसों के जिम्मेदार लोग फिर से दलालों के जाल में फँसे, तो उन्हें फिर से नुकसान उठाना पड़ेगा। उन्होंने मदारिस से जुड़े लोगों से “ख्वाब-ए-गफलत से जागने” और समय रहते सही कदम उठाने की अपील की।

मुख्यमंत्री से जल्द कार्रवाई की अपील

अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस पूरे मामले पर क्या रुख अपनाते हैं। क्या हंगामा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी? क्या 2459 मदरसों की लंबित फाइलों को अब गति मिलेगी? ये सवाल फिलहाल चर्चा में हैं।

संपर्क:
मो० मुख्तार अहमद कासमी
महासचिव, मदरसा शिक्षक कल्याण संघ, पटना
मोबाइल: 8871022710

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