जींद/सफीदो। पिल्लू खेड़ा थाना क्षेत्र के गांव दाहस्थ में 25 साल से कब्जे में रही 5 एकड़ जमीन पर 4 साल से चल रहा विवाद अब हिंसक रूप ले चुका है। सभी परिवार वालों ने आरोप लगाया कि उनके पिता गुलजार सिंह (74) की पैतृक जमीन पर वर्षों से उनका कब्जा है, लेकिन रिश्तेदार मुख्तियार सिंह और उसके परिजन लगातार फसल बोने और काटने से रोकते रहे हैं।
फसल कटाई पर रोक, पुलिस की दखल
पीड़ित परिवार के अनुसार, हर बार फसल पकने पर आरोपी मजदूरों को धमकाकर भगा देते हैं। हाल ही में जब उन्होंने गेहूं की कटाई के लिए मशीन लगाई तो मुख्तियार सिंह ने पुलिस बुला ली। पुलिस ने धारा 145 का हवाला देते हुए कटाई रोक दी और प्रशासन ने उनकी पकी फसल कटवा दी।
मारपीट में मां और भाई घायल
13 अगस्त की दोपहर इसी विवाद में आरोपियों ने पीड़िता के भाई इंद्रपाल सिंह और मां चरणजीत कौर के साथ जमकर मारपीट की। हमले में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
उच्च अधिकारियों तक गुहार बेअसर
गुलजार सिंह का कहना है कि उन्होंने 2020 से 2025 के बीच डीजीपी हरियाणा, के सभी प्रशासन अधिकारियो को दर्जनों शिकायतें भेजीं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ एक आरोपी पर चालान हुआ, बाकी को पुलिस ने छोड़ दिया।
उनका आरोप है कि पिल्लू खेड़ा थाना पुलिस के एसएचओ दीवान सिंह, एसएसआई विनोद कुमार और रोहतास कुमार आरोपी पक्ष से मिलीभगत कर रहे हैं और समझौते का दबाव डालते हैं।
धमकियां और फसल को आग लगाने की चेतावनी
पीड़ित का आरोप है कि आरोपी खुलेआम खेतों में बैठकर शराब पीते हैं, मजदूरों और कंबाइन चालकों को धमकाते हैं, और यहां तक कह देते हैं कि अगर फसल काटी तो मशीन और फसल को आग लगा देंगे।
गांव में बाकी किसानों की कटाई हो चुकी है, सिर्फ पीड़ित की फसल खड़ी है, जो आंधी, बारिश या आग से बर्बाद होने के खतरे में है।
पीड़िता ने बताया कि आरोपियों ने उनके पिता की जांघों पर चोट पहुंचाई, जिसके बाद अब वह सामान्य रूप से चल-फिर भी नहीं पा रहे हैं। उनका कहना है कि गेहूं की फसल खेत में खड़ी नहीं है, क्योंकि प्रशासन ने धारा 145 लगाकर फसल कटवा ली। फसल पहले ही कट चुकी है और संबंधित खेतों—किला नंबर 19, 20, 22 व 10, 11—पर धारा 145 लागू कर दी गई है। पीड़िता की मांग है कि उनकी साझा 6 खेबत जमीन पर भी धारा 145 लगाई जाए या फिर उनके खेतों से इसे हटाया जाए।
न्याय और सुरक्षा की मांग
गुलजार सिंह ने प्रशासन से मांग की है कि उन्हें पुलिस सुरक्षा देकर फसल कटाई की अनुमति दी जाए और आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही, पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत की जांच कर विभागीय कार्रवाई की जाए।