Thursday, October 30, 2025
spot_imgspot_imgspot_imgspot_img
HomeNationalगुड़गांव में परिवार पर टूटा कहर — पुलिस-स्थानीय लोगों की मिलीभगत से...

गुड़गांव में परिवार पर टूटा कहर — पुलिस-स्थानीय लोगों की मिलीभगत से फ्लैट पर कब्ज़ा, बंदूक दिखाकर दी जान से मारने की धमकी

गुड़गांव | संवाददाता

गुड़गांव के सेक्टर-64 मेडावास में रहने वाले अजीत और उनकी पत्नी भारती ने सनसनीखेज आरोप लगाया है कि कुछ स्थानीय लोगों ने पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर उनके फ्लैट पर कब्ज़ा कर लिया। परिवार का कहना है कि उन्हें खुलेआम बंदूक दिखाकर धमकाया गया और लाखों रुपए का सामान लूट लिया गया।

पीड़ितों के मुताबिक, इस साजिश में प्रीति चावला, गिरीश लोहिया, एएसआई बलजीत (सीआईए सोहना ब्रांच) और सेक्टर-65 के एसएचओ विनोद शामिल हैं। अजीत और भारती ने बताया कि इन सभी ने मिलकर उन्हें घर खाली करने के लिए जान से मारने की धमकी दी।

“उन्होंने हमारे घर में घुसकर कहा — ‘यह प्रॉपर्टी तुरंत खाली कर दो, वरना गोली मार देंगे।’ हम डर के मारे घर छोड़कर भाग गए,”
— पीड़ित अजीत

1 करोड़ का सामान गायब, कोई कार्रवाई नहीं

अजीत और भारती का कहना है कि जब वे घर छोड़कर निकले, तो आरोपियों ने फ्लैट के अंदर रखा सारा घरेलू सामान और जिम का उपकरण उठा लिया। इनकी कीमत करीब ₹1 करोड़ बताई जा रही है।

परिवार ने इस पूरे मामले की शिकायत पुलिस कमिश्नर, डीसी ऑफिस और सीएम विंडो तक की, लेकिन आज तक न कोई सुनवाई हुई और न ही कोई जांच।

“हमने वीडियो सबूत और फोटो दिए हैं। सब कुछ रिकॉर्ड में है, फिर भी आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं और हमें धमकियाँ दे रहे हैं,”
— भारती

जातिसूचक गालियाँ, SC/ST एक्ट के तहत मामला

भारती ने बताया कि जब उन्होंने विरोध किया तो प्रीति चावला ने उनके साथ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया।
उन्होंने इसे एससी/एसटी एक्ट के तहत गंभीर अपराध बताया और कहा कि यह न सिर्फ कब्ज़े का मामला है, बल्कि सामाजिक अपमान और पुलिस की मिलीभगत का जीता-जागता उदाहरण है।

न्याय की मांग — “हम सिर्फ सुरक्षा और न्याय चाहते हैं”

पीड़ित दंपति ने प्रशासन से मांग की है कि—

1. सभी आरोपियों पर एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की जाए।

2. कब्ज़ा की गई संपत्ति और लूटा गया सामान तुरंत वापस दिलाया जाए।

3. ₹1 करोड़ के नुकसान और मानसिक उत्पीड़न की भरपाई हो।

4. मामले में शामिल पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर विभागीय जांच की जाए।

5. परिवार और गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

“घर गया, इज़्जत गई — अब बस इंसाफ चाहिए”

“हमारे पास सबूत हैं, लेकिन कोई हमारी सुन नहीं रहा।
अगर आम आदमी को ही पुलिस से डरना पड़े, तो न्याय कहाँ मिलेगा?
हमने अपना घर, सामान, सबकुछ खो दिया है — अब हमें सिर्फ इंसाफ चाहिए।”
— अजीत और भारती

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_imgspot_imgspot_imgspot_img

Most Popular

Recent Comments