जहानाबाद।
जिले के उत्तर थाना क्षेत्र में रास्ते और पुराने विवाद को लेकर एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। खेत से धान लेकर घर लौट रहे एक परिवार पर पड़ोसियों ने लाठी-डंडों से हमला कर दिया। इस घटना में महिला के सिर पर गंभीर चोट आई, जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। पीड़ित परिवार का आरोप है कि जब इलाज के बाद उनका बेटा थाने एफआईआर की कॉपी लेने पहुंचा, तो पुलिस ने पीड़ित की बजाय उसी को थाने में बैठा लिया और उसके खिलाफ ही मामला दर्ज कर दिया।
पीड़ित मिंटू यादव पिता रामजी प्रसाद, जिला जहानाबाद के उत्तर थाना क्षेत्र के निवासी हैं। वर्तमान में वे रोज़गार के सिलसिले में लुधियाना में रहते हैं। मिंटू यादव के अनुसार 16 दिसंबर की शाम उनकी पत्नी रीता देवी और बेटा विकास कुमार ट्रैक्टर-ट्रॉली से खेत से धान लेकर अपने घर लौट रहे थे। रास्ते में पड़ोसी सुनील और मुकेश का घर पड़ता है। आरोप है कि दोनों ने अपने घर के सामने करीब दो फीट तक अतिक्रमण कर रखा है।
जब ट्रैक्टर-ट्रॉली उनके घर के सामने से गुजर रही थी, उसी दौरान ट्रॉली का हिस्सा हल्के से उनके अतिक्रमित हिस्से की ओर लग गया। इसी बात को लेकर विवाद शुरू हो गया। विकास कुमार का कहना है कि इस दौरान किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ था और न ही जानबूझकर कोई टक्कर मारी गई थी। उन्होंने बताया कि उनके घर के सामने पहले से ही गाय-भैंस बांधने की जगह बनाई गई है, जिसे लेकर भी पहले विवाद होते रहे हैं।
परिजनों का आरोप है कि मामूली बात को लेकर सुनील और मुकेश ने गाली-गलौज शुरू कर दी, जो देखते ही देखते मारपीट में बदल गई। इसी दौरान मुकेश ने डंडे से हमला कर दिया। डंडे का जोरदार वार रीता देवी के सिर पर लगा, जिससे वह मौके पर ही लहूलुहान होकर गिर पड़ीं। आसपास के लोगों ने बीच-बचाव किया, जिसके बाद घायल महिला को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।
रीता देवी की हालत गंभीर बताई जा रही है। उनका इलाज कई दिनों तक अस्पताल में चला। पीड़ित पक्ष का कहना है कि हमलावरों से उनकी पुरानी रंजिश भी चली आ रही है और इसी कारण जानबूझकर हमला किया गया।
मिंटू यादव ने बताया कि घटना के समय वे लुधियाना में थे। पत्नी के घायल होने की सूचना मिलने पर वे बेहद परेशान हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद जब उनका बेटा विकास कुमार थाने एफआईआर की कॉपी लेने पहुंचा, तो पुलिस ने उसे ही थाने में बैठा लिया। विकास को देर तक थाने में रोके रखा गया और बाद में उसके खिलाफ ही मामला दर्ज कर लिया गया।
परिवार का आरोप है कि पुलिस ने निष्पक्ष जांच करने के बजाय आरोपियों का पक्ष लिया। मिंटू यादव और पिंटू कुमार का कहना है कि पत्नी गंभीर हालत में थी, घर के लोग बाहर थे, इसके बावजूद पुलिस ने उल्टा पीड़ित परिवार को ही आरोपी बना दिया। उनका दावा है कि उनके बेटे को झूठे मामले में फंसाया गया है।
इस घटना के बाद इलाके में तनाव और चर्चा का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस को निष्पक्ष जांच कर वास्तविक दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। पीड़ित परिवार ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है और मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।


