रेलमगरा (राजसमंद)। संवाददाता।
ग्राम मेणिया में एक चौंकाने वाला जमीन धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें 61 वर्षीय बालुवान वैरागी पर आरोप है कि उन्होंने बेईमानी से चारभुजा जी मंदिर की डोली की जमीन को किसी और की खातेदारी भूमि बताते हुए 2.40 लाख रुपये में बेच डाली। इस मामले में पीड़ित पप्पूलाल सेन ने न्याय की गुहार अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रेलमगरा के समक्ष लगाई है।
प्राप्त परिवाद के अनुसार, अभियुक्त बालुवान ने परिवादी पप्पूलाल को यह कहते हुए जमीन दिखाई कि यह आराजी नंबर 1137 है। भरोसा दिलाने के बाद अभियुक्त ने 3 अप्रैल 2024 को विक्रय पत्र पंजीकृत कराया, जिसमें दो लाख रुपये का मूल्य दर्शाया गया, जबकि वास्तविक लेनदेन 2.40 लाख रुपये में हुआ था।
बाद में जब पप्पूलाल ने जमीन का कब्जा लेने का प्रयास किया, तो उन्हें पता चला कि विक्रय पत्र में दर्ज भूमि वास्तविक आराजी नंबर 1137 नहीं है, बल्कि चारभुजा जी मंदिर की डोली की जमीन है। पड़ोसी भूमि के विवरण में भी गड़बड़ी की गई थी ताकि भ्रम पैदा हो।
मामले के खुलासे के बाद अभियुक्त ने 27 अक्टूबर 2024 को एक लिखित इकरारनामा दिया, जिसमें उसने स्वीकार किया कि उसने गलती से डोली की जमीन का सौदा कर दिया था और 15 दिनों में रकम लौटाने का वादा किया। लेकिन 10 नवंबर 2024 तक उसने एक भी रुपया वापस नहीं किया।
पप्पूलाल के बार-बार कहने के बावजूद अभियुक्त ने रकम लौटाने से साफ इनकार कर दिया और चुनौती दी कि “जो करना है, कर लो, पैसे नहीं दूंगा।”
इस पूरे प्रकरण ने गांव में हड़कंप मचा दिया है। ग्रामीणों के अनुसार, चारभुजा जी मंदिर की जमीन को लेकर पहले भी विवाद हो चुका है, लेकिन इस तरह के दस्तावेजी फर्जीवाड़े का मामला पहली बार सामने आया है।
पुलिस ने परिवाद दर्ज कर लिया है और मामला धारा 420, 406, 467, 468, 471 भादसं के तहत जांच में लिया गया है। वहीं परिवादी ने अदालत से गुहार लगाई है कि दोषी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई और इस तरह के छल का शिकार न बने।
– ई खबर संवाददाता, रेलमगरा
