दिलशाद और सानिया बिहार का रहने वाले है जिला मधेपुरा, बिहार | पोस्ट उदा किशुनगंज
गांव रहटा जमा मस्जिद
मोहम्मद दिलशाद ने अपनी प्रेम कहानी को मीडिया के सामने रखते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। दिलशाद का कहना है कि वह सानिया से बेइंतहा मोहब्बत करता है और उसी के नाम से उसने अपनी दुकान का नाम भी रखा है, जो उसके बोर्ड पर साफ-साफ देखा जा सकता है।
दिलशाद का दावा है कि पिछले पाँच वर्षों से वह सानिया की पढ़ाई, कॉलेज की फीस, किताबें और हर जरूरत का खर्च उठाता आ रहा है। दोनों के बीच कई बार मुलाकातें भी हुईं और दिलशाद के अनुसार, उनका रिश्ता आत्मा से जुड़ा हुआ है। लेकिन जब बात निकाह की आई तो सानिया के परिवार वालों ने न केवल इंकार कर दिया, बल्कि उसे जान से मारने की धमकियां भी दीं।
दिलशाद ने कहा, “मैंने उसके पिता मोहम्मद सज्जाद से बात करने की बहुत कोशिश की, उनके आगे गिड़गिड़ाया, लेकिन उन्होंने मेरी एक न सुनी। उल्टा मुझे शर्मिंदा करते हुए कहा कि तुम्हारा इतनी औकात नहीं है कि मैं अपनी पढ़ी-लिखी बेटी से निकाह कर सकूं। उन्होंने मुझे अनपढ़ और गंवार कहा।”
दिलशाद ने बताया कि सानिया की बड़ी बहन अमीसा ने सानिया को ताने मारने लगी और कहा कि ‘उस ललका के पास कुछ नहीं है, ओर गरीब है तुझे उससे भी अच्छा लरका मिल जाएगा।’ वहीं,अब सानिया दिलशाद से कह रही है कि अब हम वहीं निकाह करेंगे जहाँ उसके माता-पिता तय करेंगे — चाहे वो व्यक्ति अपाहिज ही क्यों न हो।
वही अब दिलशाद प्रषासन से कहना चाहता हैं कि सानिया अपने बरी बहन और माता पिता के दबाव में आकर अपना फैसला सुनाया
दिलशाद ने सरकार और प्रशासन से गुहार लगाई है कि उसे इंसाफ दिलाया जाए और सानिया से उसका निकाह करवाया जाए। उसने कहा, “अगर सानिया मेरी नहीं हुई, तो मैं उसे किसी और का भी नहीं होने दूंगा। चाहे इसके लिए मुझे अपनी जान ही क्यों न देनी पड़े।”
इस पूरे मामले में सानिया के परिवार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। दिलशाद की अपील के बाद अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस प्रेम-प्रसंग से जुड़े तनावपूर्ण मामले पर क्या कदम उठाता है।