गोरखपुर जनपद के गीडा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम साथीपार में पुश्तैनी ज़मीन के अधिकार को लेकर पारिवारिक विवाद इतना बढ़ गया कि वह हिंसक झड़प में बदल गया। हमलावरों ने घर में घुसकर महिलाओं और बच्चों पर लोहे की रॉड और पत्थरों से हमला कर दिया, जिसमें एक गर्भवती महिला, एक बुज़ुर्ग महिला और एक किशोरी सहित कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
घटना 22 जुलाई 2025 की रात करीब 8:00 बजे की है। जब पीड़ित परिवार का मुखिया बृजभूषण ड्यूटी पर बाहर था, उस समय घर पर उसकी पत्नी, बेटी और अन्य महिलाएं मौजूद थीं। तभी उसी परिवार के बड़े भाई जवाहर, उनके पुत्र अखिलेश, नवीन, राहुल सहित 10 से 12 अन्य लोग, जो कुछ अज्ञात थे, अचानक घर में घुस आए। आरोप है कि हमलावरों ने पहले बिजली की सप्लाई बंद कर दी, और फिर अंधेरे का फायदा उठाकर लोहे की रॉड, डंडे और पत्थरों से हमला शुरू कर दिया।
गंभीर रूप से घायल हुए परिजन:
विध्यावती देवी (उम्र 50 वर्ष), बृजभूषण की पत्नी – पैर टूट गया और सिर में गंभीर चोटें आईं।
लोकेश, बेटा – सिर फट गया, गंभीर हालत में।
सावित्री, बहू – 7 महीने की गर्भवती होने के बावजूद मारपीट की गई, गर्भस्थ शिशु की सुरक्षा को लेकर चिंता।
रोशनी, बेटी (उम्र 14 वर्ष) – घटना के समय घर में मौजूद थी और सदमे में है।
शिकायतकर्ता सुनीता (बेटी, उम्र 25 वर्ष) – प्रत्यक्षदर्शी और पीड़ित।
ज़मीन विवाद की पृष्ठभूमि:
बृजभूषण ने बताया कि उनके पिता स्व. भुनेश्वर ने अपनी ज़मीन तीन बेटों में आपसी सहमति से बांटी थी। बंटवारे के अनुसार सभी भाइयों को उनके-उनके हिस्से दिए गए थे। वर्ष 2010 में बृजभूषण ने उस ज़मीन पर घर बनवाया और कुछ वर्षों तक वहीं रहे। रोज़गार के लिए दिल्ली जाने के बाद, जब वह परिवार सहित वापस लौटे, तो देखा कि तीनों पुश्तैनी मकानों में से दो पर कब्जा हो चुका है और तीसरे मकान को भी जबरन हथिया लिया गया है।
कब्जा करने वाले लोग वही उनके बड़े भाई जवाहर और उनके बेटे हैं। जब इस कब्जे का विरोध किया गया और बातचीत करने का प्रयास किया गया, तब भी मारपीट की गई थी।
शिकायत दर्ज, लेकिन पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल:
घटना की जानकारी पीड़ित परिवार ने तत्काल थाना गीडा में दी और 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस भी मौके पर पहुंची थी, लेकिन कोई ठोस कानूनी कार्रवाई आज तक नहीं की गई।
बृजभूषण और उनकी बेटी सुनीता ने आरोप लगाया कि उन्होंने गांव के सरपंच मानसिंह से भी न्याय की मांग की, जिन्होंने आश्वासन तो दिया, लेकिन पंचायत बैठकों से आरोपी पक्ष लगातार गैरहाज़िर रहता रहा।
पीड़ित परिवार ने गंभीर आरोप लगाया है कि पुलिस भी आरोपी पक्ष के दबाव में कार्यवाही नहीं कर रही। इस लापरवाही के चलते अब पूरा परिवार भय और असुरक्षा के माहौल में जी रहा है।
पीड़ित परिवार की मांगें:
1. हमलावरों के खिलाफ IPC की गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए।
2. घायल महिलाओं, विशेषकर गर्भवती सावित्री और विध्यावती देवी के इलाज की व्यवस्था करवाई जाए।
3. पीड़ित परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई जाए।
4. पुश्तैनी ज़मीन और मकानों पर न्यायपूर्ण और वैधानिक कब्जे की गारंटी दी जाए।
5. थाने द्वारा अब तक की ढिलाई की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।
प्रमुख आरोपी:
जवाहर (पुत्र स्व. भुनेश्वर)
अखिलेश, नवीन, राहुल (संबंधित परिजन)
अन्य 10–12 अज्ञात व्यक्ति
शिकायतकर्ता:
बृजभूषण (पुत्र स्व. भुनेश्वर)
सुनीता (बेटी), उम्र 25 वर्ष
विध्यावती देवी (पत्नी), उम्र 50 वर्ष
निवासी: ग्राम साथीपार, पोस्ट छपिया, थाना गीडा, जिला गोरखपुर
यह मामला एक सामाजिक और कानूनी विफलता का उदाहरण बनता जा रहा है, जहाँ एक गरीब और मेहनतकश परिवार को उनकी ही ज़मीन से बेदखल कर अत्याचार सहने को मजबूर किया जा रहा है।
अब देखना यह होगा कि गोरखपुर पुलिस और प्रशासन पीड़ितों की पुकार कब तक सुनता है और न्याय दिलाने की दिशा में ठोस कदम कब उठाता है।