यमुनानगर | 18 अगस्त 2025
यमुनानगर स्थित Career Defence Academy एक बार फिर सवालों के घेरे में है। अकादमी में एडमिशन दिलाने वाले एक अभिभावक ने संस्था पर भारी-भरकम फीस वसूली, झूठे वादे और सुविधाओं की भारी कमी के गंभीर आरोप लगाए हैं।
शिकायतकर्ता ललित सिंह (Ex. No. 3701030) ने बताया कि उन्होंने अपने दोनों पुत्रों – सौरभ और दीपक भंडारी – का एडमिशन महज़ 14 दिन पहले कराया था। इसके लिए अकादमी ने उनसे ₹2,14,000 की मोटी रकम वसूल की थी। लेकिन अब उन्होंने बच्चों को संस्थान से निकालकर वापस घर ले जाने का निर्णय लिया है और जमा रकम की पूरी वापसी (Refund) की मांग की है।
अभिभावक के आरोप
ललित सिंह के अनुसार –
एडमिशन के समय उन्हें बताया गया था कि बच्चों को NDA, IIT की पढ़ाई के साथ डिफेंस ट्रेनिंग और स्पोर्ट्स सुविधाएं दी जाएंगी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
बच्चों से कहा गया था कि उन्हें सीबीएसई पैटर्न पर पढ़ाई कराई जाएगी, लेकिन वास्तविकता में उन्हें हरियाणा बोर्ड का कोर्स पढ़ाया जा रहा है।
बेसिक जरूरत की चीज़ें जैसे चादर, तकिया, दो जोड़ी कपड़े, और किताबें तक उपलब्ध नहीं कराई गईं, जबकि इसके पैसे पहले ही जमा कराए गए थे।
एडमिशन वाले दिन दिए गए सामान (दो चप्पल, दो जींस और दो पिलो, दो जोड़ स्लीपर) इनके पिताजी ने खरीद कर दी थी वो तक गुम हो गए।
बच्चों को घरवालों से केवल 15 दिन में एक बार ही बात कराई जाती है। इन्हीं बातचीत के दौरान बच्चों ने सारी हकीकत परिजनों को बताई।
संस्था ने एडमिशन के दिन ही पूरी रकम वसूल कर EMI का झूठा बहाना बनाया, लेकिन किसी भी तरह की पढ़ाई या ट्रेनिंग पर ध्यान नहीं दिया।
परिजनों का रोष
ललित सिंह का कहना है –
“हमने बच्चों का भविष्य सुरक्षित करने और उन्हें डिफेंस की अच्छी तैयारी दिलाने के लिए इतनी बड़ी रकम दी थी। लेकिन 14-15 दिन गुजर जाने के बाद भी बच्चों को न तो पढ़ाई मिली, न ट्रेनिंग और न ही जरूरी सामान। हमारे ₹2,14,000 तुरंत लौटाए जाएं। यह संस्था केवल नाम और प्रचार के सहारे चल रही है।”
अभिभावक की मांग
जमा की गई पूरी फीस की वापसी की जाए।
बच्चों का सामान और शिक्षा संबंधी रिकॉर्ड तुरंत उपलब्ध कराया जाए।
संस्था की झूठे प्रचार और धोखाधड़ी की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।
पुलिस और प्रशासन की चुप्पी
शिकायतकर्ता का कहना है कि उन्होंने इस मामले की शिकायत नजदीकी थाने में भी दर्ज कराई है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे परिजनों में आक्रोश है और वे सीधे प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं।