पीलीभीत — ग्राम ढेरम मंडरिया निवासी बंटू पुत्र होरीलाल ने जिलाधिकारी पीलीभीत को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि उनके पिता की कृषि भूमि (गाटा सं. 114, रकबा 0.6480 हेक्टेयर) पर ग्रामवासी देवकी देवी पत्नी खेमकरन, नरायन लाल पुत्र खेमकरन, लक्ष्मी देवी पत्नी नरायन लाल और महिमा देवी पत्नी स्व. तेजबहादुर द्वारा अवैध कब्जा करने की कोशिश की जा रही है।
बंटू ने कहा कि आरोपी लगातार झगड़ा-गाली करते हैं और 376 के झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकियां देते रहते हैं। जिलाधिकारी ने 14 जून 2025 को लेखपाल और थाना गजरौला को जमीन की नाप कराने के आदेश दिए, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
15 जून 2025 को बंटू और उनके पिता अपने खेत में धान लगाने गए, तो आरोपी एक साथ आए और गाली-गलौज करते हुए उन्हें मारपीट करने लगे। नरायन लाल ने बंटू पर दरांती से वार किया, जिससे वह बाल-बाल बचा। आस-पड़ोस के लोगों ने बीच-बचाव किया। आरोपी लोगों ने धमकी दी कि भविष्य में जान से मार देंगे और झूठे बलात्कार मुकदमे में फंसाकर खेत पर कब्जा कर लेंगे। घटना के दौरान पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन प्रार्थी की बात नहीं सुनी और शांति भंग का नोटिस जारी कर दिया।
बंटू ने जिलाधिकारी से आरोपी लोगों और M.L.A. Barkhera श्री Pravkta Nand के दबाव में स्थानीय पुलिस की गैर-पालना के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गुहार लगाई है।
न्यायालय में मामला दर्ज
न्यायालय: सिविल जज (जूनियर डिवीजन), पीलीभीत
मूलवाद संख्या: 16/2023
सी.एन.आर. नम्बर: यूपीपीबी6000822023
वादी: होरी लाल आदि
प्रतिवादी: नरायन लाल आदि
वाद का प्रकार: स्थाई निषेधाज्ञा
दावा प्रस्तुति का दिनांक: 17.03.2023
वादी अधिवक्ता: श्री राजेश शर्मा
मामले का संक्षिप्त विवरण:
ओम प्रकाश, बाबूराम, चंद्र सेन, होरी लाल पुत्र पोथीराम और उषा देवी पत्नी होरी लाल ने नरायन लाल पुत्र खेमकरन, देवकी देवी पत्नी खेमकरन और महिमा देवी पत्नी स्व. तेजबहादुर के खिलाफ न्यायालय में स्थाई निषेधाज्ञा का आवेदन दायर किया। उनका दावा है कि प्रतिवादीगण उनकी कृषि भूमि (गाटा सं. 114, रकबा 0.6480 हेक्टेयर) में अवैध तरीके से हस्तक्षेप कर रहे हैं।
न्यायालय का आदेश:
सिविल जज (जूनियर डिवीजन) पीलीभीत ने 17 मार्च 2023 को आदेश दिया कि प्रतिवादीगण को अंतरिम निषेधाज्ञा द्वारा वादीगण के कृषि कार्य और शांतिपूर्ण अधिग्रहण में किसी प्रकार का हस्तक्षेप करने से रोका जाए। वादीगण को हर तिथि पर उपस्थित रहना अनिवार्य होगा और आदेश 39 नियम 3 सी.पी.सी. के तहत त्वरित पैरवी की जाएगी।