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नोएडा में ज्वेलरी खरीद का खेल: रिफंड के नाम पर कंपनी ने काटे 10-10 फीसदी, 6 लाख की रिंग खरीदी अब ग्राहक हो रहा परेशान

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नोएडा। गौतम बुद्ध नगर जिले के सेक्टर-7 में रहने वाले दीपक व उनकी पत्नी प्रियंका ने ओखला स्थित ज्वेलरी कंपनी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोप है कि कंपनी ने घर पर आकर महंगी ज्वेलरी बिक्री करने के बाद रिफंड के नाम पर अतिरिक्त कटौती कर धोखाधड़ी की है।

ग्राहक का दावा—घर पर आए थे कंपनी के एग्जीक्यूटिव
जानकारी के अनुसार, 14 सितंबर 2025 को दीपक और उनकी पत्नी ने कैरटलाने एप्लिकेशन के जरिए ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लिया था। कंपनी का एक एग्जीक्यूटिव राहुल शर्मा करीब 6 बजे उनके घर पहुंचा और विभिन्न ज्वेलरी दिखाईं। इसी दौरान 6 लाख 16 हजार रुपये की एक रिंग पत्नी प्रियंका को पसंद आई। परिवार ने आधा भुगतान ऑनलाइन और आधा कैश में किया।

25 सितंबर को मिली रिंग, लेकिन…
दीपक बताते हैं कि डिलीवरी 25 सितंबर को मिली। जांच-पड़ताल के बाद परिवार ने रिंग रिफंड कराने का अनुरोध एप पर किया, जिसे कंपनी ने एक्सेप्ट भी कर लिया। लेकिन इसके बाद ग्राहक के अनुसार 30 दिन बीतने के बावजूद पैसे वापस नहीं मिल पाए।

कॉल पर टालमटोल
ग्राहक का कहना है कि वे लगातार कस्टमर केयर, हेल्पलाइन और एग्जीक्यूटिव से संपर्क कर रहे हैं, लेकिन समाधान नहीं मिल रहा। फोन उठाए नहीं जाते और मेल का भी जवाब नहीं आता।

कंपनी ने थोपे दो कट: जीएसटी + 10 फीसदी अतिरिक्त
दीपक का आरोप है कि पहले कंपनी ने मेकिंग और जीएसटी का करीब 10% कटौती बताई, जिससे रिफंड की राशि 5 लाख 30 हजार रुपये के आसपास बचती है।
इसके बाद ग्राहक को कहा गया कि और 10% कटेगा। यह कटौती कंपनी के नियमों में कहीं दर्ज नहीं है।

शब्दों का जाल: कंपनी पर ‘हिडन रूल्स’ का आरोप
ग्राहक का आरोप है कि कंपनी शर्तों को जटिल शब्दों में छुपाकर पेश कर देती है और बाद में उसका हवाला देकर रकम काट लेती है। इससे ग्राहक भ्रमित रहता है।

कस्टमर राइट्स का खुला उल्लंघन
उपभोक्ता अधिकार विशेषज्ञों के अनुसार, किसी भी उत्पाद की डिलीवरी के बाद निर्धारित अवधि में—यदि गुणवत्ता, आकार, लुक या संतुष्टि में अंतर है—तो ग्राहक पूर्ण रिफंड पाने का हकदार है।
इसके अलावा कंपनी को रिफंड पॉलिसी लिखित, स्पष्ट, पारदर्शी और पब्लिक डोमेन में प्रदर्शित करना अनिवार्य है।

क्या कहता है उपभोक्ता कानून
– उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत भ्रामक नियम लागू करना प्रतिबंधित है
– बिल में दिए बिना अतिरिक्त कटौती करना अपराध माने जाने की श्रेणी में आता है
– ग्राहक को रिटर्न की शर्तें पहले से बताना जरूरी

ग्राहक बोले—’अगर न्याय नहीं मिला, तो करेंगे शिकायत’
दीपक ने बताया कि यदि जल्द रिफंड नहीं मिला, तो वे कानूनी कार्रवाई और उपभोक्ता फोरम का सहारा लेंगे।

प्रशासन से अपील—जांच हो
पीड़ित परिवार का कहना है कि ऐसी कंपनियां आम लोगों को नियमों के नाम पर भ्रमित कर रही हैं। जिला प्रशासन, उपभोक्ता विभाग को इस तरह के मामलों की जांच कर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

स्थानीय संवाददाता ई खबर मीडिया की रिपोर्ट

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