मलकानगिरी: जिले के एक व्यक्ति ने कलेक्टर और एसपी को शिकायत देते हुए आरोप लगाया है कि गांव के कुछ लोग उसके खिलाफ षड्यंत्र रच रहे हैं और जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। पीड़ित के अनुसार, 25 फरवरी 2023 को उसने इस मामले की शिकायत माठिली थाना में दर्ज करानी चाही, लेकिन पुलिस ने तुरंत शिकायत दर्ज करने से मना कर दिया। तीन दिन बाद एफआईआर दर्ज हुई।
शिकायत में आरोप है कि गांव के विश्लेश्वर समरथ, दाशरथी, तुमेश्वर सरपंच, बैदो समरथ, लिंगराज समरथ, हरिचंद, जुजष्टी और कमलू डोंगरी मिलकर झूठा केस दर्ज करा रहे हैं और धमकियां दे रहे हैं। पीड़ित ने बताया कि वह जमानत पर बाहर है, लेकिन ये लोग बेल छुड़ाने नहीं दे रहे और गवाही देने से भी रोक रहे हैं।
उसका कहना है कि गांव में उसके खिलाफ माहौल बना दिया गया है और कल माठिली कोर्ट में उसके खिलाफ वारंट जारी होने वाला है। उसने कलेक्टर और एसपी को लिखित शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
पीड़ित ने बताया कि उसने हल्बा समाज 18 गढ़ महासभा अध्यक्ष और बड़ा जी गढ़ अध्यक्ष से भी मदद मांगी, लेकिन सहयोग नहीं मिला। यहां तक कि मामला राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचाने के बाद भी उसे न्याय नहीं मिल पाया है।
आम के पेड़ को काटने से रोका तो परिवार पर हमला, बहनों के अपहरण की धमकी, झूठे केस और नक्सली कनेक्शन के आरोप पीड़ित ने राष्ट्रपति तक लगाई गुहार
मलकानगिरी (ओडिशा), 21 फरवरी 2024 — मलकानगिरी जिले के टेमरुपाली गांव निवासी तम्मूराम नेकाल ने पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर को शिकायत देकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि विगनेश्वर नीलकंठ और उसके साथियों ने कुछ साल पहले उनके परिवार पर हमला किया था, जब उन्होंने आम के पेड़ का तना काटने से रोका।
तम्मूराम के अनुसार, उनके माता-पिता, दादा-दादी और चाचा-चाची अब इस दुनिया में नहीं हैं, जिससे वह और उनका परिवार अनाथ स्थिति में हैं। आरोप है कि विगनेश्वर ने बहनों के अपहरण की धमकी दी, पूरे परिवार को खत्म करने की बात कही, और गांव में आतंक का माहौल पैदा किया। उन्होंने यह भी दावा किया कि आरोपी जादू-टोना करता है और उसका नक्सली संगठनों से जुड़ाव रहा है।
तम्मूराम ने दूसरी शिकायत में बताया कि कोर्ट केस और आपसी लड़ाई के मामले में भी उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है। 25 फरवरी 2023 को उन्होंने माथिली थाना में शिकायत दी थी, लेकिन पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया और तीन दिन बाद एफआईआर लिखी। उनका आरोप है कि गांव के कुछ लोग — विश्लेश्वर समरथ, दाशरथी, तुमेश्वर (सरपंच), बैदो समरथ, लिंगराज समरथ, हरिचन्द, जुजष्टी और कमलू डोंगरी — उनके खिलाफ झूठा केस करके साजिश रच रहे हैं और जमानत छुड़ाने में बाधा डाल रहे हैं।
पीड़ित का कहना है कि इन लोगों ने गवाही देने पर भी गांव में डर और दबाव का माहौल बना दिया है। अब माथिली कोर्ट में उनके खिलाफ वारंट जारी होने वाला है, लेकिन कलेक्टर और एसपी को शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
तम्मूराम ने कहा कि वह अपने हल्बा समाज 18 गढ़ महासभा अध्यक्ष और बड़ा जी गढ़ अध्यक्ष से मदद मांग चुके हैं, लेकिन वहां से भी सहयोग नहीं मिला। उन्होंने अपनी गुहार राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद और यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचाई है।
उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाए और घर को हुए नुकसान की भरपाई के रूप में 5 लाख रुपये वसूलकर दिलाए जाएं।